दुनिया-जगत

विश्व व्यापार संगठन के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने स्विट्जरलैंड के जिनेवा पहुंचे पीयूष गोयल

जिनेवा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल विश्व व्यापार संगठन के आज से शुरू हो रहे बारहवें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा पहुंच गये हैं। यह सम्‍मेलन करीब पांच वर्षं के अंतराल के बाद हो रहा है। श्री गोयल सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। एक ट्वीट में, श्री गोयल ने कहा कि बारहवें मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन में भारत का प्रयास रहेगा कि वार्ताओं के सकारात्मक और न्यायसंगत परिणाम प्राप्‍त हों। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त कि  सम्‍मेलन में समाज के कमजोर वर्गों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भारत की चिंताओं का समाधान होगा।

इस वर्ष सम्मेलन में कई विषयों पर चर्चा और वार्ता होगी। इनमें कोविड महामारी पर विश्व व्यापार संगठन की प्रतिक्रिया, मत्स्य पालन सब्सिडी वार्ता और खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडार व्‍यवस्‍था सहित  कृषि से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
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अमेरिका के शिकागो में गोलीबारी में 5 की मौत, 16 घायल

शिकागो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका में एक के बाद एक लगातार गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं। एक बार फिर से अमेरिका के शिकागो में गोलीबारी की घटना सामने आई है, इस गोलीबारी में 5 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 16 लोग घायल हुए हैं। पुलिस के अनुसार इस हफ्ते शिकागो में शूटिंग की घटनाओं में 5 लोगों क मौत हुई है। साउथ एल्बी में शनिवार को रात तकरीबन 12.19 बजे एक 37 वर्षीय महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। महिला रात में गाड़ी में सफर कर रही थी तभी अनजान व्यक्ति ने उन्हें गोली मार दी और फरार हो गया।

यही नहीं शनिवार को ही रात 2.27 बजे एक 34 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना साउथ इंडियाना में हुई जब युवक को उसकी कार में गोली मार दी गई। युवक को कई गोलियां मारी गई, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो मेडिकल सेंटर युवक को मृत घोषित कर दियागया। यही नहीं 23 वर्षीय युवक की शनिवार रात 3.20 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। यह घटना साउथ डेमेन के 8600 ब्लॉक में हुई।

इसके अलावा 39 साल के एक आदमी को उसके बाएं पैर में गोली मार दी गई, हालांकि उनकी हालत स्थिर है। वहीं 24 साल के एक और युवक को गोली मारने की घटना सामने आई है, उसे भी बाएं पैर में गोली मारी गई है। चौथे घायल की उम्र 42 साल है उन्हें भी कई गोलियां मारी गई हैं, फिलहाल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। इस शुक्रवार को पहली बड़ी घटना साउथ जस्टिन में 6800 ब्लॉक में हुई जहां पर 25 साल के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पीड़ित को कोई राउंड गोलियां मारी गई थी। अभी तक मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। शुक्रवार को रात 11.05 बजे 400 ब्लाड में भी गोली बारी की घटना सामने आई, जिसमे 26 साल के युवक की हत्या कर दी गई।
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एक छोटे से नियम की अनदेखी और डूब गया 15 हजार से अधिक भेड़ों से भरा जहाज

खारतूम (छत्तीसगढ़ दर्पण)। सूडान के लाल सागर बंदरगाह सुकिन में रविवार को हजारों भेड़ों से लदा एक जहाज डूब गया। इस दुर्घटना में सभी जानवर मारे गए जबकि चालक दल को बचा लिया गया। तय सीमा से कई हजार अधिक भेड़ें निर्यात करने की वजह से जहाज पर अतिरिक्त दबाव पड़ा और जहाज डूब गया।

सूडान से सउदी अरब जा रहा था 
जहाज इन भेड़ों को सूडान से सउदी अरब भेजा जा रहा था। सूडानी बंदरगाह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह जहाज था बद्-1 था जो रविवार सुबह तड़के डूब गया। अधिकारी के मुताबिक जहाज में कुल 15,800 भेड़ें थीं जो कि सउदी अरब को निर्यात की जा रही थीं। लेकिन अधिक भार होने के कारण जहाज इसे सहन न कर सकता और यह बीच समंदर में डूब गया।
अधिक वजन के कारण डूबा जहाज 

अधिकारी ने कहा कि जहाज में केवल 9,000 भेड़े होनी चाहिए थीं। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सभी चालक दल को बचा लिया गया है। इसके साथ ही अधिकारी ने दुर्घटना के आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जलमग्न जहाज बंदरगाह के संचालन को तो प्रभावित करेगा ही इसके अलावा बड़ी संख्या में जानवरों की मौत के कारण पर्यावरणीय पर भी असर पड़ेगा।

नतीजे आने में लगेगा वक्त 
गौरतलब है कि बीते महीने सुकिन बंदरगाह के कार्गो क्षेत्र में भीषण आग लग गई थी, जो घंटों तक चली और भारी क्षति हुई। लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि बंदरगाह में आग कैसे लगी थी। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी तक इसके नतीजे सामने नहीं आए हैं।

ऐतिहासिक बंदरगाह है सुकिन 
सुकिन, सूडान का एक ऐतिहासिक बंदरगाह है। हालांकि अब यह सूडान का मुख्य विदेशी व्यापार केंद्र नहीं है। इसकी जगह अब पोर्ट सूडान ने ले ली है। यह लाल सागर तट के साथ लगभग 60 किलोमीटर दूर है। सूडान फिलहाल आर्थिक संकट की चपेट में है, जो पिछले साल सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान के नेतृत्व में सैन्य तख्तापलट के बाद और गहरा गया है।



 

 

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UN ने चेताया, श्रीलंका में खराब आर्थिक स्थिति के बीच आ सकता है गंभीर मानवीय संकट

कोलंबो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के कारण वहां की जनता की स्थिति और अधिक खराब हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने संकट पर एक और बड़ी चेतावनी जारी की है। यूएन का कहना है कि, नकदी की तंगी से जूझ रहा श्रीलंका का अभूतपूर्व आर्थिक संकट गंभीर मानवीय संकट में बदल सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने आगे कहा कि,देश में लाखों लोगों को पहले से ही सहायता की जरूरत है।

गहरा सकता है मानवीय संकट
संयुक्त राष्ट्र मानवीय एजेंसी ओसीएचए (OCHA) के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने संवाददाताओं से कहा, 'हम चिंतित हैं कि यह एक पूर्ण मानवीय आपातकाल में बदल सकता है। उन्होंने कहा कि, वे इस बड़ी चिंता को दूर करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।

जल्द मदद की जरूरत 
जेन्स लार्के ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी सबसे कमजोर लोगों और संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित 17 लाख लोगों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए 47 मिलियन डॉलर की अपील कर रहे हैं। बता दें कि, श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के कारण महीने दिनों बिजली की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी कतार दिख रही है। साथ ही रिकॉर्ड मुद्रास्फीति ( Inflation)ने दक्षिण एशियाई द्वीप राष्ट्र के 22 मिलियन लोगों के दैनिक जीवन को कष्टों से भर दिया है।
 
श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट 
बता दें कि, घोर आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था। हालांकि, अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। वहीं, भारत दक्षिणी देश से चीन का प्रभाव कम करने के लिए श्रीलंका के सामने मसीहा बनकर उभरा है। भारत मसीहा बनकर उभरा आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने अब तक कई बार मदद पहुंचाई है। जानकारी के मुताबिक भारत ने श्रीलंका को उर्वरकों के आयात के लिए 5.5 करोड़ डॉलर तक के कर्ज की स्वीकृति दी है। भारतीय उच्चायोग के मुताबिक श्रीलंका को खाद्यान्न संकट से बचाने के लिए उर्वरक की खरीद में धन कमी नहीं आने देने के लिए अधिकतम ऋण सीमा प्रदान की है।
 
भारत मसीहा बनकर उभरा 
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने अब तक कई बार मदद पहुंचाई है। जानकारी के मुताबिक भारत ने श्रीलंका को उर्वरकों के आयात के लिए 5.5 करोड़ डॉलर तक के कर्ज की स्वीकृति दी है। भारतीय उच्चायोग के मुताबिक श्रीलंका को खाद्यान्न संकट से बचाने के लिए उर्वरक की खरीद में धन कमी नहीं आने देने के लिए अधिकतम ऋण सीमा प्रदान की है।
 
 
 

 

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जापान और नैटो अधिकारी सैन्‍य सहयोग और संयुक्‍त अभ्‍यास बढ़ाने पर सहमत

जापान (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जापान और नैटो अधिकारी सैन्‍य सहयोग और संयुक्‍त अभ्‍यास बढाने पर सहमत हो गये हैं। जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी ने कहा है कि जापान यूरोपीय देशों से अपने संबंध मजबूत करने की आशा रखता है और हिन्‍द-प्रशान्‍त क्षेत्र में नैटो की बढती भागीदारी का स्‍वागत करता है।

श्री किशी ने कहा कि यूरोप और एशिया की सुरक्षा एक दूसरे से जुड़ी हुई है, खासकर ऐसे समय में जब अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। नैटो की सैन्‍य समिति के प्रमुख रोब बाउअर की तोक्‍यो यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब जापान की नौसेना भूमध्‍यसागर में नैटो के नौसैना अभ्‍यास में हिस्‍सा ले रही है।
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भारत ने कामकाज में प्रोद्यौगिकी का उपयोग किया है और प्रणालियों को सरल बनाया : यादव

जेनेवा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा है कि भारत ने हाल के वर्षों में कामकाज में प्रोद्यौगिकी का उपयोग किया है और प्रणालियों को सरल बनाया है। इसका उद्देश्य कामगारों के लिए गरिमा और सामाजिक सुरक्षा के साथ रोजगार सुनिश्चित करना है।

जेनेवा में 110वें अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए भूपेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार प्रत्येक श्रमिक को विशिष्ट व्यापक खाता संख्या उपलब्ध करा रही है जो उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए पात्रता पहचान साबित होगी।
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विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कारों की सूची में पांच भारतीय स्कूल शामिल

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन में पहली बार दिए जा रहे ‘वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल’ (विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल) पुरस्कारों की जारी शीर्ष 10 की सूची में पांच भारतीय स्कूलों को शामिल किया गया है। समाज की प्रगति के क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए ब्रिटेन में ढाई लाख डॉलर के इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है। मुंबई स्थित एसकेवीएम के सीएनएम स्कूल और नयी दिल्ली के लाजपत नगर-3 के एसडीएमसी प्राथमिक स्कूल को ‘वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज फॉर इनोवेशन’ श्रेणी के शीर्ष 10 की सूची के लिए चयनित किया गया है।

इसके अलावा ‘कम्युनिटी कोलैबोरेशन’ (सामुदायिक सहयोग) श्रेणी के शीर्ष 10 की सूची में मुंबई के खोज स्कूल और पुणे के बोपखेल में स्थित पीसीएमसी इंग्लिश मीडियम स्कूल को शामिल किया गया है। हावड़ा के समारितन मिशन स्कूल (हाई) को विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों की सूची में ‘ओवरकमिंग एडवर्सिटी’ श्रेणी की सूची में जगह मिली है।
 
टी4 एजुकेशन और ‘वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल’ पुरस्कार के संस्थापक विकास पोटा ने कहा, कोविड के कारण स्कूल और विश्वविद्यालयों के बंद होने से डेढ़ अरब से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए। संयुक्त राष्ट्र ने महामारी से पहले ही चेतावनी दी थी कि वैश्विक शिक्षा संकट गहरा सकता है क्योंकि 2030 तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में पहले से ही विलंब हो रहा था।

उन्होंने कहा, हमने व्यवस्थागत बदलाव लाने के उद्देश्य से जमीनी स्तर पर समाधान निकालने के लिए वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल पुरस्कारों की शुरुआत की है। छात्रों के जीवन में परिवर्तन लाने और प्रेरणा देने वाले स्कूलों की कहानी बताकर शिक्षा में बदलाव लाया जा सकता है। ब्रिटेन स्थित डिजिटल मीडिया मंच टी4 एजुकेशन द्वारा वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल पुरस्कारों की शुरुआत की गई है। संबंधित श्रेणियों में अंतिम विजेताओं की घोषणा इस साल अक्टूबर में की जाएगी। पांच पुरस्कार विजेताओं के बीच ढाई लाख डॉलर का पुरस्कार बराबर बांटा जाएगा और प्रत्येक विजेता को 50 हजार डॉलर का पुरस्कार मिलेगा।
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भारत-अमेरिका के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों के लिए बेहद अहम रहा यह वर्ष : संधू

वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि यह वर्ष भारत-अमेरिका व्यापार और आर्थिक संबंधों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है। इसके साथ ही संधू ने दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी की क्षमता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, पिछले साल हमने 160 अरब डॉलर से ज्यादा का भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार किया। यह ध्यान में रखना चाहिए कि आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आने और बिना किसी औपचारिक व्यापार समझौते के ऐसा महामारी के दौर में हासिल किया गया।

संधू ने वर्जीनिया के फेयरफैक्स काउंटी में एक व्यावसायिक शिष्टमंडल के लिए आयोजित कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। फेयरफैक्स काउंटी के लोगों का भारत से मजबूत रिश्ता है। कार्यक्रम में वर्जीनिया की वाणिज्य एवं व्यापार सचिव कैरेन मेरिक, कृषि एवं वन सचिव मैथ्यू लोहर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। संधू ने कहा कि दोनों तरफ से समान रूप से अच्छा निवेश किया गया।
 
भारतीय राजदूत ने कहा, अमेरिका में 200 भारतीय कंपनियां मौजूद हैं और भारत में 2,000 से ज्यादा अमेरिकी कंपनियां सक्रिय हैं। इससे स्पष्ट है कि हमारे देशों के बीच आर्थिक साझेदारी की क्षमता बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि 2019 में भारत और वर्जीनिया के बीच 1.65 अरब डॉलर का व्यापार हुआ और तब से इसमें सालाना लगभग 15 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि हो रही है।
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राजनाथ ने वियतनाम को 12 तटरक्षक नौकाएं सौंपी

वियतनाम (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को वियतनाम को 12 तेज गति वाली तटरक्षक नौकाएं सौंपी। इन नौकाओं का निर्माण भारत द्वारा वियतनाम को दी गई 10 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता के तहत किया गया है। राजनाथ ने अपने वियतनाम दौरे के दूसरे दिन होंग हा पोत कारखाने में आयोजित एक समारोह में यह अत्याधुनिक तटरक्षक नौकाएं(हाई-स्पीड गार्ड बोट) सौंपीं। यह नौकाएं ऐसे समय में वियतनाम को सौंपी गयी हैं जब दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में बीजिंग की बढ़ती सैन्य गतिविधियों से निपटने के लिए दोनों पक्षों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ रहा है।


रक्षा मंत्री आठ से 10 जून तक वियतनाम के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर कहा, भारत द्वारा 10 करोड़ अमेरिकी डालर की रक्षा ऋण सहायता के तहत 12 अत्याधुनिक तटरक्षक नौकाओं के निर्माण की परियोजना के सफल समापन के अवसर पर इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। शुरुआती पांच नौकाओं का निर्माण भारत में एलएंडटी शिपयार्ड में किया गया था जबकि शेष सात को होंग हा पोत कारखाने में बनाया गया था। सिंह ने कहा, मुझे विश्वास है कि यह सहयोग भारत और वियतनाम के बीच कई और सहकारी रक्षा परियोजनाओं का अग्रदूत साबित होगा।
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मेडिकल जगत हैरान : सिर्फ 6 महीने में दवा से पूरी तरह ठीक हुआ कैंसर…

न्यूयॉर्क/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका में एक अध्ययन के दौरान इम्यूनोथेरेपी की नई दवा से रेक्टल कैंसर के सभी 18 मरीज पूरी तरह ठीक हो गए। छह महीने के कोर्स के बाद किसी भी मरीज की जांच में ट्यूमर सामने नहीं आया। कुछ मरीजों को दो साल का समय हो चुका है और अब तक कैंसर का कोई लक्षण नहीं उभरा है। न्यूयॉर्क स्थित एमएसके कैंसर सेंटर के डा. लुइस ए डियाज जूनियर के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन के नतीजे न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसिन में प्रकाशित किए गए हैं।

विज्ञानियों का कहना है कि भले ही 18 मरीजों पर किया गया यह अध्ययन छोटा है, लेकिन इसके नतीजे बहुत उत्साहजनक हैं। भविष्य में इससे विभिन्न प्रकार के कैंसर के सटीक इलाज की राह निकल सकती है। अध्ययन के दौरान सभी मरीजों को चेकप्वाइंट इनहिबिटर कही जाने वाली दवा डोस्टारलिमैब दी गई। छह माह तक हर तीसरे हफ्ते एक खुराक दी गई। डोज पूरी होने के बाद जब जांच की गई तो किसी भी मरीज में कैंसर का लक्षण नहीं बचा था। अध्ययन से पहले यह माना जा रहा था कि शायद कुछ मरीजों को बाद में कीमोथेरेपी या अन्य दवा की जरूरत पड़े, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अध्ययन में शामिल किए गए सभी मरीजों का कैंसर शुरुआती स्टेज में था, यानी उसका शरीर के दूसरे अंगों तक फैलना शुरू नहीं हुआ था।

दवा ऐसे करती है काम
कैंसर कोशिकाएं स्वयं को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) से छिपाने में सक्षम होती हैं। उनकी इसी खूबी के कारण शरीर में ट्यूमर बनता है। यह दवा कैंसर की कोशिकाओं से उस पर्दे को हटा देती हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें आसानी से देख पाती है। इसके बाद हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली ही उन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इसीलिए इस प्रक्रिया को इम्यूनोथेरेपी कहा जाता है।

पांच साल पहले एक परीक्षण से बंधी थी उम्मीद
2017 में फार्मा कंपनी मर्क ने डा. लुइस डियाज के नेतृत्व में ही अपनी चेकप्वाइंट इनहिबिटर दवा पेमब्रोलिजुमैब का परीक्षण किया था। उस दौरान ऐसे मरीजों को शामिल किया गया था, जिनमें मेटास्टेटिक कैंसर था यानी कैंसर शरीर के कई अंगों में फैल चुका था। दो साल तक दवा लेने से करीब आधे मरीजों में ट्यूमर छोटा हो गया या उसका प्रसार रुक गया था। 10 प्रतिशत मरीजों में कैंसर खत्म हो गया था। इसी नतीजे को देखकर डा. डियाज ने सोचा था कि यदि एक ही अंग में फैले कैंसर पर दवा का प्रयोग करें, तो क्या नतीजा मिलेगा? इसी विचार के साथ उन्होंने फार्मा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के साथ मिलकर अध्ययन को पूरा किया।
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भारत की ओर से जिम्बाब्वे को दी गई दवाइयों की बड़ी खेप

हरारे  (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को तपेदिक के इलाज के लिए दवाइयों की एक खेप जिम्बाब्वे को सौंप दिया है। इस खेप में दवाईयों के 288 बक्से हैं। यह खेप यहां के स्वास्थ्य व परिवार वेलफेयर के डिप्टी जान मांगवाइरो को सौंपा गया। मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि ये दवाईयां जिंबाब्वे को सहायता उपलब्ध कराएगी।

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चेक गणराज्य में भारतीय समुदाय से मुलाकात की

प्राग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और उनके साथ चेक गणराज्य के घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की। जयशंकर मध्य यूरोप के दो देशों, स्लोवाकिया और चेक गणराज्य के साथ संबंधों को और गति देने के लिए अपने दौरे के अंतिम चरण में प्राग पहुंचे हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, प्राग में भारतीय समुदाय से मिलकर काफी खुशी हुई। उनमें से कई को अपने जीवन में बेहतर करते देखकर काफी अच्छा लगा। यहां समुदाय का विस्तार भी प्रेरणादायक है। उनके साथ घरेलू घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की। उनके निरंतर समर्थन पर भरोसा है।

विदेश मंत्री स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा से शनिवार को प्राग पहुंचे थे। जयशंकर ने रविवार को चेक गणराज्य के वित्त मंत्री से भी मुलाकात की थी। चेक गणराज्य एक जुलाई से यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्षता संभालेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चेक गणराज्य में करीब 5,000 भारतीय नागरिक बसे हैं, जिनमें से अधिकतर आईटी पेशेवर, व्यवसायी और छात्र हैं। यहां भारतीयों/भारतीय मूल के लोगों के कई अनौपचारिक संघ हैं, जो दूतावास के सहयोग से सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

जयशंकर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब यूरोप यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के प्रभावों से जूझ रहा है और यूरोपीय देश भारत को लगातार रूस के कदमों को लेकर एक सटीक रुख अपनाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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चेतावनियों को दरकिनार कर किम जोंग ने किया 8 बैलिस्टिक मिसाइलों का परिक्षण…

 प्योंगयांग/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी हरकतों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं। अमेरिका और अपने पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया की चेतावनी के बावजूद किम आए दिन मिसाइल परीक्षण कर रहे हैं। अब खबर है कि उत्तर कोरिया ने रविवार सुबह एक अज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। मिसाइल लॉन्च की जानकारी दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के हवाले से आई है।

वहीं सूत्रों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने एक के बाद एक करके आठ बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। यह दावा एक सरकारी सूत्र के हवाले से किया गया है। इससे पहले उत्तर कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण भी कर चुका है।

उत्तर कोरिया की ओर से यह मिसाइल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया से उसका विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जानकारी के तहत एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही अमेरिकी प्रतिनिधि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल पहुंचे थे। ऐसे में हालिया घटनाक्रम इस तनाव को और बढ़ा सकता है।

अमेरिका ने हाल ही में उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए उत्तर कोरिया की कंपनी तथा एक शख्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह कार्रवाई इन पर उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण का समर्थन करने पर की गई थी। इसके बाद अमेरिक उत्तर कोरिया को चेताया कि अगर किम जोंग उन अपनी हरकतों से बाज नहीं आते तो ऐसे प्रतिबंध और लगाए जा सकते हैं।

प्रतिबंधित है ICBM मिसाइल
पिछले दिनों उत्तर कोरिया द्वारा जिस अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया गय था, वह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद किम जोंग इस मिसाइल का परीक्षण कर रहे हैं। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक और परमाणु हथियारों के परीक्षण पर रोक लगा रखी है। इसके उल्लंघन के बाद यूएन ने और भी सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत के बाद लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु परीक्षणों के परीक्षण पर रोक लगा दी थी, लेकिन 2020 में किम पलट गए थे। उन्होंने एलान कर दिया था कि वह इससे बंधे नहीं हैं।

 
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कंटनेर डिपो में लगी आग : 20 की मौत, 450 से ज्यादा घायल…

ढाका/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बांग्लादेश के चटगांव में शनिवार की रात बड़ा हादसा हो गया। यहां के सीताकुंडा उपजिला में एक निजी इनलैंड कंटेनर डिपो (ICD) में विस्फोट के कारण लगी आग में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 450 से अधिक घायल हो गए। शवों को मुर्दाघर में रख दिया गया है।

रेड क्रिसेंट यूथ चटगांव में स्वास्थ्य और सेवा विभाग के प्रमुख इस्ताकुल इस्लाम ने बताया, “इस घटना में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कम से कम 350 सीएमसीएच में हैं। अन्य अस्पतालों में मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है।”

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उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु कतर पहुंचे, दोहा हवाई अड्डे पर किया गया स्वागत

 दोहा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में कतर की राजधानी दोहा पहुंचे। कतर के विदेश राज्य मंत्री सुल्तान बिन साद अल मुरेखी और अन्य लोगों ने दोहा हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा कि उपराष्ट्रपति का दोहा हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

इससे पहले, उपराष्ट्रपति की सेनेगल की तीन दिन की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्‍न हुई। श्री नायडु के साथ एक उच्चस्तरीय शिष्टमण्डल भी गया है जिसमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर भारती पवार, तीन सांसद- सुशील कुमार मोदी, विजय पाल सिंह तोमर और पी. रविन्द्रनाथ शामिल हैं।

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प्रिंस चार्ल्स ने जुबली कॉन्सर्ट में महारानी एलिजाबेथ को सम्मानित किया

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासन के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित चार-दिवसीय प्लैटिनम जुबली समारोह के तीसरे दिन शनिवार को बकिंघम पैलेस के सामने एक विशेष संगीत कार्यक्रम में प्रिंस चार्ल्स और उनके बेटे प्रिंस विलियम ने महारानी को सम्मानित किया।

इस दौरान खुले में आयोजित ‘पार्टी एट द पैलेस’ समारोह में करीब 22,000 लोग एकत्र हुए, जिनके सामने डायना रॉस, रॉक बैंड क्वीन, डुरान डुरान, एलिसिया कीज और अन्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी। महारानी एजिलाबेथ (96) समारोह में शामिल नहीं हुई, लेकिन रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उन्हें ‘पैंडिंगटन बीयर’ के एनिमेटेड संस्करण के साथ देखकर लोगों की भीड़ खुश हो गई। कॉन्सर्ट की शुरुआत में महारानी और ‘पैंडिंगटन बीयर’ के एक छोटे हास्य नाटक का वीडियो प्रदर्शित किया गया और कार्यक्रम के अंत में महारानी के पुत्र और पौत्र ने भाषण दिया।

चार्ल्स ने अपने भाषण की शुरुआत में महारानी को महामहिम, मां के रूप में संबोधित किया और फिर ‘‘आजीवन निस्वार्थ सेवा’’ करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। महारानी ने सबसे बड़े पुत्र प्रिंस चार्ल्स ने बताया कि एलिजाबेथ ने किन नेताओं से मुलाकात की है और उनके शासनकाल में उन्हें शीत युद्ध की शुरुआत से लेकर सूचना के युग तक असीमित राजकीय पत्र मिले हैं। उन्होंने तेजी से बदलती इस दुनिया में ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल को एकजुट करते हुए ‘स्थिरता के प्रतीक’ के रूप में अपनी मां की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

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दुनिया की बड़ी चुनौतियों का समाधान भारत के सहयोग के बिना संभव नहीं : एस. जयशंकर

 

ब्रातीस्लावा/नई दिल्ली(छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद पश्चिमी देशों की तरफ से बार-बार यह सवाल उठाया जा रहा है कि नए वैश्विक हालात में भारत अमेरिका की तरफ होगा या चीन-रूस की तरफ। शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वयं इस सवाल का साफ-साफ जवाब दिया और वह भी वैश्विक मंच से। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी धुरी में शामिल नहीं होगा क्योंकि भारत स्वयं एक ताकतवर देश और बड़ी आर्थिक शक्ति है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया के समक्ष मौजूदा बड़ी चुनौतियों का समाधान बिना भारत के सहयोग के नहीं हो सकता।

विदेश मंत्री ने पूरी दुनिया को सिर्फ अपने नजरिए से देखने के यूरोपीय देशों के रवैये को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भारत अपने हितों के मुताबिक ही आगे बढ़ेगा। जयशंकर अभी चेक गणराज्य और स्लोवाकिया की यात्रा पर हैं। स्लोवाकिया यात्रा के दौरान बेहद प्रतिष्ठित ब्रास्तीस्लावा फोरम में हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री बदलते वैश्विक हालात पर पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि जब दुनिया में दो धुरी बनने के संकेत हैं जिसमें एक अमेरिका व पश्चिमी देशों की होगी और दूसरी चीन व रूस की होगी तो भारत किस तरफ होगा। जयशंकर का जवाब था, मैं इस बात से असहमत हूं कि भारत को किसी धुरी में शामिल होने की जरूरत है। मैं इस बात को भी खारिज करता हूं कि अगर मैं एक समूह के साथ नहीं हूं तो दूसरे समूह के विरोध में हूं।

जयशंकर ने इस बयान को भी खारिज किया कि भारत तटस्थ है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी जमीन पर है। आज दुनिया में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियां हैं और इनका समाधान या तो भारत से निकलेगा या भारत इससे निपटने में अहम योगदान देगा। इस दौरान जयशंकर ने यूक्रेन-रूस के हालात को भारत और चीन से जोड़ने की कोशिशों को भी खारिज किया। चीन के साथ जारी तनाव के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारत इस कठिन रिश्ते में अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम है। अगर वैश्विक हालात से मैं सीख लेने की कोशिश करता हूं तो इससे मदद मिलेगी, लेकिन एक जगह विवाद में मैं मदद करता हूं तो मुझे दूसरे विवाद में मदद मिलेगी, दुनिया ऐसे नहीं चलती।

जयशंकर ने कहा कि चीन दूसरी जगह की घटनाओं से सीख लेकर यह तय नहीं करेगा कि उसे भारत के साथ किस तरह का व्यवहार करना है या नहीं करना है। भारत और चीन में तनाव यूक्रेन-रूस विवाद के पहले से जारी है। जयशंकर का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई देश यूक्रेन-रूस के हालात को भारत-चीन तनाव से जोड़कर पेश कर रहे हैं। वे ऐसा बता रहे हैं कि अगर भारत अभी रूस का विरोध नहीं करता है तो भविष्य में चीन के साथ विवाद बढ़ने पर दूसरे देश भारत की मदद नहीं करेंगे।

अपनी समस्या को दुनिया की समस्या मानने की मानसिकता छोड़े यूरोप

जयशंकर ने यूरोपीय देशों को सीख भी दे डाली कि उन्हें इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उनकी समस्या दुनिया की समस्या है, लेकिन दुनिया की समस्या उनकी समस्या नहीं है। यूरोप एशिया की कई समस्याओं पर चुप्पी साधे रहता है। आज एशिया में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जिस पर यूरोपीय देश कुछ नहीं बोल रहे। ऐसे में एशिया के लोग यूरोप पर किसी तरह का भरोसा क्यों करेंगे। वैसे भी दुनिया में बहुत कुछ बदल रहा है। दुनिया हमेशा यूरोप केंद्रित नहीं रह सकती।

यूरोपीय देश रूस से तेल खरीद सकते हैं तो दूसरे क्यों नहीं

विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले पर सवाल उठाने वाले यूरोपीय देशों को भी कठघरे में खड़ा किया और सवाल किया कि क्यों यूरोपीय देश रूस से तेल और गैस खरीद सकते हैं, लेकिन दूसरे देश नहीं खरीद सकते। यह कैसे कहा जा सकता है कि भारत से जो पैसा रूस को जा रहा है उसी का इस्तेमाल युद्ध के लिए हो रहा है, यूरोपीय देशों के पैसे का नहीं।

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मानवाधिकार को लेकर सऊदी अरब पर अपना रुख नहीं बदलने वाला : बाइडन

रेहोबोथ बीच (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने प्रमुख तेल उत्पादकों द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए सऊदी अरब की प्रशंसा होने के बावजूद वहां मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपने विचार नहीं बदले हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बाइडन ने सऊदी अरब को मानवाधिकार हनन को लेकर अलग-थलग करने का संकल्प जताया था।

बाइडन ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि वह भविष्य में सऊदी अरब जाएंगे या नहीं, लेकिन उनकी फिलहाल वहां का दौरा करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने माना कि वह आगे चलकर इजराइल और सऊदी अरब सहित कुछ अरब देशों के नेताओं से मिलने की उम्मीद करते हैं।

हालांकि, व्हाइट हाउस राष्ट्रपति की इस यात्रा की योजना को लेकर अधिक स्पष्ट नजर आता है। योजना से वाकिफ व्हाइट हाउस के एक व्यक्ति ने कहा कि बाइडन ने सऊदी अरब के साथ-साथ इजराइल का दौरा करने का फैसला किया है और वह संभवतः इस महीने यूरोप में कई शिखर बैठकों के लिए पहले से निर्धारित अपने यात्रा कार्यक्रम के बीच इन देशों में जा सकते हैं। हालांकि, उनके यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

सऊदी अरब की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर बाइडन ने संवाददाताओं से कहा, देखिए, मैं वहां मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपने विचार नहीं बदलने जा रहा हूं। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अगर मैं शांति लाने की दिशा में कुछ कर सकता हूं तो जरूर करूंगा। मैं यही करने की कोशिश कर रहा हूं।

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बाइडन ने शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के क्रूर तरीकों की आलोचना की थी और अमेरिका के पत्रकार जमाल खाशोगी की 2018 की हत्या के लिए सउदी अरब को अलग-थलग करने का संकल्प जताया था। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कहा है कि शहजादे सलमान ने खाशोगी को मंजूरी दी थी।

इससे पहले, व्हाइट हाउस ने ओपेक प्लस समूह के तेल उत्पादन के संकल्प को हासिल करने में सऊदी अरब की भूमिका की प्रशंसा की थी। वहीं, बाइडन ने यमन के साथ सात साल से जारी युद्ध में 60 दिनों के संघर्ष-विराम विस्तार पर सऊदी अरब के इस सप्ताह सहमति जताने को साहसिक नेतृत्व का प्रदर्शन बताते हुए इस कदम की सराहना की थी।

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