शिक्षा

प्रभारी मंत्री भगत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेण्ड्री के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल

 राजनांदगांव (छत्तीसगढ़ दर्पण)। खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण, योजना, आर्थिक सांख्यिकी व संस्कृति विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेण्ड्री राजनांदगांव के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर विद्यार्थियों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।

प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने संस्था में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। प्राचार्य ने बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेण्ड्री राजनांदगांव में कार्यरत शिक्षक पीजीटी के 9 व टीजीटी के 13 कुल 22 शिक्षकों की ओर से कक्षा 6वीं से 12वीं तक के बच्चों को सीबीएसई पाठ्यक्रम अन्तर्गत अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है। सभी शिक्षक वांछनीय योग्यता रखते है। प्रभारी मंत्री ने शिक्षकों को समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए। सहायक आयुक्त ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार वार्षिक खेल कैलेण्डर तैयार किया गया है। जिसमें आयोजित होने वाले एकलव्य विद्यालयों के खेल प्रतियोगिता में बच्चों को शामिल कराया जाता है। गत वर्ष संभाग स्तरीय एकलव्य विद्यालय के बच्चों की क्रीड़ा प्रतियोगिता राजनांदगांव में कराई गई थी। परिसर में ट्यूबवेल से जल आपूर्ति की जा रही है तथा नगर निगम राजनांदगांव की ओर से प्रतिदिन टैंकर व टेप नल से जल आपूर्ति निरन्तर हो रही है।

 
 

प्रभारी मंत्री भगत ने स्वेच्छा अनुदान से 1 ट्यूबवेल अतिरिक्त खनन कर सिनटेक्स के माध्यम से जल आपूर्ति की व्यवस्था तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत पाइप लाईन बिछाकर एकलव्य परिसर में जल आपूर्ति किये जाने के निर्देश दिए। साथ ही जिला नगर सेना से सुरक्षाकर्मी की पदस्थापना करने कहा गया। शाला में गणवेश के लिए आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग रायपुर को मांग पत्र भेजा गया है। गणवेश शीघ्र ही उपलब्ध कराया जाएगा। प्रभारी मंत्री ने संस्था में खेल मैदान को विकसित करने कहा गया। 

 
 

सहायक आयुक्त ने बताया कि बाउण्ड्रीवॉल निर्माण के लिए 20 लाख रुपए स्वीकृत किया गया है। जिसके लिए निविदा आमंत्रित किया जा चुका है। बारिश के बाद कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। एकलव्य विद्यालय में उपलब्ध प्रोजेक्टर के माध्यम से जिले में संचालित नीट व आईआईटी, जेईई कोचिंग प्रारंभ करने कलेक्टर की ओर से निर्देशित किया गया। एकलव्य विद्यालय में लाइब्रेरी एवं कम्प्यूटर लैब संचालित है। संस्था में विभिन्न निर्माण व मरम्मत कार्य के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार, महापौर हेमा देशमुख, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष नवाज खान, पदम कोठारी, कुलबीर छाबड़ा, कलेक्टर डोमन सिंह, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एसके वाहने और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

 
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मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण : शिक्षा दूत, ज्ञान दीप और शिक्षाश्री से सम्मानित होंगे शिक्षक

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को विकासखण्ड स्तर, जिला स्तर और संभाग स्तर पर ‘मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण’ योजना के अंतर्गत शिक्षकों को पुरस्कृत किया जा रहा है। शिक्षक दिवस 5 सितम्बर 2022 को विकासखण्ड स्तर पर ‘शिक्षा दूत’ पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए प्राथमिक शाला के कक्षा पहली से पांचवीं तक में अध्यापन कराने वाले शिक्षक ही पात्र होंगे, चाहें वे किसी भी पद नाम से जाने जाते हों।

जिला स्तर पर ‘ज्ञान दीप’ पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए पूर्व माध्यमिक शाला अर्थात् कक्षा 6वीं से 8वीं तक अध्यापन करने वाले शिक्षक ही पात्र होंगे चाहे वे किसी भी नाम से जाने जाते हों। इसी प्रकार संभाग स्तर पर ‘शिक्षा श्री’ पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक में अध्यापन करने वाले शिक्षक ही पात्र होंगे, चाहे वे किसी भी पद नाम से जाने जाते हों।

 

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इन तीनों पुरस्कार प्रदान करने के संबंध में सभी संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण और जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन तीनों पुरस्कारों के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार शिक्षक, राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का चयन नहीं किया जाएगा। पुरस्कार के लिए यह नियम शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल से उन शिक्षकों पर लागू होगा, जो स्कूल में छात्र-छात्राओं को अध्यापन कराते हैं।

 

उत्कृष्ट शिक्षक चयन के लिए संकुल, विकासखण्ड, जिला स्तर, संभाग स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए चयन समिति का गठन किया गया है। इन सभी समितियों का कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा, किसी कारण से समिति का पद रिक्त होने पर शेष अवधि के लिए समिति गठन के लिए सक्षम अधिकारी पद की पूर्ति कर सकेगा। 

संकुल स्तरीय समिति- प्रत्येक संकुल स्तर में एक समिति होगी जिसका गठन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष हाई स्कूल या हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्राचार्य, उपाध्यक्ष सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और सदस्य सचिव विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक होंगे। समिति में सदस्य के रूप में व्याख्याता या व्याख्याता (पंचायत), पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक, संकुल स्त्रोत केन्द्र समन्वयक, शिक्षक या शिक्षक पंचायत, प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक, सहायक शिक्षक या सहायक शिक्षक पंचायत शामिल होंगे।

 

शिक्षा दूत पुरस्कार के लिए विकासखण्ड स्तरीय चयन समिति का गठन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और सदस्य सचिव विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का एक सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी होगा। सदस्यों में प्राचार्य हाई स्कूल या हायर सेकेण्डरी स्कूल, विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र समन्वयक, व्याख्याता या व्याख्याता पंचायत, पूर्व माध्यमिक शाला का एक प्रधान पाठक और प्राथमिक शाला का प्रधान पाठक शामिल होंगे। 

ज्ञान दीप पुरस्कार के लिए जिला स्तरीय चयन समिति का गठन आयुक्त राजस्व संभाग द्वारा किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर, उपाध्यक्ष डीप्टी कलेक्टर और सदस्य सचिव जिला शिक्षा अधिकारी होंगे। सदस्यों में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, डाइट के प्राचार्य या जिले के वरिष्ठ प्राचार्य, सहायक संचालक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, एक सेवानिवृत्त शिक्षा या शासकीय अधिकारी-कर्मचारी जो शिक्षा के क्षेत्र में रूचि रखता हो, वे शामिल रहेंगे।  

 

शिक्षा श्री पुरस्कार के लिए संभाग स्तरीय चयन समिति का गठन शासन स्तर पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष संभागीय आयुक्त, उपाध्यक्ष संभागीय उपायुक्त या सहायक आयुक्त और सदस्य सचिव डाइट के प्राचार्य होंगे। सदस्यों में संभागीय मुख्यालय का जिला शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य हाई स्कूल या हायर सेकेण्डरी स्कूल, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, एक शिक्षाविद् जो शिक्षा के क्षेत्र में अभिरूचि रखता हो, वे शामिल रहेंगे।

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राज्य के 422 स्कूलों में लागू होगी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना : मुख्यमंत्री बघेल

 दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के पावन और गौरवशाली अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण करने के बाद प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के विद्यार्थियों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए बड़ी सौगात दी। उन्होंने राज्य में आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व राज्य के 422 स्कूलों में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना लागू किए जाने की घोषणा की, जिसमें से 252 स्कूल बस्तर व सरगुजा संभाग में होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा जिले के शत प्रतिशत शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का स्वरूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमने सुधार के स्थायी उपाय किए, जिसके तहत पहले चरण में 14 हजार से अधिक शिक्षकों की स्थाई भर्ती का कार्य शुरू किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है। इसके अतिरिक्त 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी क्रांति आयी है। विगत वर्ष हमने 51 स्कूलों से यह योजना प्रारंभ की थी, जो अब बढ़कर 279 स्कूलों तक पहुंच चुकी है। इनमें से 32 स्कूल हिन्दी माध्यम के हैं तथा 247 स्कूलों में हिन्दी के साथ अंग्रेजी माध्यम में भी शिक्षा दी जा रही है। इस वर्ष 2 लाख 52 हजार 600 बच्चों ने इन स्कूलों में प्रवेश लिया है, जिसमें 1 लाख 3 हजार बच्चे अंग्रेज़ी माध्यम तथा 1 लाख 49 हजार 600 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं। इस योजना की सफलता को देखते हुए हमने निर्णय लिया है, कि अधिक से अधिक स्कूलों को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। आगामी शिक्षा सत्र के पूर्व 422 स्कूलों में यह योजना लागू होगी, जिनमें से 252 स्कूल बस्तर व सरगुजा संभाग में होंगे और इनमें दंतेवाड़ा जिले के शत-प्रतिशत शासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल होंगे। अपना वादा निभाते हुए हमने नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने के लिए हमने हिन्दी के अलावा 16 स्थानीय भाषाओं में तथा 4 पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित कराई हैं। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक योजना के तहत कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक सभी शासकीय-अशासकीय शालाओं तथा कक्षा आठवीं तक मदरसों के बच्चों को लगभग 52 लाख पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जा रही हैं। नवमीं कक्षा में पढऩे वाली 1 लाख 55 हजार छात्राओं को इस वर्ष नि:शुल्क सायकल देने का लक्ष्य रखा गया है।

स्कूली शिक्षा को रोजगार मूलक बनाने के लिए उसका आईटीआई के साथ समन्वय किया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा और आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र एक साथ प्राप्त हो सके। इस योजना के तहत 114 हायर सेकेण्डरी स्कूलों को जोड़ा जा चुका है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए 1 हजार 459 सहायक प्राध्यापकों, क्रीड़ा अधिकारियों और ग्रंथपालों की नियुक्ति की गई है। अतिथि व्याख्याताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। सभी जिलों में कन्या महाविद्यालय खोलने के क्रम में मुंगेली में नया कन्या महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया गया है।

 
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आज़ादी के अमृत महोत्‍सव के अंतर्गत हिंदी विवि ने निकाली साइकिल यात्रा

 वर्धा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में आज़ादी के अमृत महोत्‍सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान के त‍हत 14 अगस्‍त को पूर्वाह्न 9 बजे विश्‍वविद्यालय के गांधी हिल से साइकिल यात्रा निकाली। विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल की ओर से गांधी हिल पर साइकिल यात्रा का प्रारंभ किया गया। गांधी हिल से होते हुए यह साइकिल यात्रा वर्धा शहर स्थित राष्‍ट्रसंत तुकडोजी महाराज आर्वी नाका चौक, छत्रपति शिवाजी महाराज चौक, केसरीमल कन्‍या शाला, महात्‍मा गांधी पुतला चौक, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर चौक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुतला, जमनालाल बजाज चौक, लाल बहादुर शास्‍त्री चौक और स्‍वातंत्र्यवीर सावरकर स्‍मारक के रास्‍ते से विश्‍वविद्यालय पहुची। कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने साइकिल यात्रा के मार्ग पर स्थित महानायकों की प्रतिमाओं पर माल्‍यार्पण कर अभिवादन किया। साइकिल यात्रा में विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल, प्रो. चंद्रकांत रागीट, कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान सहित अधिष्‍ठातागण, विभागाध्‍यक्ष, अध्‍यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी तथा नगर के नागरिक भी बड़ी संख्‍या में शामिल हुए। साइकिल यात्रा का समापन अभिनवगुप्‍त संकुल परिसर में किया गया।

15 अगस्‍त को स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्‍वजारोहण का कार्यक्रम विश्‍वविद्यालय के वाचस्‍पति भवन के प्रांगण में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल की ओर से ध्‍वजारोहण किया जाएगा। ध्‍वजारोहण के बाद उनका संबोधन होगा।

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94 फीसदी बच्चे फिर लौटे स्कूल, मेंटर्स करा रहे वापसी

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ में शिक्षा के प्रचार-प्रसार को लेकर शासन स्तर पर लगातार नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शाला त्याग चुके बच्चों को पुनः मुख्यधारा में लाना चुनौती रहा है। ऐसे में शाला त्यागी बच्चों के लिए मेंटर्स का निर्धारण भी किया गया है, जो स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से स्कूलों में दाखिला लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें स्कूलों तक ला रहे हैं। शासन के इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।

बीते दो वर्षों के आंकड़ों को देखें तो शैक्षणिक सत्र 2021-22 में प्रारंभिक स्तर में 27,695 शाला त्यागी बच्चे चिन्हित किये गये थे, जिनमें से कुल 26,074 (94.15 प्रतिशत) बच्चों को फिर से स्कूलों तक लाने में सफलता मिली। इसी प्रकार शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रारंभिक स्तर में 13,737 शाला त्यागी बच्चे चिन्हित किये गये थे, जिनमें से अब तक कुल 11,944 (86.95 प्रतिशत) बच्चों को मुख्यधारा में लाया गया है। वहीं सेकेण्डरी स्तर के शाला त्यागी बच्चों को ओपन स्कूल के माध्यम से परीक्षा दिलवायी जाती है। इसमें शैक्षणिक सत्र 2021-22 में कुल 27,083 एवं शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 18,948 बच्चे ओपन स्कूल के माध्यम से 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में शामिल हुए। कुछ शाला त्यागी बच्चे ऐसे होते हैं, जिनके प्रवेश पश्चात आयु अनुरूप कक्षा में समायोजित नहीं हो पाते है, ऐसे बच्चों को विशेष प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी आयु के अनुरूप दक्षता प्राप्त कर शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जा रहा है।

बीच में ही पढ़ाई छोड़ने के ये हैं कारण :
स्कूली बच्चों के बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने के पीछे प्रमुख कारणों में पालकों की उदासीनता, बच्चों का पढ़ाई में रूचि नहीं लेना, छोटे भाई बहनों की देखभाल, घरेलू कार्यों में सहयोग, सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थिति की कमजोरी का आंकलन किया गया है।

मेंटर्स में अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि शामिल :
शिक्षा विभाग द्वारा शाला त्यागी बच्चों के प्रवेश एवं उनके स्कूलों में बने रहने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इस वर्ष प्रत्येक शाला त्यागी बच्चे के लिए मेन्टर्स का निर्धारण किया गया है, जिनका कार्य ऐसे बच्चों एवं उनके पालकों को शिक्षा एवं शाला के महत्व को समझाते हुए उन्हें नियमित शाला आने के लिए प्रेरित करना है। कोशिश यही है कि बच्चे शाला में प्रवेश ले एवं प्रवेश पश्चात लगातार शाला में बने रहें। मेन्टर्स के रूप में कार्यरत एवं सेवानृवित्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है।

भोजन, पाठ्य सामग्री व आवासीय सुविधाएं :

राज्य शासन द्वारा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत सभी विद्यार्थियों को प्रतिदिन ताजा स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा रहा है। विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा आश्रम शाला पोटा केबिन आवासीय विद्यालय, कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है, जहां दूर-दराज के विद्यार्थी निःशुल्क आवासीय सुविधा के साथ-साथ अध्ययन करते हैं। 

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शिक्षक, सहायक शिक्षक व व्याख्याता पदों पर भर्ती के लिए दस्तावेजों का सत्यापन 17 से

 बिलासपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले में संचालित तीन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में संविदा भर्ती के लिए पात्र अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। संविदा पर भर्ती के लिए प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों के दावा आपत्ति व परीक्षण उपरांत व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक के पात्र अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए समय सारणी जारी किया गया है।

जारी समय सारणी के अनुसार 17 अगस्त को सहायक शिक्षक व शिक्षक पदों के दस्तावेजों का सत्यापन, 18 अगस्त को सरल क्र.1 से 1000 तक के व्याख्याता पदों के दस्तावेजों का सत्यापन, 20 अगस्त को सरल क्र. 1001 से 2000 तक के व्याख्याता पदों के दस्तावेजों का सत्यापन, 21 अगस्त को सरल क्र. 2001 से अंतिम क्र. के व्याख्याता पदों और सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता पदों के ऐसे अभ्यर्थी जो पूर्व निर्धारित दिनांक को उपस्थित नही हो सके, उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। प्रत्येक पदों का सत्यापन महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला, गांधी चौक के पास मधुबन रोड में सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक किया जाएगा। प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए केवल व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक पदों के अभ्यर्थी जिनका 17 अगस्त को वेबसाइट की पात्र सूची में नाम सम्मिलित है, केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को निर्धारित दिनांको को उपस्थित होना है। अभ्यर्थियों को अपने साथ पात्रता निर्धारण के लिए आवश्यक समस्त अंकसूची एवं दस्तावेजों की मूल प्रतियां सत्यापन के लिए लानी होगी।

 
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छात्रवृत्ति योजना पर अमल नहीं हुआ तो संस्था के विरूद्ध कार्रवाई

 अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ संजय गुहे ने बताया है कि कक्षा 3 री से 8 वीं तक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ देने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे थे। जिन शिक्षण संस्थाओं ने निर्धारित समय-सीमा के भीतर ऑनलाइन आवेदन का कार्य पूर्ण नहीं किया है या अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ देना सुनिश्चित नहीं किया उन शिक्षण संस्थाओं की मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। ऐसी संस्थाओं के लिए संबंधित शैक्षणिक संस्था के प्रमुख जिम्मेदार होगें।

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सभी स्कूलों में शुरू होंगी स्काउट्स-गाईड्स की गतिविधियां

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय, अशासकीय, एकलव्य विद्यालय और स्वामी आत्मानंद स्कूलों में स्काउट गाइड की गतिविधियों संचालित की जाएंगी। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सभी संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा और जिला शिक्षा अधिकारियों को जिले के सभी स्कूलों में स्काउट-गाइड, रोवर रेंजर दल का पंजीयन एवं दल संचालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

 संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा संबंधितों को जारी पत्र में कहा गया है कि भारत स्काउट्स एवं गाईड्स छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य के सभी जिलों में स्काउटिंग-गाइडिंग का कार्य सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश के सभी शासकीय, अशासकीय, एकलव्य विद्यालय और स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत नियमानुसार दल का पंजीयन एवं दल संचालन कराना सुनिश्चित करें, ताकि छात्र-छात्राएं स्काउटिंग-गाइडिंग गतिविधियों में भाग ले सकें।

 

 

उल्लेखनीय है कि इसी माह 8 अगस्त को भारत स्काउट एंड गाइड के राज्य परिषद की बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री एवं राज्य अध्यक्ष स्काउट गाइड डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा सभी स्कूलों में स्काउट एवं गाइड की गतिविधियां शुरू करने की घोषणा की गई थी। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा था कि राज्य के समस्त जिलों के बच्चों में आत्मविश्वास, चरित्र निर्माण, स्वस्थ आदतों एवं जीवन कौशल विकास के लिए उन्हें श्रम की महत्ता को समझाते हुए कुशलता से सेवाभावना विकसित किए जाने के उद्देश्य से स्काउट एवं गाइड परियोजना को प्रदेश के सभी स्कूलों में लागू किया जाना आवश्यक है।

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स्वामी आत्मानंद स्कूल में अव्यवस्था देख नाराज हुए कलेक्टर, प्राचार्य को थमाया नोटिस

 दुर्ग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नगपुरा में स्वामी आत्मानंद स्कूल में लैब सामग्री आ चुकी है लेकिन इसे अभी तक व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। इसके साथ ही स्कूल में नवाचार किये जाने के प्रति उदासीनता को लेकर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा नाराज हुए। उन्होंने संस्थान की प्राचार्य श्रीमती जान को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जिले के शेष स्वामी आत्मानंद स्कूलों में बहुत अच्छा काम हो रहा है। प्राचार्य नवाचार कर रहे हैं, अपनी संस्था को सुंदर और गुणवत्तायुक्त बनाने के प्रयास कर रहे हैं लेकिन नगपुरा में ऐसा नहीं दिख रहा। कलेक्टर ने यहां की दिक्कतों के बारे में शिक्षकों से पूछा। शिक्षकों ने बताया कि अज्ञात तत्वों द्वारा ब्वायज टायलेट को तोड़ दिया गया है। मच्छर काफी हैं। इस पर कलेक्टर ने आरईएस अधिकारियों से इसके मरम्मत के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने निकासी को बेहतर बनाने एवं जलभराव वाले गड्ढों में कैरोसीन डलाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने स्कूल कैंपस का निरीक्षण भी किया। यहां काफी गंदगी थी। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से स्कूल की व्यवस्था को ठीक करने कहा। यहां स्टाफ के अतिरिक्त अन्य तरह की संसाधनों की जरूरत के संबंध में भी प्रस्ताव देने उन्होंने कहा। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन, एसडीएम मुकेश रावटे, सीईओ लवकेश ध्रुव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बोरई के आंगनबाड़ी केंद्र में सांप आते हैं, भवन का ड्रेनेज सुधारने के एवं अन्य उपाय करने के दिये निर्देश- कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने बोरई के आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ता से दिक्कतों के बारे में पूछा। कार्यकर्ता ने बताया कि यहां सांप निकलते हैं। केंद्र को खोलने से पहले चेक करते हैं। इस पर कलेक्टर ने आरईएस अधिकारियों को इसे ठीक करने उपाय करने कहा। इसके लिए भवन का ड्रेनेज सुधारने के साथ ही इसकी ऊंचाई बढ़ाने भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने रसमड़ा के पांच नंबर आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण भी किया। यहां बच्चे नहीं दिखे। कार्यकर्ता ने बताया कि पांच बच्चे आये थे। वे चले गये हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में पूरे समय बच्चों को रखकर खाना खिलाने के बाद एक्टिविटी करानी है ताकि उनका शारीरिक के साथ ही मानसिक विकास भी हो। केवल भोजन कराना ही जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने इसके लिए कार्यकर्ता और सुपरवाइजर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।

टीकाकरण की प्रगति देखी, अस्पताल का भी किया निरीक्षण- कलेक्टर ने रसमड़ा और बोरई में टीकाकरण कार्य की प्रगति देखी। उन्होंने स्थानीय अमले को कहा कि हर घर जाएं और लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करें। बूस्टर डोज का पूरा लक्ष्य हासिल करना है ताकि कोरोना से बचाव के लिए ठोस प्रतिरोधक क्षमता लोगों में बनी रहे। कलेक्टर ने रसमड़ा में पीएचसी के नये भवन का निर्माण भी देखा और गुणवत्तापूर्वक कार्य करने के लिए निर्देश दिये।

गनियारी में बनेगी माडल बाड़ी- दमोदा और बोरई में कलेक्टर ने गौठान भी देखे। उन्होंने छह आजीविकामूलक गतिविधियों को अनिवार्यतः सभी गौठानों में आरंभ करने निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने गनियारी में बाड़ी भी देखी। यहां जिमीकंद की फसल लगाई गई है। कलेक्टर ने इसे सात एकड़ तक विस्तारित करने के निर्देश दिये। साथ ही यहां पर पपीता और केले लगाने के लिए कहा। सीईओ देवांगन ने कहा कि डबरियों में हार्ड मछली डालें ताकि उनकी उत्तरजीविता की संभावना अधिक रहे।

हथकरघा केंद्र के लिए बनेगा अतिरिक्त हाल, क्षमता भी बढ़ेगी- कलेक्टर ने नगपुरा में हथकरघा केंद्र भी देखा। यहां उन्होंने ताना बाना कर रही महिलाओं से विस्तार में बातचीत की। महिलाओं ने बताया कि वे हर महीने छह हजार रुपए की आय अर्जित कर लेती हैं। यहां विस्तार की गुंजाइश को देखते हुए कलेक्टर ने यहां अतिरिक्त हाल बनाने प्रस्ताव देने और क्षमता विस्तार के निर्देश भी दिये।

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स्वामी आत्मानंद विद्यालय की लिखित परीक्षा शहर के 7 केंद्रों में, तैयारियां पूरी...

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय, योजना अंतर्गत रायपुर जिला संविदा भर्ती विज्ञापन 13 जुलाई के अनुक्रम में विभिन्न शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदो के लिए 27 जुलाई तक आवेदन पत्र आमंत्रित किए गये थे। 

प्राप्त सभी आवेदनों का विज्ञापन में अंकित नियम एवं शर्तो के अनुसार परीक्षण किया गया, तथा पात्र / अपात्र अभ्यार्थी की सूची तैयार की गई हैं। जिसे जिले की वेबसाईड https://raipur.gov.in देखा जा सकता हैं। इस संबंध में दावा आपत्ति 12 अगस्त को अपरांह 4 बजे तक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, जिला - रायपुर में आवेदक स्वयं उपस्थित होकर अथवा ई-मेल आई.डी. sagesraipur@gmail.com में दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। इस अवधि पश्चात दावा आपत्तिपर विचार नही किया जावेगा। दावा आपत्ति के निराकरण उपरांत विज्ञापन के शर्तो एवं नियम के अधीन पात्र पाये गए अभ्यार्थीयो को लिखित परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति होगी।

संविदा भर्ती की लिखित परीक्षा 16 अगस्त को प्रातः 11:00 से 11:30 बजे की मध्य रायपुर शहर के 07 परीक्षा केन्द्रो आयोजित की जावेगी। जिसकी विषयवार/पदवार सूची वेबसाईड https://raipur.gov.in देखा जा सकता है। परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र पर 30 मिनट पूर्व उपस्थिति होना अनिवार्य हैं।

 

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5-6 आयु वर्ग के बच्चों को उनकी अपनी भाषा में सिखने-सिखाने की व्यवस्था है बालवाड़ी

 गरियाबंद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नौनिहालों का भविष्य सुधारने के लिए शासन स्तर पर विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित है। इसी कड़ी शिक्षा विभाग की ओर से इस बार चयनित स्कुलो में बालवाड़ी योजना संचालित की है। जिसका क्रियान्वयन संकुल केंद्र अतरमरा के चयनित स्कुलो में बेहतर तरीके से किया जा रहा है। संकुल केन्द्र अतरमरा विकासखंड छुरा जिला गरियाबंद में बालवाड़ी शा.प्रा. शाला खट्टी व कुम्हरमरा में कुशल शिक्षिकाओं की ओर से प्रारंभ किया गया। जहां बच्चों को समुचित शिक्षा प्रदान किया जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी करमन खटकर व जिला मिशन समन्वयक श्याम चन्द्राकर के निर्देशानुसार बालवाड़ी का संचालन संकुल प्रभारी प्राचार्य बी देवांगन व संकुल समन्वयक विनोद सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन में किया जा रहा है। बालवाड़ी खोलने का प्रमुख उद्देश्य छोटे आयु वर्ग के बच्चों को उनके आयु अनुरूप लर्निंग आउटकम हासिल करने की दिशा में प्रयास करना है।सीखने के शुरुआती दौर में जब मस्तिष्क का विकास बहुत तेजी से हो रहा हो उस समय उन्हें सीखने के लिए पर्याप्त अवसर देने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने से आगे की कक्षाओं में भी सीखना बहुत ही आसान हो जाता है। संकुल समन्वयक विनोद सिन्हा के मार्गदर्शन में बालवाड़ी प्रा.शाला खट्टी व प्रा शाला कुम्हरमरा में 5 से 6 वर्ष आयु वर्ग के समस्त बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। 

शिक्षिका मीना ध्रुव व शिक्षिका पुष्पलता चक्रधारी के द्वारा उपरोक्त बालवाड़ी का कुशल संचालन किया जा रहा है। समय-समय पर निकट के प्राथमिक स्कूलों में ट्विनिंग आफ स्कूल कार्यक्रम के अन्तर्गत अनुभव लेने का अवसर दिया जाता है। शाला प्रबंधन, विकास समिति और पालकों की बैठक लेकर उन्हें 5 से 6 आयु- वर्ग के बच्चों के नियमित बालवाड़ी भेजने हेतु प्रेरित किया जाता है। छोटे बच्चों को उनकी अपनी भाषा में सिखने-सीखाने की व्यवस्था किया गया है। जिले में प्रचलित स्थानीय भाषा में सामग्री का निर्माण कर बच्चों को सीखने में सहयोग किया जाता है।

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शिक्षा सत्र 2022-23 से 40 प्रतिशत से अधिक 21 प्रकार के दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों के लिए प्रावधान व छूट

 राजनांदगांव (छत्तीसगढ़ दर्पण)। शासन के निर्णयानुसार शिक्षा सत्र 2022-23 से 40 प्रतिशत से अधिक 21 प्रकार के दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों के लिए प्रावधान व छूट प्रदान किए जाने की अधिसूचना जारी की गई है। जिसके अनुसार दृष्टिबाधित, मूकबाधित, मानसिक रूप से दिव्यांग को 21 प्रकार के दिव्यांगजन- पूर्ण दृष्टिहीन, अल्प दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, मूकबाधित, मानसिक रूप से दिव्यांग (सेरेब्रल पील्सी), स्वलीनता, बौद्धिक, नि:शक्तता, मानसिक बीमारी, अस्थिबाधित, बहु-विकलांगता, कुष्ठरोग, मल्टीपल स्केलोरोसिस, हीमोफिलिया, थैलेसिमिया, पाकर््िसन्स रोग, मांसपेशी दुर्विकास, बौनापान, सिकलसेल, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल, अधिगम नि:शक्तता, तेजाब हमला पीडि़त। कक्षा 10वीं व 12वीं के नियमित एवं स्वाध्यायी परीक्षार्थियों को परीक्षा आवेदन शुल्क को छोड़कर शेष संपूर्ण शुल्क पर छूट दी जाएगी।

दृष्टिबाधित व मानसिक रूप से दिव्यांग को पूर्ण दृष्टिहीन, अल्प दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, मूक बाधित, मानसिक रूप से दिव्यांग (सेरेब्रल पॉल्सी), स्वलीनता, बौद्धिक नि:शक्तता, मानसिक बीमारी, बहु-विकलांगता, मल्टीपल स्केलोरोसिस, मांसपेशी दुर्विकास व अस्थिबाधित जो हाथ से दिव्यांग हो अथवा हाथ की हड्डी टूट जाने या हाथ की खराबी के कारण लिखने में सक्षम न हो उन्हें 1.30 घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इसी तरह दृष्टिबाधित दिव्यांग के लिए लेखक की व्यवस्था की जाएगी, जो एक कक्षा कम अध्ययनरत हो।

अन्य 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले व हाथ की हड्डी टूट जाने अथवा हाथ की खराबी के कारण लिखने में सक्षम न हो को हाईस्कूल, हायरसेकेण्डरी, फिजिकल एजुकेशन, डिप्लोमा इन एजुकेशन, परीक्षा के लिए लेखक अधिकतम कक्षा 9वीं में अध्ययनरत हो। नेत्रहीन, मूकबाधित व मानसिक रूप से दिव्यांग को पूर्ण दृष्टिहीन, अल्प दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, मूकबाधित, मानसिक रूप से दिव्यांग (सेरेब्रल पॉल्सी), स्वलीनता, बौद्धिक, नि:शक्तता, मानसिक बीमारी, अस्थिबाधित, बहु-दिव्यांगता, मल्टीपल स्केलोरोसिस, मांसपेशी दुर्विकास - ऐसे दिव्यांगजनों को हाईस्कूल में 3 भाषा के स्थान पर 2 भाषा व हायर सेकेण्डरी में 2 भाषा के स्थान पर 1 भाषा देने की सुविधा दी जाएगी।

नेत्रहीन, मूकबाधित, मूकबाधित विद्यार्थी दिव्यांगता के पूर्ण दृष्टिहीन, अल्प दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, मूकबाधित, मानसिक रूप से दिव्यांग (सेरेब्रल पॉल्सी), स्वलीनता, बौद्धिक नि:शक्तता, मानसिक बीमारी, बहु-विकलांगता, मल्टीपल स्केलोरोसिस, मांसपेशी दुर्विकास- ऐसे दिव्यांगजन गणित अथवा विज्ञान के स्थान पर आवश्यकता अनुसार संगीत अथवा चित्रकला ले सकेंगे। दृष्टिबाधित व मूकबाधित दिव्यांग को दृष्टिबाधित व मूकबाधित के लिए केवल हाईस्कूल परीक्षा में गणित विषय का प्रश्रपत्र अलग से तैयार किय जाएगा।

 

 

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जेईई मेन्स में आकांक्षा विद्यालय के छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन

 जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिला प्रशासन की ओर से इस जिले के मेधावी छात्र/छात्राओं को मेडिकल व इजीनियरिंग की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे आईआईटी/जेईई मेन्स/नीट की तैयारी कराने के लिए आकांक्षा कार्यक्रम संचालित की जा रही है। शिक्षा सत्र वर्ष 2021-22 में जून/जुलाई 2022 में आयोजित आईआईटी-जेईई परीक्षा में आकांक्षा आवासीय विद्यालय से 33 छात्र/छात्राओं में से 06 छात्र/छात्रायें आईआईटी-जेईई एडवांस के लिए क्वालिफाई हुए है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के अनुसार पूरे भारत में इस वर्ष 10,26,799 विद्यार्थी शामिल हुए थे। इस वर्ष जून तथा जुलाई माह में आईआईटी-जेईई परीक्षा का आयोजन एनटीए की ओर से किया गया है। दोनों माह की परीक्षाओं में से क्वालिफाई (अच्छा स्कोर करने पर) होने पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में बी.टेक/बी.ई. करने का अवसर प्राप्त होता है, साथ ही आईआईटी-जेईई एडवांस की परीक्षा देने का भी अवसर प्राप्त होता है। इसी प्रकार आईआईटी-जेईई एडवांस क्वालिफाई होने पर भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) में बी.टेक/बी.ई./बी.एस.सी./बी.एस. तथा ढ्ढढ्ढस्श्वक्र संस्थानों से बी.एस.सी. व एम.एस.सी. ड्यूल डिग्री कोर्स करने का अवसर प्राप्त होता है।

इस वर्ष एनटीए की ओर से घोषित परीक्षा परिणाम में आकांक्षा आवासीय विद्यालय से अमन बरेठ ने 94.00 (एनटीए स्कोर) प्राप्त किया। इसी प्रकार अन्य छात्र/छात्राओं जैसे विनय कश्यप, रितेश कैवत्र्य, आरिफ खान, तुलसी गोड़ ने भी आईआईटी-जेईई एडवांस के लिए क्वालिफाई किया है।

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स्कूल शिक्षा विभाग ने दिए ‘अंगना म शिक्षा’ मेलों के आयोजन के निर्देश

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ में बच्चों की शिक्षा को रूचिपूर्ण बनाने और उन्हें खेल-खेल में ही विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराने के लिए अंगना म शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में शनिवार को आयोजित होगा। गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हर शनिवार को बस्ताविहीन स्कूल के आयोजन के साथ ही अंगना म शिक्षा के तहत मेले के आयोजन के निर्देश दिए गए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में छोटे बच्चों की माताओं को अपने बच्चों को घर पर रहकर स्कूल के लिए तैयार करने के उद्देश्य से महिला शिक्षिकाओं के नेतृत्व में ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। शीघ्र ही इसका अगला वर्शन ‘अंगना म शिक्षा 3.0’’ लागू किया जाएगा।

सभी जिला मिशन समन्वयक से कहा गया है कि जिन-जिन स्कूलों में अंगना म शिक्षा का एंडलाइन मेलों का जहां अंगना म शिक्षा मेलों का आयोजन नहीं किया जा सका था, वहां मेले का आयोजन किया जाए। विशेषकर मुंगेली और राजनांदगांव जिलों के जिला मुख्यालय एवं विकासखण्ड की महिला शिक्षिकाओं को तैयार कर इन मेलों को समस्त शालाओं में उनके बेहतर स्वरूप में आयोजित किए जाए। बच्चों को घर पर रहकर सीखने और माताओं को स्कूल से जोड़ने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए।

इस वर्ष नवप्रवेश लिए हुए छोटे बच्चों की माताओें को भी स्मार्ट माताओं के माध्यम से इस कार्यक्रम से सक्रिय रूप से जोड़ें। इन्हें प्रशिक्षण के बदले अपने आस-पास के आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं में माह में कम से कम दो बार कक्षाओं में जाकर शिक्षकों द्वारा किए जा रहे अध्यापन का अवलोकन किया जाए। घर पर बच्चों को सीखाने के लिए आवश्यक तैयारी भी कर ली जाए। इस कार्य में स्मार्ट माताओं का भी सहयोग लिया जाए।

जिला, विकासखण्ड एवं संकुल स्तर पर अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए प्राथमिक शालाओं में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं के दल का पुनर्गठन कर एक ऊर्जावान टीम तैयार की जाए। पूर्व में इस कार्यक्रम से जुड़े बहुत सी महिला शिक्षकाओं का प्रमोशन होने की वजह से वे उच्च प्राथमिक कक्षाओं में चली गई हैं। इस कार्य के लिए पूर्व से सक्रिय जिले की टीम से सहयोग लेकर उन्हें नेतृत्व प्रदान किया जाए।

शिक्षकों द्वारा पालकों के मोबाइल नम्बर लेते हुए उनके गु्रप बनाकर नियमित कहानियां और अन्य सामग्री भेजे जाने की व्यवस्था की जाए। बच्चों को शाला में शिक्षकों द्वारा इस बात पर जिद करने की सलाह दी जाए कि मोबाइल में भेजी जा रही सामग्री को घर पर सभी एक साथ बैठकर सुनकर आनंद लें। ऐसी जिद करने से पालक बच्चों को घर पर मोबाइल का उपयोग कर कहानी सुनने के लिए अवसर दे सकेंगे।

आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं में सभी शाला योग्य जाने वाले बच्चों को अनिवार्यतः प्रवेश दिलवाएं। नवीन खुल रहे बालवाड़ियों में बच्चों की दर्ज संख्या को बढ़ाने के लिए अभियान चलाकर इन केन्द्रों में प्रवेश योग्य सभी बच्चों का प्रवेश तत्काल सुनिश्चित करवाएं। सभी बच्चों को उनकी आयु अनुरूप वर्ण पढ़ पाना, शब्द, वाक्य एवं कहानी आदि पढ़ पाना, अंक पढ़ना, गिनती, सरल जोड़-घटना, गुणा-भाग के सवाल हर कर पाना अभ्यास कराया जाए, ताकि मूलभूत साक्षरता एवं गणितीय कौशल विकास की दिशा में कार्य किया जा सके।

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शिक्षकों ने छात्रों के हितार्थ अतिरिक्त कक्षाएं किए शुरू

शाम 4 बजे से 5 बजे तक ले रहे अतिरिक्त कक्षाएं

सूरजपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विगत दिनों शिक्षकों की हड़ताल अवधि 25 से 29 जुलाई तक आकाश में रहने के कारण अध्यापन कार्य की क्षतिहुई है व बच्चों के हितार्थ क्षतिपूर्ति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय ने जिले के सभी संस्था प्रमुखों, शिक्षकों से अपील गई थी। अतिरिक्त समय व अवकाश के दिनों में भी कक्षाएं संचालित कर अध्ययन अध्यापन की क्षतिपूर्ति के लिए शिक्षकों की ओर से 4 बजे से 5 बजे तक अध्यापन कार्य कर अधूरे कोर्स को पूर्ण कराया जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी वी.के. रॉय ने बताया कि केतका, तिवरागुड़ी, डीडरी, श्याम नगर, कल्याणपुर, दंडकरवां सहित अन्य स्कूलों में छात्रों के हितार्थ शिक्षकों की ओर से अतिरिक्त कक्षा लगाकर कोर्स पूर्ण किया जा रहा है।

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यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए चिंतित सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र, किया यह आग्रह...

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर यूक्रेन से वापस आए मेडिकल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पूरी कराने के लिए शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का अनुरोध किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने विगत मार्च में भी उन्हें पत्र लिखकर इस संबंध में जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया था। रुस-यूक्रेन युद्ध के कारण प्रदेश के 207 मेडिकल विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर देश लौटना पड़ा है।


स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने अपने पत्र में कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न हुई गंभीर परिस्थितियों के कारण यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय मूल के सभी छात्र-छात्राओं को भारत सरकार द्वारा सकुशल वापस लाया गया है। बड़ी संख्या में देश वापस आए छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के मेडिकल छात्र-छात्राओं के भविष्य एवं आगे की शिक्षा को लेकर मैंने आप से पहले भी पत्र के माध्यम से तत्काल समुचित पहल का आग्रह किया है।

मंत्री सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पैरेन्ट्स एंड स्टूडेन्ट एसोशिएशन, रायपुर का पत्र भी संलग्न कर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजा है जिसमें यूक्रेन से लौटे 207 छात्र-छात्राओं एवं उनके पालकों ने भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। मंत्री सिंहदेव ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार भी छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर समुचित कार्ययोजना के अंतिम चरण में होगी‌। उन्होंने इस संवेदनशील विषय पर शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का आग्रह किया है।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने मांडविया से अनुरोध किया है कि प्रभावित सभी छात्रों के अध्ययनरत् समयावधि को आधार मानकर देश के मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें आबंटित कर उन्हें समायोजित किया जाए जिससे प्रभावित छात्र-छात्राओं का भविष्य सुरक्षित एवं सुनिश्चित हो सके‌। इससे देश में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी एवं चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ जनमानस को प्राप्त हो सकेगा।

 

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डी.ए.व्ही. स्कूलों में शासन कोटा की आरक्षित सीटों के लिए चयन सूची जारी

 

बिलासपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले के अंतर्गत संचालित डी.ए.व्ही. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल गोढ़ी, गोबरीपाट, देवरीखुर्द व परसावेद में शासन कोटा के 8 प्रतिशत सीट पर जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरांत चयन सूची जारी कर दी गई है। सूची सभी डी.ए.व्ही. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूलों में चस्पा कर दिया गया है। चयनित छात्र-छात्रा समय सीमा में आवश्यक दस्तावेजों के साथ संस्था में प्रवेश प्राप्त कर सकते है। पालक आवश्यक दस्तावेजों सहित अपने बच्चों का प्रवेश कराने संस्था से सम्पर्क कर सकते है।  डी.ए.व्ही. मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल गोढ़ी में 8, गोबरीपाट में 11, देवरीखुर्द में 7 व परसावेद के 6 छात्रों को मिलाकर कुल 32 छात्रों का चयन किया गया है। 

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बीएएसएलपी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन 20 तक

 12वीं जीव विज्ञान अथवा गणित विषय से उत्तीर्ण विद्यार्थी कर सकते हैं आवेदन

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के नाक, कान, गला रोग विभाग (ईएनटी) के अंतर्गत संचालित बैचलर ऑफ ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी (बी. ए. एस. एल. पी.) पाठ्यक्रम 2022 में प्रवेश लेने के लिए आवेदन पत्र वेबसाईट रायपुर बीएसएलपी डॉट ओ आर जी/https://raipurbaslp.org/ में उपलब्ध है। प्रवेश संबंधित नियम, आवेदन प्रारूप एवं अन्य जानकारी हेतु इच्छुक छात्र-छात्रायें उल्लेखित वेबसाइट का अवलोकन कर सकते हैं। वेबसाइट में उपलब्ध फार्म को डाउनलोड करके एवं भरकर डिमांड ड्राफ्ट के साथ ईएनटी डिपार्टमेंट, कक्ष क्रमांक 244, सेकंड फ्लोर, डाॅ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ के पते पर भेजा जा सकता है। पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र को स्पीड पोस्ट/रजिस्टर्ड पोस्ट/ सामान्य डाक द्वारा जमा करने की अंतिम तिथि 20 अगस्त 2022 है। आवेदकगण लेट फीस के साथ 22 अगस्त तक फार्म जमा कर सकते हैं। मेरिट लिस्ट जारी करने की तिथि 27 अगस्त है। मेरिट लिस्ट के प्रकाशन पश्चात् 03 सितंबर तक दावा आपत्ति किये जा सकते हैं। प्रवेश हेतु काउंसलिंग की प्रक्रिया सोमवार 7 सितंबर को प्रारंभ होगी। भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी के लिए दूरभाष क्रमांक 07712890137 पर कार्यालयीन समय में सम्पर्क किया जा सकता है।

यह चार वर्ष का पैरामेडिकल कोर्स है। इस पाठ्यक्रम को भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) से मान्यता प्राप्त है। यह एक रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम है जिसमें बारहवीं जीव विज्ञान अथवा गणित विषय से उत्तीर्ण होने के बाद प्रवेश लिया जा सकता है।  बैचलर ऑफ ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी  की पढ़ाई करने के बाद शासकीय, गैर शासकीय अथवा निजी अस्पतालों, बाल विकास केन्द्रों, पुनर्वास केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार सेवा एवं रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
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