ब्रिटेन में चीन की हुई भारी बेइज्जती, प्रतिनिधिमंडल को नहीं देखने देगा क्वीन एलिजाबेथ का ताबूत
रूस, उज्बेकिस्तान और ईरान के राष्ट्राध्यक्षों के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता
समरकंद/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। वो गुरुवार को रात तकरीबन नौ बजे उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंचे थे। पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में में पहुंचने वाले आखिरी नेता हैं। शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी रूस, उज्बेकिस्तान और ईरान के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। पीएम मोदी आज एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे जिसके बाद एससीओ नेताओं की एक जरूरी बैठक होगी।
पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे पीएम मोदी
शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होंगे, जिसपर पूरे विश्व की नजरें हैं। कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के बाद पीएम मोदी और पुतिन की पहली बैठक है। पीएम मोदी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
अगले साल भारत में होगा शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत 15 वैश्विक नेताओं के साथ समरकंद शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उज्बेकिस्तान एससीओ शिखर सम्मेलन 2022 की अध्यक्षता कर रहा है। जिसके बाद भारत समरकंद शिखर सम्मेलन के अंत में एससीओ की रोटेशनल वार्षिक अध्यक्षता ग्रहण करेगा। एससीओ संगठन में मौजूदा वक्त में आठ सदस्य देश हैं। इनमें चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। साथ ही चार पर्यवेक्षक देश हैं जो कि पूर्ण सदस्य के तौर पर संगठन में शामिल होने की रुचि रखते हैं। इनमें अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया शामिल हैं। संगठन में छह डायलॉग पार्टनर्स देश हैं। ये आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं।
साल 2017 में भारत संगठन में हुआ शामिल
साल 1996 में गठित शंघाई फाइव, उज्बेकिस्तान को शामिल करने के साथ 2001 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बन गया। वहीं 2017 में भारत और पाकिस्तान के समूह में प्रवेश करने और 2021 में तेहरान को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार करने के फैसले के साथ, SCO सबसे बड़े बहुपक्षीय संगठनों में से एक बन गया। शिखर सम्मेलन में भारत ने दृढ़ता से क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताओं, रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और अवैध नशीली दवाओं के व्यापार आदि पर सहयोग को लेकर आह्वान किया है।
ढाका (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को कहा कि उनकी हालिया भारत यात्रा से बांग्लादेश को फायदा हुआ है और वह खाली हाथ नहीं लौटी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी यात्रा ने दो मित्र पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में एक नया क्षितिज खोल दिया है। हसीना की यात्रा के दौरान, भारत और बांग्लादेश ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक कुशियारा नदी के पानी के बंटवारे पर था, जिससे दक्षिणी असम और बांग्लादेश के सिलहट के इलाकों को लाभ होने की उम्मीद है।
हसीना ने पांच से आठ सितंबर के बीच भारत के चार दिवसीय दौरे के करीब हफ्ते भर बाद यहां संवाददाताओं को बताया, उन्होंने (भारत) ने गंभीरता दिखाई और मैं खाली हाथ नहीं लौटी हूं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि कोविड महामारी के कारण तीन साल के लंबे अंतराल के बाद मेरी यात्रा ने बांग्लादेश-भारत संबंधों में एक नया क्षितिज खोल दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लोगों को उनकी भारत यात्रा के दौरान पहचाने गए सभी क्षेत्रों में सहयोग और मौजूदा द्विपक्षीय समस्याओं को हल करने के लिए लिए गए निर्णयों से लाभ होगा।
उनकी टिप्पणी तब आई जब मुख्य विपक्ष बीएनपी के नेताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश को उनकी (हसीना की) भारत यात्रा से कुछ नहीं मिला, जबकि इसके महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा, हसीना भारत से समझौते में असमर्थ हैं। हसीना ने कुशियारा नदी को लेकर सहमति पत्र को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और हरित अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक व लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में सहयोग पर भी समझौते किए हैं।
इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। तालिबान सरकार ने मीडिया में आईं उन खबरों का बुधवार को खंडन किया, जिसमें अफगानिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर की मौजूदगी का दावा किया गया है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा कि ऐसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की जमीन से संचालन कर सकते हैं और यहां तक कि सरकारी संरक्षण में भी वे अपना काम जारी रख सकते हैं।
पाकिस्तानी मीडिया में जैश प्रमुख अजहर के अफगानिस्तान में होने संबंधी दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तालिबान की अंतरिम सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इसे कड़े शब्दों में खारिज किया। खबरों में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने उसे (मसूद अजहर) सौंपने की मांग वाला एक पत्र भी अफगानिस्तान को भेजा है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से मंगलवार को सामने आई खबर में कहा गया, हमने अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक पन्ने का पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें मसूद अजहर का पता लगाने और गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है, क्योंकि हम मानते हैं कि वह अफगानिस्तान में कहीं (पूर्वी नंगरहार प्रांत) में छिपा हुआ है।
मुजाहिद ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने इस बाबत मीडिया में आई खबर देखी है। मुजाहिद ने कहा, लेकिन, यह सच नहीं है। किसी ने भी हमसे ऐसी मांग नहीं की है। मुजाहिद ने कहा, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख अफगानिस्तान में नहीं है। ऐसे संगठन पाकिस्तान की जमीन से संचालन कर सकते हैं - और यहां तक कि आधिकारिक संरक्षण में भी। प्रवक्ता ने कहा, हम किसी को भी, किसी दूसरे देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देंगे।
जिनेवा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी का अनुमान है कि पिछले साल के अंत तक दुनिया भर में करीब पांच करोड़ लोग आधुनिक गुलामी के पीड़ित रहे थे, जो या तो बंधुआ मजदूरी में धकेल दिए गए या उनका विवाह कर दिया गया। यह आंकड़ा पांच साल पहले आई संस्था की पिछली रिपोर्ट से 25 प्रतिशत अधिक है।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और साझेदार व्यावसायिक यौन शोषण जैसे चिंताजनक रुझानों की ओर इशारा करते हैं, जो चार में से लगभग एक व्यक्ति को प्रभावित करते हैं जो बंधुआ मजदूरी के अधीन हैं। इससे गरीबों, महिलाओं और बच्चों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासी मामलों के संगठन और आधुनिक दासता पर काम करने वाले अधिकार समूह वॉक फ्री फाउंडेशन के साथ आईएलओ ने बताया कि 2021 के अंत में बंधुआ मजदूरों की संख्या 2.8 करोड़ थी।
सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल पहले के आंकड़ों के आधार पर 2017 में इस तरह की आखिरी रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से इस तरह के आंकड़ों में आधुनिक गुलामी में रहने वाले लोगों की संख्या एक करोड़ बढ़ी है। इसमें कहा गया है कि दो-तिहाई वृद्धि अकेले जबरन विवाह से संबंधित है। वॉक फ्री के संस्थापक निदेशक ग्रेस फॉरेस्ट ने न्यूयॉर्क में एसोसिएटेड प्रेस (एपी) से साक्षात्कार में कहा कि वृद्धि ग्रीस की आबादी के बराबर है।
रिपोर्ट के अनुसार, सभी जबरन विवाह के मामलों में से दो तिहाई से अधिक मामले एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पाए गए जो दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र है लेकिन प्रति व्यक्ति सबसे अधिक संख्या अरब देशों में है, जहां लगभग प्रति 1,000 में से पांच लोग जबरन विवाह वाले थे।
श्रमिकों, व्यवसायों और सरकारों को साथ लाने का काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र श्रम एजेंसी के महानिदेशक गाय राइडर ने सबसे मिलकर काम करने का आह्वान किया और कहा, इसमें ट्रेड यूनियन, नियोक्ता समूह, नागरिक समाज और आम लोग, सभी को महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभानी हैं।
दुबई (छत्तीसगढ़ दर्पण)। दुबई की एक अदालत ने कर योजना के तहत 17 लाख डॉलर की धोखाधड़ी करने के मुख्य आरोपी एवं ब्रिटिश नागरिक संजय शाह को डेनमार्क प्रत्यर्पित किये जाने संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी। अदालत के इस फैसले को डेनमार्क के अधिकारियों के लिए झटका माना जा रहा है जो देश के अब तक के सबसे बड़े आर्थिक धोखाधड़ी मामले में संजय शाह का प्रत्यर्पण कराना चाहते थे।
सोमवार को बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने यह फैसला सुनाया। हालांकि, फैसले का अभी विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। अभियोजक अदालत के इस फैसले को चुनौती दे सकते हैं। संजय के वकील अली-अल जरूनी ने कहा, बेशक, हम तत्काल उन्हें जमानत दिलाने की कोशिश करेंगे।
लंदन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर एबे में 19 सितंबर को दिन में 11 बजे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार होगा। इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व के बहुत से नेता दिवंगत महारानी को अंतिम विदाई देने के लिए मौजूद रहेंगे। इससे पहले रविवार को महारानी का पार्थिव शरीर स्काटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग स्थित पैलेस आफ होलीरुड हाउस ले जाया जाएगा। स्काटलैंड में यह ब्रिटेन के शासक का आधिकारिक आवास है। यहां से 15 सितंबर को ताबूत लंदन ले जाया जाएगा, जहां महारानी का अंतिम संस्कार होगा।
लंदन में महारानी का पार्थिव शरीर चार दिन तक वेस्टमिंस्टर हाल में रखा जाएगा, जहां पर सामान्य जन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। 19 सितंबर को प्रात: ताबूत को वेस्टमिंस्टर एबे ले जाया जाएगा जहां पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी। यहां पर विश्व भर से आए नेता और गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। प्रार्थना और श्रद्धांजलि के बाद दिवंगत महारानी का ताबूत तोपगाड़ी पर रखा जाएगा। उसके बाद शवयात्रा शुरू होगी। यह यात्रा विंडसर कैसल में सेंट जार्ज चैपल जाकर पूरी होगी। वहीं पर स्वर्गीय पति प्रिंस फिलिप के बगल में दिवंगत महारानी को दफनाया जाएगा।
दिवंगत महारानी के अंतिम संस्कार की तारीख की सूचना देकर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विश्व भर के नेताओं से अनुरोध किया गया है। किंग चार्ल्स तृतीय ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार के दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है। ब्रिटेन के लोगों के लिए इस वर्ष यह दूसरा अतिरिक्त अवकाश होगा। इससे पहले महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की सत्ता के 70 साल पूरे होने पर जून में लोगों को अतिरिक्त अवकाश दिया गया था। जिस वेस्टमिस्टर एबे में महारानी का अंतिम संस्कार होगा, उसी के गिरजाघर में 1947 में प्रिंसेस रहीं एलिजाबेथ की प्रिंस फिलिप के साथ शादी हुई थी। उस समय नव विवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए लाखों लोग आए थे।
पीएम ट्रस और मंत्रियों ने ली किंग के वफादार रहने की शपथ
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने शनिवार को किंग चार्ल्स तृतीय के प्रति वफादार रहने की शपथ ली। हाउस आफ कामंस में सबसे पहले स्पीकर लिडसे होयले ने किंग चार्ल्स और उनके उत्तराधिकारियों के प्रति वफादार रहने की शपथ ली। उनके बाद प्रधानमंत्री, मंत्रियों और वरिष्ठ सांसदों ने यह शपथ ली। राज सिंहासन के प्रति वफादार रहने की शपथ कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में सभी 650 सांसद वफादारी की शपथ लेने की कोशिश करेंगे। इससे पहले इस तरह की शपथ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रति वफादारी के लिए ली गई थी।
रियाद/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन संकट से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत कम से कम सात प्रतिशत वृद्धि दर के साथ इस साल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट की वजह से दुनियाभर में तेल की कीमतें बढ़ी हैं और परिणामस्वरूप मुद्रा स्फीति बढ़ी है लेकिन इन सबके बावजूद भारतीय आर्थिकी तेजी से बढ़ रही है। जयशंकर रियाद में प्रवासी भारतीयों को संबोधित कर रहे थे। वह शनिवार को यहां दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। भारत के विदेश मंत्री के रूप में उनकी यह सऊदी अरब की पहली यात्रा है।
जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और उच्च आय वाला देश बनाने की दिशा में शक्तिशाली प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन तरीकों के बारे में सोचता है जिससे वह अपनी क्रेडिट, बैंकिंग, शिक्षा और श्रम नीति को बदल सकता है। उन्होंने कहा कि कई बड़े सुधार हुए हैं और हम उसके परिणाम दो बहुत ही दिलचस्प वाकयों से देख सकते हैं। 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए बीते वित्त वर्ष में हमने अब तक का सबसे अधिक निर्यात किया है। हमारा कुल निर्यात 670 अरब अमेरिकी डालर का रहा। इसमें से 400 अरब अमेरिकी डालर के माल का व्यापार किया गया। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि एक व्यापारिक शक्ति के रूप में भारत का आइडिया आज विश्वसनीय हो गया है।
यात्रा के दौरान विदेश मंत्री अपने सऊदी समकक्ष प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ भारत-सऊदी अरब सामरिक भागीदारी परिषद के ढांचे के तहत स्थापित राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
वंदे भारत मिशन के तहत सात करोड़ लोग वापस लाए गए
विदेश मंत्री ने वंदे भारत मिशन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके तहत दुनियाभर से सात करोड़ लोगों को वापस भारत लाया गया। कोविड महामारी के दौरान अन्य किसी देश ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान यात्रा प्रतिबंधों के बीच विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन सबसे बड़ा निकासी अभ्यास रहा। भारत क्या है, इसे दुनिया ने देखा। इससे पहले खाड़ी युद्ध के दौरान इराक और कुवैत में फंसे करीब पौने दो लाख लोगों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया था।
पोर्ट मोर्सबी/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पापुआ न्यू गिनी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई है। भूकंप आने के बाद आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया है। लोग आनन-फानन में घर के बाहर निकल गए। वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण से सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। जिस तरह से भूकंप की तीव्रता थी उससे भारी नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है। बता दें, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया के पास प्रशांत महासागर क्षेत्र का एक देश है जो कि भूकंप के मद्देनजर बेहद संवेदनशील है। भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट मार्सबे से करीब 60 किलोमीटर दूर लाई में था।
लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन की नव निर्वाचित प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी तुलना ऐसी चट्टान से की जिस पर आधुनिक ब्रिटेन की नींव रखी हुई है। उन्होंने बकिंघम पैलेस द्वारा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के स्कॉटलैंड में निधन की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद एक बयान जारी किया। ट्रस को 96 वर्षीय महारानी ने कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया था।
ट्रस ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी के निधन के बाद लंदन में बृहस्पतिवार को 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर आयीं। उन्होंने महारानी को राष्ट्रमंडल का एक चैम्पियन तथा 70 साल के उनके शासन के दौरान स्थिरता एवं ताकत का स्रोत बताया। ट्रस ने कहा, वह महान ब्रिटेन की बड़ी ताकत थीं और यह ताकत हमेशा बनी रहेगी। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय एक चट्टान की तरह थीं जिस पर आधुनिक ब्रिटेन की नींव रखी हुई है। उनके शासन में हमारा देश समृद्ध हुआ और फला-फूला।
उन्होंने कहा, वह हमारी सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी रहीं। 70 वर्ष तक इतनी प्रतिष्ठा और गरिमा के साथ देश की अगुवाई करना एक असाधारण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सेवा को समर्पित उनका व्यक्तित्व इतना विशाल है जो हमने अपने होश संभालने के बाद तो नहीं देखा। इसके बदले में ब्रिटेन तथा दुनियाभर के लोगों ने उन्हें भरपूर प्यार दिया तथा उनकी सराहना की।
महारानी को निजी प्रेरणा बताते हुए ट्रस ने कर्तव्य के प्रति उनके समर्पण को सभी के लिए एक मिसाल बताया और प्रधानमंत्री के तौर उनसे अपनी पहली तथा आखिरी मुलाकात को याद किया। विपक्ष के नेता सर कीर स्टार्मर ने भी महारानी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने हम सभी के साथ खास, निजी संबंध बनाए। ऐसे संबंध जो उनके देश की सेवा तथा समर्पण पर आधारित हैं।
इस बीच, प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने महारानी के 70 वर्षों के शासन के दौरान उनकी शानदार उपलब्धियों की प्रशंसा की।महारानी के निधन पर हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लॉर्ड पॉल ने कहा, वह हमारी सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी रहीं। सात दशकों तक इतनी प्रतिष्ठा और गरिमा के साथ ब्रिटेन जैसे देश की अगुवाई करना एक असाधारण उपलब्धि है।
इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने शुक्रवार को दुनिया से पाकिस्तान की मदद करने की अपील की। दक्षिण एशियाई मुल्क विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई है और सवा तीन करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान में सैलाब की भीषण स्थिति के बीच महासचिव गुतारेस एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे।
अपनी यात्रा से दो हफ्ते से भी कम वक्त पहले उन्होंने पाकिस्तान में अप्रत्याशित बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए 16 करोड़ डॉलर के आपात कोष की अपील की थी। इस सैलाब में जून से करीब 1350 लोगों की मौत हो चुकी है तथा पाकिस्तान का करीब एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है।
गुतारेस ने देश पहुंचने के बाद ट्वीट किया, मैं यहां विनाशकारी बाढ़ के बाद पाकिस्तानी लोगों के साथ अपनी गहरी एकजुटता व्यक्त करने के लिए पाकिस्तान पहुंचा हूं। उन्होंने कहा, मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बड़े पैमाने पर मदद की अपील करता हूं। गुतारेस की अगवानी उप विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने की और वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ से भी मुलाकात करेंगी।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार के मुताबिक, वह राष्ट्रीय बाढ़ प्रतिक्रिया और समन्वय केंद्र (एनएफआरसीसी) का भी दौरा करेंगे और प्रधानमंत्री शरीफ के संग संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे और विदेश मंत्री के साथ वार्ता भी करेंगे। उनके बाढ़ प्रतिक्रिया से संबंधित अन्य कार्यक्रम भी हैं।
गुतारेस बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित बलूचिस्तान और सिंध के इलाकों का दौरा करेंगे जहां वह प्रभावित लोगों से बातचीत भी करेंगे। पाकिस्तान का बड़ा इलाका पानी में डूब गया है और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं। सरकार का कहना है कि सैलाब से 3.3 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों का अनुमान है कि बाढ़ के कारण 10 अरब डॉलर से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ है।
इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार मुल्क के सामने पुनर्निर्माण और पुनर्वास की बड़ी चुनौती के बारे में दुनिया को अवगत कराने के लिए गुतारेस की इस यात्रा का इस्तेमाल करना चाहती है।
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