शिक्षा

निजी स्कूलों की बढ़ी छुट्टियां, इस तारीख से शुरू होगी पढाई…

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ में स्कूल खोलने का लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों में छुट्टियां बढ़ा दी है। जिसके चलते अब स्कूल 16 जून से नहीं खुलेंगे। हालांकि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल 16 जून से खुल जाएंगे।

निजी स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने का नया आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया है। वहीं अब निजी स्कूल 20 जून से खोलने की तैयारी में है। इसे लेकर पालकों को मैसेज भेजा जा रहा है। इधर सरकारी स्कूलों में 16 जून से प्रवेशोत्सव मनाया जाएगा।
 
छत्तीसगढ़ में 16 जून से सभी सरकारी स्कूल बच्चों के लिए खुल जाएंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इसकी जानकारी दी है। मंत्री ने बताया कि 16 जून से पूरे प्रदेश में स्कूल का संचालन शुरू हो जाएगा। मंत्री ने प्रदेश में बेहतर संचालन के लिए अधिकारियों को निर्देश भी जारी किया है।
 
बता दें कि कोरोना के कारण बीते 2 साल से स्कूल का संचालन प्रभावित हुआ है। वहीं अब नए शिक्षण सत्र में राज्य सरकार ने पूरी तैयारी की है। बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट जारी होने के बाद शिक्षा विभाग स्कूलों के संचालन का लेकर तैयारियों में जुट गई थी। वहीं अब कल से तय स्कूल खुलने के साथ ही नए शिक्षण सत्र की शुरूआत हो जाएगी।
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स्कूल खुलने पर शेष छात्रों को शासकीय योजनाओं का मिलेगा लाभ

 पुस्तक, ड्रेस और साइकिल का किया जाएगा वितरण

 
रायपुर  (छत्तीसगढ़ दर्पण)। शासन के निर्देशानुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को पुस्तक और ड्रेस का विभागीय योजना के तहत किया जा रहा है।

विभागीय योजनाओं के तहत छात्रों को पुस्तक और ड्रेस का वितरण प्रारंभ किया जा चुका है।जिले के सभी विकासखंडों में छात्रों के लिए पुस्तक उपलब्ध कराया जा चुका है।इसी तरह छात्रों के लिए ड्रेस धरसींवा विकासखंड में भेजा जा चुका है तथा शेष विकासखंडो में हथकरघा से मिलने पर स्कूलों को उपलब्ध कराया जाएगा।इसी तरह छात्रों को स्कूल आने जाने के लिए साइकिल का वितरण शासन से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने पर निर्देशानुसार यथाशीघ्र किया जाएगा।

जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन.बंजारा ने बताया कि छात्रों को पुस्तक और ड्रेस का वितरण अवकाश अवधि में भी किया गया है।जिन छात्रों को पुस्तक नही मिला है,उन्हें स्कूल खुलने के दिन वितरित कर दिया जाएगा।इस संदर्भ में सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।जिन स्कूलों में ड्रेस और पुस्तक वितरण पिछड़ा है, उन स्कूलों के प्राचार्यों को वितरण प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए है।वितरण की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी मांगी गई है।
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राज्य ओपन स्कूल: हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी परीक्षा आयोजन की कार्ययोजना


रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी परीक्षाओं के आयोजन के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसके अनुसार प्रत्येक वर्ष परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।कार्ययोजना के अनुसार अप्रैल की परीक्षा के लिए सामान्य परीक्षार्थी से 16 जुलाई से 31 दिसम्बर तक सामान्य शुल्क और 01 जुलाई से 15 जुलाई तक विलंब शुल्क की तिथियां निर्धारित की गई हैं। अवसर परीक्षा- माह सितम्बर में परीक्षा परिणाम जारी होने के अगले दिवस से 31 दिसम्बर तक सामान्य शुल्क और 01 जनवरी से 15 जनवरी तक विलंब शुल्क के साथ निर्धारित किया गया है।

इसी प्रकार सितम्बर में परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आवेदन की तिथियां सामान्य परीक्षार्थी के लिए सामान्य शुल्क 16 जनवरी से 30 जून तक और 01 जुलाई से 15 जुलाई तक विलंब शुल्क के लिए निर्धारित किया गया है। अवसर परीक्षा अप्रैल में परिणाम जारी होने के अगले दिन से 30 जून तक सामान्य शुल्क और 01 जुलाई से 15 जुलाई तक विलंब शुल्क तक परीक्षा आवेदन फॉर्म जमा कर सकेंगे।

सचिव छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल ने बताया कि मुख्य परीक्षा 2022 के अनुत्तीर्ण छात्र अवसर परीक्षा के लिए 11 जून 2022 से ऑनलाइन पोर्टल पर अध्ययन केन्द्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं एवं ऐसे छात्र जो छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की परीक्षा में प्रथम बार आवेदन करना चाहते हैं वे भी 11 जून 2022 से मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की सामान्य शुल्क के साथ अंतिम तिथि 30 जून तक है। विलंब शुल्क के साथ परीक्षा आवेदन की तिथि 01 जुलाई से 15 जुलाई तक है।
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स्कूलों में नवीन शिक्षा सत्र 16 जून से

कोई भी बच्चा शाला त्यागी और अप्रवेशी न रहे: स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम

स्कूल शिक्षा मंत्री ने मंत्रियों, संसदीय सचिव, सांसद, विधायक, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा पत्र

जनप्रतिनिधि शामिल हों शाला प्रवेश उत्सव में

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)।  स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए नवीन शिक्षा सत्र 16 जून से प्रारंभ हो रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस संबंध में सभी मंत्रियों, संसदीय सचिव, सांसद, विधायक, नगरीय निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र लिख यह अपेक्षा की है कि कोई भी बच्चा शाला त्यागी और अप्रवेशी न रहे। इस संबंध में सभी जनप्रतिनिधि स्कूलों में नियमित उपस्थिति के लिए विशेष प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हम सब मिलकर इस सत्र से स्कूली शिक्षा में अपेक्षा अनुरूप परिवर्तन लाने में सफल होंगे।

मंत्री डॉ. टेकाम ने सभी जनप्रतिनिधियों से कहा है कि प्रवेश उत्सव में अवश्य सहभागी बनें और अपने-अपने क्षेत्र की शालाओं में प्रवेशोत्सव को यादगार रूप में मनाते हुए अपनी सहभागिता देकर पालकों को शासकीय शालाओं में बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदाय करने के लिए आश्वस्त करें। हमारे शिक्षकों ने मेहनत से शैक्षणिक सामग्री तैयार की है जो उपयोगी सिद्ध होगी।

मंत्री डॉ. टेकाम ने अपने पत्र में कहा है कि ये सभी स्कूल हम सभी के हैं और हम सबको मिलकर ही इन स्कूलों को चलाना है। इस वर्ष हम उम्मीद करते हैं कि हमारे राज्य में अधिक से अधिक पालक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजें और प्रवेश दिलवाएं। इसके लिए हम सब को अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित शालाओं पर लगातार नजर रखते हुए उसमें पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार हेतु आवश्यक प्रयास करना है। सभी को मालूम है कि विगत वर्षाे में कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई है। इस वर्ष हम समय पर स्कूल खोल पा रहे है और आशा करते है कि पूर्व की भांति पूरे जोर-शोर से स्कूल का संचालन होगा और हमारे बच्चे पढ़ने-लिखने-सीखने की दक्षता प्राप्त कर लेंगे।
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दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पुरस्कार राशि का वितरण

 बिलासपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला स्तरीय स्वीप कोर कमेटी कार्यक्रम के अंतर्गत ‘‘मेरा वोट मेरा भविष्य है, एक वोट की शक्ति’’ की थीम पर दिव्यांग छात्राओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाईन माध्यम से नारा लेखन, पोस्टर डिजाईन, गीत गायन तथा लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी। इन प्रतियोगिताओं में प्रवीण्य सूची में आने वाले दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पुरस्कार राशि का वितरण किया गया।

इन प्रतियोगिताओं में कक्षा 10 वीं के दिव्यांग छात्र लवसिंह राजपूत, ऋषि अग्रवाल, कु. अरूणिमा रॉय, कु. पूर्णिमा कौशिक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार कक्षा 12वीं के शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय तिफरा के छात्र दयाशंकर साहू ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 12वीं की शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय तिफरा की छात्रा वंशिका कैवर्त ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दिव्यांग छात्र-छात्राओं को 3 हजार रूपए की राशि, दूसरा स्थान प्राप्त करने पर 2 हजार रूपए की राशि तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने पर 01 हजार रूपए की राशि वितरित की गई। पुरस्कार राशि का वितरण प्रभारी संयुक्त संचालक श्रीमती सरस्वती रामेश्वरी तथा प्रशांत मोकासे द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम में जिला कार्यालय समाज कल्याण बिलासपुर के लेखापाल जी.आर. चन्द्रा, मनोज शर्मा, कु. आकांक्षा साहू, अजय कुमार धुर्वे, सौरभ दीवान, शिवरचरण यादव एवं समस्त शासकीय एवं स्वैच्छिक संस्था के कर्मचारी उपस्थित रहे।
 
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यूपीएससी में चयन के लिए जगह बाधा नहीं, भाषा बाधा नहीं, कोचिंग की बाधा नहीं और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं की भी बाधा नहीं

 बीआईटी दुर्ग में जुटे पांच यूपीएससी टापर ने अपने अनुभव किये साझा बताया सोशल मीडिया से दूर रहे, मौलिक मटेरियल से की पढ़ाई

दुर्ग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूपीएससी में चयन के लिए जगह की बाधा नहीं होती। रायपुर से पढ़कर भी सलेक्शन होता है। बिना कोचिंग के भी सलेक्शन होता है। हिंदी मीडियम से भी सलेक्शन होता है और इसके लिए जरूरी नहीं कि सबसे प्रतिष्ठित संस्थाओं से आपने पढ़ाई की हो। दुर्ग में पांच टापर्स जुटे और सब अलग-अलग एजुकेशन फील्ड थे, सबने कहा कि अपने पसंद का सबजेक्ट चुनो और खूब पढ़ो। टापर श्रद्धा शुक्ला ने कहा कि वो रायपुर से हैं उन्होंने कोचिंग नहीं ली और मौलिक मटेरियल पढ़ा। रायपुर से ही पढ़ाई भी की।

पूजा ने बताया कि वो मगरलोड से हैं घर में इंटरनेट का कवरेज ही नहीं। इंटरनेट चाहिए तो ऊपर छत पर जाना पड़ता है। फिर भी चयन में इसके लिए कोई बाधा नहीं आई। पूजा ने बताया कि उन्हें लगा कि सोशल मीडिया तो सबसे ज्यादा बाधक है पढ़ाई के लिए और तीन साल तक सोशल मीडिया देखा ही नहीं। उन्होंने कहा कि पहले दो अटेम्प खराब हुए लेकिन हिम्मत नहीं हारी। निगेटिव लोगों से दूर रही। पाजिटिविटी आपके अंदर है इसके लिए मसूरी जाकर मोटिवेशन नहीं लेना पड़ता, ऐसा मोटिवेशन टिकता नहीं है। अभिषेक अग्रवाल ने कहा कि जाब में हैं इसलिए समय मैनेज करना पड़ा। कोई जाब के साथ भी पढ़ाई कर सकता है। अक्षय पिल्लै ने कहा कि इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट लेकर भी चयनित हुआ जा सकता है। कोई भी विषय हो, उसमें आपकी पकड़ मायने रखती है। दिव्यांजलि ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी मैराथन दौड़ के जैसी है। इसमें सही रणनीति रखना बहुत जरूरी है।

कलेक्टर ने भी अपने अनुभव साझा किये : कार्यशाला में कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भी अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने बताया कि जिस तरह साढ़े तीन घंटे आप लोग लगातार धैेर्य से आज टापर्स को सुन रहे हैं। कुछ वर्षों पहले मैंने भी ऐसे ही एक कार्यशाला अटेंड की थी जिसमें खड़े हुए साढ़े तीन घंटे टापर्स को सुना था। जहां आपके इंटेलीजेंस की सीमा होती है वहां से हार्डवर्क काम करना शुरू कर देता है।
एसपी ने साझा किये अपने अनुभव- एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने भी अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने कहा कि हार्ड वर्क का कोई विकल्प नहीं है। स्मार्ट वर्क की शुरूआत भी हार्ड वर्क से हुए अनुभवों से होती है। कोई यूपीएससी की तैयारी करें तो उसे पूरी तौर पर समर्पित होकर तैयारी करनी होगी। जब तक पूरे संकल्प से अपनी शक्ति इसमें झोंक नहीं देंगे, तब तक सफलता नहीं मिलेगी लेकिन सही रणनीति से यदि कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता तय है।
 
प्रतिभागियों ने भी पूछे प्रश्न- इस दौरान प्रतिभागियों ने भी प्रश्न चयनित अभ्यर्थियों से पूछे। कार्यशाला के अंत में अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज की कार्यशाला से निश्चित रूप से ही अभ्यर्थियों को सहयोग मिला होगा। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर जागेश्वर कौशल, लवकेश ध्रुव और उप संचालक जनशक्ति नियोजन राजकुमार कुर्रे भी मौजूद थे।
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आरटीई में ऑनलाईन लॉटरी की पारदर्शी प्रक्रिया से निजी विद्यालयों में प्रवेश

प्रथम लॉटरी में शेष रहे आवेदकों को पृथक से वेटिंग नंबर नहीं दिया जाता

विद्यार्थियों के चयन की सूचना पालकों के मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से

प्रथम चरण में 16 हजार 686 विद्यार्थियों का चयन


रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) अंतर्गत अलाभान्वित समूह के विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। प्रदेश में यह प्रक्रिया वर्ष 2018 से प्रारंभ की गई है। प्रवेश के लिए ऑनलाईन लॉटरी की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो कि पूर्णतः आरटीई पोर्टल के माध्यम से स्वमेव होता है, यह एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाने वाली कार्यवाही है। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई मानवीय दखल नहीं है और स्कूल शिक्षा विभाग के किसी भी स्तर के कर्मचारी-अधिकारी का कोई हस्तक्षेप मान्य नहीं है।

संचालक लोक शिक्षण ने बताया है कि शासन के नियम निर्देशों के अनुसार आरटीई के तहत विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में प्रवेश देने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए जाने के बाद प्राप्त आवेदनों को नोडल अधिकारी द्वारा दस्तावेजों की जांच की जाती है। दस्तावेज परिक्षण के दौरान जो आवेदन सही पाए जाते हैं उन्हीं आवेदनों को नोडल अधिकारी द्वारा मान्य किया जाता है।  इसके बाद ऑनलाईन लॉटरी की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो कि पूर्णतः आरटीई पोर्टल के माध्यम से स्वमेव होता है, यह एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाने वाली कार्यवाही है। इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई मानवीय दखल नहीं है और स्कूल शिक्षा विभाग के किसी भी स्तर के कर्मचारी-अधिकारी का कोई हस्तक्षेप मान्य नहीं है।

प्रथम चरण में लॉटरी के बाद संबंधित विद्यालय की सीट नही भरने की स्थिति में पुनः नवीन आवेदन  आमेंत्रित करते हुए शेष आवेदकों को भी संशोधन का विकल्प दिया जाता है, ताकि आवेदक द्वारा चाहे गए विद्यालयों में सीट भरने की स्थिति में अन्य विद्यालयों का चयन कर सकें। तत्पश्चात उन आवेदकों को भी आगामी लॉटरी प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। प्रथम लॉटरी में शेष रहे आवेदकों को पृथक से वेटिंग नंबर नहीं दिया जाता है। विद्यार्थी के चयन के बाद पालकों को मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाता है। इस प्रकार निजी स्कूलों की सम्पूर्ण सीट भर जाने के बाद शेष आवेदकों को सीट का आबंटन नहीं होता है।

संचालक लोक शिक्षण संचालनालय में सर्व संबंधितों को सूचित किया है कि वे अपने पाल्यों को निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए अनुचित माध्यमों से प्रयास करने से बचें और किसी प्रकार की कोई भ्रांति में भी न आएं।

प्रदेश में आरटीई के तहत वर्ष 2022-23 में निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण में 9 जिलों - रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुंद, कोरिया, बेमेतरा, सुकमा, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले में लॉटरी के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इन 9 जिलों के लिए 39 हजार 521 आवेदन प्राप्त हुए, जहां 23 हजार 471 आरक्षित सीटों के विरूद्ध 16 हजार 686 विद्यार्थियों का चयन हुआ।

प्रदेश के 12 जिलों बिलासपुर, कोरबा, बलौदाबाजार, मुंगेली, धमतरी, कवर्धा, बस्तर, शिक्षा जिला सक्ती, कांकेर, जशपुर, बलरामपुर और बीजापुर में नोडल अधिकारियों के द्वारा दस्तावेज सत्यापन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इन जिलों की लॉटरी की प्रक्रिया को आगामी 2-3 दिनों में पूर्ण कर लिया जाएगा। प्रथम चरण की लॉटरी एवं सीट आबंटन के लिए 15 जून 2022 की तिथि निर्धारित की गई है। शेेष 8 जिलों में दस्तावेज सत्यापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।   

 

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एकलव्य के अधीक्षकों को प्रबंधन का प्रशिक्षण : ‘छात्रावासों के कुशल प्रबंधन‘ एवं ‘विद्यार्थियों के मनो-सामाजिक देखभाल‘ प्रशिक्षण पर कार्यशाला प्रांरभ

 

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्रावास अधीक्षकों (वार्डन) का ‘छात्रावासों के कुशल प्रबंधन‘ एवं प्रभावी संचालन तथा ‘विद्यार्थियों के मनो-सामाजिक देखभाल‘ पर क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा रायपुर में प्रारंभ हुआ। यह छह दिवसीय प्रशिक्षण 13 जून तक चलेगा। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रायोजित किया गया है, जिसमें मानस फाउंडेशन एवं यूनीसेफ के विशेषज्ञों द्वारा विशेष सहयोग दिया जा रहा है।


आदिम जाति विभाग के अपर संचालक श्री संजय गौड़ ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के उद्देश्य एवं शासन की प्रतिबद्धता विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्रावासों के कुशल प्रबंधन एवं अच्छी अधोसंरचना के विकास पर जोर दिया। उन्होंने छात्रावास परिसर में सभी नस्तियों का उचित संधारण किए जाने पर बल दिया, जिससे सभी कार्य नियमानुसार सही समय पर किए जा सकें। श्री गौड़ ने कहा कि कार्यस्थल पर बच्चों के बीच छात्रावास अधीक्षकों को पूर्ण ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठता से अपने कार्य को पूर्ण करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं हो।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए नवोदय विद्यालय माना रायपुर के प्राचार्य श्री यू.पी. पाणि ने छात्रावास के भोजन संधारण एवं अभिलेख संधारण विषय तथा छात्रावासी विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास में छात्रावास अधीक्षकों (वार्डन) की भूमिका तथा व्यावहारिक समस्याएं एवं समाधान विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने छात्रावासी बच्चों में आत्मविश्वास एवं छात्रावास अधीक्षक के प्रति विश्वास की भावना पैदा करने पर जोर दिया, जिससे बच्चे खुलकर अपनी समस्याओं को अधीक्षक के सम्मुख रख सकें।


आदिम जाति विभाग के उपायुक्त श्री प्रज्ञान सेठ ने बताया कि प्रत्येक बच्चे में अलग-अलग गुण होते हैं अतः उनकी रूचि अनुसार उस पर फोकस किया जाना चाहिए। कोई बच्चा पढ़ाई में प्रवीण होता है, तो कोई खेलकूद में अतः उन पर उसी अनुसार ध्यान दिए जाने की जरूरत है, जिससे उनका समग्र विकास संभव हो सके।


छत्तीसगढ़ में यूनीसेफ की पोषण विशेषज्ञ डॉ. अर्पणा देशपाण्डे ने जनजातीय छात्रावासों के भोजन मेनू में स्थानीय उपलब्ध पौष्टिक खाद्य पदार्थों का उपयोग कैसे हो, विषय पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने छात्रावास अधीक्षकों को पौषणयुक्त भोजन एवं छात्रावासी बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण पर बल दिया। अंतिम सत्र में विद्यार्थियों का कॅरियर काउंसलिग की आवश्यकता विषय पर रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त संचालक श्री ए.ओ. लारी ने विस्तार से जानकारी दी।

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मिडिल स्कूलों में जेण्डर असमानता दूर करने चलाया जाएगा कार्यक्रम

यूनिसेफ और एस.सीआर.टी के सहयोग से पायलेट बेसिस पर  राजनांदगांव और दंतेवाड़ा में संचालित होगा कार्यक्रम

मास्टर ट्रेनर्स का 4 दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। स्कूली बच्चों के मन में जेण्डर असमानता को मिटाने और उनमें आत्म सम्मान और शारीरिक आत्मविश्वास बढ़ाने और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जानकारी साझा करने के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। यह कार्यक्रम पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद और छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के सहयोग से राजनांदगांव और दंतेवाड़ा में चलाया जाएगा। सेल्फ ईस्टीम एण्ड बॉडी कान्फिडेंस आफ स्टूडेंट नाम से चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम में मिडिल स्कूल के बच्चों को इस कार्यक्रम के जरिए जेण्डर असमानता को दूर करने और अपने शारीरिक क्षमताओं और जेण्डर भेद के विभिन्न मुद्दों पर समझ विकसित करने के साथ साथ उनमें आत्म सम्मान और आत्मविश्वास विकसित करने संबंधी जानकारी दी जाएगी।

राज्य शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद, छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के सहयोग से राजनाँदगांव और दंतेवाड़ा जिले के कक्षा 6 से कक्षा 8 के किशोर-किशोरी बालक एवं बालिकाओं हेतु Self-esteem and body confidence of Students  विषय पर मास्टर ट्रेनर्स का चार दिवसीय  प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण उपरांत राजनांदगांव और दंतेवाड़ा जिले के 13 ब्लॉक के 1015 शालाओं के 4241 शिक्षकों का प्रशिक्षण, 13 जून से प्रारंभ किया जायेगा। यूनिसेफ यह कार्यक्रम नदपसमअमत के साझेदारी के साथ छत्तीसगढ़ में संचालित कर रहा है। कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य किशोर-किशोरी बालक-बालिकाओं को जेण्डर असमानताओं, और शारीरिक क्षमताओं से संबंधित विषयों पर समझ विकसित करने के साथ ही  छात्रों में आत्मविश्वास और क्षमता का निर्माण करना है।

प्रशिक्षण के शुभारंभ में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के डायरेक्टर राजेश सिंह राणा ने कहा कि, सामान्य तौर पर इस विषय पर प्रशिक्षण नहीं होता है। बच्चों को अपने अनुभव से ही इस तरह के विषयों को सीखना पड़ता है। अगर बच्चों से इन विषयों पर चर्चा की जाए तो बच्चों के अंदर सकारात्मकता का विकास होगा। एससीईआरटी ने यह विचार किया है कि 2 जिलों में इस प्रशिक्षण की सफलता के उपरांत इन विषयों को छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के शालाओं में लागू करेगा।

यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जॉब जकारिया ने कहा कि इस विषय पर यूनिसेफ भारत में 8 राज्यों के साथ प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक शोध से पता चलता है कि भारत में लगभग 78 प्रतिशत किशोरी बालिकाएं एवं 54 प्रतिशत बालक-बालिकाएं ऐसे हैं जो अपने शरीर की छवि से खुश नहीं है जिसे Body Image Dissatisfaction (शारीरिक छवि असंतोष) कहा जाता है। शारीरिक छवि को लेकर बच्चों में इस तरह की सोच न केवल उनके आत्म-सम्मान, मानसिक स्वास्थय बल्कि उनकी शिक्षा पर भी प्रभाव डालता है। हमारे समाज में ऐसे बहुत सारी मान्यताएं हैं जो जेंडर भेद को बढ़ावा देती हैं जैसे केवल माता ही एक अच्छी रसोईया होती या माता ही बच्चों को स्नेह करती हैं जबकि एक पिता भी अच्छा खाना बना सकते हैं और वह भी बच्चों से उतना स्नेह कर सकते हैं जितना की एक माता। हमें समाज में इस तरह की जेंडर स्टेरियोटाइप रूढ़िबद्ध धारणा को भी बदलना आवश्यक है।

एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने प्रशिक्षण में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि शालाओं या महाविद्यालयों में अतिरिक्त विषयों को बालक एवं बालिकाओं हेतु अलग-अलग रखा जाता है जो कि जेंडर भेद को उजागर करता है। हमें इस तरह के जेंडर भेद को भी सुधारने की आवश्यकता है।

यूनिसेफ के चाइल्ड प्रोटेक्शन की स्पेशलिस्ट सुश्री चेतना देसाई ने कहा कि वर्तमान में बच्चे सोशल मिडिया से भी काफी प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों में सोशल मिडिया रू फेसबुक एवं इन्स्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म भी बच्चों में अपने बॉडी इमेज को लेकर सवेंदनशील बना रहा है। बच्चे अपने शारीरिक दिखावे और सोशल मिडिया में अपने फालोवर्स को लेकर काफी सवेंद्नशील हो गए हैं।

इस चार दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण यंग लाइव्स के तकनीकी प्रशिक्षक डॉ. शारदा कुमारी, डॉ. महीका नंदा और सुश्री सल्तनत खान द्वारा किया गया। एससीईआरटी से कार्यक्रम की प्रकोष्ठ प्रभारी श्रीमती पुष्पा चंद्रा, श्री सुनील मिश्रा (एससीईआरटी फैक्लटी) का सहयोग प्रशिक्षण के सफल आयोजन हेतु रहा। राज्य साक्षरता मिशन एवं नोडल अधिकारी स्टेट मिडिया सेंटर श्री प्रशांत पाण्डेय भी शामिल हुए। प्रशिक्षण में यूनिसेफ से गार्गी परदेसी एवं रंजू मिश्रा ने भी सहयोग दिया।

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ओपन स्कूल परीक्षा परिणाम घोषित: हाई स्कूल में 53.7 प्रतिशत, हायर सेकेण्डरी में 64.3 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी सर्टिफिकेट मुख्य एवं अवसर परीक्षा 2022 का परीक्षा परिणाम आज घोषित कर दिया गया। हाई स्कूल की परीक्षा में 53.7 प्रतिशत और हायर सेकेण्डरी की परीक्षा में   64.3 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षा परिणाम छात्र वेबसाईट http://www.sos.cg.nic.in और http://www.results.cg.nic.in से प्राप्त कर सकते हैं।


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने परीक्षा में सफल सभी परीक्षार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने परीक्षा में असफल हुए विद्यार्थियों से कहा है कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है इसको ध्यान में रखते हुए वे निराश न हों और पुनः मेहनत से पढ़ाई करके सफलता प्राप्त करें।


हाई स्कूल सर्टिफिकेट मुख्य एवं अवसर परीक्षा में कुल 42 हजार 156 छात्रों का पंजीयन हुआ, जिसमें 36 हजार 411 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। 15 परीक्षार्थियों का परीक्षाफल विभिन्न कारणों से रोका गया है। इस परीक्षा में 36 हजार 396 परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम जारी किया गया। परीक्षा में 19 हजार 318 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए और परीक्षाफल 53.7 प्रतिशत रहा।


इसी प्रकार हायर सेकेण्डरी  सर्टिफिकेट मुख्य एवं अवसर परीक्षा में कुल 73 हजार 41 छात्रों का पंजीयन हुआ, जिसमें 67 हजार 895 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। 30 परीक्षार्थियों का परीक्षाफल विभिन्न कारणों से रोका गया है। आर.टी.डी. योजना के अंतर्गत 13 हजार 706 छात्र परीक्षा में सम्मिलित हुए, जिनका परीक्षा परिणाम अगले वर्ष घोषित किया जाएगा। शेष 54 हजार 163 परीक्षार्थियों का परीक्षा परिणाम जारी किया गया। परीक्षा में 34 हजार 683 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए और परीक्षाफल 64.3 प्रतिशत रहा।
सचिव छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल ने बताया कि इन परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र आगामी परीक्षा के आवेदन फार्म अपने अध्ययन केन्द्र में जमा कर परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं।

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छत्त्तीसगढ़ में बीते तीन सालों में शिक्षा के क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति

 प्रधानमंत्री ने जशपुर के शिक्षक और नीति आयोग ने समय-समय पर राज्य में शिक्षा में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों को सराहा है

बीजापुर और सुकमा में वर्षों से बंद लगभग 200 स्कूल छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल पर फिर से प्रारंभ हुए

“स्कूली शिक्षा की राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे छदम आंकड़ेबाजी का दस्तावेज“

कोरोना महामारी के बावजूद छत्तीसगढ़ में विगत तीन वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “मन की “बात“ में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के शिक्षक श्री विरेन्द्र भगत की प्रशंसा की है। नीति आयोग ने समय-समय पर सुकमा, दंतेवाड़ा, जशपुर आदि जिलों में शिक्षा में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की है। बीजापुर एवं सुकमा जिलों में पूर्व में माओवादियों द्वारा बंद कराये गये लगभग 200 स्कूलों को राज्य सरकार के विशेष प्रयासों से फिर से खोला गया हैं। छत्तीसगढ़ के ऑनलाईन शिक्षा पोर्टल “पढ़ाई तुंहर दुआर“ पर 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों तथा 2 लाख से अधिक शिक्षक पंजीकृत हैं और लगातार शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी की गई स्कूली शिक्षा की राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की रिपोर्ट पर शिक्षाविदों ने अनेक प्रश्नचिन्ह लगाए हैं। यह सर्वेक्षण ऐसे समय पर आयोजित किया गया था, जब कोरोना महामारी के कारण स्कूल दो वर्षों से भी अधिक समय से बंद थे। इतना ही नहीं सर्वेक्षण में बच्चों की उपलब्धि ओ.एम.आर. शीट भरवाकर मापी गई है। कक्षा तीन और पांच के छोटे बच्चों को ओ. एम. आर. शीट भरना ठीक प्रकार से नहीं आता, इसलिये इस प्रक्रिया से उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों का मापन करना संभव नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस सर्वेक्षण में बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों को न मापकर ओ.एम.आर. शीट भरने के कौशल की माप की गई है।

इस सर्वेक्षण के कुछ आंकड़े बहुत चौकाने वाले हैं। उदाहरण के लिये- कक्षा तीन में भाषाई कौशल में 323 के राष्ट्रीय औसत के विरूद्ध जहां छत्तीसगढ़ को 301 अंक प्राप्त हुये हैं वहीं राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को भी केवल 302 अंक प्राप्त हुये हैं। इसी प्रकार गणित में 306 के राष्ट्रीय औसत की तुलना में छत्तीसगढ़ को 283 अंक और दिल्ली को 282 अंक ही मिले हैं। राजधानी दिल्ली की उपलब्धि राष्ट्रीय औसत से इतना कम होना सर्वे की विश्वसनियता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। इसी प्रकार एनएएस तथा यूडीआईएसई के आंकड़ों में भारी अंतर है। उदाहरण के लिये एनएएस के अनुसार छत्तीसगढ़ के केवल 51 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय है, जबकि यूडीआईएसई के अनुसार 96.98 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय है। छत्तीसगढ़ राज्य की “स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय“ योजना को सर्वत्र प्रशंसा मिली है। केन्द्र सरकार का यह सर्वेक्षण गलत समय पर किया गया गलत आंकड़ों से परिपूर्ण सर्वेक्षण प्रतीत होता है।

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स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालयों के लिए 31 मई को होगा वॉक इन इंटरव्यू

 कोऑर्डिनेटर कम काउंसलर के पाँच पदों पर होगा चयन

शासकीय महिला पॉलीटेक्नीक कॉलेज में होगा वॉक इन इंटरव्यू

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण) स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय योजना अंतर्गत रायपुर जिला के पं.आर.डी. तिवारीबी.पी.पुजारीशहीद स्मारकमाना कैम्प तथा नगर माता बिन्नी बाई सोनकर शासकीय अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय भाठागांव रायपुर में कोऑर्डिनेट कम काउंसलर के पद हेतु योग्यताधारी आवेदकों का चयन वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से शाला प्रबंधन एवं संचालन समिति द्वारा निर्धारित एक मुश्त मासिक मानदेय पर किया जाना है। 31 मई को शासकीय महिला पॉलीटेक्नीक कॉलेज बैरन बाजार रायपुर में सबेरे बजे से 10.30 बजे तक पंजीयन, 10.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक दस्तावेजों का सत्यापन तथा 11 बजे से साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा।


जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर ने बताया कि इंटरव्यू का विस्तृत विवरण https://raipur.gov.in पर देखा जा सकता है। कोऑर्डिनेटर कम काउंसलर के पद पर उक्त पाँचो स्कूल में एक-एक पदों के लिए अभ्यार्थियों का चयन किया जाएगा। आवेदक अपने शैक्षणिक एवं व्यवसायिक प्रमाण पत्रों के साथ उक्त साक्षात्कार स्थल में प्रातः बजे अपनी उपस्थिति देकर पंजीयन करा सकते है। उन्होनें बताया कि पृथक से आवेदन नहीं लिए जाएंगे।

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मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम


रायपुर (छ.ग. दर्पण)। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुसार मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर पर किए जाने का आदेश छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी कर दिया गया है। मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम अब स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय के नाम से जाना जाएगा।

उल्लेखनीय है कि नवीन मछली नीति निर्माण कमेटी द्वारा सर्व समिति से मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सहमति उपरांत राज्य शासन द्वारा मात्स्यिकी महाविद्यालय कबीरधाम का नामकरण पद्मश्री स्वर्गीय श्री पुनाराम निषाद के नाम पर किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके लिए छत्त्ीसगढ़ मछुआ समुदाय ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के प्रति आभार जताया है।

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प्रयास के विद्यार्थियों ने 12वीं बोर्ड की परीक्षा में लहराया परचम

कांकेर के छात्र कुणाल ग्वाल ने प्रयास विद्यालयों में किया टॉप

प्रयास के 96 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की

रायपुर (छ.ग. दर्पण)। प्रयास आवासीय विद्यालयों को बच्चों ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-22 में आयोजित कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। परीक्षा में प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों और अनुसूचित क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने कोरोना संक्रमण काल के कारण शिक्षा बाधित रहने के बावजूद 96 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है। उत्तीर्ण विद्यार्थियों में 87 प्रतिशत प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं, वहीं 8 विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित कर उपलब्धि हासिल की हैं।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सचिव श्री डी.डी. सिंह और आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने विद्यार्थियों के इस उपलब्धि पर सभी सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

प्रयास आवासीय विद्यालय कांकेर के छात्र कुणाल ग्वाल ने सर्वाधिक 93.7 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य के सभी प्रयास विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। विशेष उल्लेखनीय है कि छात्र कुणाल ग्वाल ने गणित विषय में 100 में 100 अंक प्राप्त किए हैं।

 

गौरतलब है कि प्रयास आवासीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चयन होता है। इन विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश करने के लिए सक्षम बनाना है। इन विद्यालयों से अब तक 97 विद्यार्थी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी, 261 विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान एवं 44 विद्यार्थियों में राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर विशेष उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा सी.ए., सी.एम.ए में 29 और क्लेट में 3 विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने में सफल रहे हैं। साथ ही राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में अब तक 833 विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने में सफल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के रायपुर में 02, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, कोरबा, जशपुर और जगदलपुर में एक-एक इस तरह प्रकार कुल 9 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है।

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एनएमडीसी प्रवेश परीक्षा में दिखा बेहतरीन प्रदर्शन

एनएमडीसी पॉलिटेक्निक, दंतेवाड़ा के 8 छात्रों का नवरत्न कंपनी एनएमडीसी में चयन, प्रवेश परीक्षा में दिखा बेहतरीन प्रदर्शन


मुख्य महाप्रबंधक श्री पी. के. मजुमदार ने दी छात्रों को बधाई
 
दंतेवाड़ा (छ.ग. दर्पण)। एनएमडीसी  पॉलिटेक्निक, दंतेवाड़ा के छात्रों  का एनएमडीसी किरंदुल प्रोजेक्ट के लिए हुए एमसीओ ग्रेड-3 परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें 8 छात्रों  (इमरान आलम, सलमान सिद्दिकी, पुष्करण, त्रिलोक कुमार निषाद, यश कुमार वर्मा, कृष्णा गोपाल नाग, राहुल तेलामी और  रविंद्र नेताम) का चयन हुआ है।

एनएमडीसी द्वारा बचेली एवं किरंदुल परियोजना के विभिन्न विभागों में एमसीओ ग्रेड-3 में 9 पद के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गयी थी, जिसमें एनएमडीसी पॉलिटेक्निक, दंतेवाड़ा के 8 छात्रों का चयन हुआ है। चयनित अभ्यर्थी इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल ब्रांच से हैं। पिछले कई वर्षों से एनएमडीसी डीएवी पॉलिटेक्निक में प्रसिद्ध कंपनियों का प्लेसमेंट ड्राइव सफलतापूर्वक आयोजन होता आ रहा है जिसमें अनेक छात्र-छात्राओं को रोजगार प्राप्त कर लाभ उठाने का मौका दिया जा रहा है। वर्ष 2010-2015 में 158, वर्ष 2018-19 में 61 तथा वर्ष 2020-21 में 15 छात्र-छात्राओं का चयन प्रसिद्ध कंपनियों में जैसे कि सीएसपीडीसीएल, स्काई ऑटोमोबाइल, कृष्णा मारुती लिमिटेड, यजाकी इंडिया, अशोक लीलैंड इत्यादि में हुआ था। स्वरोजगार व स्वउद्यमी के तौर पर कई छात्र-छात्राओं ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया है।

एनएमडीसी, बचेली अपनी सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से क्षेत्र में अनेक विकासशील योजनायें चला रही है जिसमें से एनएमडीसी पॉलिटेक्निक भी एक है जो कि आदिवासी समुदाय के छात्र-छात्राओं को तकनिकी शिक्षा प्रदान कर उनके जीवन में महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

एनएमडीसी, बचेली परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक श्री पी. के. मजुमदार ने सभी चयनित छात्रों एवं संस्था को बधाई दी और विश्वास जताया कि संस्था के छात्र आगे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और संस्था का नाम रौशन करेंगे। 
 
"इस शिक्षण संस्था की सफलता का श्रेय एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री सुमित देब जी को जाता है जिनके सफल नेतृत्व, निरंतर मार्गदर्शन में, संसथान हेतु पर्याप्त संसाधन प्रदान करने के फलस्वरूप ही यह संस्थान नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है।"
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जवाहर नवोदय विद्यालय, रायपुर में ‘सैमसंग स्मार्ट स्कूल’ का उद्घाटन; छात्रों और शिक्षकों के लिए डिजिटल लर्निंग को दे रहा है मजबूती

 सैमसंग ने जेएनवी रायपुर में दो स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए हैं, प्रत्येक क्लासरूम में 85 इंच और 55 इंच का सैमसंग फ्लिप इंटरैक्टिव डिजिटल बोर्ड, छात्रों के लिए 40 सैमसंग गैलेक्सी टैब, एक प्रिंटर, एक सर्वर पीसी, एक टैबलेट चार्जिंग स्टेशन और पावर बैकअप है।

रायपुर (छ.ग. दर्पण)। भारत के सबसे प्रशंसित ब्रांड सैमसंग ने आज रायपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) स्कूल में अपने फ्लैगशिप ग्लोबल सिटिजनशिप प्रोग्राम सैमसंग स्मार्ट स्कूल का उद्घाटन किया। यह स्मार्ट स्कूल छात्रों को डिजिटल लर्निंग के मौके प्रदान करता हैइसके साथ ही उनकी सीखने की क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद करता है। सैमसंग स्कूल के शिक्षकों के इंटरैक्टिव टीचिंग मैथड को और बेहतर बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दे रहा है।

 

सैमसंग स्मार्ट स्कूल का उद्देश्य सैमसंग के टुगेदर फॉर टुमॉरो!इनेबलिंग पीपल‘ विजन के तहत भारत में मूलभूत सुविधाओं से दूर रहे छात्रों को डिजिटल शिक्षा और परिवर्तन लाने वाले अपने स्वयं के इनोवेशन का लाभ पहुंचाना हैजिससे देश में कल के युवा लीडर्स तैयार हो सकें।

 

इस कार्यक्रम के तहतजेएनवी रायपुर के छात्र सैमसंग द्वारा स्कूल में स्थापित दो स्मार्ट कक्षाओं में उपलब्ध कराए गए आधुनिक डिजिटल लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर का अनुभव प्राप्त करेंगे।

 

इन कक्षाओं मेंपारंपरिक ब्लैकबोर्ड की जगह 85 इंच का सैमसंग फ्लिप इंटरैक्टिव डिजिटल बोर्ड प्रदान किया गया है। इससे छात्रों को सीखने का अधिक रोमांचक और मजेदार माहौल मिलता है। छात्र लेक्चरक्विज़क्लासवर्क और प्रोजेक्ट वर्क में भाग लेने के लिए दूसरे सैमसंग फ्लिप (55-इंच) और सेल्फ स्टडी के लिए प्रत्येक कक्षा में 40 सैमसंग गैलेक्सी टैब का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावाकक्षाओं में एक प्रिंटरएक सर्वर पीसीएक टैबलेट चार्जिंग स्टेशन और पावर बैकअप भी है। 

 

जेएनवी रायपुर के छात्रों के साथ आयोजित एक कार्यक्रम मेंश्री सौरभ कुमारजिला कलेक्टर और वीएमसी अध्यक्षरायपुरश्री बीसी साहूअतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेटरायपुरसुश्री शैलजा पठानियामुख्य प्रबंधक सीएसआरसैमसंग इंडिया और श्री सुभाष महोबियाप्राचार्यजवाहर नवोदय विद्यालयरायपुर द्वारा नए सैमसंग स्मार्ट स्कूल का उद्घाटन किया गया।


श्री सुभाष महोबियाप्राचार्यजवाहर नवोदय विद्यालयरायपुर ने कहा, “हमें खुशी है कि जेएनवी रायपुर सैमसंग स्मार्ट स्कूल कार्यक्रम का हिस्सा हैजो यहां के छात्रों को डिजिटल शिक्षा प्रदान कर रहा है। छात्र सैमसंग स्मार्ट स्कूल का उपयोग करने के लिए बेहद उत्साहित हैं और हम उनकी सीखने की क्षमताओं में सुधार होता देख रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल जो कि इसी कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा हैवह शिक्षकों को आसान विजुअल तरीके से जटिल विषयों को समझाने में भी मदद कर रहा है।”

 

श्री पार्थ घोषवाइस प्रेसिडेंटकॉर्पोरेट सिटीजनशिपसैमसंग इंडिया ने कहाहमारी ग्लोबल सिटीजनशिप पहल सैमसंग स्मार्ट स्कूल भारत के विकास एजेंडे के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है और हम सरकार के साथ मिलकर इसे लागू कर रहे हैं ताकि देश भर में मूलभूत सुविधाओं से दूर रहे छात्रों को डिजिटल शिक्षा के लाभ मिल सकें। जेएनवी रायपुर का सैमसंग स्मार्ट स्कूल छात्रों को डिजिटल लर्निंग से लैस करेगा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने के लिए शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाएगा। यह प्रोग्राम #PoweringDigitalIndia के हमारे विजन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूती प्रदान करता है।”

 

इस साल 10 जेएनवी स्कूलों में सैमसंग स्मार्ट स्कूल कार्यक्रम की घोषणा की गई है। जेएनवी रायपुर के अलावा ग्वालियर, वाराणसी, उदयपुर, कांगड़ा, संभलपुर, फरीदाबाद, देहरादून, पटना और धनबाद के जेएनवी स्कूलों में सैमसंग स्मार्ट स्कूल स्थापित किए गए हैं।  इनमें से कई स्कूल इन शहरों के आसपास के सुदूर ग्रामीण जिलों में स्थित हैं।

 

इस कार्यक्रम में 5,000 से अधिक छात्र शामिल होंगेजिनमें से 40% लड़कियां हैं। साथ ही लगभग 260 शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इनमें से करीब 539 छात्र जेएनवी रायपुर के हैं।

 

इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट के अलावासैमसंग स्मार्ट स्कूल इन स्कूलों के छात्रों के लिए मल्टीपल टच पॉइंट्स के माध्यम से डिजिटल लर्निंग में भी मदद करेगा। इसमें शिक्षक प्रशिक्षणसीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसारकक्षा से 12 तक की सभी कक्षाओं के लिए सार्थक और प्रासंगिक शैक्षिक सामग्री प्रदान करना शामिल हैताकि शिक्षक इन कक्षाओं का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकेंऔर लर्निंग की एक इंटरैक्टिव एवं इमर्सिव प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके।

 

सैमसंग के ग्लोबल सिटिजनशिप विजन टुगेदर फॉर टुमॉरो! इनेबलिंग पीपल‘ के तहतय़ह अगली पीढ़ी को अपनी पूरी क्षमता के साथ विकास करने और सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाने के लिए उन्हें सशक्त बनाना चाहता है। सैमसंग अपनी सिटिजनशिप पहल के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए इनोवेशन का उपयोग करने में विश्वास करता है।

 

 

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स विश्व स्तर पर तीन सिटिजनशिप प्रोग्राम चलाता है – सैमसंग स्मार्ट स्कूलसैमसंग इनोवेशन कैंपस और सॉल्व फॉर टुमॉरो – जिसके माध्यम से यह भविष्य के लीडर्स को तैयार रहा है और उन्हें उन उपकरणों से लैस कर रहा है जिनकी सार्थक बदलाव लाने में उन्हें जरूरत होगी।


 

 

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हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित

 मुख्यमंत्री श्री बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने सफल विद्यार्थियों को दी बधाई

हाई स्कूल में 74.23 प्रतिशत और हायर सेकेण्डरी 79.30 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण

हाई स्कूल में बालिकाओं का प्रतिशत 79.84 और बालकों का प्रतिशत 69.07

हायर सेकेण्डरी में बालिकाओं का प्रतिशत 81.15 और बालकों का प्रतिशत 77.03

शैक्षणेत्तर गतिविधियों में कुल 3 हजार 214 छात्रों को बोनस अंक

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण): छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित हाई स्कूल सर्टिफिकेट मुख्य परीक्षा वर्ष 2022 का परिणाम आज स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा घोषित किया गया। हाई स्कूल में 74.23 प्रतिशत और हायर सेकेण्डरी स्कूल में 79.30 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। हाई स्कूल में बालिकाओं का प्रतिशत 78.84 और बालकों का प्रतिशत 69.07 प्रतिशत है। इसी प्रकार हायर सेकेण्डरी परीक्षा में बालिकाओं का प्रतिशत 81.15 और बालकों का प्रतिशत 77.03 प्रतिशत है।
           मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने परीक्षा में सफल सभी परीक्षार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने परीक्षा में असफल हुए विद्यार्थियों से कहा है कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है इसको ध्यान में रखते हुए वे निराश न हों और पुनः मेहनत से पढ़ाई करके सफलता प्राप्त करें। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव प्रोफेसर व्ही.के.गोयल, मंडल के सदस्य एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।  
           हाई स्कूल की मुख्य परीक्षा में कुल 3 लाख 75 हजार 694 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए। इनमें से 3 लाख 63 हजार 301 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से एक लाख 71 हजार 539 बालक और एक लाख 91 हजार 762 बालिकाएं शामिल हुई। हाई स्कूल की परीक्षा में 3 लाख 63 हजार 007 परीक्षार्थियों के परिणाम घोषित किए गए। घोषित परीक्षा परिणाम में से 2 लाख 69 हजार 478 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए। प्रथम श्रेणी में एक लाख 32 हजार 047 (36.38 प्रतिशत) उत्तीर्ण, द्वितीय श्रेणी मंे एक लाख 18 हजार 130(32.54 प्रतिशत) उत्तीर्ण और तृतीय श्रेणी में 19 हजार 270 (5.31 प्रतिशत) परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। 31 परीक्षार्थी पास श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं और 15 हजार 983 परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता है। विभिन्न कारणों से 294 परीक्षार्थियों के परिणाम रोके गए हैं, इनमें 115 परीक्षार्थियों के परिणाम नकल प्रकरण के कारण रोके गए हैं और 134 परीक्षार्थी का पात्रता के अभाव में परीक्षा आवेदन निरस्त किए गए हैं, 17 परीक्षार्थियों के  परीक्षा परिणाम जांच की श्रेणी में रोका गया है। इसके अतिरिक्त 28 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम बाद में घोषित किए जाएंगे।
            स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.टेकाम ने बताया कि वर्ष 2020 की हाई स्कूल की मुख्य परीक्षा का परिणाम 73.62 था। इस प्रकार गतवर्ष से इस वर्ष के परीक्षा परिणाम में 0.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
            हायर सेकेण्डरी मुख्य परीक्षा 2022 में 2 लाख 92 हजार 611 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए। इनमें से 2 लाख 87 हजार 673 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। इनमें से एक लाख 29 हजार 213 बालक और एक लाख 58 हजार 460 बालिकाएं सम्मिलित हुई। इनमें से 2 लाख 87 हजार 485 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए और 2 लाख 27 हजार 991 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। प्रथम श्रेणी में 85 हजार 124 (29.60 प्रतिशत), द्वितीय श्रेणी में एक लाख 31 हजार 549 (45.75 प्रतिशत) और तृतीय श्रेणी में 11 हजार 303 (3.93 प्रतिशत) परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। पास श्रेणी में 15 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं और 34 हजार 199 परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता है। विभिन्न कारणों से 188 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम रोके गए हैं, इनमें नकल के कारण 07 के परिणाम रोके गए हैं। पात्रता के अभाव में 171 परीक्षार्थी के आवेदन निरस्त किए गए और 04 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम जांच की श्रेणी में रोका गया है। इसके अतिरिक्त 06  परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम बाद में घोषित किए जाएंगे।
              स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.टेकाम ने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर 2022 की मुख्य परीक्षा में समस्त मान्यता प्राप्त संस्थाओं को परीक्षा केन्द्र बनाया गया, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। इस प्रकार प्रदेश में हाई स्कूल परीक्षा में 6 हजार 743, हायर सेकेण्डरी में 4 हजार 43 परीक्षा केन्द्र और 29 समन्वय केन्द्र बनाए गए थे। स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशानुसार शैक्षणेत्तर गतिविधियों में हाई स्कूल परीक्षा में 1571 और हायर सेकेण्डरी में 1643 सहित कुल 3 हजार 214 विद्यार्थियों को बोनस अंक प्रदान किए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार प्रावीण्य सूची में शैक्षणेत्तर गतिविधियों के अंक नही जोड़े जाने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष बोनस अंक को छो़ड़कर अस्थाई प्रावीण्य सूची तैयार की गई है।

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आत्मानंद विद्यालय में शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों के लिए आवेदन 20 मई तक

(छत्तीसगढ़ दर्पण) जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंगेजी माध्यम विद्यालय शासकीय उमावि पावारास सुकमा, कोण्टा और छिन्दगढ़ के शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक पदों पर संविदा पर अंग्रेजी माध्यम के व्याख्याता, प्रधान पाठक, सहायक शिक्षक, सहायक ग्रेड 02 के लिए 20 मई तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। अधिक जानकारी के लिए जिले की आधिकारिक वेबसाइट www.sukma.gov.in का अवलोकन कर सकते हैं।

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