दुनिया-जगत

म्यांमार में पूर्व ब्रिटिश राजदूत को एक साल की कैद, जुर्म सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान


नेपीदाव (छत्तीसगढ़ दर्पण)। म्यांमार में पूर्व ब्रिटिश राजदूत विकी बॉवमैन और उनके पति को पिछले सप्ताह गिरफ्तार करने के बाद अब एक-एक साल की सजा सुनाई गई है। बॉवमैन के पति हतीन लीन म्यांमार के जाने-माने कलाकार हैं। दोनों को एक साल कैद की सजा सुनाई गई है। कूटनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि म्यांमार की सेना नियंत्रित एक अदालत के इस फैसले से ब्रिटेन के साथ म्यांमार के संबंध और तनावपूर्ण होने वाले हैं।

म्यांमार में 5 साल राजदूत रहीं विकी बॉवमैन
विकी बॉवमैन 2002 से 2006 तक म्यांमार में ब्रिटिश राजदूत थीं। उन्हें और उनके पति को बीते 24 अगस्त को आव्रजन कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से उन्हें यंगून में हिरासत में रखा गया था। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने म्यांमार में अपना एक दूसरा पता भी रजिस्टर्ड कराया हुआ था। दोनों शान प्रांत स्थित कालाव में हतीन लिन के घर पर रह रहे थे। जबकि उन्होंने अपना पता यंगून के एक अपार्टमेंट का भी दर्ज करा रखा था।

गलत पता दर्ज कराने की मिली सजा
गलत पता दर्ज कराने के आरोप में बॉवमैन और उनके पति को पांच साल तक कैद सुनाई जा सकती थी। लेकिन कोर्ट ने उन्हें एक साल की जेल सुनाई है। इससे पहले बताया गया था कि दोनों पर लगे इल्जाम की सुनवाई 6 सितंबर को होगी लेकिन म्यांमार की अदालत ने मामले को फास्ट ट्रैक करने का फैसला किया। गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को ही म्यांमार की एक सैन्य-संचालित अदालत ने भी पूर्व नेता आंग सान सूची को चुनावी धोखाधड़ी के आरोप में तीन साल की और जेल की सजा सुनाई है।

हमेशा से मुखर रही हैं बोमन
विक्की बोमन हमेशा से ही मुखर रही हैं। उन्होंने सैन्य सरकार के उठाए गए कुछ कदमों की भी आलोचना की है जिन्होंने यहां अर्थव्यवस्था पर असर डाला है। उन्होंने तख्तापलट के बाद से म्यांमार के कई सेमिनारों में ये बात की है, हालांकि आम तौर पर वह सैन्य सरकार की किसी भी खुली आलोचना से बचने के लिए हमेशा सावधान रही हैं। अब तक बोमन ने कोई भी ऐसी सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है जो सैन्य सरकार को उत्तेजित कर सकती थी।

सजा मिलने से हैरान हुए लोग
ऐसे में विश्लेषक इस गिरफ्तारी के पीछे कोई और ही कारण होने की बात कह रहे हैं। चूंकि इससे पहले भी इस देश में कई विदेशियों ने वीजा से अधिक समय बिताया है, अक्सर कई महीनों तक, या अधिकारियों को सूचित किए बगैर पते बदल दिए हैं, लेकिन म्यांमार में ऐसे अपराधों के लिए मुकदमा लगभग अनसुना है। इस मामले में आमतौर पर एक छोटा सा जुर्माना मामले को सुलझा देने के लिए काफी होता है।

ब्रिटेन के लिए कूटनीतिक चुनौतियां बढ़ीं
विश्लेषकों के मुताबिक, इस घटना से म्यांमार में ब्रिटेन के लिए कूटनीतिक चुनौतियां बढ़ गई हैं। सैनिक शासकों ने बीते जुलाई में ब्रिटेन के कार्यवाहक राजदूत को देश से निकाल दिया था। हाल में म्यांमार सरकार ब्रिटिश कूटनीतिकों को वीजा देने में भी देर करती रही है। कुछ विश्लेषकों के मुताबिक, ये सारी कार्रवाइयां ब्रिटेन की तरफ से म्यांमार पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में की गई हैं।
और भी

पायलटों की हड़ताल के चलते 800 से ज्याद फ्लाइट निरस्त, दिल्ली एयरपोर्ट में हंगामा...

 बर्लिन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जर्मनी के पायलट गुरुवार को दिनी हड़ताल पर रहे। इसके कारण देश की अग्रणी लुफ्थांसा एयरलाइंस ने 800 से ज्यादा फ्लाइट निरस्त कर दी है। इसके कारण 1.30 लाख से ज्यादा यात्री प्रभावित हुए हैं। उड़ान निरस्त होने से भारत में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर बीती रात यात्रियों ने हंगामा किया। इसके कारण एयरपोर्ट पर आवाजाही में बाधा पड़ी।


जर्मनी की पायलट यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर आज हड़ताल का एलान किया है। सूत्रों के मुताबिक, पायलटों की हड़ताल के चलते लुफ्थांसा एयर लाइन की 800 उड़ानें रद्द होने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने के कारण करीब 1.30 लाख यात्रियों पर असर पड़ सकता है।

यात्रियों ने की रिफंड या वैकल्पिक उड़ान की मांग
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के डीसीपी ने बताया कि रात करीब 12 बजे 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट नं. 1 व टर्मिनल नंबर 3 के सामने जमा हो गई। ये लोग लुफ्थांसा की फ्रेंकफर्ट व म्युनिख की उड़ानें निरस्त होने के कारण यात्रियों का पैसा रिफंड करने या वैकल्पिक उड़ान की मांग कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल के बाहर भीड़ जमा होने से अन्य यात्रियों को आवाजाही में दिक्कत होने लगी। इसके बाद आईजीआई के स्टाफ व सीआईएसएफ के जवानों ने स्थिति संभाली और भीड़ को दूर किया। डीसीपी ने कहा कि जर्मन एयरलाइंस के यात्रियों के लिए वैकल्पिक उड़ान के प्रबंध किए जा रहे हैं।

 

 

और भी

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष श्रीलंका को देगा दो अरब 90 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता

 कोलम्बो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष श्रीलंका को भीषण आर्थिक संकट और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अगले चार सालों में दो अरब 90 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सहायता प्रदान करने पर राज़ी हो गया है। यह कदम अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और श्रीलंका के अधिकारियों के बीच सप्ताह भर चली बातचीत के बाद लिया गया। पीटर ब्रियुअर और मासाहिरो नोज़ाकी की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष आयोग 24 अगस्त से एक सितंबर तक श्रीलंका में मौजूद था।

उन्होंने श्रीलंका के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की सहायता और प्रशासनिक तौर पर व्यापक आर्थिक सुधार कार्यक्रमों पर विस्तार से बातचीत की। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इस सुविधा से श्रीलंका में आर्थिक और ऋण स्थिरता फिर से स्‍थापित करने में मदद मिलेगी।

और भी

मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की पत्नी को भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की सजा

 कुआलालंपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मलेशिया की एक अदालत ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की पत्नी रोस्माह मंसूर को अपने पति के कार्यकाल में रिश्वत लेने के मामले में दोषी ठहराने के बाद बृहस्पतिवार को 10 साल की सजा सुनाई। नजीब को पहले ही मलेशियाई विकास बरहाद कोष (1एमडीबी) के सरकारी धन के गबन के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और पिछले सप्ताह उन्हें जेल भेज दिया गया था। उन्हें पांच में से भ्रष्टाचार के एक मामले में 12 साल की सजा सुनाई गई है।

रोस्माह मंसूर को बोर्नियो द्वीप के स्कूलों को सौर ऊर्जा पैनल लगाने करने की परियोजना का काम एक कंपनी को दिलाने के लिए 2016 और 2017 के बीच 65 लाख रिंगिट रिश्वत (15 लाख अमेरिकी डॉलर) मांगने और उसे स्वीकार करने के तीन मामलों में दोषी ठहराया गया। अदालत ने उन्हें हर एक मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई और उन पर 97 करोड़ रिंगिट का जुर्माना भी लगाया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

 
 
 

शीर्ष अदालतों में उनकी अपील लंबित होने तक वह जमानत के लिए गुहार लगा सकती हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद जैनी मजलान ने कहा कि अभियोजकों ने यह साबित कर दिया है कि रोस्माह मंसूर ने रिश्वत मांगी और उसे स्वीकार भी किया था।

और भी

भारत-चीन संबंधों का सामान्य होना एशिया के लिए महत्वपूर्ण : जॉर्ज यो

 सिंगापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)।  सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज यो ने कहा है कि भारत और चीन के बीच संबंधों का सामान्य होना क्षेत्रीय समृद्धि और स्थिरता के लिए जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों (भारत और चीन) के शीर्ष नेतृत्व शीघ्र ही इंडोनेशिया में मुलाकात करेंगे और एशियाई सदी के लिए काम करेंगे।

पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक जॉर्ज यो म्यूजिंग्स के विमोचन से इतर कहा, हमारे लिए, यदि भारत और चीन के संबंध अच्छे हैं तो यह फायदेमंद है...और यदि भारत चीन-संबंध खराब हैं तो यह हमें प्रभावित करेगा। बिहार में 800 साल पुराने नालंदा विश्वविद्यालय पुनरूद्धार में भी यो (67) का अहम योगदान रहा है।

 
 
 

उन्होंने कहा , नालंदा विश्वविद्यालय में मेरी पूरी भागीदारी इस आंशिक उम्मीद के साथ रही कि इस परियोजना के जरिये हम भारत और चीन को सभ्यताओं के रूप में एक-दूसरे के करीब लाएंगे। यो का मानना है कि नवंबर में प्रस्तावित जी-20 शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के बाद दोनों एशियाई देशों के नेतृत्व के बीच बाली में एक बैठक होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के जी-20 शिखर सम्मेलन में शरीक होने की उम्मीद है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख गतिरोध शुरू होने के बाद से दोनों नेता एक-दूसरे से नहीं मिले हैं, ना ही उनके बीच बातचीत हुई है। अभी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के ली कुआन येव स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी संस्थान में अध्यापन कर रहे यो ने कहा है कि उन्हें लगता है कि भारत शीघ्र ही क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) में शामिल होगा।

 
 
 

उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि भारत अनिश्चितकाल तक आरसीईपी से बाहर रहेगा। आरसीईपी एशिया-प्रशांत देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता है। इसमें 15 देश शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकाक में भारत ने आरसीईपी समझौते पर इन चिंताओं को लेकर हस्ताक्षर नहीं किया कि भारतीय कृषि उत्पाद और छोटे उद्योगों के उत्पाद क्षेत्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे।

 
 
 

यो ने टाटा समूह के जमशेदपुर संयंत्र के इस्पात का उदाहरण देते हुए कहा कि शुरूआत में इसके उत्पाद स्कॉटिश और ब्रिटिश कारखानों के उत्पादों के सामने प्रतिस्पर्धी नहीं थे लेकिन अब भारतीय इस्पात अंतरराष्ट्रीय बाजार में है। उन्होंने टाटा समूह के अधिकारियों के न्योते पर 2007 में जमशेदपुर (झारखंड) की यात्रा की थी। यो ने 464 पृष्ठों की अपनी पुस्तक में लिखा है, मेरी बेटी ने स्कूल में भारतीय नृत्य सीखा है।

और भी

पीएम मोदी, सीएम रेड्डी और अडानी के खिलाफ डॉक्टर ने दायर किया मुकदमा...

 वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारतीय मूल के एक अमेरिकी चिकित्सक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी और दिग्गज करोबारी गौतम अडाणी के खिलाफ भ्रष्टाचार, पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल तथा अन्य मुद्दों को लेकर एक वाद दायर किया है। कोलंबिया के ‘यूएस डिस्ट्रिक कोर्ट’ ने इन सभी लोगों को समन जारी किए हैं। न्यूयॉर्क के प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने इसे ‘व्यर्थ का मुकदमा’ करार दिया। रिचमंड के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ लोकेश वुयुररु ने यह वाद प्रधानमंत्री मोदी, रेड्डी और अडाणी के खिलाफ दायर किया है।


इस वाद में ‘वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम’ के अध्यक्ष तथा संस्थापक प्रोफेसर क्लॉस श्वाब का भी नाम शामिल है। आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले चिकित्सक ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी, रेड्डी, अडाणी तथा अन्य लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं जिसमें अमेरिका में बड़े पैमाने पर नकदी हस्तांतरण और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल शामिल है। हालांकि चिकित्सक ने इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं पेश किए हैं। चिकित्सक ने वाद 24 मई को दायर किया था, जिसके बाद अदालत ने 22 जुलाई को समन जारी किए। भारत में उन्हें ये समन चार अगस्त को और श्वाब को स्विट्जरलैंड में दो अगस्त को समन दिया गया। इस मामले के बारे में पूछे जाने पर बत्रा ने कहा कि चिकित्सक के पास फिजूल का बहुत वक्त है। उन्होंने कहा कि यह ‘व्यर्थ का मुकदमा है।
 

 

और भी

चीन को सबक सिखाने अब ताइवान करेगा इन घातक हथियारों की खरीदी...

 ताइपे/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चीन के खतरे को देखते हुए ताइवान ने अपने बजट प्रपोजल में कई घातक हथियारों को खरीदने का प्रपोजल दिया है। एक बार सदन की इस पर मुहर लग जाएगी तो सरकार आगे बढ़ जाएगी। चीन को इनसे सबक सिखाया जा सकेगा।

चीन और ताइवान में लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ जहां चीन लगातार सैन्‍य अभ्‍यासों के जरिए ताइवान पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है वहीं दूसरी तरफ ताइवान भी बुरे दौरे के लिए अपने सुरक्षा व्‍यवस्‍था को मजबूत कर रहा है। इसको देखते हुए ही ताइवान ने अपने बजट में 29 HIMARS राकेट और 84 long range missile systems खरीदने काप्रपोजल दिया है। जिन Truck Mount Rocket Systems को इस बार बजट प्रपोजल में रखा गया है पहले इसको केवल 18 ही खरीदने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब चीन के खतरे को देखते हुए इसमें इजाफा किया गया है।


ताइवान ने केवल इन्‍हीं दो हथियारों की खरीद के लिए सेना को धन आवंटित नहीं किया है, बल्कि इसमें पहले से अधिक M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी राकेट सिस्‍टम लान्‍चर और 84 ATACMS को अमेरिका से खरीदने का भी प्रपोजल बजट में दिया है। पहले ताइवान M109A6 Paladin Self-Propelled Howitzers को खरीदने पर विचार कर रहा था। आपको बता दें कि अमेरिका ने यूक्रेन को भी HIMARS की सप्‍लाई की है। रूस से मुकाबले में इनका अच्‍छा रिजल्‍ट सामने आ रहा है। बजट में दिए इन प्रपोजल्‍स पर अब सदन में बहस होगी और फिर इनको पास किया जा सकेगा।

इस बजट प्रपोजल में ताइवान ने चीन के खतरे को देखते हुए लान्‍ग रेंज गाइडेड मिसाइल सिस्‍टम और 300 किमी की दूरी तक मार करने वाले HIMARS राकेट सिस्‍टम की भी संख्‍या में इजाफा किया है। HIMARS का इस्‍तेमाल पिछले वर्ष मोरक्‍को में सैन्‍य अभ्‍यास के दौरान भी किया गया था। ताइवान का इस बार का पूरा बजट करीब 32.5 अरब डालर का है। यदि ताइवान समय पर बजट प्रपोजल को मंजूरी दे देता है और इसके आर्डर कर दिए जाते हैं तो HIMARS के पहले बैच के 11 राकेट सिस्‍टम ताइवान को वर्ष 2024 तक हासिल भी हो जाएंगे। सेना की तरफ से इस बजट प्रपोजल में दिए गए हथियारों की खरीद पर कहा गया है कि यदि ये उन्‍हें हासिल हो जाते हैं तो दुश्‍मन को अपनी धरती से दूर रखना काफी आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं वो जल्‍दी मदद भी हासिल नहीं कर सकेगा।

HIMARS को लेकर मन बना रही सेना ने अब 40 Paladins की खरीद करने से इनकार कर दिया है। इसको लेकर ताइवान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सुरक्षा ने मई में फैसला लिया था। ऐसा इसलिए किया गया क्‍योंकि अमेरिका ने इसको समय पर डिलीवर न करने की बात कही थी। अमेरिका का कहना है कि वो इतनी संख्‍या में इनका उत्‍पादन कर पाने में समर्थ नहीं है। अमेरिका ने ही इनकी जगह HIMARS की खरीद का प्रपोजल ताइवान को दिया था।

और भी

ब्रिटेन को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने के लिए सुनक ने दिन-रात काम करने का संकल्प लिया

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और ब्रितानी प्रधानमंत्री के रूप में बोरिस जॉनसन के स्थान पर निर्वाचन के लिए जारी प्रचार मुहिम के बुधवार को अंतिम चरण में पहुंचने के बीच, पूर्व मंत्री ऋषि सुनक ने ब्रिटेन को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने के लिए दिन-रात काम करने का संकल्प जताया। 10 डाउनिंग स्ट्रीट में शीर्ष पद के पहले ब्रितानी भारतीय उम्मीदवार एवं पूर्व चांसलर सुनक के सामने प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस की चुनौती है।

सुनक की रेडीफॉरऋषि प्रचार मुहिम ने मंगलवार रात जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा, किसी के पलने-बढ़ने, परिवार शुरू करने और कारोबार स्थापित करने के लिए ब्रिटेन दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश है और यहां हमारा भविष्य उज्ज्वल नजर आता है, लेकिन हम वहां तभी पहुंच सकते हैं, जब हम चुनौतियों का ईमानदारी और विश्वसनीय योजना के साथ सामना करेंगे।

 

उन्होंने कहा, मेरे पास सही योजना है, जो कंजर्वेटिव मूल्यों में निहित है और मैं इस प्रतियोगिता के दौरान हमेशा इस बात को लेकर स्पष्ट और ईमानदार रहा हूं कि हमें पहले मुद्रास्फीति से निपटना चाहिए। सुनक ने कहा, यह ब्रिटेन के बारे में मेरी सोच है और मैं जिस देश से प्यार करता हूं, उसके एवं पार्टी के लिए यह हासिल करने की खातिर दिन-रात काम करूंगा।

सुनक भारतीय मूल के पहले ब्रितानी प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचना चाहते हैं और उन्हें भारतीय समुदाय से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। चुनावी मुकाबले के शुरुआती चरण में सांसदों ने उन्हें जबरदस्त समर्थन देकर दो अंतिम उम्मीदवारों में चुना, लेकिन ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, वह अब ट्रस से पीछे चल रहे हैं।

 

 

और भी

आग लगने की घटनाओं के बाद चिनूक की उड़ान पर रोक, भारत ने मांगी रिपोर्ट...

 वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। CH-47 चिनूक हेलिकॉप्टरों में आग लगने की घटनाओं के बाद अमेरिकी सेना ने इनके उड़ानों पर पाबंदी लगा दी है। वहीं इस घटना के बाद भारतीय सेना ने भी अमेरिका ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अमेरिकी वायुसेना के फैसले के बाद भारतीय अधिकारियों ने कहा कि मामले की पड़ताल की जा रही है। अमेरिकी सेना की मटेरियल कमांड ने 70 से अधिक हेलीकॉप्टरों का निरीक्षण करते हुए इसके बेड़े की उड़ानें रोकने का फैसला किया।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि इन हेलिकॉप्टरों के इंजन में आग लगने के बारे में पता चला है। हालांकि इन घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ और न ही किसी की मौत हुई। ये हेलिकॉप्टर आमतौर पर सैन्य साजो सामान की ढुलाई व राहत व बचाव कार्यों में इस्तेमाल किए जाते हैं। चिनूक हेलीकॉप्टरों की ग्राउंडिंग अमेरिकी सैनिकों के लिए परिवहन संबंधी चुनौतियां पैदा कर सकती है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उड़ानें रोकने का आदेश कितने समय तक लागू रहता है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के बेड़े में लगभग 400 हेलीकॉप्टर हैं। अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि  सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे विमान या हेलिकॉप्टर सुरक्षित और उड़ने लायक बने रहें।

छह दशकों से है सेना का मददगार
चिनूक सेना के लिए जबर्दस्त उपयोगी हेलिकॉप्टर है। इसका उपयोग नियमित और विशेष मौकों पर सेना द्वारा किया जाता है। यह चार दर्जन से ज्यादा सैनिकों या कार्गां ले जा सकता है। बीते छह दशकों से यह सेना का बड़ा मददगार बना हुआ है। इसका निर्माण  एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने किया है।

और भी

खुद को रईस की बेटी बताकर पूर्व राष्ट्रपति के घर में घुसी जासूस...

 फ्लोरिडा/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर मार-ए-लागो में रूसी, ईरानी और चीनी जासूसों ने सेंध मारी का प्रयास किया। हाल ही में एक यूक्रेन मूल की रूसी महिला एजेंट अमेरिका जांच एजेंसी (FBI) के निशाने पर आई है। उसकी तेजी से तलाश की जा रही है। वह ट्रंप को झांसा देकर उनके बेहद करीब पहुंच गई थी।

यह पूरा मामला हाल ही में ट्रंप के निवास से गोपनीय दस्तावेज बरामद होने के बाद सामने आया है। आरोप है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद से विदाई के बाद कई अहम गुप्त दस्तावेज अपने इस बंगले में छिपाकर रख लिए थे। एफबीआई ने हाल ही में छापा मारकर इन्हें बरामद किया था। जांच में पता चला है कि ट्रंप का यह घर जासूसी के निशाने पर था। उन्होंने अमेरिकी सरकार के गुप्त दस्तावेज हासिल किए हैं या नहीं, यह अभी पता नहीं चला है।

 
 

एफबीआई के निशाने पर आई रूसी महिला जासूस की पहचान 33 साल की यूक्रेन की महिला इना याचिशिन के तौर पर हुई है। उसने अमेरिका के गुप्त दस्तावेज हासिल करने के लिए ट्रंप से नजदीकी बनाकर उनके बंगले तक घुसपैठ कर ली थी। ट्रंप से रिश्ते गांठने के लिए उसने खुद को यूरोप के एक रईस व्यक्ति की बेटी बताया था। उसने खुद को यूरोप के रईस राथ्सचाइल्ड की बेटी एना डे राथ्सचाइल्ड बताया था।

फर्जी लाइसेंस व पहचान पत्र से बंगले तक पहुंची
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इना पहली बार पिछले साल 2021 में पहली बार फर्जी लाइसेंस, फर्जी पहचान पत्र और पासपोर्ट के माध्यम से ट्रंप के बंगले तक पहुंची थी। वह खुद को रईस और रईस की बेटी बताने के लिए झूठी शानो शौकत का प्रदर्शन करती थी। वह मर्सिडीज कार में घूमती और महंगी घड़ी व कपड़े पहनती थी।

ट्रक ड्राइवर की बेटी है इना, रूसी अपराधियों से जुड़े तार

 
 


कथित रूसी जासूस इना के तार कई अपराधियों से जुड़े पाए गए हैं। अमेरिकी जांच एजेंसी को जांच में पता चला है कि इना असल में एक ट्रक ड्राइवर की बेटी है। वह स्वैच्छिक संगठन 'यूनाइटेड हार्ट्स ऑफ मर्सी' की अध्यक्ष रही थी। यह संगठन रूस के बड़े व्यवसायी ने किया था। इसके माध्यम से  रूसी अपराधी गिरोहों को पैसा पहुंचाया जाता था। इना ने चालाकी दिखाते हुए ट्रंप से न केवल नजदीकी बनाई, बल्कि उनके साथ उनके बंगले के गोल्फ कोर्स पर तस्वीरें भी ली थीं। इना ने पिछले एक साल में कई बार ट्रंप बंगले में आयोजित पार्टियों में शिरकत की।

कई देशों के एजेंटों ने लगाई सेंध
एफबीआई के पूर्व उप निदेशक पीटर स्ट्रोजोक के अनुसार रूस, चीन व ईरान जैसे देशों के कई एजेंटों ने ट्रंप के इस बंगले में सेंधमारी की कोशिश की। वे वहां रखे खुफिया व गोपनीय दस्तावेज हासिल करना चाहते थे। ये जासूस कितने कामयाब हुए, इसे लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। स्ट्रोजोक को अपने फोन से ट्रंप विरोधी संदेश भेजने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि रूस ही नहीं चीन, ईरान व क्यूबा जैसे देश भी अमेरिका की जासूसी में रुचि रखते हैं और उनके एजेंट इसके प्रयास करते रहते हैं।

और भी

पुतिन और किम जोंग उन की नज़दीकियां किसके लिए बन रही हैं सिरदर्द

 
नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रूस और उत्तर कोरिया के बीच एक ज़माने बाद नज़दीकियां बढ़ती हुई दिख रही हैं. शीत युद्ध के ज़माने में उत्तर कोरिया और सोवियत संघ एक दूसरे के काफी करीब हुआ करते थे.

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें दोनों के रिश्तों को और मजबूत बनाने का वादा किया गया है.

किम जोंग उन की ओर से इस चिट्ठी का जवाब भी दिया गया है जिसमें उन्होंने कहा है, "विरोधी ताक़तों के ख़िलाफ़ साझा हितों के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग अपने उच्चतम स्तर पर है."

साल 2019 में पूर्वी रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें दोनों नेताओं रूस-उत्तर कोरिया की नई दोस्ती पर मुहर लगाई थी.

इसके बाद से ही किम जोंग उन हर विवादास्पद मामले में मॉस्को के लिए अपने समर्थन का खुलेआम एलान करते रहे हैं. यूक्रेन पर जब रूस ने धावा बोला तब भी उत्तर कोरिया ने रूस के लिए अपनी वफादारी दिखलाई.

यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों को जब रूस ने जुलाई के महीने में अपने नियंत्रण में लेने की घोषणा की तो इसका समर्थन करने वाला उत्तर कोरिया तीसरा देश था.

रूस और व्लादिमीर पुतिन की तारीफ़ में किम जोंग उन हमेशा सक्रिय रहे हैं. उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया में रूस से जुड़ी ख़बरों को खासी तवज्जो मिलती रही है.

बीबीसी की मुंडो सेवा ने रूस और उत्तर कोरिया के संबंधों को समझने के लिए कई विशेषज्ञों से बात की है.

दक्षिण कोरिया की नई सरकार और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-उन में टकराव की आशंका

यूक्रेन पर रूस का हमला क्या जापान को परमाणु हथियारों की तरफ़ जाने को मजबूर करेगा

साल 1948 में उत्तर कोरिया की स्थापना से पहले किम इन सुंग ने सोवियत संघ में प्रशिक्षण लिया था

दोनों देशों का इतिहास
वॉशिंगटन डीसी स्थित थिंकटैंक विल्सन सेंटर के एक्सपर्ट सैमुअल वेल्स बीबीसी मुंडो से कहते हैं, "सोवियत संघ के विघटन के बाद प्योंगयांग और मॉस्को के संबंध काफी कमज़ोर हो गए थे. उस लिहाज से देखें तो अब दोनों देशों के रिश्तों में काफी सुधार हो रहा है."

प्योंगयांग और मॉस्को के संबंधों की शुरुआत साल 1948 में उत्तर कोरिया की स्थापना के साथ ही शुरू हो गई थी.

द्वितीय विश्व युद्ध के ख़त्म होने के बाद सोवियत संघ के तत्कालीन नेता जोसेफ स्तालिन ने किम इल सुंग को उत्तर कोरिया की सत्ता में स्थापित करने में काफी मदद की थी. वहां ऐसा निज़ाम स्थापित किया गया जो कोरियाई संस्कृति और परंपरा के मुताबिक़ और सोवियत संघ के अनुकूल था.

किम इल सुंग उत्तर कोरिया के मौजूदा शासक किम जोंग उन के दादा थे.

किम जोंग परिवार को कैसे मिली उत्तर कोरिया की सत्ता?

नॉर्थ कोरिया ने किया दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण

उत्तर कोरिया
साल 1950-53 के दौरान हुए कोरियाई युद्ध में दक्षिण कोरिया के ख़िलाफ़ सोवियत संघ ने उत्तर का साथ दिया. सहयोग का ये सिलसिला कोरियाई युद्ध के बाद भी जारी रहा. बाद में चीन ने भी किम की हुकूमत को हर तरह के संसाधनों के साथ मदद पहुंचाई.

न्यूज़ एजेंसी ईएफ़ई के लिए उत्तर कोरिया में 14 सालों तक रिपोर्टिंग कर चुके एंड्रेस सांचेज़ बारुन उत्तर कोरिया, रूस और चीन के संबंधों पर लंबा अनुभव रखते हैं.

उन्होंने बीबीसी मुंडो को बताया, "शीत युद्ध के समय किम इल सुंग रूस और चीन के साथ संबंधों में संतुलन साधने में हमेशा कामयाब रहे. बिना किसी पर विशेष रूप से निर्भर हुए वे रूस और चीन दोनों के अच्छे दोस्त बने रहे. साल 1953 में ख्रुश्चेव के सत्ता में आने के बाद रूस और चीन के संबंधों में आई दूरियों का भी उन्होंने फ़ायदा उठाने
और भी

तालिबान से भी बुरी सजा देने लगा सऊदी अरब, एक Tweet करने पर महिला को 45 साल की जेल

 
रियाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लीड्य यूनीवर्सिटी में पढ़ने वाली सलमा को एक एक्टिविस्ट की टवीट को रिट्विट किए जाने पर 34 साल की जेल की सजा देने के ठीक दो हफ्तों बाद, सऊदी अरब के अधिकारियों ने एक और महिला को 45 साल जेल की सजा सुनाई है। इतनी लंबी सजा पाने वाली नौराह बिन सईद अल-कहतानी पर आरोप हैं कि उसने इंटरनेट का इस्तेमाल कर सऊदी अरब के सामाजिक ताने-बाने को खराब किया है। यह सऊदी अरब में किसी महिला को मिली सबसे लंबी अवधि की सजा है।

सामाजिक ताने-बाने बिगाड़ने के आरोप में मिली सजा
कथित तौर पर 'सऊदी अरब' द्वारा मारे जा चुके पत्रकार जमाल खशोगी द्वारा स्थापित मानवाधिकार समूह डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाउ (डॉन) ने खुलासा किया है कि नूरा बिंत सईद अल-क़हतानी नाम की एक महिला को इंटरनेट पर देश के 'सामाजिक ताने-बाने' को बिगाड़ने के आरोप में 45 साल जेल की सजा सुनाई गई है। हालांकि जेल की सजा के अलावा, सईद की उम्र या उसे गिरफ्तार किए जाने के ठोस कारण के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

एक ट्ववीट करने के लिए मिली सजा
डॉन की रिपोर्ट प्राप्त करने वाले गार्जियन के अनुसार, सईद को एक गुमनाम खाते से अपनी राय ट्वीट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। डॉन में खाड़ी क्षेत्र के निदेशक अब्दुल्ला अलाउध, जिन्होंने सईद के मामले का खुलासा करने वाले अदालती दस्तावेजों का उपयोग किया, ने कहा कि गिरफ्तारियों की संख्या क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पिछले महीने राष्ट्रपति बिडेन के साथ बैठक से जुड़ी हो सकती है।

ट्विटर यूजरों की जानकारी लीक कराता है सऊदी
गौरतलब है कि सऊदी अरब का सॉवरेन वेल्थ फंड, पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) ट्विटर में एक प्रमुख हिस्सेदारी को नियंत्रित करता है। इसके अलावा इस महीने की शुरुआत में, एक अमेरिकी अदालत ने ट्विटर के एक पूर्व कर्मचारी को सऊदी अधिकारियों के लिए जासूसी करने का दोषी पाया था। अहमद अबूअम्मो पर सऊदी क्राउन प्रिंस, प्रिंस के करीबी सहित अन्य सऊदी अधिकारियों के लिए जासूसी करने का दोषी पाया गया। अहमद ने बड़ी संख्या में ट्विटर यूजर्स की जानकारी करीब 3 लाख डॉलर कैश और 20 हजार डॉलर की घड़ी के बदले सऊदी क्राउन प्रिंस के किसी करीबी को बेची थी।

सलमा को मिली थी 34 साल की सजा
गौरतलब है कि ठीक दो सप्ताह पहले सलमा अल शहाब को शुरू में एक विशेष आतंकवादी अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने कहा कि शहाब ने सार्वजनिक अशांति पैदा करने और नागरिक राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के लिए एक इंटरनेट वेबसाइट का इस्तेमाल किया। हालांकि कुछ दिन बाद ही एक अपील अदालत ने इस सजा को बढ़ाकर 34 साल कर दिया। 34 साल की सलमा 2 बच्चों की मां है।

सलमा ने एक्टिविस्ट के ट्वीट को किया था रिट्वीट
सलमा ने निर्वासन में रह रहे सऊदी एक्टिविस्टों के ट्वीट्स को रीट्वीट किया था। ट्विटर पर वह एक प्रमुख सऊदी महिला एक्टिविस्ट लौजैन अल-हथलौल के मामले का समर्थन करती दिखती हैं। इसके बाद शहाब को कैद किया गया था और महिलाओं के लिए ड्राइविंग अधिकारों का समर्थन करने के लिए प्रताड़ित किया गया। बताया जाता है कि सलमा के साथ जेल के अंदर दुर्व्यवहार किया गया है और उसे जजों को उसके साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताने की अनुमति नहीं दी गई।
और भी

Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ से हाहाकर, पीएम मोदी ने व्यक्त की संवेदना

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पाकिस्तान में भारी बारिश और बाढ़ से भारी तबाही हुई है। बाढ़ से प्रभावित हुए परिवारों को प्रति पीएम मोदी ने संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि पाकिस्तान में बाढ़ से हुई तबाही को देखकर दुख हुआ। हम पीड़ितों, घायलों और इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और सामान्य स्थिति की जल्द बहाली की आशा करते हैं।

 
सोमवार को पाकिस्तान में प्राकृतिक आपदा से मरने वाले की संख्या आंकड़े जारी किए हैं। देश में भारी बारिश और विनाशकारी बाढ़ के कारण मौतों की संख्या 1,136 हो गई है। देश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। हालांकि अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार की अपील के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता पहुंचने लगी है।

पाकिस्तान में ये एक बड़ी तबाही है। आंकड़ों के मुताबिक अनुमान लगाया जा है कि इस आपदा के कारण अब तक 3.3 करोड़ की आबादी वाले देश की कुल आबादी के करीब सातवें हिस्से को अपने घरों को छोड़ना पड़ा है। करीब 9,92,871 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

बाढ़ से पाकिस्तान को कितना नुकसान
पाकिस्तान में बाढ़ से आई तबाही से अब तक 1634 लोग घायल हुए हैं। जबकि 1136 लोगों की जान चली गई। पाकिस्तान में प्राकृतिक आपदा से निपटने वाले मुख्य राष्ट्रीय संगठन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक करीब 9,92,871 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बड़ी आबादी ऐसी है जहां लोगों को भोजन और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं है। पाकिस्तान में अब तक करीब 7 लाख 35 हजार 375 लाख पशु भी बाढ़ में बह गए हैं।
और भी

पहले बिडिंग में लगाई आग, फिर बाहर भागने वालों पर बरसाई गोलियां...

 ह्यूस्टन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका में मास शूटिंग की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। एक बार फिर सरफिरे बंदूकधारी ने लोगों को अपना निशाना बनाया है। आरोपी ने पहले तो एक बिल्डिंग में आग लग दी, फिर अपनी राइफल ले कर इन्तजार करने लगा। जैसे ही लोग बिल्डिंग से बाहर भागने लगे, उन्हें अपने निशाना बना लिया। इस घटना में शूटर समेत 4 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 2 लोग घायल हो गए हैं।


ह्यूस्टन शहर पुलिस प्रमुख ट्राय फिनर के अनुसार, रविवार सुबह (स्थानीय समय) एक व्यक्ति ने एक इमारत में आग लगा दी और फिर भाग रहे लोगों को गोली मार दी। इससे चार लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। पुलिस प्रमुख ने बताया कि मारे गए चार लोगों में से एक संदिग्ध था। संदिग्ध को बाद में ह्यूस्टन के एक पुलिस अधिकारी ने मार गिराया था।

फिनर के अनुसार, मारे गए स  भी लोग पुरुष थे और उनकी उम्र 40-60 के बीच थी। उन्होंने बताया कि संदिग्ध ने सबसे पहले बिल्डिंग में आग लगा दी। इसके बाद उसने लोगों के बाहर आने का इंतजार किया और फिर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।

 



पुलिस अधिकारी के अनुसार, दमकल विभाग आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचा, लेकिन गोलियों की आवाज सुनकर उसे पीछे हटना पड़ा। फिनर ने कहा संदिग्ध एक 40 वर्षीय अफ्रीकी अमेरिकी व्यक्ति था, जिसने काले कपड़े पहने थे।

 



पिछले हफ्ते, अमेरिकी राज्य मैरीलैंड में हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे। पुलिस ने कहा कि एक पीड़ित ने दम तोड़ दिया और चिकित्सा कर्मियों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पीड़ित सभी वयस्क पुरुष हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि संदिग्ध वाहन 4-दरवाजे वाली सिल्वर लेक्सस सेडान है।

 

 

 
और भी

एलन मस्क की नाक में दम! अरबपति का प्राइवेट जेट ट्रैक करता है अमेरिकी छात्र, अब रखी 40 लाख की शर्त

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के निजी विमान को ट्रैक कर सुर्खियों में आए एक अमेरिकी छात्रा ने अरबपति के सामने एक अजीब शर्त रख दी है। छात्र का कहना है कि वह एक शर्त पर मस्क के जेट की ट्रैकिंग रोकने के लिए तैयार है। लेकिन इससे लिए टेस्ला सीईओ को एक मोटी रकम भरनी होगी। हालांकि अब टेस्ला सीईओ की इस अमेरिकी छात्र से बातचीत बद हो गई है।
 
एलॉन मस्क के प्राइवेट जेट पर नजर रखने के लिए इंटरनेट पर फेमस हुए अमेरिकी कॉलेज के छात्र ने कहा है कि वो एक शर्त पर मस्क के प्राइवेट जेट की ट्रैकिंग रोक देगा। लेकिन ये शर्त मस्क को पहले पूरी करनी होगी। अमेरिकी छात्र का नाम जैक स्वीनी है। 20 वर्षीय स्वीनी ऑरलैंडो में सेंट्रल फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में आईटी छात्र हैं। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं।

जैक स्वीनी ने ट्विटर पर कई मशहूर हस्तियों के निजी जेट को ट्रैक किया है, उनमें से एक टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क भी हैं। उन्होंने एक और ट्विटर अकाउंट लॉन्च किया है, जहां वह रूसी कुलीन वर्गों के लोग अलेक्जेंडर अब्रामोव, अलीशर उस्मानोव और रोमन अब्रामोविच विमानों को ट्रैक कर रहे हैं। रूस के यूक्रेन संघर्ष के बीच स्वीनी ने ये कार्य किया है। लेकिन अब स्वीनी को लेकर एक खबर आ रही है कि उन्होंने ट्विटर पर टेस्सा सीईओ एलन मस्क के विमान की ट्रैकिंग रोकने के बदले 40 लाख रुपए की मांग की है। लेकिन सच में बात कुछ और है। जैक मस्क की पसंदीदा पर्सनॉलिटी हैं।

दरअसल, स्वीनी ट्विटर पर टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क के निजी विमान को ट्रैक करने के लिए जाने जाते हैं। कथित तौर पर जैक को ट्विटर अकाउंट को बंद करने के लिए $5,000, या लगभग 4 लाख रुपये की पेशकश की, जिसे जैक ने अस्वीकार कर दिया। मस्क ने सबसे पहले जैक को सुरक्षा जोखिम का हवाला देते हुए जैक को अकाउंट हटाने को कहा। बाद में जैक से अपडेट के सोर्स को लेकर भी पूछताछ की गई। जैक ने कहा 'एलन ने मेरा अकाउंट $5000 यानी करीब 4 लाख में खरीदने की पेशकश की।' लेकिन जैक ने इस ऑफर को ठुकरा दिया और कहा कि इतने पैसों से मेरे जीवन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। जैक ने कहा कि उसे अपने ट्विटर अकाउंट को बंद करने के लिए 50,000 डॉलर (करीब 40 लाख रुपये) की रकम मांगी, लेकिन बातचीत बंद हो गई।

जैक नियमित रूप से अपने विभिन्न ट्विटर हैंडल पर टॉम क्रूज, बिल गेट्स, रूसी कुलीन वर्गों और कार्दशियन जैसे व्यक्तियों से संबंधित निजी जेट विमानों की उड़ान अपडेट पोस्ट करता है। जैक के @CelebJets नाम के एक हैंडल ने काइली जेनर को ट्रैक किया जब वो 17 मिनट की उड़ान यात्रा पर निकली थी।
और भी

अफगानिस्तान में 1 साल बाद खुलेंगे सिनेमा हॉल, 37 में से केवल एक फिल्म में मिला अभिनेत्री को काम


काबुल (छत्तीसगढ़ दर्पण)। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर दूसरी बार कब्जा किए जाने के एक साल के बाद एक बार फिर से देश में सिनेमाघर खुलने जा रहे हैं। जल्द ही राजधानी समेत देश में कई अन्य जगहों पर सिनेमाघरों में फिल्में दिखाई जाएंगी, हालांकि महिला कलाकारों की भूमिकाएं बहुत सीमित कर दी गई हैं। एक साल बंद रहने के बाद जहां कई लोग अफगान सिनेमाघरों के फिर से खुलने की खुशी मना रहे हैं, वहीं महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
 
37 फिल्मों में बस एक में महिला कर रही काम
खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 37 फिल्में और डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित होने के लिए लाइन में हैं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आतिफा मोहम्मदी एकमात्र महिला अभिनेत्री हैं, जिन्होंने हाल ही में बनी इन फिल्मों में से एक में भूमिका निभाई है। अफगानिस्तान में सिनेमाघरों के खुलने से फिल्मों के अभिनेता बेहद खुश नजर आ रहे हैं। हालांकि उनका मानना है कि बेहतर फिल्मों के निर्माण के लिए धन उपलब्ध कराना अधिक जरूरी है।
 
सिनेमाघर खुलने से कलाकार खुश
एक कलाकार अब्दुल साबोर खिनजी ने कहा कि एक साल बाद सिनेमा के दरवाजे फिर से खुल गए हैं। हम खुश हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपनी पॉकेट मनी से फिल्मों पर खर्च किया है। मीडिया पोर्टल के अनुसार, एक अन्य कलाकार फैयाज इफ्तिखार ने कहा कि हम अपना काम करके खुश थे। काबुल निवासी जहरा मुर्तजावी ने एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह महिलाओं का अधिकार है। मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की उपस्थिति के बिना कोई फिल्म अच्छी लगती है।
 
अफगानिस्तान में महिलाओं पर प्रतिबंध
तालिबान ने अफगानिस्तान पर क़ब्ज़े के बाद महिलाओं और लड़कियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। तालिबानियों का आदेश है कि महिलाएं बिना शरीर ढके और बिना किसी महत्वपूर्ण काम के घर से बाहर नहीं जा सकतीं। हालांकि कई के लिए यह फरमान चौंकान वाले थे लेकिन जिन्होंने तालिबान का पहला शासन 1996 से 2001 के बीच झेला था, वे इस तरह की प्रतिबंधों के लिए तैयार थे और डर में थे।
 
अफगानिस्तान में बदतर जिंदगी जी रही महिलाएं
तालिबानियों ने महिलाओं पर बने मंत्रालय को बर्खास्त कर दिया और इस्लाम के नियमों को लागू करने के लिए एक मंत्रालय गठित कर दिया। तालिबानियों सेकेंड्री स्कूल से भी लड़कियों को बैन कर दिया और महिलाओं को जॉब से बाहर कर दिया। इतना ही नहीं महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में महिला और पुरुष डॉक्टरों के एक साथ काम करने पर रोक लगाई जा चुकी है।
और भी

लुसाने डायमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने नीरज चोपड़ा...

 लुसाने/ नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत के गोल्डन जैवलिन बॉय नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को स्विट्जरलैंड के लुसाने में हुए डायमंड लीग में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। वह पहले भारतीय हैं जिन्होंने डायमंड लीग जीती है। नीरज ने इसके साथ ही सात और आठ सितंबर को ज्यूरिख में होने वाले डायमंड लीग के लिए भी क्वालीफाई किया।

24 वर्षीय नीरज ने पहले ही प्रयास में बढ़त हासिल कर ली और उन्होंने दूसरे प्रयास में 85.18 मीटर का थ्रो फेंका। उन्होंने तीसरे प्रयास में हिस्सा नहीं लिया और चौथा प्रयास फाउल हुआ। नीरज ने फिर पांचवां प्रयास छोड़ा, जबकि छठे और अंतिम प्रयास में उन्होंने 80.04 मीटर का थ्रो किया। शीर्ष तीन में रहने वालों को ही छठा प्रयास मिलता है। नीरज छह में से तीन प्रयास में ही स्कोर कर पाए, लेकिन अपने पहले प्रयास के दम पर शुरुआत से लेकर आखिर तक बढ़त बनाए रहे।

 

टोक्यो ओलिंपिक के रजत पदक विजेता जाकुब वादलेजक 85.88 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरे, जबकि अमेरिका के कुरतिस थांप्सन 83.72 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे। नीरज विश्व चैंपियनशिप के बाद यहां अपने पहले टूर्नामेंट में खेलने उतरे थे। उन्होंने चोटिल होने के कारण कामनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं लिया था।

 
और भी

3 भारतीयों सहित 16 लापता नाविकों को भारतीय तटरक्षक बल ने बचाया

 कुआला लुम्पुर/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारतीय तटरक्षक बल ने मलेशिया के विदेशी जल क्षेत्र में तीन लापता भारतीय नागरिकों सहित 16 कर्मियों को बचाया है। 26 अगस्त को एमआरसीसी मुंबई ने सिंगापुर इंडोनेशिया और मलेशिया की एसएआर को-आर्डिनेशन एजेंसियों के सहयोग से बचाव अभियान चलाया।


इंडियन कोस्ट गार्ड ने एक बयान में कहा कि 25 अगस्त की देर रात एमआरसीसी मुंबई को मलेशियाई तट से गुयाना के झंडे वाले टैंकर एमटी वोरा से तीन लापता भारतीय नागरिकों के बारे में सूचना मिली थी। स्थिति की गंभीरता और दांव पर लगी जानों को ध्यान में रखते हुए, एमआरसीसी मुंबई ने सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया की एसएआर को-आर्डिनेशन एजेंसियों के सहयोग से बचाव अभियान चलाया।

बयान में कहा गया कि, लगातार प्रयासों के साथ, मलेशियाई अधिकारियों ने 26 अगस्त को मलेशियाई तट पर नाव का पता लगा लिया था, जो ईंधन की कमी के कारण काम नहीं कर रही थी। 3 लापता भारतीय नागरिकों सहित सभी 16 कर्मियों को बचा लिया गया है और आगे की जांच/औपचारिकताओं के लिए मलेशिया ले जाया जा रहा है।

भारतीय तटरक्षक बल की शिष्टता और उत्तोलन के परिणामस्वरूप, यह कम से कम समय में विदेशों में भारतीय खोज और बचाव क्षेत्र से दूर हमारे साथी देशवासियों की संकटपूर्ण काल का जवाब देने में सक्षम था।

 

 

और भी