दुनिया-जगत

म्यांमार में शरणार्थियों को ले जा रही नाव डूबी, 17 लोगों की मौत

यागून: म्यांमार के रखाइन राज्य से रोहिंग्या शरणार्थियों को ले जा रही एक नाव समुद्र में डूब जाने से करीब 17 प्रवासियों की मौत हो गयी और कई लापता हो गए। बचाव दल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सितवे शहर में श्वे यांग मेट्टा फाउंडेशन के एक बचावकर्मी ब्यार ला ने कहा कि इस सप्ताह रविवार रात एक नाव समुद्र में डूब गयी, जिस पर 50 से अधिक लोग सवार थे। उन्होंने कहा, हमें कल तक 17 शव मिले हैं। बचावकर्मी ब्यार ला ने कहा, हमें आठ व्यक्ति जीवित मिले। पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए ले गई है।

उन्होंने कहा कि बचावकर्मी अभी भी लापता लोगों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि जहाज पर सटीक संख्या ज्ञात नहीं है। बंगलादेश की सीमा पर मॉन्गडॉ टाउनशिप में एक रोहिंग्या सहायता कार्यकर्ता ने कहा कि खराब मौसम की वजह से नाव डूब गयी। इस हादसे के बाद करीब 500 अन्य लोग अभी भी मलेशिया जाने की उम्मीद कर रहे हैं।

बौद्ध-बहुल म्यांमार में राखीन लगभग छह लाख रोहिंग्या मुसलमानों का घर है, जिन्हें बंगलादेश से प्रवासी माना जाता है और उन्हें नागरिकता और आंदोलन की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया। मलेशिया और इंडोनेशिया तक पहुंचने की कोशिश करने के लिए हर साल हजारों रोहिंग्या बंगलादेश और म्यांमार के शिविरों से अपनी जान जोखिम में डालकर समुद्री यात्रा करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के जनवरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 39 जहाजों में 3,500 से अधिक रोहिंग्या ने अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी को पार करने का प्रयास किया, जो पिछले वर्ष 700 से अधिक था। एजेंसी ने कहा कि पिछले साल समुद्र में करीब 348 रोहिंग्या मारे गए या लापता हो गए।

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27 साल बाद अमेरिका से लौटा थाईलैंड के राजा का दूसरा बेटा

बैंकॉक: थाईलैंड के राजा के दूसरे सबसे बड़े बेटे 27 साल तक विदेश में रहने के बाद अपने देश की यात्रा पर हैं, जिससे कई थाई लोगों की खुशी का माहौल है। देश के एक प्रमुख समाचार पत्र ने यह जानकारी दी। सोशल मीडिया पर सोमवार से एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वाचरेसोर्न विवाचरावोंग्सेम (42 वर्षीय) को सुवर्णभूमि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आमगन टर्मिनल से बाहर निकलते हुए देखा गया। बैंकॉक पोस्ट के मुताबिक, राजा के बेटे को थाईलैंड के लोगों के एक समूह को हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए देखा गया। बाहर निकलने से पहले उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, बहुत-बहुत धन्यवाद। 

विवाचरावोंग्सेम एक सप्ताह तक थाईलैंड में रहेंगे। बैंकॉक पोस्ट बताया है कि पिछले कई वर्षों से अमेरिका में रह रहे  वाचरेसोर्न पांच अगस्त को जॉन एफ केनेडी हवाई अड्डे से कैथे पैसिफिक विमान से हांगकांग के लिए रवाना हुए थे। खबर के अनुसार वाचरेसोर्न फ्रा नखोन जिले के वाट रत्चाबोरफिट सथिमहासिमराम रत्चावोराविहान (बुद्ध मंदिर) गए, जहां उन्होंने परम संरक्षक को श्रद्धांजलि अर्पित की। मंदिरों में जाने से पहले उन्होंने शहर के स्तूप के सामने लोगों के अनुरोध पर तस्वीरें खिंचवाईं।

 बैंकॉक पोस्ट के अनुसार, राजा के चार बेटे और एक बेटी है। चारों अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद अमेरिका चले गए, जबकि छोटी बहन उनकी शाही राजकुमारी सिरिवन्नावरी नरितना राजकन्या है, जो थाईलैंड में रहती है। वाचरेसोर्न  के पास अमेरिका में स्टेटसन यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से कानून में स्नातक और मास्टर डिग्री दोनों हैं। वह न्यूयॉर्क में एक लॉ फर्म में कानूनी सलाहकार हैं, जहां वह 27 साल से रह रहे हैं। 

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भारत के स्वतंत्रता दिवस को अमेरिका में भी राष्ट्रीय जश्न के तौर पर मनाने की तैयारी

वॉशिंगटन: भारत के स्वतंत्रता दिवस को जल्द ही अमेरिका में भी राष्ट्रीय दिवस के जश्न के तौर पर मनाया जा सकता है। सांसद श्री थानेदार के नेतृत्व में भारतीय-अमेरिकी सांसदों के एक दल ने अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत भारत के स्वतंत्रता दिवस को दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रीय दिवस के जश्न के तौर पर घोषित करने का आग्रह किया गया है।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी, जिसकी जड़ें दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है, वह वैश्विक लोकतंत्र और शांति, स्थायित्व और समृद्धि बढ़ाने के लिए साथ काम करती रहेगी। इस प्रस्ताव को हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में सांसद श्री थानेदार की तरफ से पेश किया गया है। इसे सांसद बडी कार्टर और ब्रैड शर्मन की तरफ से भी प्रायोजित किया गया है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आए थे और उन्होंने दोनों देशों के समान हितों और स्वतंत्रता, लोकतंत्र, बहुलतावाद, कानून के शासन, मानवाधिकार के सम्मान के प्रति साझा प्रतिबद्धताओं के आधार पर विश्वास और आपसी समझ को एक नए स्तर पर स्थापित किया। 

 

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सोमालिया में हैजा से 30 की मौत, डब्ल्यूएचओ ने तेज की गतिविधियां

 मोगादिशू: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमालिया में हैजा के कारण जनवरी से अब तक  30 लोगों की मौत के बाद लोगों की जान बचाने और हैजा फैलने से रोकने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दी है।

डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को कहा कि सोमालिया में 2022 से 28 जिलों में और 2017 के सूखे के बाद से बनादिर क्षेत्र में हैजा का निर्बाध संचरण हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, 2023 के महामारी विज्ञान सप्ताह 1 के बाद से सोमालिया के 28 जिलों में हैजा के कारण 30 लोगों की मौत हुयी है और इसके कुल 11,704 संदिग्ध मामले सामने आए हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जुलाई के अंत में सोमालिया 28 जिलों में लगभग 235 नए संदिग्ध मामले सामने आए, लेकिन राहत की बात यह है कि इसके कारण किसी की मौत नहीं हुयी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार उपर्युक्त जिलों से रिपोर्ट की गई कुल मृत्यु दर 0.3 प्रतिशत है, जो एक प्रतिशत से अधिक की आपातकालीन सीमा से नीचे है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य संस्थाओं ने जुबलैंड राज्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूखा प्रभावित जिलों में हैजा प्रतिक्रिया हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन को बढ़ाया है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने अप्रैल में चेतावनी दी थी कि सोमालिया में भारी बारिश के कारण अचानक और नदी में बाढ़ आने से जलजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है।

 
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पाकिस्तान में रेल हादसा, 30 लोगों की मौत

कराची: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नवाबशाह जिले में रविवार (7 अगस्त) दोपहर एक रेल हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई। 80 लोग घायल हैं। इनमें से 31 की हालत गंभीर बताई गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रावलपिंडी से चलने वाली हजारा एक्सप्रेस सहारा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। कुछ बोगियां पलटकर पास के एक तालाब में भी गिर गईं। अब तक 22 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। 31 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अफसरों के मुताबिक भारी बारिश की वजह से ट्रैक खराब हो गया था और इसी वजह से यह हादसा हुआ।

जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे

पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक हादसा रविवार दोपहर करीब दो बजे हुआ, लेकिन काफी देर तक कोई जिम्मेदार अफसर मौके पर मौजूद नहीं था। पुलिस ने कुछ लोगों के साथ मिलकर घायलों को निकाला और उन्हें करीब के अस्पताल पहुंचाया। जिस जगह हादसा हुआ, वहां से कराची 275 किलोमीटर दूर है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में रेल हादसे नई बात नहीं हैं, लेकिन बारिश में ये ज्यादा होते हैं। इसकी वजह ये है कि ज्यादातर रेलवे ट्रैक्स अंग्रेजों की हुकूमत के दौर के हैं और इन्हें न तो कभी अपग्रेड किया गया और न ही नई लाइन बिछाई गईं। सिंध और पंजाब के कुछ हिस्सों में तो हालात बेहद खराब हैं। पिछले साल भी इसी सेक्शन में एक हादसा हुआ था और उसमें 21 लोग मारे गए थे।

रविवार को हुए एक्सीडेंट के बाद कराची की तरफ जाने वाली तमाम ट्रेन रोक दी गईं। अफसरों ने बताया कि इस हादसे से दोनों तरफ की लाइनें टूट गई हैं और इन्हें रीस्टोर करने में काफी वक्त लग सकता है।

रेस्क्यू के लिए आर्मी तलब

‘द न्यूज’ वेबसाइट के मुताबिक लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के पास रेस्क्यू के कोई साधन मौजूद नहीं हैं। लिहाजा, लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने पास के कैंटोनमेंट से आर्मी की एक यूनिट को बुलाया है। फिलहाल, आर्मी भी इस हालत में नहीं है कि ब्रिज और तालाब से घायलों या मारे गए लोगों के शव निकाल सके। इसकी वजह यह है कि इस इलाके में काफी कीचड़ है और वहां किसी तरह के इक्युपमेंट्स भी नहीं पहुंचाए जा सकते। पुलिस ने एक क्रेन जरूर बुलाई, लेकिन वो हादसे वाले जगह तक नहीं पहुंच सकी।

रेलवे मिनिस्टर को हादसे की गंभीरता ही नहीं पता

एक हफ्ते में टेन्योर पूरा करने जा रही पाकिस्तान सरकार के रेलवे मिनिस्टर ख्वाजा साद रफीद को दो घंटे बाद तक इस हादसे की जानकारी ही नहीं थी। मीडिया ने जब उनसे इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा- मुझे अभी एक्सीडेंट के बारे में पता लगा है। मैं जानकारी जुटा रहा हूं। फिलहाल, ये नहीं बता सकता कि कितनी बोगियां पटरी से उतरी हैं। वहां की लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से संपर्क किया है।

‘द न्यूज’ के मुताबिक हादसे के बाद बदइंतजामी का आलम ये था कि कोई आला अफसर मौके पर नहीं पहुंच सका। इसकी वजह भारी बारिश बताई गई है। हैरानी की बात ये है कि रेलवे और सिविल एविएशन की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास है और वो अपने चुनाव क्षेत्र में व्यस्त हैं।

रेलवे अफसरों के मुताबिक पांच बोगियां पटरी से उतरी हैं। दूसरी तरफ, लोकल मीडिया ने इनकी तादाद 10 बताई है।

रेलवे अफसरों के मुताबिक पांच बोगियां पटरी से उतरी हैं। दूसरी तरफ, लोकल मीडिया ने इनकी तादाद 10 बताई है।

इस इलाके में तीसरा एक्सीडेंट

2021 के आखिर में सिंध के इसी इलाके में दो रेल हादसे हुए थे। पहले में 21 लोग मारे गए थे, जबकि दूसरे में 50 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। दूसरे हादसे में भिड़ंत मिल्लत एक्सप्रेस और सर सैय्यद एक्सप्रेस के बीच हुई थी।

मिल्लत एक्सप्रेस कराची से सरगोधा और सर सैयद एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची जा रही थी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मिल्लत एक्सप्रेस की बोगियां दूसरे ट्रैक पर जा गिरीं। इससे सामने से आ रही सर सैयद एक्सप्रेस उससे टकरा गई। इस कारण बोगियों को काफी नुकसान हुआ था। कई बोगियों को काटा गया था, ताकि घायलों को बाहर निकाला जा सके।

 
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान दोषी करार, 3 साल की सजा

 दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने शनिवार को इमरान खान को 3 साल जेल की सजा सुनाई है। हालांकि, इमरान खान के पास इस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अपील करने का मौका है।

इमरान पर सरकारी उपहार बेचने का आरोप
इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को संपत्ति छिपाने और सरकारी उपहार बेचने के मामले में दोषी ठहराया है। इमरान खान के वकीलों ने ट्रायल कोर्ट के जज पर पहले ही पक्षपात करने का आरोप लगा दिया था। इमरान खान को सजा दिए जाने के खिलाफ पाकिस्तान में एक बार फिर बवाल बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने तोशाखाना मामले में राहत की मांग करने वाली इमरान खान की याचिका पहले ही खारिज कर चुका है। इमरान पर तोशाखाना से अपने पास रखे उपहारों का विवरण 'जानबूझकर छिपाने' का आरोप है।

इन आरोपों के साबित होने के बाद ही कोर्ट ने इमरान खान को 3 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान की पार्टी PTI की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि यह बिल्कुल शर्मनाक और घृणित है। सरकार इमरान खान को अयोग्य ठहराने और जेल में डालने की साजिश कर रही है

जानें क्या है तोशाखाना मामला?
पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जिसमें विदेशी सरकारों के प्रमुखों की ओर से मिले उपहारों को रखा जाता है। इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाने में रखे गए कीमती उपहारों को कम दाम पर खरीदे और फिर उन्हें लाभ कमाने के लिए ज्यादा दाम पर बेच दिए। इमरान खान को साल 2018 में प्रधानमंत्री के रूप में यूरोप सहित अन्य देशों के दौरे करने पर बहुत से कीमती तोहफे मिले थे।

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आरोप तयः डोनाल्ड ट्रंप ने रची चुनाव परिणामों को पलटने की साजिश

दिल्ली: अमरीका के जस्टिस विभाग के विशेष प्रोसिक्यूटर जैक स्मिथ ने अपनी जांच में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अब 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने की कोशिश का आरोप लगाया है। मामले में ट्रंप पर चार आरोप तय किए गए हैं।


बीते चार महीने में यह तीसरी बार है जब ट्रंप पर आपराधिक आरोप तय किए गए हैं। इसके पूर्व अमरीका के किसी पूर्व राष्ट्रपति पर कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया है।

मंगलवार को वॉशिंगटन डीसी में दायर 45 पन्नों के अभियोग पत्र में कहा गया है कि ट्रम्प को पता था कि उनके चुनाव जीतने के दावे गलत हैं फिर भी उन्होंने उन्हें दोहराकर व्यापक रूप से प्रसारित किया।

 सहयोगियों को लपेटे जाने से ट्रंप हैं परेशान

खास बात ये भी है कि इस बार संघीय अभियोजकों ने ट्रंप के साथ छह सह-षड्यंत्रकारियों का भी आरोप पत्र में शामिल किया है। आरोप पत्र के अनुसार, 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के वैध परिणामों को पलटने और सत्ता बरकरार रखने के अपने आपराधिक प्रयासों में ट्रंप इनकी मदद ले रहे थे।

इनके नाम अभियोग पत्र में नहीं है, न ही इन पर आरोप तय हुए हैं। लेकिन अभियोग पत्र में इनका विवरण आ जाने से अमरीका मीडिया में इन्हें पहचान लिया गया है। ये नाम इस प्रकार हैं - रूडी गिलियानी, जॉन ईस्टमैन, सिडनी पॉवेल, जेफरी क्लार्क, केनेथ चेसेब्रो और एक राजनीतिक सलाहकार।

ट्रंप के चुनाव अभियान ने ये सभी आरोप खारिज कर दिए हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामले में उनके सहयोगियों को लपेटा जाना ट्रंप को परेशान कर रहा है।

ट्रंप पर चल रहे अपराधिक मामले
1. जांच जारी
जॉर्जिया के चुनाव में हस्तक्षेप
2. आरोप तय
राष्ट्रपति चुनाव (6 जनवरी 2020) में हस्तक्षेप
3. ट्रायल शुरू
- वर्गीकृत दस्तावेजों की मिस हैंडलिंग
- बिजनेस रेकॉर्ड से छेड़छाड़ (पोर्न स्टार मामला)

ट्रंप पर लगाए गए हैं चार आरोप
संघीय अभियोग पत्र में ट्रंप पर 4 आरोप लगाए गए हैं, जो इस प्रकार हैं -
1. अमरीका को धोखा देने की साजिश,
2. बाइडन की चुनावी जीत को कांग्रेस से प्रमाणित होने में बाधा डालने की साजिश
2. वोट देने के अधिकार के खिलाफ बाधा डालना
4. वोट देने के अधिकार के खिलाफ साजिश

 

 

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पाकिस्तान में आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 35 की मौत, 200 घायल

पेशावर: बाजौर के खार में कार्यकर्ता सम्मेलन में रविवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के स्थानीय नेता सहित कम से कम 35 लोग मारे गए। जियो न्यूज ने यह जानकारी दी।

कार्यवाहक सूचना मंत्री फिरोज जमाल शाह काकाखेल ने बताया कि जेयूआई-एफ नेता के भाषण के दौरान हुए विस्फोट में 200 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। जिला आपातकालीन अधिकारी ने बताया कि घायलों को टिमरगारा और पेशावर के अस्‍पतालों में भी भेजा जा रहा है।

खैबर पख्तूनख्वा (केपी) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अख्तर हयात खान ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक आत्मघाती हमला था।उन्होंने कहा कि जांच टीमें विस्फोट स्थल से सबूत इकट्ठा कर रही हैं।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज ने घटना की जांच करने और जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के निर्देश जारी किए हैं। आईजी फ्रंटियर कोर (एफसी) मेजर जनरल नूर वली खान स्थिति की निगरानी के लिए बाजौर पहुंच गए हैं। सीएमएच पेशावर को अलर्ट पर रखा गया है और सुरक्षा बलों और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान जारी है।

जेयूआई-एफ खैबर पख्तूनख्वा के प्रवक्ता अब्दुल जलील खान ने जियो न्यूज को बताया कि विस्फोट शाम करीब चार बजे हुआ जब मौलाना लईक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। प्रांतीय प्रवक्ता ने कहा कि सम्मेलन के दौरान जेयूआई-एफ एमएनए मौलाना जमालुद्दीन और सीनेटर अब्दुल रशीद भी मौजूद थे।

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मैक्रों ने श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन के लिए किया मजबूत समर्थन का वादा

कोलंबो: इमैनुएल मैक्रों इन दिनों श्रीलंका के दौरे पर हैं। वो द्वीप राष्ट्र का दौरा करने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने चल रही ऋण प्रतिबंध प्रक्रिया के लिए मजबूत समर्थन का वादा किया है जो देश को अब तक के सबसे खराब वित्तीय संकट से उबरने में मदद करेगा।

दक्षिण प्रशांत क्षेत्र की अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, मैक्रों शुक्रवार को कोलंबो पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने अपने श्रीलंकाई समकक्ष रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत की।

राष्ट्रपति के मीडिया डिवीजन (पीएमडी) ने एक बयान में कहा, राष्ट्रपति मैक्रों ने श्रीलंका को आर्थिक सुधार में समर्थन देने के लिए फ्रांस की इच्छा और प्रतिबद्धता की पुष्टि की। श्रीलंका के चौथे सबसे बड़े ऋणदाता के रूप में, फ्रांस ने देश के लिए सकारात्मक परिणाम के लक्ष्य के साथ ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में अपनी सहायता देने का वादा किया है।

चर्चा के बाद एक ट्विटर पोस्ट में, फ्रांसीसी नेता ने कहा: श्रीलंका और फ्रांस दो राष्ट्र हैं जो एक ही लक्ष्य साझा करते हैं: एक खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत। हम 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों की अपनी साझेदारी के लिए एक नए युग की शुरुआत करेंगे।

दोनों नेताओं के बीच लगभग एक घंटे तक चली चर्चा के दौरान, विक्रमसिंघे ने वैश्विक मामलों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन, वैश्विक ऋण पुनर्गठन और भारत-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित मामलों में फ्रांस की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की।

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असफल विद्रोह के बाद पहली बार रूस में दिखे वैगनर प्रमुख प्रिगोझिन

मॉस्को: जून में रूसी सेना के खिलाफ वैगनर भाड़े के सैनिकों के असफल विद्रोह के बाद पहली बार, समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन को सेंट पीटर्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन के मौके पर एक अफ्रीकी गणमान्य व्यक्ति से मुलाकात करते देखा गया।

रिपोर्ट के अनुसार बैठक गुरुवार को हुई और गणमान्य व्यक्ति रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में मध्य अफ्रीकी गणराज्य के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। कई वर्षों तक, वैगनर की मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में उपस्थिति थी। इस मुलाकात की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, इसमें दोनों लोग हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं। रूसी मीडिया के मुताबिक, वैगनर प्रमुख ने होटल परिसर में एक कार्यालय बना रखा है। यह होटल 24 जून के विद्रोह के बाद 6 जुलाई को रूसी अधिकारियों द्वारा खोजे गए स्थानों में से एक है। 

तब से, प्रिगोझिन को केवल 19 जुलाई को सार्वजनिक रूप से देखा गया था, जब वह बेलारूस के अंदर एक वीडियो में दिखाई दिया था, जो असिपोविची में एक बेस पर वैगनर सेनानियों का अभिवादन कर रहा था। विद्रोह के दौरान, बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने दावा किया था कि उन्होंने मामले में हस्‍तक्षेप कर विद्रोह रुकवाया।

 

 

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श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति बनेंगे मैक्रों

 कोलंबो: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शुक्रवार को कोलंबो पहुंचेंगे, जो किसी भी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की श्रीलंका की पहली यात्रा होगी। राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग ने एक बयान में कहा कि मैक्रों अपनी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से चर्चा करेंगे।

बयान में कहा गया, दोनों नेता साझा क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। यह ऐतिहासिक यात्रा किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की श्रीलंका की पहली यात्रा है।

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मणिपुर हिंसा के खिलाफ अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों ने किया विरोध-प्रदर्शन

वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकियों और सहयोगियों ने मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा की निंदा करने के लिए पूरे सप्ताहांत अमेरिकी प्रांतों कैलिफोर्निया, न्यू जर्सी और मैसाचुसेट्स में विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों विस्थापित हुए हैं। ये विरोध-प्रदर्शन पिछले सप्ताह के एक भयावह वीडियो की प्रतिक्रिया में थे, जिसमें हिंसा प्रभावित राज्य में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो युवा आदिवासी महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया था।

कैलिफोर्निया में, भारतीय-अमेरिकी और सहयोगी नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (एनएएमटीए), इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) और अंबेडकर किंग स्टडी सर्कल सहित कई समूहों द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन के लिए ओकलैंड सिटी हॉल की सीढ़ियों पर एकत्र हुए।

एनएएमटीए के संस्थापक सदस्य नियांग हांग्जो ने कहा, उन्होंने हमें हमारे घरों से बाहर निकाल दिया। उन्होंने हमारे घर, हमारी संपत्तियाँ जला दीं। उन्होंने लूटपाट की, हत्या की, बलात्कार किया। उन्होंने हमें जिंदा जला दिया, सिर काट दिए। उन्होंने हमें तोड़ दिया और हमारा सब कुछ खाक में मिला दिया। उन्‍होंने कहा, यह कुकी-ज़ोमी के साथ किया जा रहा नरसंहार है… दुनिया कब तक चुप रहेगी?

हम चाहते हैं कि सदन इस मुद्दे को लाए और इस पर चर्चा करे जैसा कि ईयू (संसद) ने किया है। यूरोपीय संसद ने इस महीने की शुरुआत में एक प्रस्ताव अपनाया था, जिसमें भारतीय अधिकारियों से मणिपुर में हिंसा को रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर ईसाइयों की रक्षा के लिए "सभी आवश्यक" उपाय करने का आह्वान किया गया था। भारत ने इस प्रस्ताव की निंदा करते हुए इसे अपने आंतरिक मामलों में "हस्तक्षेप" बताया।

इसेलिन, न्यू जर्सी में, आईएएमसी ने एक विरोध प्रदर्शन और कैंडल जुलूस का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय चर्चों, एनएएमटीए और नेशनल एसोसिएशन ऑफ एशियन इंडियन क्रिस्चियन्स के सदस्यों सहित विविध आस्था और जातीय पृष्ठभूमि के लोगों ने भाग लिया।

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डॉ. थानी अल जेयोदी बने विश्‍व व्‍यापार संगठन के तेरहवें मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन के अध्‍यक्ष

वाशिंगटन: संयुक्‍त अरब अमीरात के विदेश व्‍यापार मंत्री डॉ. थानी अल जेयोदी को विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) के तेरहवें मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन का अध्यक्ष चुना गया है। यह सम्‍मेलन फरवरी 2024 में आबूधाबी में होगा। जेनेवा में विश्‍व व्‍यापार संगठन की आम सभा की बैठक में यह घोषणा की गई। बैठक में डॉ. अल जेयोदी की मुलाकात डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक गोजी ओकुंजो इवेला से हुई। फरवरी 2024 सम्‍मेलन में 164 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्‍मेलन में व्‍यापार प्रणाली की समीक्षा और अगले सम्‍मेलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

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क्वेटा हत्याकांड मामले में इमरान को आत्मसमर्पण का निर्देश: सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को क्वेटा में एक अधिवक्ता अब्दुल रज्जाक शार की हत्या पर जारी प्राथमिकी और गिरफ्तारी वारंट को रद्द कराने से पहले व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाकर्ता को सोमवार (24 जुलाई) को शीर्ष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। अन्यथा याचिकाकर्ता की ओर से मांगी जा रही राहत को बढ़ाया नहीं जाएगा।

गत चार जुलाई को शीर्ष अदालत ने श्री खान के वकील को एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए सीजेपी से संपर्क करने का सुझाव दिया था। इससे पहले दो-न्यायाधीशों की पीठ ने पहले मामले की सुनवाई की थी। दोनों न्यायाधीशों के पास अधिवक्ता की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए बलूचिस्तान उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका की नामंजूर करने के आदेश को पलटने की शक्ति नहीं थी।

पूर्व प्रधानमंत्री खान के अधिवक्ता सरदार अब्दुल लतीफ खोसा ने दो पन्नों की अर्जी दायर कर इस बात पर जोर देते हुए गुजारिश की कि अदालत इस मामले की तत्काल सुनवाई करे। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को ‘अधिकारियों की ओर से जबरदस्ती कार्रवाई की आशंका है।’

न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति मुसरत हिलाली की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की और श्री खोसा से कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष को कोई भी अंतरिम राहत मांगने से पहले अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।

अधिवक्ता खोसा ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल ने क्वेटा के अधिवक्ता की हत्या की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के गठन को खारिज कर दिया था, लेकिन अदालत ने बताया कि सुनवाई जैसे मामलों में याचिकाकर्ता को किसी भी राहत के लिए व्यक्तिगत रूप अदालत के समक्ष पेश होना पड़ता है।

अधिवक्ता खोसा ने दलील दी कि पीड़ित वकील के सौतेले बेटे ने श्री खान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। अपनी याचिका में पूर्व प्रधानमंत्री ने क्वेटा में 15 जून के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील करने और मामले को रद्द करने की अनुमति मांगी थी।

 
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कोलंबिया विमान दुर्घटना में छः की मौत

दिल्ली: कोलंबिया के केंद्रीय मेटा विभाग में बुधवार को एक छोटा विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट और कोलंबिया के डेमोक्रेटिक सेंटर पार्टी (डीसीपी) के पांच सदस्यों की मौत हो गई। यह जानकारी कोलंबिया नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने दी।

उधर, डीसीपी के मुताबिक पीड़ितों की पहचान पूर्व सीनेटर एवं राजदूत नोहोरा तोवर और उनके पति एवं मेटा में पार्टी के समन्वयक गुइलेर्मो पेरेज़, डिमास बैरेरो, फेलिप कैरेनो, ऑस्कर रोड्रिग्ज, और पायलट हेलियोडोरो अल्वारेज़ रूप में हुयी है।

एजेंसी ने एक बयान में कहा, "सेसना टी210एन, (जो एक हवाई शटल के रूप में काम करता था) विल्लाविसेंशियो (मेटा की राजधानी) में हवाई अड्डे से सुबह 7:40 बजे पर उड़ान भरी और आखिरी बार सुबह 7:58 बजे पर हवाई यातायात नियंत्रण से संपर्क हुआ।"

प्राधिकरण ने कहा कि उसने दुर्घटना के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए सबूत इकट्ठा करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को नियुक्त किया है।
कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति एवं पार्टी के संस्थापक अल्वारो उरीबे ने ट्वीट कर इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और कहा कि वह जांच की प्रगति पर नजर रख रहे हैं।

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सूडान में लड़ाई के कारण 30 लाख से अधिक लोग हुए विस्थापित

खार्तूम: मानवतावादी समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार अप्रैल में सूडान में जारी हिंसा के बाद से 30 लाख से अधिक लोग, जिनमें से लगभग आधे बच्चे हैं, अपने घरों से विस्थापित हुए है। रिपोर्ट के अनुसार, ओसीएचए और यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगभग 1.5 मिलियन बच्चे अपने घर से दूर रह रहे हैं, हालांकि कुछ अभी भी सूडान में हैं। रिपोर्ट में कहा गया सूडान में हर दो में से एक बच्चे, यानि लगभग 13.6 मिलियन को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

ओसीएचए ने कहा कि संघर्ष शुरू होने के बाद से यूनिसेफ ने 30 लाख से अधिक बच्चों और महिलाओं को स्वास्थ्य आपूर्ति के साथ-साथ लगभग 14 लाख लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया है। इसमें कहा गया है कि लगभग 100,000 बच्चे सौर ऊर्जा संचालित केंद्रों सहित सुरक्षित शिक्षण स्थानों में जाते हैं।

कार्यालय ने आगे कहा कि इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने बताया है कि सभी 18 सूडानी राज्यों में 2.4 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

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स्पेन के पास समुद्र में लापता हुई सैकड़ों प्रवासियों से भरी नाव

स्पेन: स्पेन के कैनरी द्वीप के पास प्रवासियों से भरी तीन नौकाओं के लापता होने की खबर है। बताया जा रहा है इन नावों में सैकड़ों शरणार्थी सवार थे जो सेनेगल से स्पेन की ओर रवाना हुए थे। वॉकिंग बॉर्डर की ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट हेलेना मालेनो ने बताया कि दो नावों में से एक में 65 लोग और दूसरी में 50-60 लोग सवार थे। जो सेनेगल से स्पेन के लिए रवाना हुए थे लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी वे वहां नहीं पहुंचे।

उन्होंने बताया कि तीसरी नौका में 200 लोग सवार थे। ये नौका 27 जून को सेनेगल से स्पेन के लिए रवाना हुई थी। मालेनो का कहना है कि इसके बाद नौका में सवार लोगों से उनके परिजनों का कोई सम्पर्क नहीं हो पाया। ये तीनों नौकाएं सेनेगल के दक्षिण में काफाउंटिन से रवाना हुईं थीं। जो कैनरी द्वीपों में से एक टेनेरिफ़ से लगभग 1,700 किलोमीटर दूर स्थित है। मालेनो के मुताबिक, इन नौकाओं पर सवार 300 लोग सेनेगल के एक ही इलाके के रहने वाले हैं। जो सेनेगल में चल रही स्थिरता के चलते देश छोड़ने पर मजबूर हुए। 

बता दें कि पश्चिम अफ्रीका के तट पर स्थित कैनरी द्वीप स्पेन पहुंचने की कोशिश करने वाले प्रवासियों के लिए मुख्य मार्ग है। इसके अलावा बहुत कम संख्या में लोग भूमध्य सागर पार कर स्पेन पहुंचना चाहते हैं क्योंकि भूमध्य सागर का रास्ता काफी लंबा और मुश्किलों भरा है। क्योंकि इस इलाके में भीषण गर्मी पड़ती है जिससे भूमध्य सागर से गुजरना बेहद मुश्किल होता है। यही नहीं अटलांटिक प्रवास मार्ग को भी दुनिया का सबसे घातक मार्ग माना जाता है। 

इसलिए प्रवासी इस मार्ग से भी स्पेन नहीं जाते। जिसे आमतौर पर उप-सहारा अफ्रीका के प्रवासी इस्तेमाल करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, कैनरी द्वीप तक पहुंचने की कोशिश में पिछले साल यानी 2022 में 22 बच्चों समेत कम से कम 559 लोगों की जान चली गई थी। 

 

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नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड की पत्नी का निधन

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की पत्नी श्रीमती सीता दहल का लंबी बीमारी के बाद बुधवार की सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। वह 69 वर्ष की थीं। उनके परिवार में चार संतान हैं। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर किया जाएगा। नेपाली प्रधानमंत्री के निजी चिकित्सक (फिजीशियन) प्रो. डाॅ. युवराज शर्मा ने बताया कि पार्किन्सन, मधुमेह उच्च तनाव से पीड़ित श्रीमती दहल को आज सुबह करीब आठ बजे दिल का दौरा पड़ा। उन्हें तुरंत उपचार दिया गया।

लेकिन काफी कोशिश के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका। साढ़े आठ बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में माओवादी आंदोलन की केंद्रीय सलाहकार रहीं श्रीमती दहल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के मुख्यालय में 11 बजे से दोपहर एक बजे तक रखा जाएगा और दो बजे पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में बागमती नदी के तट पर पशुपति आर्यघाट पर उनकी अंत्येष्टि की जाएगी।

 
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