शिक्षा

लक्ष्य के प्रति समर्पण एवं निष्ठा के साथ कार्य करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी : कलेक्टर

 राजनांदगांव  (छत्तीसगढ दर्पण)। कलेक्टर डोमन सिंह ने जिले में शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से नई पहल की है। इसी कड़ी में आज उन्होंने शासकीय पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला राजनांदगांव में कक्षा बारहवीं के बच्चों को शिक्षक बनकर कॉमर्स विषय पढ़ाया। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कोई भी विषय छोटा या बड़ा नहीं है। हर विषय महत्वपूर्ण है। अपने विषय में अच्छी मेहनत करें और सफलता अर्जित करें। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप जो सोच रहे हैं, वह बन सकते हैं। लक्ष्य के प्रति समर्पण एवं निष्ठा के साथ कार्य करेंगे, तो सफलता जरूरी मिलेगी। उन्होंने कहा कि कॉमर्स उनका विषय रहा है और इस विषय में कैरियर के अच्छे अवसर हैं। छात्राओं ने उत्साह एवं खुशी से अपने कैरियर की बातें कलेक्टर से साझा की। किसी ने कहा कि चार्टर्ड एकाउन्टेंट बनना है, तो किसी ने कहा बैंक मैनेजर, एकाउंट ऑफिसर, कैशियर तो किसी ने शिक्षक एवं पुलिस में जाने की इच्छा जाहिर की। कलेक्टर ने कहा कि यह आपके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ है। समाचार पत्र जरूर पढ़ें और इसे अपनी आदत में शामिल करें। अपनी पढ़ाई का समय जरूर बढ़ायें।

कलेक्टर श्री सिंह ने बच्चों को पढ़ाते हुए मूल्य ह्रास, साझेदारी, लाभांश, आयकर के संबंध में पूछा और उनके ज्ञान एवं अध्ययन के स्तर को परखा। कलेक्टर ने बच्चों को बताया कि किसी भी तरह का बड़ा व्यवसाय करने के लिए एक व्यक्ति के साथ अन्य व्यक्ति कार्य करते हैं तथा संचालित व्यवसाय के लाभ को आपस में बांट लेते है। जिसे पार्टनरशिप या साझेदारी कहा जाता है। उन्होंने आयकर की जानकारी देते हुए बताया कि नागरिकों को अपनी आय के अनुसार शासन को कर देना होता है और कर कई प्रकार के होते हंै। व्यवसायी प्रतिदिन सुबह व्यवसाय करने के बाद ओपनिंग बैंलेंस तथा शाम को क्लोजिंग बैंलेंस का ब्योरा रखते हैं।

उन्होंने बच्चों से कॉमर्स के जनक का नाम पूछा तो बच्चों ने कॉमर्स के जनक लुकास पेसियोला का नाम बताया। उन्होंने अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडी के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए बीबीए एवं एमबीए के कोर्स का भी ट्रेंड है और कैरियर के लिए कई नए आयाम हंै। उन्होंने बच्चों से भारत का नक्शा बनवाकर उनके दिशा संबंधी ज्ञान का भी परीक्षण किया। कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए टीका जरूर लगवाएं। कलेक्टर ने बच्चों से उनके फेवरेट टीचर के बारे में पूछा, तो बच्चों ने खुशी जाहिर करते हुए शिक्षक एमटी शेख का नाम बताया। बच्चों ने उन्हें स्थायी सम्पत्ति एवं अस्थायी सम्पत्ति के संबंध में भी बताया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी  आरएल ठाकुर एवं प्राचार्य श्रीमती सुनीता खरे, शिक्षक  एमटी शेख एवं अन्य अधिकारी तथा शिक्षक उपस्थित थे।

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प्रयास और एकलव्य के बच्चों का जेईई संयुक्त प्रवेश परीक्षा-1 में शानदार प्रदर्शन

प्रयास बालक रायपुर के बच्चों का उत्कृष्ट प्रदर्शन 

प्रयास के 137 और एकलव्य के 48 बच्चों का क्वालीफाई होना तय
रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा 23 से 29 जून को आयोजित जेईई संयुक्त प्रवेश परीक्षा-1 के 11 जुलाई को घोषित परीक्षा परिणाम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग द्वारा संचालित प्रयास एवं एकलव्य विद्यालय के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है। परीक्षा में बैठे प्रयास के 365 छात्रों में 137 और एकलव्य के 116 में से 48 बच्चों का क्वालीफाई होेना तय है। विद्यार्थियों की इस सफलता पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सचिव श्री डी. डी. सिंह और आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। 

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जेईई संयुक्त प्रवेश परीक्षा-1 में बैठे प्रदेश के 8 जिलों में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों के 365 विद्यार्थियों में से 137 विद्यार्थियों का विगत वर्ष के वर्गवार कटऑफ के आधार पर क्वालीफाई होने की पूरी संभावना है। इसी तरह एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के परीक्षा में शामिल 116 विद्यार्थियों में से 48 विद्यार्थियों का क्वालीफाई होना संभावित है। 

घोषित परीक्षा परिणाम में प्रयास बालक आवासीय विद्यालय रायपुर का परीक्षा परिणाम सबसे बेहतर रहा है। इस विद्यालय से परीक्षा में शामिल 72 छात्रों में से 49 छात्रों के जेईई मैन्स सेशन-1 में सफलता पाने की पूरी संभावना है, जो कि कुल शामिल विद्यार्थियों का 68 प्रतिशत है। विद्यार्थियों ने शानदार सफलता हासिल कर विभाग को गौरवान्वित किया है। इतना ही नहीं जेईई संयुक्त प्रवेश परीक्षा-1 में प्रयास बालक आवासीय विद्यालय रायपुर के छात्र हिमांशु साहू ने सर्वाधिक अंक प्राप्त कर प्रयास के बच्चों में टॉप किया है। विदित हो, हिमांशु साहू इस वर्ष घोषित पीईटी के परीक्षा परिणाम में भी टॉप-10 में अपनी जगह बनाई थी। इसी तरह प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय रायपुर की 39 में से 25 छात्राओं ने क्वालीफाई किया है। इसके अलावा प्रयास आवासीय विद्यालय दुर्ग से 16, सरगुजा से 10, बिलासपुर से 12, बस्तर से 09, जशपुर से 07, कांकेर में 9 से 06 और  कोरबा जिले से 03 विद्यार्थियों का क्वालीफाई होना संभावित है।

एकलव्य के 48 विद्यार्थी सफल होना संभावित

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के 116 में से 48 विद्यार्थियों का सफल होना संभावित है। इनमें एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय मैनपाट जिला सरगुजा के 8 में से 5, एकलव्य करपावण्ड जिला बस्तर के 9 में से 1, एकलव्य वैसाली जिला बस्तर के 8 में से 3, एकलव्य पोडीडीह जिला कोरिया के 16 में से 7, एकलव्य सन्ना जिला जशपुर के सभी 5 विद्यार्थी, एकलव्य कटेकल्याण जिला दतेवाड़ा के 8 में से 2, एकलव्य पेण्ड्री जिला राजनांदगांव के 15 में से 8, एकलव्य छोटे मुड़पार जिला रायगढ़ के 8 में से 3, एकलव्य छुरीकला जिला कोरबा के 4 में से 2, एकलव्य भैरमगढ़ जिला बीजापुर के 8 में से 4, एकलव्य तरेगांव जंगल जिला कबीरधाम के 7 में से 1 और एकलव्य शिवप्रसादनगर जिला सूरजपुर के 14 में से 7 विद्यार्थी शामिल हैं। 
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग द्वारा इस वर्ष मुख्यालय रायपुर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के बच्चों के लिए संचालित जेईई मैन्स एडवास और नीट की कोचिंग प्रदान करने हेतु प्रवेशित 84 विद्यार्थियों में से जेईई मेन्स-1 परीक्षा में बैठे 39 विद्यार्थियों में से 14 विद्यार्थियों के चयनित होने की संभावना है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। 

उल्लेखनीय है कि प्रयास आवासीय विद्यालयों में कक्षा 9वीं में राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चयन होता है। इसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक उत्कृष्ट शिक्षा की व्यवस्था है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश करने हेतु सक्षम बनाना है। इन विद्यालयों से अब तक 97 विद्यार्थी भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आई.आई.टी.), 261 विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान और 44 विद्यार्थियों ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त कर विशेष उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा सी.ए.,सी. एस., सी.एम. ए. , में 29 तथा क्लेट में 03 विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने में सफल हुए हैं। साथ ही राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में अब तक 833 विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त करने में सफल रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश के रायपुर में 02. दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर कोरबा जशपुर कांकेर तथा जगदलपुर में 1-1 सहित कुल 9 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

 

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सहायक आयुक्त ने किया जिले में संचालित छात्रावास-आश्रमों का निरीक्षण

कोरिया (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश और कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिले के अंतर्गत संचालित छात्रावास एवं आश्रमों के विशेष निरीक्षण अभियान अंतर्गत आदिवासी विकास सहायक आयुक्त डीडी तिग्गा ने विकासखण्ड बैकुण्ठपुर में संचालित अजजा कन्या आश्रम चिल्का, अजजा कन्या आश्रम देवानीबॉध, अजजा प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास बैकुण्ठपुर तथा अजा प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास बैकुण्ठपुर का विभागीय उप अभियंता एवं मण्डल संयोजक के साथ आकस्मिक निरीक्षण किया।

इसी तरह विकासखण्ड सोनहत में संचालित अ0ज0जा0 प्री-मै0 बालक छात्रावास सुन्दरपुर, अ0ज0जा0 बालक आश्रम सुन्दरपुर, अ0ज0जा0 बालक आश्रम लब्जी एवं अ0ज0जा0 बालक आश्रम कटगोड़ी का विभागीय उप अभियंता एवं मण्डल संयोजक के साथ आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
 
निरीक्षण के दौरान जिले में संचालित समस्त छात्रावास एवं आश्रम में आवष्यक निर्माण तथा मरम्मत कार्य को विशेष अभियान के तहत 15 दिवस के भीतर तत्परतापूर्वक पूर्ण करने हेतु विभागीय उप अभियंता एवं मण्डल संयोजक एवं छात्रावास एवं आश्रम अधीक्षक को निर्देष दिये गये है। विदित हो कि इस संबंध में विभाग एवं कलेक्टर तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा भी समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिये है।

 

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मंत्री अकबर ने नरेन्द्र सिंह राजपूत को किया सम्मानित

कबीरधाम (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह में केबिनेट मंत्री व कवर्ष विधायक मोहम्मद अकबर ने जिला कलेक्टरेट के सभागार में चारों विकासखण्ड के 30 शिक्षकों का सम्मान किया। माध्यमिक स्तर में ज्ञानदीप पुरस्कार प्राथमिक स्तर मे शिक्षा दूत पुरूस्कार प्रदान किए जिसमे वनांचल क्षेत्र के शास . प्रा . शाला सिवनी खुर्द के शिक्षक नरेन्द्र सिंह राजपूत को उनके उत्कृष्ट कार्य करने 5000 / – और प्रशस्ति पत्र देकर शिक्षादूत पुरस्कार से सम्मान किया । इस अवसर पर , कलेक्टर , जन्मेजय मोहबे जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडे सहायक संचालक एम . के . गुप्ता , चन्द्राकर सर , यदु सर उपस्थित रहे । इस सम्मान के लिए शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भागवत तलवेर , सदाराम पटेल , मानकराम अलकर अशोक टांडे , तातु पालके , सक्तू मरकाम , प्रधानपाठक श्रीमती अनिता मुरचले , प्रधानपाठक मा . शाला एम . एल . मरकाम , पूर्व प्रधानपाठक मिलाप सिंह मरकाम , ललित निषाद , प्रकाश ठाकुर ,मंजू राजपूत,पृथ्वी राजपूत , भूमिराजपूत एवं ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।

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‘सुरक्षित गुरुवार‘ स्कूलों को महामारी से बचाने का प्रयास : डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कोविड महामारी से बचाव के लिए ‘सुरक्षित गुरूवार‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘सुरक्षित गुरुवार‘ की अवधारणा न सिर्फ बच्चों को सुरक्षित रखेगा अपितु स्कूल के व्यवस्थित संचालन में यह मील का पत्थर साबित होगा। भविष्य में ऐसी महामारियों के लिए यह कार्यक्रम जागरूकता हेतु उत्कृष्ट प्रयास है। मुझे विश्वास है छत्तीसगढ़ की शिक्षा पूर्ण रूप से कोरोना से सुरक्षित रहेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि इस शताब्दी की सबसे बड़ी महामारी कोरोनाकाल में स्कूल बंद हुए और बच्चे घरों में कैद हो गए। बच्चों के लिए यह अत्यंत कठिन दौर था। इन परिस्थितियों में बच्चों के द्वारा सुरक्षित व्यवहार के माध्यम से अपने आपको तथा परिवार को प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित कैसे रखें। इसको ध्यान में रखकर सुरक्षित गुरुवार की अवधारणा को प्रारंभ किया गया है। सुरक्षित गुरुवार में प्रत्येक गुरुवार को आधा घंटा महामारी से बचाव के तरीके एवं सुरक्षित व्यवहार को लेकर शालाओं में कार्य किया जाएगा, पाठ को लेकर वीडियो का भी निर्माण किया गया है। इसके साथ ही ‘सुरक्षित गुरुवार‘ किताब में क्यूआर कोड डाला गया है, जिससे आसानी से पूरी प्रक्रिया शिक्षक और बच्चे समझ सके।

उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी ने कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव डाला, शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी हानि हुई है। वर्तमान में सरकार ने सभी स्कूल खोल दिए हैं तो यह जरूरी है कि कोविड अनुरूप व्यवहारों को मजबूत किया जाए। इसी प्रयास को ‘सुरक्षित गुरुवार‘ साकार करने का एक सशक्त माध्यम है। जिसे शिक्षा विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किया है। ‘सुरक्षित गुरुवार‘ गतिविधियों पर आधारित 17 सप्ताह का एक कार्यक्रम है, जिसे कक्षा 1-5 तथा कक्षा 6-12 के लिए अलग-अलग बनाया गया है। इसमे प्रत्येक गुरुवार को 15-20 मिनट तक सभी शालाओं में कोविड संबंधित विभिन्न विषयों जैसे हाथ धुलाई, मास्क का सही उपयोग, टीकाकरण आदि पर गतिविधियाँ होंगी। शिक्षकों की सुविधा के लिए इसको वीडियो फॉर्म में भी बनाया गया है, जिससे सभी शालाओं में ये गतिविधियाँ एक समान संचालित हो।

गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम द्वारा बिहार राज्य में शाला सुरक्षा संबंधी कार्यक्रम का अवलोकन कर राज्य में भी बच्चों की सुरक्षा से संबंधी कार्यों को आगे बढाए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसके परिपालन में शाला सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कार्य, प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर्स एवं इस सत्र में कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित गुरूवार संबंधी कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने की घोषणा कर ‘सुरक्षित गुरूवार‘ से संबंधित सामग्री का विमोचन किया।

इस अवसर पर सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेंद्र दुग्गा, यूनिसेफ के राष्ट्रीय एजुकेशन चीफ टेरी डूरियन, लर्निंग लेंग्वेज फाउंडेशन के फाउंडर धीर झींगरन, यूनीसेफ चीफ छत्तीसगढ़ जॉब जकेरिया, विशाल वासवानी इमरजेंसी ऑफिसर, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था सुधारने कलेक्टर ने सौंपा अधिकारियों को जिम्मेदारी

 तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों ने किया आकस्मिक निरीक्षण

अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर ने स्कूलों व आंगनबाड़ी की नियमित संचालन व समय पर शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार को उन्होंने प्रत्येक विकासखंड के दो-दो स्कूल व आंगनबाड़ी का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। निर्देश के अनुपालन में करीब 42 अधिकारियां में से प्रत्येक ने विकासखंडों के दो स्कूल व आंगनबॉड़ी केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।

अधिकारियों की ओर से निरीक्षण के दौरान स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र की जो रिपोर्ट दी गई उसके आधार पर संबंधित स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र के पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इस निरीक्षण से एक ओर लोगों की शिकायत का सामाधन होगा वहीं शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी के प्रति सतर्क होंगे। निरीक्षण में जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, नगर निगम आयुक्त, एसीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ सहित विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कलेक्टर का पदभार ग्रहण करते ही अपनी प्राथमिकता स्पष्ट करते हुए शिक्षा स्वास्थ्य पर विशेष जोर देने की बात कही है। उन्होंने अपने मंतव्य अनुरूप अब इस दिशा में तेजी से कायर्वाही शुरू किया है।
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विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के जीवन का है सबसे सुखद, महत्वपूर्ण एवं स्वर्णिम कालखण्ड - डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम

अर्जुन्दा में आयोजित जिला स्तरीय प्रवेश उत्सव में शामिल हुए स्कूल शिक्षा मंत्री

41 लाख 51 हजार रूपए के नवनिर्मित कार्यों का किया लोकार्पण

निर्धारित शुल्क से अधिक राशि लेने पर ओपन स्कूल के प्रभारी शिक्षक निलंबित

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रदेश के स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के जीवन का सबसे सुखद, महत्वपूर्ण एवं स्वर्णिम कालखण्ड है। जिसकी स्मृतिया सदैव तरोताजा रहती है, और इसी के आधार पर व्यक्ति के जीवन की भावी इमारत खड़ी की जाती है। मंत्री डा. टेकाम बालोद जिले के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अर्जुन्दा में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव समारोह में अपना उद्गार व्यक्त कर रहे थे। डा. टेकाम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कक्षा पहली, छठवीं एवं नवमीं के नवप्रवेशित विद्यार्थियों को गुलाल से अभिषेक कर एवं मिठाई खिलाकर स्वागत अभिनंदन भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संसदीय सचिव व क्षेत्रीय विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद ने किया।
 
इस अवसर पर मंत्री डा. टेकाम ने विद्यार्थियों को कहा कि विद्यार्थी जीवन के महत्वपूर्ण कालखण्ड का सदुपयोग करते हुए जीवन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर अपने माता-पिता, विद्यालय, देश एवं समाज का नाम रौशन करें। कार्यक्रम में मंत्री डा. टेकाम ने राज्य शासन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के संबंध में भी जानकारी दी। कार्यक्रम में मंत्री डा. टेकाम ने शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अर्जुन्दा में 20 लाख रूपए की लागत की सभाकक्ष, 08 लाख 34 हजार रूपए लागत की पुस्तकालय भवन, 06 लाख 83 हजार रूपए लागत की प्रयोगशाला भवन तथा 06 लाख 34 हजार रूपए लागत की कला एवं सांस्कृतिक भवन सहित कुल 41 लाख 51 हजार रूपए लागत की  नवनिर्मित 04 कार्यों का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर मंत्री डाॅ. टेकाम ने स्कूली छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए सुमधुर एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने स्कूल में सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए 25 हजार रूपए स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत करने की घोषणा भी की। तथा आदर्श भारती विद्यालय अर्जुन्दा में शेड निर्माण सहित सभी क्षतिग्रस्त शाला भवनों का मरम्मत एवं जर्जर शाला भवनों के स्थान पर नए भवन निर्माण करने की भी जानकारी दी। मंत्री डा. टेकाम ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुण्डरदेही में संचालित ओपन स्कूल के प्रभारी व्याख्याता श्री कोमल सिंह कुल्हारे द्वारा शिक्षण शुल्क की निर्धारित राशि से अधिक की राशि लेने की शिकायत पर तत्काल ओपन स्कूल के प्रभारी व्याख्याता श्री कोमल सिंह कुल्हारे को प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुण्डरदेही के प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संसदीय सचिव व गुण्डरदेही विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद ने सभी नवप्रवेशी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए दी। उन्होंने कहा कि अर्जुन्दा नगर शिक्षा के साथ-साथ कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय स्थान रखने के कारण इसे संस्कारधानी नगरी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम एवं अनुशासन में रहकर जीवन में निरंतर उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रयासरत रहने को कहा। श्री निषाद ने शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों के संबंध में भी जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने मंत्री डा. टेकाम से उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अंचल के हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि संकाय प्रारंभ करने तथा क्षेत्र के स्कूलों में अधोसंरचना से जुड़े चीजों को पूरा करने की माग की। कार्यक्रम को विशेष अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अतिथियों के द्वारा स्कूल परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री मिथिलेश निरोटी, नगर पंचायत अध्यक्ष श्री चन्द्रहास देवांगन, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती चन्द्रप्रभा सुधाकर, पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र कुमार यादव सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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भाषा सर्वे के परिणामों के आधार पर तैयार हो ठोस कार्ययोजना : मंत्री डॉ.टेकाम

 शिक्षकों को ऑन डिमांड दिया जाए भाषायी प्रशिक्षण


छत्तीसगढ़ भाषा सर्वेक्षण एवं बहुभाषा शिक्षा योजना विमर्श पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को बेहतर गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने और बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सर्वे के परिणामों के आधार पर एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें। शिक्षकों को भी भाषायी शिक्षा शिक्षण के लिए आवश्यकता अनुसार ऑन डिमांड प्रशिक्षण दिया जाए। मंत्री डॉ.टेकाम आज यहां नवीन विश्राम गृह में छत्तीसगढ़ भाषा सर्वेक्षण एवं बहुभाषा शिक्षा योजना विमर्श पर आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। यह कार्यशाला समग्र शिक्षा और यूनिसेफ के सहयोग से 7 एवं 8 जुलाई को आयोजित की गई।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.टेकाम ने राज्य में आयोजित भाषा सर्वे के सफलतापूर्वक आयोजन और उससे संबंधित रिपोर्ट तैयार करने वाली टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने पूरे राज्य में इस प्रकार की भाषाई सर्वे करने का निर्णय लिया और समय पर इसे कर दिखाया। सर्वे में राज्य के लगभग 95 प्रतिशत प्राथमिक शालाओं ने भाग लेकर अपनी स्थिति से अवगत कराया। मंत्री डॉ.टेकाम ने कहा कि भारत में अब तक जारी विभिन्न शिक्षा नीतियों एवं कमीशन ने बच्चों को स्थानीय भाषा में सीखाने के लिए लगातार महत्व दिया है। शिक्षा के अधिकार कानून में भी बच्चों को यथा संभव उनकी अपनी भाषा में सीखने के अवसर दिए जाने के लिए राज्यों को आवश्यक व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मंत्री डॉ.टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है। राज्य में लगभग 32 प्रतिशत आदिवासी निवास करते हैं। राज्य में निवासरत बच्चों की शिक्षा सुविधा के लिए बहुत कुछ करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देने के लिए आवश्यक व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश के परिपालन में बच्चों की शिक्षा के लिए चार भाषा और 18 बोलियों में शिक्षण सामग्री तैयार कर उपलब्ध करवाई है। कक्षा पहली और दूसरी में द्विभाषायी पुस्तके, वर्णमाला चार्ट, वार्तालाप पुस्तिका, अभ्यास पुस्तिका, स्थानीय गीत-कहानियों आदि का संकलन कर स्कूलों को उपलब्ध करवाया गया है। शिक्षकों को बहुभाषा शिक्षण की परिस्थितियों में अध्यापन के लिए कुशल बनाने प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन भी किया गया है।

मंत्री डॉ.टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस वर्ष के शाला प्रवेश उत्सव के दौरान दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। पहला लगभग 15 वर्षो से बंद पड़े 260 स्कूलों को पुनः खोलने की घोषणा करते हुए उनका संचालन प्रारंभ किया गया है। इन स्कूलों में स्थानीय युवाओं को अध्यापन कार्य में सहयोग देने के लिए चिन्हांकित कर जिम्मेदारी दी गई है, जो कि निश्चित रूप में बच्चों की भाषा और संस्कृति को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि छोटी आयु में बच्चों के सीखने की क्षमता और मस्तिष्क के विकास को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक शालाओं के पहले बालवाड़ी खोलते हुए बच्चों को पांच वर्ष की आयु से ही सीखाए जाने की व्यवस्था की गई है। प्रथम चरण में 5173 बालवाड़ी खोलकर उनमें बच्चों को शिक्षा देने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। इन केन्द्रों में स्थानीय भाषा में सीखने के लिए सामग्री साझा की जा रही हैं। डॉ.टेकाम ने कहा कि अंग्रेजीे वैश्विक भाषा है, उसकी जानकारी भी बच्चों को होनी चाहिए।

स्कूल शिक्षा सचिव डॉ.एस.भारतीदासन ने कहा कि कोई भी समस्या को हल करने के लिए उसका कारण ढूंढना होगा। छत्तीसगढ़ में भाषा सर्वेक्षण का कार्य यूनिसेफ द्वारा किया गया है। उससे पता चलता है कि राज्य की स्थिति क्या है और हमें क्या करना चाहिए। डॉ.भारतीदासन ने कहा कि बच्चों को दिल के नजदीक वाली भाषा में पढ़ाएंगे तो वह बेहतर सीख पाएंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी चीज कठिन नही होती, करना चाहे तो समस्या दूर होती है। बच्चों को अंग्रेजी का ज्ञान भी होना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले गए हैं। जरूरी है कि बच्चों को उनकी मात्रभाषा में शिक्षा मिले और वे अन्य भाषा भी सीख सकें। स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ भी मिनी इंडिया है, यहां सरगुजा से लेकर बस्तर तक बहुत सी भाषा बोली जाती है। शिक्षकों के लिए जरूरी है कि वे बच्चों की भाषा को समझे। इसके लिए वे बहुभाषा सीखें। कार्यशाला को यूनिसेफ चीफ नई दिल्ली श्री टेरी डूरियन, लर्निंग लेंग्वेज फाउंडेशन के डॉ. धीर झींगरन ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर यूनिसेफ राज्य प्रमुख श्री जॉब जकारिया, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री नरेन्द्र दुग्गा सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक उपस्थित थे।
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शासकीय कन्या उमा विद्यालय में मनाया गया शाला प्रवेश उत्सव

लखनपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लखनपुर नगर के वार्ड क्रमांक 7 स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 7 जुलाई को सुबह लगभग 11:30 बजे शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शिक्षा स्थाई समिति अध्यक्ष व जनपद उपाध्यक्ष अमित सिंह देव बतौर मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि पार्षद अशफाक खान पूर्व पार्षद सुरैया देवी मकसूद हुसैन शामिल हुए जहां विद्यालय की छात्राओं के द्वारा स्कूल परिसर के मेन गेट में अतिथियों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत गीत प्रस्तुत किया। साथ ही मुख्य अतिथि जनपद उपाध्यक्ष व शिक्षा स्थाई समिति अध्यक्ष अमित सिंह देव वाह विशिष्ट अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर शिक्षकों व छात्राओं के द्वारा स्वागत किया गया।

मुख्य अतिथि अमित सिंह देव ने मां सरस्वती के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं के द्वारा राजकीय गीत अरपा पैरी के धार से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। शासकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य आरके विश्वकर्मा के द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संदेश का वाचन किया । 2022 -23 परीक्षा में 12वीं में 92.5% दसवीं में 82.5% परीक्षा परिणाम रहा। मुख्य अतिथि के समक्ष प्रभारी प्रचार आरके विश्वकर्मा के द्वारा शिक्षकों की कमी होने की बात कहीं जिस पर शिक्षा स्थाई समिति अध्यक्ष अमित सिंह देव ने जनभागीदारी समिति से 15 जुलाई तक शासकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय में 2 शिक्षकों की पूर्ति करने आश्वासन दिया गया। साथ ही छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। विद्यालय की छात्राएं बेहतर पढ़ाई कर माता पिता स्कूल ब्लॉक जिला राज्य का नाम रोशन करें। मुख्य अतिथि द्वारा नवमी और ग्यारहवीं की छात्राओं को तिलक लगा मुंह मीठा करा पुस्तक वितरण कर साला प्रवेश कराया। इस दौरान विद्यालय प्रभारी प्रचार्य आरके विश्वकर्मा, व्याख्याता शशिधर पांडे ,रेवती रमण सिंह, श्रीमती रंजना श्रीवास्तव ,श्रीमती रंजना सिंह, श्रीमती रश्मि गुप्ता, श्रीमती नीलम खेस, श्रीमती सविता वर्मा, वंदना सिन्हा, अनुराधा बखला, व्यापम शिक्षक अतुल तिर्की सहायक शिक्षक आदित्य कुमार बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहे। मंच का संचालन व्याख्याता शशिधर पांडे, रंजना श्रीवास्तव के द्वारा किया गया।
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आईटीआई कोनी में अप्रेंटिशिप मेला 11 जुलाई को

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आईटीआई कोनी बिलासपुर के सीओई भवन में 11 जुलाई को सुबह 9 बजे से अप्रेंटिसशीप मेला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिले के विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं से विद्युतकार, फिटर, डीजल मैकेनिक, मैकेनिक मोटर व्हीकल, मैकेनिक ट्रेक्टर, वायरमैन, वेल्डर, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कडीशनर, उपकरण यांत्रिकी, टर्नर, मशीनिष्ट, कोपा व्यवसाय के उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थी अपने समस्त दस्तावेजों के साथ सम्मिलित हो सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए आईटीआई कोनी बिलासपुर में कार्यालयीन समय पर संपर्क कर सकते हैं।


 
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आरटीई के गाईड लाइन अनुसार बच्चों का हो स्कूलों में प्रवेश : कलेक्टर

अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने गुरुवार को जिले के निजी स्कूल संचालकों की बैठक लेकर शासन के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पात्र बच्चों को अनिवार्य रूप से प्रवेश देने तथा दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने कहा।

कलेक्टर ने कहा कि निजी स्कूलों के निरीक्षण में शिक्षा का अधिकार के तहत प्रवेशित बच्चां के बारे में पूछताछ पर ज्यादा जोर रहेगा। उन्होंने स्कूल संचालकों से कहा कि जिले के प्रतिभावान बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान शुरू करे जिसके लिए प्रशासन पूरा सहयोग करेगा। इसके लिए पहले बच्चों का चयन हो फिर विशेष रूप से छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कराएं।
 
राज्य शासन द्वारा शुरू किए गए स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट (अंग्रेजी) विद्यालय भी अब निजी स्कूलों के समक्ष खड़े हो गए हैं। प्रशासन इन स्कूलों को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि जिले में शिक्षा की गुणवत्ता व प्रतियोगिता का माहौल बनाने के लिए निजी स्कूलों से जो भी सुझाव मिलेंगे उस पर विचार किया जाएगा।

बैठक में ओरिएंटल पब्लिक स्कूल, कार्मेल स्कूल, होलीक्रॉस, संत हरकेवल विद्यापीठ, सरस्वती शिशु मंदिर, सेंट पाल, न्यू डेल्ही पब्लिक स्कूल, अम्बिका मिशन, प्रभात हायर सेकेण्डरी स्कूल, मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल सहित करीब 16 निजी स्कूल संचालकों ने स्कूल की स्थापना वर्ष एवं वर्तमान में छात्र संख्या की जानकारी दी।
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कलेक्टर के संज्ञान के बाद अब बदलेगी सांगरपुर खुर्द की स्कूल की तस्वीर

कवर्धा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले के नवपदस्थ कलेक्टर के संज्ञान के बाद कवर्धा विकासखण्ड के प्राथमिक स्कूल सांरगपुर खुर्द की तस्वीर अब जल्द ही बदलेगी। कलेक्टर ने बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से जिला मिशन समन्वय को स्कूल में एक अतिरिक्त कक्ष निर्माण और मंच के पास एक शेड निर्माण की स्वीकृति करने के निर्देश दिए है।

कलेक्टर के निर्देश पर नया भवन का प्रस्ताव संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को भेजा गया है। साथ ही जिला शिक्षा मद से 40 हजार रूपए एवं जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की मदद से 20 हजार एकत्र कर स्कूल में अन्य आवश्यक मरम्मद कार्य कराने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि सांरगपुर खुर्द स्कूल परिसर के मंच में तिरपाल से लगाकर बच्चों की पढ़ाई करने वाली खबर सामने आई थी। कलेक्टर ने इस खबर को शीघ्रता से संज्ञान में लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। तत्कालीन व्यवस्था करने के लिए ग्रामवासी एवं पालकों द्वारा अपनी खुशी जाहिर करते हुए कलेक्टर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित भी किया है।
 
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर कवर्धा विकासखण्ड संकुल केन्द्र कोठार के शासकीय प्राथमिक शाला सारंगपुर खुर्द का जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पाण्डेय, सहायक संचालक महेन्द्र कुमार गुप्ता, जिला मिशन समन्वयक विनोद श्रीवास्तव, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एम.आर. पटेला, एवं खण्ड स्त्रोत समन्वयक जलेश चंद्रवंशी द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया। निरीक्षण करने पर विद्यालय मरम्मत योग्य पाया गया। जिसके लिए शिक्षा मद की राशि 40 हजार रूपए, जिला पंचायत के माध्यम से तथा उपस्थित अधिकारी कर्मचारी व ग्रामवासियों के सहयोग से 20 हजार इस तरह कुल 60 हजार रूपए राशि एकत्रित कर मरम्मत कार्य कराने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर तब तक विद्यालय के किचन कक्ष, प्रधानपाठक कक्ष व बरामदे में विद्यालय के 51 बच्चो को पढ़ाई सुचारू रूप से करने के लिए कहा गया।
 
कलेक्टर के निर्देशन में जिला मिशन समन्वयक को 01 अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत करने का निर्देश दिया गया साथ ही मंच के पास 01 शेड बनाने के लिए कहा गया है। विद्यालय का अतिरिक्त कक्ष जो अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण है उसे वर्तमान में ताला लगाकर रखने तथा डिस्मेंटल की कार्यवाही करने निर्देशित किया गया। बच्चां को विद्यालय परिसर में बने मंच में पढाया जा रहा था तथा धूप से बचने के लिए ग्रामवासियों द्वारा पालीथीन की व्यवस्था की गई थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि समाचार पत्र में छपी हुई खबर पूर्णतः गलत है कि विद्यालय तिरपाल लगाकर संचालित की जा रही है। ग्रामवासी विद्यालय के मरम्मत कार्य में स्वस्फूर्त श्रमदान के लिए स्वयं राजी हुए है। उक्त बैठक में सरपंच, पंच, ग्राम पटेल, शाला विकास समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य तथा अधिक संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे। नया भवन का प्रस्ताव संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को भेजा गया है। समस्त ग्रामवासियों के द्वारा तत्कालीन व्यवस्था करने के लिए अपनी खुशी जाहिर की है।
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कलेक्टर ने पंप हाउस स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल का किया निरीक्षण

कोरबा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर झा ने कोरबा शहर के पंप हाउस स्थित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मिडियम स्कूल का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में स्थित डिजिटल क्लास रूम, भौतिकी, रसायन लैब, जीव विज्ञान लैब व पुस्तकालय का भी अवलोकन किया। उन्होंने लैब में जाकर प्रेक्टिकल के लिए उपलब्ध सामग्रियों तथा आवश्यक उपकरणों को भी देखा।

कलेक्टर झा ने बच्चों को दिये जाने वाले मध्यान्ह भोजन के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने बच्चों के बैठकर भोजन करने के लिए किचन शेड निर्माण के निर्देश दिये। साथ ही साइकिल पार्किंग के लिए सायकल स्टैण्ड निर्माण के भी निर्देश मौके पर मौजूद जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भारद्वाज को दिये। कलेक्टर ने स्कूल में दो चपरासियों की पदस्थापना करने के भी निर्देश डीईओ को दिये। उन्होंने स्कूल में शिक्षा गुणवत्ता, साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने स्कूल में पानी सप्लाई के लिए अमृत मिशन के तहत कनेक्शन देने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर झा ने कक्षाओं में जाकर विद्याथिर्यों से पढ़ाई के बारे में जानकारी ली। उन्होंने स्कूल में अध्ययनरत विद्याथिर्यों को मन लगाकर पढ़ाई करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कलेक्टर ने लायब्रेरी में जाकर विद्याथिर्यों के पढ़ने के लिए रखे गये पुस्तकों का भी अवलोकन किया। उन्होंने लायब्रेरी में सभी प्रकार के ज्ञानवर्धक पुस्तकों को रखने का भी सुझाव दिया।
 
इस दौरान जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर, जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन प्रसाद भारद्वाज, जिला मिशन समन्वयक एस.के. अम्बस्ट, स्कूल के प्राचार्य विवेक लांडे सहित शिक्षकगण और अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
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अथिति शिक्षको ने मांगा इच्छा मृत्यु…

धमतरी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले में 5 सालो से अध्यापन कार्य कर रहे 14 अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया है। वहीं रिक्त पदो पर नियुक्ति देने हाईकोर्ट और डीपीआई के आदेश के बाद अतिथि शिक्षक फिर से पदस्थापना करने की मांग शिक्षा विभाग से कर रहे है, लेकिन आदेश के साल भर बाद भी पदस्थापना नहीं होने से अतिथि शिक्षक अब परेशान होकर इच्छा मृत्य की अनुमति देने की मांग प्रशासन से कर रहे है।

दरअसल वर्ष 2017 में जिलेभर में 34 शिक्षित बेरोजगारों को विद्या मितान बनाया था। बाद में इसमें से 5 विद्या मितान का रेगुलर भर्ती हो गई, वहीं 14 अतिथि शिक्षक प्रभावित हैं, जिन्हें हाईकोर्ट और डीपीआई के लिखित आदेश के बावजूद शिक्षा विभाग नियुक्ति नहीं दे रही है। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि दो साल पहले शिक्षा विभाग ने उन्हें भर्ती के लिए कोई लिखित आदेश नहीं होने की बात कहकर हटा दिया। इसके बाद हाईकोर्ट के शरण में जाकर न्याय मांगा। कोर्ट ने पूर्व में दिए गए सेवा तथा उनकी दशा को देखते हुए रिक्त स्कूलों में सीधी भर्ती देने का आदेश दिया…. यही आदेश खुद शिक्षा संचालनालय ने भी दिया है। बहरहाल जिला प्रशासन अतिथि शिक्षको की नियुक्ति को लेकर बजट नही होने की बात कह रहे है।
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स्कूलों में राइट-टू-एजुकेशन की हो रही है अवमानना

दुर्ग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नागरिक अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंच रहे हैं और प्रशासनिक अमला भी उनके आवेदनों के निराकरण के लिए सतत् प्रयासरत हैं। राइट-टू-एजुकेशन में चयनित हुई छात्रा को स्कूल प्रबंधन प्रवेश नहीं दे रहा है इसे लेकर आवेदक ने मंगलवार को कलेक्टर के समक्ष् जनदर्शन में आवेदन लगाया है। अपने आवेदन में उसने उल्लेखित किया है कि उसकी बेटी का चयन राइट-टू-एजुकेशन के तहत् डी.पी.एस. भिलाई में हुआ था। स्कूल प्रबंधन के द्वारा वांछित मूल्य दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा चुका है परंतु आवेदक को सूचित किया गया कि प्रवेश के लिए उन्हें अलग से जानकारी मुहैया कराई जाएगी। काफी दिनों पश्चात् जब आवेदक द्वारा प्रवेश के संबंध में जानकारी मांगी गई तो आवेदक को पुनः फोन पर सूचना दी जाएगी ऐसा कहा गया। कोई सूचना न मिलने पर आवेदक 1 जुलाई को स्कूल गया तब उसे शाला प्रबंधक द्वारा बताया गया कि प्रवेश की अंतिम तिथि 30 जून थी क्योंकि आप एडमिशन के लिए नहीं आए इसलिए आपका स्थान निरस्त कर दिया गया। आवेदक का कथन था कि डी.पी.एस. स्कूल भिलाई के द्वारा गुमराह कर उसकी पुत्री को प्रवेश से वंचित किया गया है। क्योंकि यह आवेदक की बेटी के भविष्य से जुड़ा है इसलिए आवेदक का कलेक्टर से निवेदन है कि डी.पी.एस. भिलाई में प्रवेश दिलाकर उसके बच्ची का भविष्य सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी को प्रकरण प्रेषित किया।

आज जनदर्शन में विधवा पेंशन को लेकर भी एक आवेदिका कलेक्टर के समक्ष् पहुंची थी जिसमें उसने बताया कि वर्ष 2017 में उसके पति की मृत्यु हुई है। परंतु उसे शासन द्वारा विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए उसने पूर्व में भी आवेदन प्रस्तुत किया था जो कि अभी तक लंबित है। उसके द्वारा अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र और पूर्व में दिए गए आवेदन की छायप्रति प्रस्तुत की। कलेक्टर ने आवेदन पर संज्ञान लेते हुए आवेदन संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया।
 
जुनवानी खम्हरिया से आवेदक ने वार्ड क्रं. 01 भिलाई नगर निगम में क्षेत्रफल आधारित जनसंख्या के दृष्टिकोण से क्षेत्र में सामुदायिक भवन की आवश्यकता बतायी। अपने आवेदन में उसने बताया है कि अनुपातिक रूप से जनसंख्या घनत्व को देखते हुए वार्ड वासियों को शादी व अन्य समारोह में कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए सामुदायिक भवन की आवश्यकता है। वार्ड में 02 सामुदायिक भवन है परंतु उसमें शासकीय उचित मूल्य की दुकान का संचालन होता है और लंबे समय अंतराल में नागरिकों के आवश्यकता अनुरूप किसी नए भवन का निर्माण भी नहीं हुआ है। आवेदक चाहता है कि सामुदायिक भवन से उचित मूल्य की दुकान को स्थानांतरित किया जाए ताकि वार्डवासी सामुदायिक भवन का उपयोग समारोह या अन्य कार्यक्रमों के लिए कर सके। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारी को आवेदन प्रेषित किया। कलेक्टर जनदर्शन में 28 आवेदन प्राप्त हुए।
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आरटीई प्रवेशित बच्चों को निःशुल्क कॉपी-पुस्तकें, यूनिफार्म उपलब्ध कराना अनिवार्य

 संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराएं

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रदेश के निजी विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आर.टी.ई.) अंतर्गत विद्यार्थियों को उच्च न्यायालय के पारित निर्णय के अनुक्रम में शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है। जिसके अनुसार निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ हितग्राही विद्यार्थियों को विद्यालयों के द्वारा निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री भी उपलब्ध कराना अनिवार्य है। परन्तु विभिन्न माध्यमों से यह संज्ञान में आया है कि, कुछ निजी विद्यालयों द्वारा हितग्राही विद्यार्थियों को यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, जो उच्च न्यायालय एवं शासन के आदेशों का उल्लंघन हैं।

संचालक लोक शिक्षण ने सभी संभागीय संयुक्त संचालक को अपने अधीनस्थ जिलों में और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिलों में संचालित निजी विद्यालयों में, जहां आर.टी.ई. अंतर्गत छात्र अध्ययनरत हैं, उन विद्यालयों की मॉनिटरिंग करने और शासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा अधिनियम के अंतर्गत जिला शिक्षा अधिकारी को उनके कार्य क्षेत्र के भीतर सक्षम अधिकारी घोषित किया गया है। संचालक लोक शिक्षण द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि कोई निजी विद्यालय नियमों का पालन नहीं करता है, या उल्लंघन करता है, तो अधिनियम में प्रावधान अनुसार संबंधित विद्यालय के विरूद्ध कार्रवाई करें।
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संकुल समन्वयक स्कूलों में अनिवार्य रूप से लेंगे कक्षाएं : सीईओ

धमतरी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। स्कूल शिक्षा विभाग की साप्ताहिक समीक्षा बैठक हुई, जिसमें जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंका महोबिया ने विभिन्न बिंदुओं पर विकासखंडवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि संकुल समन्वयक अपने अधीनस्थ स्कूलों में प्रतिदिन कक्षा में जाकर कम से कम एक पीरियड लेंगे। इसका अलग से पंजी संधारित किया जाएं, जिसमें संबंधित संस्था प्रमुख की ओर से इसका उल्लेख किया जाएं। साथ ही संकुल समन्वयकों को दैनंदिनी तैयार करने के भी निर्देश बैठक में दिए गए।

कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 9.30 बजे से आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में सी.ई.ओ. ने स्कूलों में मूलभूत आवश्यकताओं व सुविधाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने शाला परिसर में पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, अधोसंरचनाओं की उपलब्धता व मरम्मत योग्य भवन, शौचालय की उपलब्धता आदि की समीक्षा विकासखंडवार की। उन्होंने भवन मरम्मत से संबंधित सभी कार्य अगले 2-3 माह के भीतर पूरा करने के लिए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आरएन मिश्रा को निर्देशित किया। बैठक में बताया गया कि जिले के 129 स्कूलों में पेयजल की समस्या है। सी.ई.ओ. ने कहा कि अनेक स्कूलों में एक ही परिसर में प्रायमरी के साथ-साथ मिडिल स्कूल संचालित हैं, वहां पृथक से पेयजल स्रोत की आवश्यकता नहीं होगी। विद्याथिर्यों में लर्निंग आउटकम विकसित करने पर जोर देते हुए महोबिया ने कहा कि बच्चों में कक्षावार व आयुवार क्षमता बढ़ाने फोकस किया जाएं, ताकि उन्हें अगली कक्षाओं में जाने पर उन्हें परेशानी न हो। साथ ही जिले के 177 सी ग्रेड वाले स्कूलों की सतत मॉनीटरिंग करने के भी निर्देश उन्होंने दिए।
 
बैठक में स्कूलों में जाति प्रमाण-पत्र तैयार किए जाने के संबंध में कतिपय पटवारियों की ओर से सहयोग नहीं किए जाने की शिकायत पर सभी एसडीएम को तत्संबंध में आवश्यक कारर्वाई करने के लिए जिला पंचायत की सी.ई.ओ. ने निर्देशित किया। इसके अलावा विभिन्न एजेण्डों पर बैठक में चर्चा कर आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए। इस अवसर पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, स्त्रोत समन्वयक सहित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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आरटीई के तहत द्वितीय चरण के छात्र पंजीयन, लॉटरी, प्रवेश प्रक्रिया 14 अगस्त तक

 प्रथम चरण में 43 हजार विद्यार्थियों को मिला प्रवेश

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) अंतर्गत अलाभान्वित समूह के विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों में वर्ष 2022-23 में प्रवेश के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसके लिए तिथिवार समय-सारिणी जारी की थी, जिसमें प्रथम चरण की लॉटरी एवं प्रवेश की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। प्रथम चरण की लॉटरी के बाद निजी विद्यालयों में 43 हजार 224 विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाया गया है। द्वितीय चरण के छात्र पंजीयन एवं लॉटरी, प्रवेश की प्रक्रिया 01 जुलाई से 14 अगस्त 2022 तक पूर्ण की जानी है, जिसके लिए आरटीई पोर्टल को खोला गया है। आरटीई अधिनियम के तहत पालकों से निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए द्वितीय चरण की आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। साथ ही पूर्व में जिन पालकों के बच्चों का प्रवेश निजी विद्यालयों में नहीं हो पाया है वे भी द्वितीय चरण के लिए अपने आवेदनों में संशोधन कर सकते हैं।

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