हिंदुस्तान

उत्तर प्रदेश अनेकता में एकता का जीवंत उदाहरण : राम नाथ कोविंद

 

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि उत्तर प्रदेश अनेकता में एकता का जीवंत उदाहरण है। सोमवार को  लखनऊ में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित राज्‍य विधानमंडल की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक विविधता लोकतंत्र को और मजबूत बनाती है।

श्री कोविंद ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उत्तर प्रदेश जल्द ही एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने ही कहा था कि भारतीय लोकतंत्र के बीज पश्चिमी दुनिया में नहीं, बल्कि बुद्ध काल के संघों में पाए जाते थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 47 महिला सदस्यों की मौजूदगी एक स्वागत योग्य संकेत है। उन्‍होंने कहा कि विधानमंडल में महिलाओं के प्रतिनिधित्‍व को बढ़ाये जाने की अभी भी जरूरत है। श्री कोविंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य राजनीतिक दिग्गज नेता दिए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य से अब तक देश के नौ प्रधानमंत्री बने हैं। श्री कोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को एक स्थिर सरकार प्रदान की है। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने भी सत्र को संबोधित किया।

और भी

स्वच्छ भारत अभियान ने गरीबों को सम्मान से जीने का मौका दिया , बिजली, गैस और मुफ्त इलाज ने बढ़ाई गरिमा : मोदी

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त और कार्पोरेट कार्य मंत्रालयों के ‘प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह’ का उद्घाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके अलावा पीएम ने 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्कों की विशेष श्रृंखला भी जारी की। पीएम मोदी ने कहा आजादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग आयाम को जोड़ा और उसकी ऊर्जा बढ़ाई।

किसी ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, किसी ने अस्त्र–शस्त्र का रास्ता चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्म, तो किसी ने बौद्धिकता आजादी की अलख को जलाने में मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए आज जब हम आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, तो प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वो अपने-अपने स्तर पर, अपना कोई विशिष्ठ योगदान राष्ट्र के विकास में जरूर जोड़े।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा भारत ने भी बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया है। इस दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी, उन्होंने देश के विकास को गति दी है, देश के गरीब से गरीब नागरिक को सशक्त किया है। साथ ही पीएम ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया। पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीब की गरिमा बढ़ाई है। कोरोना काल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख की आशंका से मुक्ति दिलाई है। 

और भी

पटियाला जेल में बंद नवजोत सिंह सिद्धू की तबियत बिगड़ी, पीजीआइ चंडीगढ़ लाया गया

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रोडरेज मामले में पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद कांग्रेस नेता व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को मेडिकल जांच के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ लाया गया है। बताया जा रहा है कि सिद्धू की तबियत अचानक बिगड़ गई, जिससे उन्हें पीजीआइ चंडीगढ़ लाया गया।

नवजोत सिंह सिद्धू को सोमवार सुबह 9:00 बजे पटियाला जेल से चंडीगढ़ पीजीआइ पुलिस सुरक्षा के बीच इलाज के लिए लाया गया। यहां नवजोत सिंह सिद्धू को पीजीआइ के हेप्टोलाजी विभाग में दिखाया गया। पीजीआइ प्रवक्ता की मानें तो उनके लीवर से संबंधित दो से तीन टेस्ट किए गए। इसके बाद उन्हें कुछ दवाइयां लिखकर डिस्चार्ज कर दिया गया। नवजोत सिंह सिद्धू इस दौरान पीजीआइ में करीब एक घंटे से अधिक समय तक मौजूद रहे।

पुलिस सुरक्षा के बीच जब नवजोत सिंह सिद्धू को पीजीआइ चंडीगढ़ लाया गया तो इस दौरान पंजाब कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और उनके परिवार के कुछ लोग मौजूद थे। बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को बीते कई दिनों से लिवर में दिक्कत थी, जिसके चलते सोमवार को उनकी अचानक तबीयत खराब होने के चलते पीजीआई चंडीगढ़ इलाज के लिए लाया गया।

बता दें, इससे पहले 23 मई को भी नवजोत सिंह सिद्धू की अचानक तबियत बिगड़ गई थी। उनका मेडिकल चेकअप पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में किया गया था। नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद 20 मई को पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद किया गया था।

और भी

वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा

 

 गाजियाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। वाराणसी में वर्ष 2006 में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है। शनिवार को कोर्ट ने वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था। वाराणसी में हुआ बम ब्लास्ट में 18 लोगों की मौत हुई थी और 50 लोग घायल हुए थे। सभी लोग इस चर्चित मामले में अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे थे।

सुनवाई से पहले कचहरी में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए। कचहरी में तीन रास्तों से आवागमन बंद कर दिया गया है। सिर्फ एक रास्ते से चेकिंग के बाद ही कचहरी में प्रवेश करने दिया जा रहा है। सुरक्षा के लिहाज से जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत की तरफ जाने वाली गैलरी पर पुलिसकर्मी तैनात कर आवागमन बंद कर दिया गया है।

इस मामले से जुड़े अधिवक्ताओं के अलावा अन्य किसी अधिवक्ता को भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत की तरफ जाने नहीं दिया जा रहा है। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड भी मौके पर मौजूद है।

जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद शर्मा ने बताया कि सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। पहला बम धमाका उक्त तिथि को शाम 6.15 बजे वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें सात लोग मारे गए थे जबकि 26 घायल हुए थे।

उसी दिन 15 मिनट के बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थाना क्षेत्र में जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा गया था।

इन दोनों मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोप में अदालत आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार दे चुकी है। जबकि जीआरपी वाराणसी थाना क्षेत्र में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने हुए धमाके, जिसमें नौ लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे। इसमें साक्ष्यों के अभाव में अदालत उसे बरी कर चुकी है।

मालूम हो, कि वाराणसी में अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह की पैरवी करने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ था। वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है।

और भी

अब बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के घर भी लगेंगे मीटर, ऊर्जा मंत्री ने दिए निर्देश…

 लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बिजली खपत की तुलना में राजस्व प्राप्ति बढ़ाने और लाइनलास (हानियां) कम करने के लिए अब सरकार और सख्ती करने जा रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के घर पर भी मीटर लगाने का निर्देश ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दिया है। शक्ति भवन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के साथ प्रदेशभर के डिस्काम की समीक्षा करते हुए दो टूक कहा कि विभाग के माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। वहीं, अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

बिजली विभाग के शक्तिभवन मुख्यालय में शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली संबंधी समस्याओं के समाधान और व्यवस्था की बेहतरी के लिए अधिक से अधिक आधुनिक तकनीक का प्रयोग करें, जिससे लोगों को इसका जल्द लाभ मिले। अन्य राज्यों की भी बिजली व्यवस्था की तकनीक का अध्ययन किया जाए कि कैसे वहां लाइनलास कम किया गया है और लोगों को बेहतर आपूर्ति मिल रही है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक डिस्काम यह सुनिश्चित करे कि जितनी बिजली दी जा रही है, उतनी राजस्व वसूली भी हो। अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी के साथ अपना काम करें। प्रत्येक फीडर और ट्रांसफारमर स्तर तक निगरानी करने व सुरक्षात्मक मरम्मत समय पर करने के निर्देश दिए।

कहा कि बेहतर व्यवस्था के लिए सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करना होगा। समय-समय पर पेट्रोलिंग भी जाए। सामंजस्य बनाने के लिए नीचे स्तर तक के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक करें। सभी उपभोक्ताओं की मीटरिंग, समय पर सही बिलिंग और समय पर कनेक्शन देने के लिए निर्देशित किया। कहा कि उपभोक्ताओं के मीटर की औचक जांच भी कराई जाए। यह काम अवर अभियंता और सुपरवाइजर करें।

ट्रांसफारमर जलने पर संबंधित अधिकारी होंगे जवाबदेह : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ट्रांसफारर्मर का जलना बहुत बड़ी समस्या बन गई है। ट्रांसफारमर जलने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए और सभी डिस्काम इसका सख्ती से पालन कराएं। उन्होंने निर्देश दिया कि ट्रांसफारमरों की क्षमता वृद्धि की जाए। ट्रांसफारमर को नजदीकी केंद्र पर सुरक्षित तरीके से रखा जाए, जिससे कि उसकी सप्लाई में कम समय लगे।

पूर्वांचल को 60 लाख और मध्यांचल को 50 लाख नए कनेक्शन का लक्ष्य : मुख्य सचिव ने कहा कि आबादी के हिसाब से बिजली कनेक्शन कम हैं। सभी को कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाया जाए। उन्होंने पूर्वांचल में 60 लाख और मध्यांचल में 50 लाख नए कनेक्शन बढ़ाने का लक्ष्य विभाग को सौंपा। कहा कि बिल की वसूली के लिए अधिशासी अभियंताओं के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार कराएं। इस अभियान में ग्राम प्रधानों को भी जोड़ें।

मुख्य सचिव ने कहा कि ऊर्जा विभाग सेवा देने वाला विभाग है और जनता को सबसे अच्छी सेवा देना विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक ठोस कार्ययोजना बनाएं। प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने कहा कि विभाग भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रहा है। संलिप्त पाए गए अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

राजस्व वसूली को बढ़ाने, लाइन हानियों को कम करने, कभी बिल न देने वाले उपभोक्ताओं से वसूली और शत-प्रतिशत बिलिंग के लिए बिजली कंपनियों के साथ एमओयू हो चुका है। इसी के आधार पर अधिकारियों के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। बैठक में उप्र वितरण और उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद, पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार और सभी डिस्काम के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे।

और भी

नशे में चूर युवक नमक की जगह चाटता रहा चूहामार जहर, पहुंचा अस्पताल…

छतरपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां एक शराबी शराब के नशे में चूहामार जहर को सेंधा नमक समझकर चाटता रहा, जब अचानक शराब पीते-पीते युवक की हालत बिगड़ी तो घर वालों ने उसे देखा, जिसके बाद उन्हें जानकारी लगी कि युवक चखने के साथ चूहामार जहर नमक समझकर चाट रहा था, आनन-फानन में परिजन युवक को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है।

घटना छतरपुर जिले के रामगढ़ की है, यहां का 22 वर्षीय पुष्पेंद्र रैकवार शराब पीने का आदि है। युवक के परिजनों ने बताया कि युवक शराब का सेवन करते समय नमकीन और सलाद खा रहा था, इसी दौरान उसने चूहामार जहर को सेंधा नमक समझकर नमकीन और सलाद में मिला लिया, वह हर पैग के साथ नमक समझकर चूहामार जहर चाटता रहा। जब जहर की ज्यादा मात्रा शरीर में पहुंची तो उसे उल्टियां होने लगी, जिसके बाद परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। फिलहाल इलाज के बाद उसे निगरानी में रखा गया है। घटना से सबक लेते हुए युवक ने आगे कभी शराब न पीने की बात कही है।

और भी

मंदिर दर्शन करने गए दंपत्ति पर भालू ने किया हमला, दोनों की मौत…

 पन्ना (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मध्यप्रदेश में पन्ना के रानीगंज इलाके में मंदिर में दर्शन करने गए एक दंपति पर भालू ने हमला कर दिया। दोनों की मौके पर मौत हो गई है। यह दंपति पूजा करने के लिए खेरमाई गया हुआ था। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की घटना बताई जा रही है।

दंपति के शव को बुरी तरह खरोंचने के बाद भालू शव के पास ही बैठा रहा, खबर मिलने के बाद वन विभाग ने भालू को ट्रैकुलाइज करने की योजना बनाई है। जिससे कि शव को रिकवर किया जा सके। हमले के करीब 4 घंटे बाद भी भालू शव के पास बैठा हुआ है।

और भी

पर्यावरण संरक्षण के लिये भारत का प्रयास बहु-आयामी, जलवायु परिवर्तन में उसकी भूमिका नगण्‍य : मोदी

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण के लिये भारत का प्रयास बहु-आयामी रहा है जबकि जलवायु परिवर्तन में उसकी भूमिका नगण्‍य है। विश्‍व पर्यावरण दिवस पर नई दिल्ली में मृदा संरक्षण आंदोलन पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि  विकसित देश न केवल धरती के अधिक से अधिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि वे सबसे अधिक कार्बन उत्‍सर्जन के लिए भी जिम्‍मेदार हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने निर्धारित समय से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्‍य हासिल कर लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन, नमामि गंगे और एक सूर्य और एक ग्रिड सहित विभिन्‍न सरकारी योजनाएं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हैं। उन्‍होंने कहा कि पहले किसान मिट्टी की गुणवत्‍ता के प्रति जागरूक नहीं थे। इस बारे में उन्‍हें जागरूक करने के लिए व्‍यापक अभियान चलाया गया और मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड उपलब्‍ध कराए गए। अब तक 22 करोड से अधिक मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड किसानों को दिए जा चुके हैं। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में गंगा नदी के किनारे बसे गांवों में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने की घोषणा की गई। श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने यह भी घोषणा की है कि गंगा नदी कॉरिडॉर में प्राकृतिक कृषि को प्रोत्‍साहित किया जायेगा।

और भी

राष्‍ट्रपति ने उत्‍तर प्रदेश में संत कबीर अकादमी और अनुसंधान केन्‍द्र का किया उद्घाटन

 

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को  उत्‍तर प्रदेश के संत कबीर नगर में संत कबीर अकादमी और अनुसंधान केन्‍द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि संत कबीर का जीवन मानवीय गुणों का प्रतिमान हैं और उनकी शिक्षा आज छह सौ पचास वर्ष बाद भी प्रासंगिक है। उन्‍होंने कबीर के जीवन को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि कबीर ने समाज के पिछडे वर्गों के प्रति सद्भाव ही मनुष्यता की सच्ची सेवा है। उन्‍होंने कहा कि कबीर ने औपचारिक शिक्षा प्राप्‍त नहीं की लेकिन संतों की संगति में उन्‍होंने अपने अनुभवों से ज्ञान प्राप्त किया। उन्‍होंने कहा कि कबीर के संदेशो ने बिखरे समाज के हृदय को आंदोलित किया। श्री कोविंद ने कहा कि कबीर ने उस समय प्रेम, समर्पण और सौहार्द का संदेश दिया जब भारत विदेशी हमलावरों से आक्रांत था।

और भी

राष्‍ट्रपति ने उद्योग जगत से कार्बन उत्‍सर्जन कम करने में सरकार की मदद की अपील की

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उद्योग जगत से अपील की कि वे कार्बन उत्‍सर्जन कम करने में सरकार की मदद करें। राष्‍ट्रपति कानपुर में उत्‍तरप्रदेश के व्‍यापार मण्‍डल की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि कानपुर उद्योगों के लिए मशहूर है। साथ ही प्रदूषण विशेष रूप से गंगा में प्रदूषण के लिए बदनाम भी है। उन्‍होंने कहा कि सरकार नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत नदी को स्‍वच्‍छ बनाने के प्रयास कर रही है। श्री कोविंद ने कहा कि सरकार ने 2030 तक कार्बन उत्‍सर्जन का स्‍तर न्‍यूनतम करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है।

उन्‍होंने कहा कि इस लक्ष्‍य को हासिल करने में उद्योग क्षेत्र की मदद जरूरी है। श्री कोविंद ने कहा कि उद्योग जगत को प्रदूषण कम करना चाहिए और जलवायु अनुकूल नये उद्योग स्‍थापित करने में मदद करनी चाहिए। राष्‍ट्रपति उत्‍तरप्रदेश की चार दिन की यात्रा पर हैं। वे गोरखपुर, संत कबीरनगर, वाराणसी और लखनऊ में विभिन्‍न कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेंगे। श्री कोविंद सोमवार को आजादी का अमृत महोत्‍सव के अवसर पर राज्‍य विधान मण्‍डल के संयुक्‍त सत्र को भी संबोधित करेंगे।

और भी

विश्व पर्यावरण दिवस पर एनटीपीसी आयोजित करेगा वृक्षारोपण कार्यक्रम

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत की सबसे बड़ी, एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी 5 जून को अपनी सभी साईट्स पर विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन कर रही है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘ओनली वन अर्थ’ के अनरूप कंपनी वृक्षारोपण, शपथ ग्रहण समारोह एवं जागरुकता अभियानों का आयोजन करेगी।

आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत एनटीपीसी कई स्थायी पहलें कर रही है जिसमें महाराष्ट्र के सोलापुर में स्मार्ट टाउनशिप का उद्घाटन भी शामिल है। आइकॉनिक सप्ताह समारोह के दौरान एनटीपीसी अपने विभिन्न विद्युत स्टेशनों पर एक विशाल वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित कर रहा है।

विद्युत जगत की यह दिग्गज हाइड्रोजन, कार्बन, बैटरी संग्रहण, इलेक्ट्रिक परिवहन और अपशिष्ट से ऊर्जा के क्षेत्रों में अवसरों पर सक्रियता से काम करती रही है। इसी दिशा में केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की शुरूआत की गई। 2032 तक कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से 60 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य तय किया है।

और भी

कानपुर में बवाल का मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी पकड़ा गया

 

कानपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। परेड में नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल में मास्टरमाइंड बताया जा रहा हयात जफर हाशमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह बवाल के बाद से फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि वह कानपुर के बाहर कहीं छिपा था, जहां से एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया है। हालांकि कानपुर कमिश्नरेट के अधिकारी अभी उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।

कानपुर का हयात जफर हाशमी मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष है और पहले भी माहौल बिगाड़ने के प्रयास में उसका नाम आ चुका है। शहर में बीते वर्षों में हुए उपद्रव के बाद उसका नाम सामने आया था। कानपुर में बवाल से पहले भी उसने लोगों को जोड़ने के लिए तैयारी की थी। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद से वह फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

कुछ साल पहले उसने मकान खाली कराने के लिए अपनी मां और बहन को उकसाकर डीएम कार्यालय भेजा था, जहां उसके कहने पर मां-बेटी ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। दोनों को गंभीर हालत में एलएलआर अस्पताल लाया गया था। उपचार के दौरान मां-बेटी की मौत हो गई थी। हयात जफर हाशमी घर पर राशन कोटे की दुकान चलाता है और इंटरनेट मीडिया के सोशल प्लेटफार्म पर सक्रिय रहता है। बीते वर्षों में कानपुर में एनआरसी और सीएए को लेकर बवाल में भी उसकी भूमिका सामने आई थी। 21 अक्टूबर को उसने मूलगंज से मेस्टन रोड, शिवाला बाजार, रामनारायण बाजार होते हुए फूलबाग तक जुलूस ए मोहम्मदी निकाला था, जिसमें उसपर मुकदमा भी दर्ज हुआ था।

और भी

सिद्धू मूसेवाला के पिता ने की अमित शाह से मुलाकात, सीबीआइ जांच की मांग

चंडीगढ़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। शाह से हाल ही में मारे गए पंजाबी गायक सिदधू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने मुलाकात की और मूसेवाला मर्डर केस की निष्पक्ष जांच की मांग की।

इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे। बता दें, सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को मानसा में हत्या कर दी गई थी। परिवार ने पंजाब सरकार से मामले की जांच सिटिंग जज से करवाने की मांग की थी।

भगवंत मान सरकार ने मामले की जांच सिटिंग जज से कराने के लिए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था, लेकिन बताया जा रहा है कि मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब सरकार की मांग को ठुकरा दिया है। मामले में मूसेवाला के परिवार ने आज गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।

बताया जा रहा है कि मूसेवाला के परिवार ने अमित शाह से मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। बता दें, मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार पर भाजपा सहित अन्य विपक्षी दल हमलावर रहे हैं।

दरअसल, जिस दिन सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई उससे दो दिन पहले ही पंजाब सरकार ने मूसेवाला की सुरक्षा में कमी कर दी थी। पंजाब सरकार पर आरोप लगे कि सुरक्षा में कमी के कारण उनकी हत्या हुई है। पंजाब सरकार ने राज्य में और भी वीवीआइपी की सुरक्षा में कमी कर दी थी। इस कारण मामले में राजनीति गरमा गई।

राजनीति गरमाने के बाद पंजाब सरकार ने कहा कि सात जून तक सभी वीवीआइपी की सुरक्षा बहाल कर दी जाएगी। यहां यह भी बता दें कि सिद्धू मूसेवाला की जब हत्या हुई तब उनके साथ कोई भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। वह अपने साथ न निजी सुरक्षाकर्मी ले गए थे और न सरकारी।

और भी

पटाखा फैक्टरी में धमाका : 8 की मौत, 15 घायल, प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री ने जताया दुख

 

हापुड़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हापुड़ के धौलाना में पटाखा फैक्टरी में भीषण धमाका हो गया है, जिसमें आठ कामगारों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक घायल हैं। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया गया है। मौके पर जिला स्तर के अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।

पुलिस ने जानकारी दी है कि रुही पटाखा फैक्टरी में दोपहर तीन बजे हादसा हुआ। फिलहाल घायलों और शवों को फैक्टरी से बाहर निकालने में अधिकारी जुटे हुए हैं। शुरूआती जांच में पता चला है कि धमाका पटाखा के मिश्रण में हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर दुःख जताया है। पीएमओ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- उत्तर प्रदेश के हापुड़ की केमिकल फैक्ट्री में हुआ हादसा हृदयविदारक है। इसमें जिन लोगों को जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के इलाज और दूसरी हर संभव सहायता में राज्य सरकार तत्परता से जुटी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख प्रकट किया है। उनके दफ्तर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘ सीएम योगी ने जनपद हापुड़ स्थित एक फैक्टरी में ब्वॉयलर फटने की दुर्घटना में हुई जनहानि पर गहरा शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री जी ने दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।’

आईजी प्रवीण कुमार बोले- हादसे के जिम्मेदार के खिलाफ होगी कार्रवाई
हापुड़ आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। इस हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

और भी

केरल में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केरल के मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन ने फिर कहा है कि राज्‍य में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा। वामपंथी लोकतांत्रिक गठबंधन-एल.डी.ए. सरकार के एक साल पूरे होने के सिलसिले में आयोजित समारोह में मुख्‍यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का स्‍पष्‍ट मत है कि धर्म के आधार पर नागरिकता तय नहीं की जाएगी।

और भी

प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में अस्सी हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी

 

लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के तीसरे ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह में 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की एक हजार 406 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। यह परियोजनाएं–कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्‍यूटिकल, पर्यटन, रक्षा, एयरोस्पेस, और कपड़ा जैसे विविध क्षेत्रों की हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि निवेशकों ने उत्तर प्रदेश की युवा शक्ति में विश्वास जताया है। उन्होंने कहा कि इस समारोह में रिकॉर्ड निवेश से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे जिससे राज्‍य के युवाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
वैश्विक चुनौतियों का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियां अपने साथ कई अवसर लेकर आई हैं और लोकतांत्रिक भारत ही उनका लाभ उठा सकता है।

एन.डी.ए. सरकार की पिछले आठ वर्ष की उपलब्धियों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतियों में स्थिरता और व्यापार में सुगमता ने देश को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में देश में परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की एक नई संस्कृति विकसित हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 20 देशों के समूह में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और तीसरे सबसे अधिक ऊर्जा उपयोग करने वाले देश के रूप में उभरा है। उन्‍होंने कहा कि देश में पिछले वित्तीय वर्ष में 84 अरब डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश हुआ।

उत्तर प्रदेश में संभावनाओं की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था ने राज्य में निवेश के लिए उपयुक्‍त माहौल तैयार किया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनका निवेश न केवल उत्‍तर प्रदेश में सुरक्षित रहेगा, बल्कि उन्हें सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों का भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पिछले कार्यकाल में राज्य में बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत से घटकर करीब तीन प्रतिशत हो गई।

और भी

उच्चतम न्यायालय ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में निर्माण कार्य का विरोध करने वाली याचिका खारिज की

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में ओडिशा सरकार द्वारा की जा रही निर्माण गतिविधि व्यापक जनहित में है। इसके साथ ही न्यायालय ने निर्माण कार्य का विरोध करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अवकाशकालीन पीठ ने जुर्माना लगाते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया।

पीठ ने स्पष्ट किया कि मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे आवश्यक निर्माण कार्य को रोका नहीं जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की आपत्ति में कोई आधार नहीं है। पीठ ने गैरजरूरी जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर करने पर भी फटकार लगाई। उसने कहा कि इस तरह की ज्यादातर पीआईएल या तो ‘पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ (लोकप्रियता अर्जित करने के इरादे से दायर याचिका) या फिर ‘पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ (व्यक्तिगत हित के लिए दायर याचिका) होती हैं।

पीठ ने कहा, हमारा मानना है कि जनहित के उद्देश्य के अतिरिक्त जो पीआईएल दायर की जाती हैं, वे जनहित विरोधी होती हैं। हाल ही में ऐसा देखा गया है कि ढेर सारी पीआईएल दायर की जा रही हैं। इनमें से अधिकांश याचिकाएं या तो ‘पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ या फिर ‘पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ होती हैं।

न्यायालय ने कहा, हम इस प्रकार की गैरजरूरी पीआईएल दायर करने को अनुचित मानते हैं, क्योंकि यह कानून का दुरुपयोग करने जैसा है। इससे न्याय प्रणाली का कीमती समय बर्बाद होता है। समय आ गया है कि इस प्रकार की याचिकाओं को तत्काल समाप्त कर दिया जाए, ताकि विकास कार्य बाधित न हों।

और भी

आर्य समाज से जारी मैरिज सर्टिफिकेट को मानने से सुप्रीम कोर्ट ने किया किया इंकार, जानें मामला…

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आर्य समाज की ओर से जारी किया जाने वाला मैरिज सर्टिफिकेट अब कानूनी रूप से मान्य नहीं होगा। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई करते हुए यही टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने कहा है कि आर्य समाज की ओर से जारी होने वाले मैरिज सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता नहीं दी जा रही है।

बेंच ने कहा है कि आर्य समाज का काम मैरिज सर्टिफिकेट जारी करना नहीं है। यह काम तो सक्षम प्राधिकरण ही करते हैं और उन्हीं का अधिकार क्षेत्र है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह टिप्पणी मध्य प्रदेश के एक कपल की लव मैरिज से जुड़े एक मामले में की है। आपको बता दें कि आर्य समाज एक हिंदू सुधारवादी संगठन है और इसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में की थी।

क्या है पूरा मामला?-

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जिस मामले में यह टिप्पणी की है, उसमें एक लड़की के परिवार ने अपनी बच्ची के नाबालिक होने की बात कहकर लड़के पर अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। उस युवक ने लड़की से शादी की थी। लड़की के परिवार ने IPC की धाराओं के तहत और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोस्को) अधिनियम की धारा 5 (एल) / 6 के तहत मामला दर्ज कराया था। आरोपी युवक इस मामले के खिलाफ कोर्ट गया, जहां उसने अपनी याचिका में कहा था कि लड़की बालिग है और हमने अपनी मर्जी से शादी की है और यह शादी आर्य समाज मंदिर में हुई थी। उस युवक ने आर्य समाज की ओर से एक विवाह प्रमाण पत्र भी कोर्ट के समक्ष पेश किया था। हालांकि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्टिफिकेट को मानने से इनकार कर दिया है।

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में आया यह मामला

आपको बता दें कि इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अप्रैल में सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने आर्य प्रतिनिधि सभा को विशेष विवाह अधिनियम 1954 की धारा 5, 6, 7 और 8 के प्रावधानों को एक महीने के भीतर अपने दिशानिर्देशों में शामिल करने को कहा।

और भी