दुनिया-जगत

हिना रब्बानी खार से ब्रिटिश उच्चायुक्त क्रिश्चियन टर्नर ने की मुलाकात

 इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटिश उच्चायुक्त क्रिश्चियन टर्नर ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार से मुलाकात की।  इस दौरान वे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।

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प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्‍त अरब अमीरात के राष्‍ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता की

अबुधाबी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अबुधाबी में संयुक्‍त अरब अमीरात के राष्‍ट्रपति शेख-मोहम्‍मद-बिन-जायेद-अल नहयान के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने भारत-संयुक्‍त अरब अमीरात की कार्यनीतिक-भागीदारी को अधिक मजबूत बनाने और उसमें विविधता लाने का संकल्‍प दोहराया।

इससे पहले, श्री मोदी जर्मनी में जी-7 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के बाद आज तीसरे पहर संयुक्‍त अरब अमीरात की राजधानी अबुधाबी पहुंचे। यू ए ई के राष्‍ट्रपति ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। उन्‍होंने कहा कि अबुधाबी हवाई अड्डे पर शेख-मोहम्‍मद-बिन-जायेद-अल नहयान ने जिस गर्मजोशी से उनका स्‍वागत किया उससे वे अत्‍यंत प्रभावित हुए हैं।

श्री मोदी ने शेख खलीफा-बिन-जायेद-अल-नहयान की पिछले महीने मृत्‍यु हो जाने पर राष्‍ट्रपति शेख-मोहम्‍मद-बिन-जायेद-अल नहयान और शाही परिवार के सदस्‍यों के प्रति व्‍यक्तिगत रूप से संवेदना व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने शेख-मोहम्‍मद-बिन-जायेद-अल नहयान को संयुक्‍त अरब अमीरात का तीसरा राष्‍ट्रपति चुने जाने और अबुधाबी का शासक बनने पर बधाई दी।

इससे पहले, एक ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि उनकी जर्मनी यात्रा लाभदायक रही है जिसमें उन्‍होंने जी-7 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लिया, विश्‍व के कई नेताओं से बातचीत की और म्‍युनिख में यादगार सामुदायिक कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने कहा कि समूह के नेताओं ने विश्‍व में शांति औ समृद्धि बढाने के उद्देश्‍य से कई महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
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जी7 में भारत और चार अन्य देशों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा का संकल्प लिया

 एल्माउ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जी7 समूह और भारत समेत पांच भागीदार देशों के नेताओं ने कहा है कि वे स्वतंत्रता और विविधता की रक्षा करते हुए सार्वजनिक संवाद और ऑनलाइन व ऑफलाइन सूचना के मुक्त प्रवाह को लेकर प्रतिबद्ध हैं। जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान सोमवार को यहां जारी ‘2022 रेजिलिएंट डेमोक्रेसीज स्टेटमेंट’ शीर्षक से एक संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी नेताओं ने कहा कि वे इन सिद्धांतों की रक्षा के लिए तैयार हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा का संकल्प लेते हैं।

यह संयुक्त बयान इन आरोपों के बीच आया है कि भारत सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इसकी वकालत करने वालों की आवाज दबा रही है। नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र खुली सार्वजनिक बहस, स्वतंत्र व बहुलवादी मीडिया और ऑनलाइन व ऑफलाइन सूचनाओं के मुक्त प्रवाह को सक्षम बनाते हैं। साथ ही इससे नागरिकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए वैधता, पारदर्शिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही को समान रूप से बढ़ावा मिलता है।

नेताओं ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों पर अभिव्यक्ति व विचारों की स्वतंत्रता की रक्षा करने और प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय पहलों के माध्यम से एक स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया परिदृश्य सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। जी7 कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का एक अंतर-सरकारी राजनीतिक समूह है। जी7 शिखर सम्मेलन के मेजबान जर्मनी ने भारत के अलावा अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि के रूप में सम्मेलन में आमंत्रित किया था।
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सूर्य और शुक्र की एकसाथ दुर्लभ तस्वीर, NASA ने बताया क्या है यह खगोलीय घटना ?

न्यूयॉर्क (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नासा ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है, जो खूब तहलका मचा रहा है। यह तस्वीर है सूर्य और शुक्र के तस्वीर की जो एक साथ नजर आ रहे हैं। ऐसी दुर्लभ खगोलीय घटनाएं सदियों में होती हैं। वैज्ञानिकों की भाषा में यह ट्रांजिट या पारगमन की प्रक्रिया है, जिसे दूरबीन से कैद करने के लिए वैज्ञानिक वर्षों तक इंतजार करते रहते हैं। नासा ने इस पूरी घटना का महत्त्व बताते हुए यह भी जानकारी दी है कि अब ऐसा दुर्लभ नजारा देखने का मौका उन्हें कब मिलेगा और इन घटनाओं से उन्हें किन चीजों के बारे में समझने में मदद मिलती है।(पहली तस्वीर सौजन्य: नासा के इंस्टाग्राम से)

सूर्य और शुक्र की एकसाथ दुर्लभ तस्वीर 
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा सोशल मीडिया के कई तरह के प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है। यह अक्सर पृथ्वी से बाहर की दुनिया की ऐसी तस्वीरें और उनकी जानकारियां शेयर करता है, जो लोगों को चौंका देते हैं। क्योंकि, इससे पता चलता है कि धरती के बाहर की दुनिया भी कितनी खूबसूरत और रहस्यों से भरी हुई है। इसी कड़ी में नासा ने एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है, जो कि 'दुर्लभ खगोलीय घटनाओं में से एक है।' यह घटना सूर्य और शुक्र के साथ करीब एक दशक पहले घट चुकी है, लेकिन इस तस्वीर को शेयर कर उसने बताया है कि यह दिलचस्प और दुर्लभ घटना अब करीब 100 साल बाद फिर से घटित होगी।

सूरज के सामने से गुजरा शुक्र 
इस घटना में सूरज के सामने से शुक्र गुजरा (पारगमन) था, जिसकी तस्वीर सोलर डिनामिक्स ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) ने खींची थी। नासा ने इंस्टाग्राम पर इसके बारे में लिखा है- 'वह दुर्लभ में से एक थी, इसलिए सहजता से; और इसके लिए दुनिया उसे प्यार करती थी...' इस तस्वीर में सूरज और उसके ऊपर शुक्र बिंदी जैसा नजर आ रहा है। नासा ने इस घटना को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि 'पारगमन खगोलविदों को ग्रहों की वायुमंडलीय संरचना और कक्षा का अध्ययन करने में सहायता करता है।'

2117 में ऐसी ही दुर्लभ तस्वीर देखने को मिलेगी 
नासा के मुताबिक इससे पहले सूरज के सामने से शुक्र के गुजरने की यह घटना 2004 और 2012 में घटी थी और इसके बाद 2117 में ऐसी ही दुर्लभ तस्वीर देखने को मिलेगी, यानी की लगभग एक शताब्दी के बाद। नासा ने बताया है कि '2012 में सौर पारगमन लगभग 7 घंटे तक होता रहा, जो दुनिया भर में देखा जा रहा था, सभी 7 महाद्वीपों के ऑब्जर्वर इस घटना को देखने में सक्षम थे।'

लोगों से मिल रहे हैं उत्साहित करने वाले कमेंट 
नासा ने कुछ घंटे पहले ही यह तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की है और उसके बाद इस के खबर लिखे जाने तक इसे लगभग 4.45 लाख लाइक्स मिल चुके थे। कई यूजर्स तो सूर्य पर काजलनुमा बिंदी देखकर हैरान थे और कमेंट में 'वाह', 'बहुत बढ़िया' और 'सुंदर' जैसी टिप्पणियां कर रहे हैं। इस तस्वीर को लेकर लोगों की जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही है और इसमें पूरे विश्व के लोगों की भागीदारी हो रही है। (पहली तस्वीर के अलावा बाकी प्रतीकात्मक)

पारगमन क्या है? 
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रांजिट या पारगमन वह घटना है, जब अंतरिक्ष में कोई चीज किसी दूसरे के सामने से होकर गुजरती है। नासा के मुताबिक, 'यह कई अलग-अलग तरीकों से हो सकता है। एक उदाहरण है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है। तब चंद्रमा सूर्य का 'पारगमन' कर रहा होता है।' नासा का कहना है कि उसका एसडीओ लगातार हमारे सूर्य की निगरानी करता है और इसके वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र को मापता है। क्योंकि, यह हमारे निकटतम तारे के कोर की जांच करता है।
 
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चांद से टकराया रहस्यमयी रॉकेट, और एक की जगह बन गये दो बड़े गड्ढे, NASA के साइंटिस्ट हैरान

वॉशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अंतरिक्ष की दुनिया में बहुत कुछ ऐसा होता रहता है, जो वैज्ञानिकों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होते हैं और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिक उस वक्त चकरा गये, जब उन्होंने चांद से आई एक तस्वीर को देखा। ये तस्वीर चांद पर चार मार्च को क्रैश कर गये एक रॉकेट की थी, लेकिन इस क्रैश की वजह से चांद के सतह पर एक डबल क्रेटर, यानि दो गड्ढे बन गये हैं, जिसे देखकर वैज्ञानिक आश्चर्य में हैं।

लूनर टोही ऑर्बिटर को मिला गड्ढा 
नासा के मुताबिक, नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर ने हाल ही में चंद्रमा से बेकाबू होकर टकरा गये एक रॉकेट की वजह से बने दो गड्ढों को देखा, जबकि वहां सिर्फ एक ही गड्ढा होना चाहिए था। ये रॉकेट मार्च में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लूनर टोही ऑर्बिटर द्वारा खींची गई इस तस्वीर में दिख रहा है, कि ये गड्ढे अगल-बगल में ही बने हुए हैं, लिहाजा नासा वैज्ञानिकों के लिए ये काफी हैरान करने वाला है।

काफी बड़े हैं दोनों गड्ढ़े 
नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, अगल बगल में बने ये दोनों क्रेटर, यानि गड्ढे लगभग 18-मीटर और 16-मीटर व्यास के हैं और विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि दो ऐसे क्रेटर के बनने से संकेत मिलता है कि रॉकेट का द्रव्यमान अनुमान से बड़ा रहा होगा। तस्वीरें जारी करते हुए नासा ने एक बयान में कहा कि, 'आमतौर पर, एक भेजा गया रॉकेट में मोटर के अंत में द्रव्यमान केंद्रित होता है और रॉकेट के बाकी चरण में मुख्य रूप से एक खाली ईंधन टैंक होता है। चूंकि रॉकेट बॉडी की उत्पत्ति अनिश्चित रहती है, लिहाजा क्रेटर की दोहरी प्रकृति इसकी पहचान का संकेत दे सकती है'।

चांद पर कहां हैं ये क्रेटर 
ये दोनों क्रेटर 5.226 डिग्री उत्तर, 234.486 डिग्री पूर्व में, चंद्रमा पर 1,863 मीटर की ऊंचाई पर एक जटिल क्षेत्र में पाया गया है, जहां ओरिएंटेल बेसिन घटना से इजेक्टा का प्रभाव हर्ट्ज़स्प्रंग बेसिन के 536 किलोमीटर व्यास वाले उत्तर-पूर्वी रिम पर पड़ता है। नासा ने कहा कि, 'चंद्रमा पर किसी अन्य रॉकेट बॉडी प्रभाव ने डबल क्रेटर नहीं बनाए। अपोलो-4 एसआईवी-बी क्रेटर रूपरेखा में कुछ अनियमित थे (अपोलोस 13, 14, 15, 17) और प्रत्येक डबल क्रेटर काफी बड़े (35 मीटर से अधिक, लगभग 38 गज) थे। मिस्ट्री रॉकेट बॉडी के डबल क्रेटर की अधिकतम चौड़ाई (29 मीटर, लगभग 31.7 गज) एस-आईवीबी के पास थी। नासा ने कहा कि, फिलहाल दुनिया की कोई भी एजेंसी स्पेस मलबे को ट्रैक नहीं करती है, लिहाजा इसके बारे में सटीक जानकारी मिलना काफी मुश्किल है। 

पता लगाने में लगे चार महीने 
दुर्घटनास्थल का पता लगाने में लगभग चार महीने लग गए और लिहाजा क्रेटर का पता भी नहीं चल पाया था। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि जिस जगह पर ये रॉकेट टकराया था, वो चंद्रमा के सबसे दूर इलाके में था, जो हमें पृथ्वी से देखने को नहीं मिलता है और इसमें कई प्रभाव वाले क्रेटर के साथ एक ऊबड़-खाबड़ इलाका है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इजेक्शन से चंद्र भूविज्ञान का अध्ययन करने का रास्ता खुलेगा और यह प्रभाव चंद्रमा की सतह के गठन और दूर की तरफ के भूविज्ञान के बारे में कुछ नई जानकारियां देगा।

चीन का है टकराने वाला रॉकेट 
खगोलविदों ने पुष्टि की है, कि दुर्घटनाग्रस्त वस्तु एक रॉकेट का दूसरा चरण का हिस्सा था और बेतरतीब ढंग से टकराने वाली वस्तु की पहचान सबसे पहले बिल ग्रे ने की थी, जो पृथ्वी के पास की वस्तुओं को ट्रैक करने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोजेक्ट प्लूटो सॉफ्टवेयर का काम देखते हैं। बिल ग्रे ने कहा है कि, जो रॉकेट टकराया है, वो चीन के लुनर मिशन का हिस्सा है। बचा हुआ रॉकेट 4 मार्च को 9,300 किलोमीटर प्रति घंटे की चौंका देने वाली गति से चंद्रमा के सुदूर हिस्से में गिर गया था। चंद्रमा में पहले से ही अनगिनत क्रेटर हैं, जिनकी लंबाई 1,600 मील (2,500 किलोमीटर) तक है। बहुत कम या कोई वास्तविक वातावरण नहीं होने के कारण, चंद्रमा पर उल्काओं और क्षुद्रग्रहों की निरंतर बारिश होती रहती है। वहीं, कई बार अंतरिक्षयान भी चंद्रमा से टकराते हं।
 
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अमेरिका को रूस का करारा जवाब, बाइडेन की पत्नी, बेटी समेत टॉप अफसरों पर लगाया बैन

मॉस्को (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन में हमले को लेकर रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इतना ही नहीं, बाइडेन की सरकार ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटियों समेत उनके कई नज़दीकी लोगों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का एलान किया था। इसका करारा जवाब देते हुए रूस ने भी अमेरिका के कई बड़े लोगों पर प्रतिबंध लगा दिए है। रूसी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि, रूस में पुतिन की सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी उनकी बेटी समेत 23 टॉप अमेरिकी अफसरों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। मंत्रालय का कहना है कि, अमेरिका ने रूस पर और यहां के बड़े-बड़े लोगों पर लगातार प्रतिबंध लगाता जा रहा है, इसको देखते हुए मास्को ने भी अमेरिका पर इन प्रतिबंधों का ऐलान किया है।

अमेरिकी प्रतिबंधों से नाराज रूस
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, रूस ने बाइडेन की बेटी और उनकी बेटी पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। कुछ समय पूर्व अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटियों समेत उनके कई नज़दीकी लोगों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का एलान किया था। इस सूची में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ का परिवार और कुछ बड़े रूसी बैंक भी शामिल थे। ये क़दम ऐसे वक़्त आया था जब यूक्रेन में रूसी सेना की क्रूरता की तस्वीरों समते कई नए प्रमाण सामने आए थे.हालांकि, रूस ने कहा था कि ये तस्वीरें यूक्रेनी अधिकारियों ने फ़र्जी तरीके से बनाई हैं।

अमेरिका ने लगाए थे प्रतिबंध
इससे पहले भी अमेरिका ने रूस के औद्योगिक क्षेत्रों पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाते हुए मॉस्को से लकड़ी के उत्पाद, औद्योगिक इंजन, बॉयलर और बुलडोजर समेत कई वस्तुओं पर रोक लगा दी थी। अमेरिका का कहना था कि सात प्रमुख औद्योगिक शक्तियों ने रूसी तेल के आयात को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने या प्रतिबंधित करने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी थी। 

यूक्रेन जंग ने रूस की तस्वीर बदली 
बता दें कि, यूक्रेन पर हमले के बाद रूस को अमेरिका समेत पश्चिमी देशों से भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी देशों ने रूस को अलग-थलग करने के लिए रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए, जिसकी वजह से रूस की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा। अमेरिका ने रूस से आयात होने वाले तेल पर बैन लगा दिया था, साथ ही एयरस्पेस भी बंद कर दिया था. वहीं पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ व्लादिमीर पुतिन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और इन बैन की इन घोषणाओं को युद्ध के ऐलान की तरह बताया था. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि रूस ना पहले झुका था ना अब झुकने के मूड में है। 

अमेरिका ने फिर प्रतिबंधों का ऐलान किया 
अमेरिका ने सोमवार (27 जून) को रूस पर नए G-7 प्रतिबंधों की घोषणा की। ये नए प्रतिबंध रूस के डिफेंस सेक्टर को कमजोर करने के लिए लगाया जा रहा है। खबरों के मुताबिक इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस का यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले घातक हथियारों पर लगाम लगाना है। बता दें कि रूस यूक्रेन पर अत्याधुनिक घातक हथियारों से हमला कर उसे पूरी तरह बर्बाद करने पर अमादा हो चुका है। इसको देखते हुए अमेरिका ने अब रूस के हथियारों पर लगाम लगाने के लिए नए प्रतिबंधों की घोषणा की है।


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रूस से 5 महीने बाद बाहर निकलेंगे पुतिन, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार करेंगे इस देश का दौरा

मॉस्को (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रूस के राष्ट्रपति इस सप्ताह के मध्य एशिया के दो पूर्व सोवियत देशों का दौरा करेंगे। यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देने के बाद यह पुतिन की पहली विदेश यात्रा होगी। रोसिया 1 स्टेट टेलीविजन के स्टेशन के क्रेमलिन संवाददाता पावेल जारुबिन ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान का दौरा करेंगे।

तुर्कमेनिस्तान में एक सम्मेलन में लेंगे हिस्सा
रोसिया 1 स्टेट टेलीविजन के मुताबिक वे मॉस्को में बातचीत के लिए इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलेंगे। इसके बाद वे दुशांबे में पुतिन ताजिक राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन से मिलेंगे। राखमोन को पुतिन सबसे नजदीकी सहयोगी माना जाता है। वे तजाकिस्तान पर सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले शासक हैं। जारुबिन ने बताया कि पुतिन तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में अजरबैजान, कजाकिस्तान, ईरान और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं सहित कैस्पियन देशों के एक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

बेलारूस जाने की भी है योजना
आरआईए समाचार एजेंसी ने रविवार को रूस के संसद के ऊपरी सदन के स्पीकर वेलेंटीना मतविएन्को का हवाला देते हुए कहा कि व्लादिमीर पुतिन का बेलारूस जाने की भी योजना है। वे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक फोरम में भाग लेने के लिए 30 जून और 1 जुलाई को बेलारूसी शहर ग्रोडनो का दौरा करेंगे। इस दौरान वे अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इसमें रूस और बेलारूस के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी।

मिसाइलों को तैनात करने की दे सकते हैं मंजूरी 
ऐसा माना जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन इस दौरान बेलारूस में मिसाइलों को तैनात करने की औपचारिक मंजूरी भी दे सकते हैं। रूस के बाहर पुतिन की अंतिम ज्ञात यात्रा फरवरी में चीन की थी। इस दौरान पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच तेल और गैस आयात को लेकर समझौता भी हुआ था, जिसके अंतर्गत चीन पहले की अपेक्षा रूस से ज्यादा मात्रा में ईंधन का आयात करेगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच पाइपलाइन बनाने पर भी सहमति बनी थी।
 
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छात्रा को लगा पीरियड का दर्द है, टॉयलेट गयी तो हो गया बच्चा, डॉक्टर भी मान रहे चमत्कार

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। क्या आप यकीन करेंगे कि एक युवती को बच्चा होने से कुछ मिनट पहले तक अंदाजा तक नहीं था कि वह प्रेग्नेंट है। जी हां भले ही यह कोरा झूठ लगता हो मगर यह हकीकत है। मामला इंग्लैंड का है जहां की एक छात्रा ने बाथरूम में एक बच्चे को जन्म दिया है।

प्रेग्नेंट होने की नहीं थी जानकारी
हैरानी की बात ये है कि उसे बच्ची की डिलीवरी होने से पहले तक मालूम नहीं था कि वह प्रेग्नेंट है। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली यह छात्रा पेट में दर्द होने के कारण बाथरूम गयी थी लेकिन अचानक उसका दर्द बढ़ गया और उसने टॉयलेट में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया। छात्रा की उम्र 20 साल है। अपने 20वें जन्मदिन से एक दिन पहले उसने एक बेटे को जन्म दिया है। छात्रा का नाम जेस डेविस है। जेस ने बताया कि उसे इस बारे थोड़ा भी अंदाजा नहीं था कि वह बच्चे को जन्म देने वाली है।

नहीं दिख रहा था बेबी बंप
द इंडिपेंडेंट के अनुसार, डेविस ब्रिस्टल की इतिहास और राजनीति की छात्रा है। वह वर्तमान में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में अपने दूसरे वर्ष में है। उसके पास गर्भावस्था के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं थे और उसका बेबी बंप नहीं था। उसने खुलासा किया कि उसका मासिक धर्म हमेशा अनियमित रहा है, इसलिए उसने ध्यान नहीं दिया कि कुछ समय से उसका मासिक धर्म चक्र नहीं था। चूंकि उसका बेबी बंप भी नजर नहीं आ रहा था तो उसे थोड़ा भी इसका अंदाजा नहीं हुआ।

लगा कि सपना देख रही हूं
11 जून को मां बनने वाली 20 वर्षीया डेविस ने कहा, "जब उनका जन्म हुआ तो यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सदमा था- मुझे लगा कि मैं पहले सपना देख रही थी"। जन्म के समय उसके बच्चे का वजन 3 किलो था। डेविस ने अचानक मां बनने के अनुभव के बारे में बताया, "मुझे पता ही नहीं चल पा रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। जब मैंने उसे रोते हुए सुना तो मुझे यकीन हुआ कि मैं मां बन चुकी हूं।"

बेहद शांत है बच्चा
डेविन ने कहा कि बच्चे होने के बाद उसे लगा कि अब बड़ा बनने की जरूरत है। उसे अचानक लगे इस झटके से उबरने और बच्चे के साथ तालमेल बिठाने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन अब वह बेहद खुश है। वह बेहद शांत बच्चा है। डेविस ने खुलासा किया कि उसे जून 2022 में गंभीर दर्द हुआ तो उसने मान लिया कि यह उसके पीरियड्स की शुरुआत है। उस वक्त वह मुश्किल से चल पा रही थी और अपने बिस्तर पर लेट भी नहीं सकती थी।

अचानक होने लगा दर्द
डेविस ने बताया, "मैं अगले दिन अपने जन्मदिन के लिए उस रात एक हाउस पार्टी करने वाली थी, मैं दर्द में थी इसलिए मैंने खुद को बेहतर महसूस करने की कोशिश करने के लिए स्नान करना उचित समझा। लेकिन नहाने के बाद भी उसका दर्द नहीं रूक और ये बद से बदतर हो गया। अचानक मुझे लगा कि मेरा पीडियड शुरू होने वाला है। ऐसे में मुझे शौचालय जाने की अचानक अत्यधिक आवश्यकता महसूस हुई, इसलिए बैठ गई और धक्का देना शुरू कर दिया।"

अचानक सुनी बच्चे की आवाज
डेविड ने कहा कि उसे उससे पहले किसी भी समय ऐसा नहीं लगा कि वह एक बच्चे को जन्म देने जा रही है। लेकिन अचानक से जब उसे लगा कि कुछ चीज है जो उसके अंदर है और निकालने की जरूरत है। कुछ समय बाद उसे रोने की आवाज सुनाई दी। डेविस ने कहा कि अपने बच्चे को रोते सुनना, और वास्तव में जो हुआ था उसे महसूस करना सचमुच असली था।

लोगों को नहीं हुआ यकीन
उस वक्त डेविस अकेली थी और यह सुनिश्चित नहीं कर पा रही थी कि किया क्या जाए। ऐसे में डेविस ने अपने सबसे अच्छे दोस्त, लिव किंग को फोन किया। लिव को जब डेविस ने बताया कि वह अभी-अभी मां बनी हैं उसे यकीन ही नहीं हुआ। लिव ने सोचा कि डेविस पार्टी देने से बचने के लिए ऐसा बहाना बना रही है। इसके बाद डेविस ने लिव को अपने बच्चे की तस्वीर भेजी।

जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य
डेविस द्वारा अपने नवजात बेटे की तस्वीर भेजे जाने के बाद लिव ने फौरन एंबुलेंस को कॉल किया। इसरे बाद डेविस और उसके बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चे को एक इनक्यूबेटर में रखा गया। डॉक्टरों के कहा कि बच्चे का जन्म 35वें सप्ताह में हुआ है। डॉक्टरों ने कहा कि मां और बच्चा अब ठीक हैं। डॉक्टर इसे एक चमत्कार समझ रहे हैं।

 

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विकसित देशों के समूह जी-7 का शिखर सम्‍मेलन जर्मनी में शुरू

म्यूनिख (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जी-7 देशों का शिखर सम्‍मेलन कल जर्मनी के बवेरियन आल्‍प्‍स में शुरू हुआ। सम्‍मेलन में की गई प्रारंभिक घोषणाओं में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को छह खरब डॉलर की ढांचागत सहायता शामिल है। इसे चीन की बैल्‍ट एंड रोड- योजना के प्रति पश्चिमी देशों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह कोई सहायता या धर्मार्थ राशि नहीं है बल्कि एक निवेश है जो अमरीकी जनता सहित, जी-7 के सभी देशों के लोगों के लिए लाभदायक है। उन्‍होंने कहा कि इससे हम सभी की अर्थव्‍यवस्‍था मजबूत होगी। चीन पर यह आरोप रहा है कि वह खरबों डॉलर की बैल्‍ट एंड रोड योजना के माध्‍यम से  कम आय वाले देशों को मंहगे ऋणों के जाल में फंसा रहा है।

यूरोपीय कमीशन की अध्‍यक्ष वर्सुला वॉन डे लायन ने कहा है कि जी-7 देश टिकाऊ और गुणवत्‍तापूर्ण ढांचे के लिए काम कर रहे हैं और वे जरूरतमंद देशों की मांग पर ध्‍यान देंगे
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मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा म्यूनिख एयरपोर्ट…

म्यूनिख/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 देशों की शिखर बैठक में भाग लेने जर्मनी पहुंच गए हैं। यह बैठक जर्मनी की अध्यक्षता में हो रही है। इसमें दुनिया के सात ताकतवर देशों के प्रमुख हिस्सा लेंगे।

जर्मनी के म्यूनिख पहुंचने पर पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर बावेरियन बैंड की धुनों के बीच उनका खासतौर से स्वागत किया गया। म्यूनिख एयरपोर्ट के बाहर भारतीय समुदाय के लोगों ने भी पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया। अनिवासी भारतीयों ने ‘मोदी-मोदी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।

यहां पहुंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया ‘मैं शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा की आशा करता हूं।’ पीएम मोदी जी-7 शिखर नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, स्वास्थ्य जैसे तमाम विषयों पर विचार करेंगे। इसके अलावा वे सम्मेलन में शरीक होने वाले शीर्ष नेताओं से भी अलग से मुलाकात करेंगे।
 
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी विकसित देशों के समूह जी-7 शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने जर्मनी पहुंचे

म्‍यूनिख (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी-7 शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए आज जर्मनी के शहर म्‍यूनिख पहुंचे। वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने श्री मोदी का गर्मजोशी से स्‍वागत किया। इस दौरान उन्होंने बच्‍चों से बातचीत भी की।

श्री मोदी जी-7 देशों और आमंत्रित अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के साथ विचार-विमर्श में भाग लेने के अलावा विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगे। जी-7 देशों में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं।
 
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि वे विश्‍व नेताओं से सार्थक बातचीत करने के इच्छुक हैं। यात्रा से पहले श्री मोदी ने एक बयान में कहा था कि वे जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्‍ज़ के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए जर्मनी जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि पिछले महीने भारत-जर्मनी अंतर सरकारी परामर्श के बाद श्री शोल्‍ज़ से फिर मिलना काफी सुखद होगा। जर्मनी ने अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका जैसे लोकतांत्रिक देशों को भी सम्मेलन में आमंत्रित किया है। इसमें यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्‍यक्ष चार्ल्‍स माइकल और यूरोपीय आयोग की अध्‍यक्ष उर्सुला वोन डेर लियन करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे जर्मनी में यूरोप के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलने के उत्‍सुक हैं जो उन देशों के साथ भारत के संबंधों को समृद्ध करते हुए उनकी अर्थव्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

जी-7 शिखर सम्‍मेलन महत्‍वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर व्‍यापक विचार-विमर्श के लिए सदस्‍य देशों को एक साथ लाने का प्रभावी मंच है। इस वर्ष शिखर सम्‍मेलन उथल-पुथल के इस दौर में प्रगति, शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर बल देते हुए एकता का सशक्‍त संदेश देने का महत्‍वपूर्ण अवसर है। सम्‍मेलन के सात सत्रों में वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था, विकासशील देशों की भागीदारी, विदेश और सुरक्षा नीति, खाद्य सुरक्षा, बहुपक्षवाद और डिजिटल बदलाव जैसे विभिन्‍न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

जर्मनी से वापस लौटते हुए श्री मोदी संयुक्‍त अरब अमारात के अबू धाबी में रूकेंगे। वे मंगलवार को वहां के राष्‍ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्‍मद बिन जायद अल नहयान से मुलाकात करेंगे। इस अवसर पर श्री मोदी अमारात के पूर्व राष्‍ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायेद अल नहयान के निधन पर व्‍यक्तिगत रूप से संवेदना व्‍यक्‍त करेंगे।

 

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अमेरिका में गर्भपात पर प्रतिबंध, रेप पीड़िताओं को भी इस कानून से छूट नहीं

ऑस्टिन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका में एक संघीय अपील अदालत ने टेक्सास राज्य में गर्भपात पर प्रतिबंध बहाल कर दिया है। कुछ दिन पहले एक कोर्ट ने गर्भपात पर रोक लगाने वाले कानून पर रोक लगा दी थी। पांचवें अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील ने शुक्रवार देर रात जारी एक पेज के आदेश में देश के कड़े गर्भपात कानून को बहाल कर दिया है।

इस कानून के तहत गर्भ में पल रहे भ्रूण में हृदय की गतिविधि का पता चलने के बाद गर्भपात प्रतिबंधित है। यह स्थिति छह सप्ताह के गर्भ में होती है। रेप पीड़िताओं को भी इस कानून से छूट नहीं है। सेंटर फॉर रिप्रोडक्शन राइट्स की अध्यक्ष नैन्सी नॉर्थअप, जो टेक्सास गर्भपात क्लीनिक का प्रतिनिधित्व करती है, ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने और इस मूर्खता को रोकने का आग्रह किया है।

अमेरिकी जिला न्यायाधीश रॉबर्ट पिटमैन ने बुधवार को टेक्सास कानून पर रोक लगा दी। इसके बाद गुरुवार को कुछ क्लीनिकों ने गर्भपात कराना शुरू कर दिया और इस वीकेंड के लिए बुकिंग भी कर दी थी। लेकिन 48 घंटों के भीतर, अपीलीय अदालत ने पिटमैन के फैसले को लंबित तर्कों को पलटने के टेक्सास के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। इसने राष्ट्रपति जो बिडेन के प्रशासन से इस मंगलवार तक जवाब देने को कहा है। बाइडेन प्रशासन यह कानून लाया है।
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हांगकांग की यात्रा पर जाएंगे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

 बीजिंग/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही हांगकांग का दौरा करने वाले हैं। जिनपिंग की यह यात्रा हांगकांग शहर को चीन को सौंपे जाने की 25 वीं वर्षगांठ के मद्देनजर है। जनवरी 2020 में कोरोना की लहर के बाद से चीनी राष्ट्रपति का देश की मुख्य भूमि के बाहर यह पहला दौरा होगा।

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मर चुके 26/11 के मास्टमाइंड साजिद मीर को पाकिस्तान ने किया जिंदा, इस डर से करना पड़ा ये काम

इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड साजिद मीर जिंदा है। पाकिस्तान ने उसे मृत घोषित कर रखा था। लेकिन इस बीच पाकिस्तान सरकार ने उसे गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई में 26 नवंबर, 2008 (26/11) के आतंकवादी हमलों का मास्टमाइंड साजिद मीर को कथित तौर पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के बारे में बताया है कि वह उसके बारे कुछ नहीं जानता।

FBI की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल
FBI ने मीर को 'मोस्ट वांटेड' आतंकी घोषित किया हुआ है। अमेरिकी एजेंसी FBI ने मीर के खिलाफ विदेशी सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश करने, आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने, अमेरिका के बाहर एक नागरिक की हत्या करने और सार्वजनिक स्थानों पर बमबारी करने के आरोप में साजिद मीर को 'मोस्ट वांटेड' आतंकी घोषित कर रखा है। इसके साथ ही FBI ने मीर की गिरफ्तारी और दोषसिद्धि के लिए सूचना देने वाले के लिए $5 मिलियन तक का इनाम रखा है।
 
पाकिस्तान ने दुनिया से बोला झूठ
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हमेशा से ही साजिद मीर की मौजूदगी से इंकार किया है। ऐसे में अचानक उसकी गिरफ्तारी का कदम यह दर्शाता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अपने दाग लगे दामन को पाक साफ करना चाहता है। पाकिस्तान ने तो यहां तक दावा किया था कि साजिद मीर की मौत हो चुकी है। अब चूंकि पाकिस्तान आर्थिक कंगाली की कगार पर खड़ा है और FATF से राहत की उम्मीद कर रहा है ऐसे में वह अपने दामन से आतंक के दाग कम करना चाहता है।

FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने की कोशिश
पाकिस्तान का यह दावा ऐसे समय में आया है जब वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है। हाल ही में उसे इस बदनाम लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन आतंकवाद रोधी निगरानी संस्था ने कहा है कि पाकिस्तान को इस लिस्ट से तभी हटाया जब वह यह सत्यापित करे कि आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए देश द्वारा उठाए गए कदम 'टिकाऊ' और 'अपरिवर्तनीय' हैं।

मुंबई हमले का था मास्टरमाइंड
साजिद मीर पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के लिए सीधे तौर पर काम करता था। साजिद मीर के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा ने आईएसआई की मदद और समर्थन से मुंबई में हमले किए थे। जब आतंकी मुंबई में थे तब साजिद मीर पाकिस्तान में उनका कंट्रोलर था और सारी जानकारी देता और लेता था। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि वह 2001 से लश्कर का एक वरिष्ठ सदस्य रहा है। 2006 से 2011 तक, उसने समूह की ओर से विभिन्न आतंकवादी हमलों की योजना बनाई। FBI ने 22 अप्रैल, 2011 को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

2018 से ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
इससे पहले 2021 में, अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान ने आतंक का मुकाबला करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, फिर भी उसने मीर जैसे आतंकवादियों के संचालन को नहीं रोका है। पाकिस्‍तान को जून 2018 में ग्रे लिस्‍ट में डाला गया था। पाकिस्तान फिलहाल 'अत्यधिक निगरानी और हाईरिस्क क्षेत्र' में शामिल है। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार को इस बाद ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी, उम्मीद थी। हालांकि इस बार भी पाकिस्तान को इस मामले में निराशा हाथ लगी है। एफएटीएफ पूरी दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखती है।


 
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पाकिस्तान की विधानसभा में मर्यादा तार-तार, महिला विधायक से छेड़खानी, सैकड़ों की भीड़ में खींचा दुपट्टा

इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पाकिस्तान की संसद में हाथ-पाई की घटना आम बात है। वहां पहले भी जनप्रतिनिधियों द्वारा एक दूसरे पर हमला करने की खबरें आती रही हैं। लेकिन सोमवार को विधानसभा में इस हाथापाई ने उस वक्त बदसूरत मोड़ ले लिया जब पीपीपी के एक विधायक ने कथित तौर पर पीटीआई की महिला विधायक दुआ भुट्टो का दुपट्टा छीन लिया। 

विधायक ने की माफी की मांग 
यह घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के विधानसभा की है। इस घटना पर आपत्ति जताते हुए पीटीआई की नेता राबिया अजफर निजामी ने पीपीपी के विधायक से माफी की मांग की है। उन्होंने सिंध विधानसभा की डिप्टी स्पीकर रेहाना लेघारी से कहा कि इस घटना पर उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे महिला विधायकों को निराशा हुई है। 

डिप्टी स्पीकर से की शिकायत 
राबिया ने डिप्टी स्पीकर से कहा, 'आपके ऊपर हमें मान था, लेकिन आपसे मान टूटा है, इस एसेंबली के अंदर एक खातून का दुपट्टा खींचा गया। हम आपके पास आए...आज छठा दिन है...बल्कि सातवां दिन है। हमने इंतजार किया कि आपकी रिपोर्ट आ जाएगी। इससे ज्यादा नहीं मांगा था हमने... हमने कहा था कोई कमिटी नहीं चाहिए, कोई जांच नहीं चाहिए। पीपीपी विधायक को बस आप ये बोलते कि वो खड़े होकर विधानसभा में माफी मांगें लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। 

डिप्टी स्पीकर ने दिया आश्वासन 
राबिया ने आगे कहा कि आपने अपना कमिटमेंट पूरा नहीं किया। मुझे किसी और से गिला नहीं... आप खुद एक औरत हैं.. आप जिस कुर्सी पर बैठी हैं, उससे मान था हमारा, हमारा मान टूटा है। डिप्टी स्पीकर ने राबिया को समझाने की कोशिश की कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है और उन्हें निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मेरे पास रिपोर्ट आ जाए और उसके बाद अगर दोषी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती... फिर आप निराश होइएगा। ऐसा मत कहिए। अभी रिपोर्ट आनी बाकी है। 

बीते सोमवार की है घटना 
डिप्टी स्पीकर की बातों से पीटीआई विधायक जरा भी संतुष्ट नहीं हुईं और उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि जांच हो या न हो, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, सभा में उनका मान टूटा है। बता दें कि सोमवार को सिंध की विधानसभा को संबोधित करते हुए दुआ भुट्टो, जो विपक्ष के नेता हलीम आदिल शेख की पत्नी भी हैं, ने पीपीपी सांसदों पर एक दिन पहले उनके साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था- मेरा दुपट्टा उतार दिया गया। जो अपनी मां या बहनों का सम्मान नहीं करते, वे ही ऐसा कर सकते हैं। 
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अमरीका के राष्‍ट्रपति ने पेट्रोल और डीजल पर केन्‍द्रीय कर तीन महीने के लिए स्‍थगित करने को कहा

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमरीका के राष्‍ट्रपति जो. बाइडेन ने देश में ईंधन की बढती कीमतों को देखते हुए संसद से पेट्रोल और डीजल पर केन्‍द्रीय कर तीन महीने के लिए स्‍थगित करने को कहा है। अमरीका में इस समय ईंधन की कीमतें औसतम पांच डॉलर प्रति गैलन पर चल रही हैं। करों में कटौती के बाद लोगों को ईंधन मूल्यों में करीब तीन दशमलव छह प्रतिशत की बचत होगी। अमरीका में इस समय पेट्रोल पर 18 सेंट प्रति गैलन और डीजल पर 24 सेंट प्रति गैलन केन्‍द्रीय कर लिया जाता है।

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अफगानिस्तान में आए भूकंप पर अमेरिका ने जताया दुख…

वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका ने अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप पर दुख व्यक्त किया है। व्हाइट हाउस द्वारा बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को जारी एक बयान में कहा गया कि अमेरिका, अफगान लोग की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अफगानिस्तान में कम से कम 1,000 लोगों की जान लेने वाले विनाशकारी भूकंप को देखकर अमेरिका बहुत दुखी है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन पूरे घटनाक्रम की निगरानी कर रहे हैं।

अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है अमेरिका

बयान के मुताबिक, अफगानिस्तान में मानवीय सहायता का सबसे बड़ा दाता होने पर अमेरिका को गर्व है। हमारे सहयोगी पहले से ही अफगानिस्तान में चिकित्सा देखभाल और दूसरे कार्य कर रहे हैं। बयान के अनुसार अमेरिका इस भयानक त्रासदी के समय अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है। बता दें कि अफगानिस्तान के दक्षिणपूर्वी हिस्से में खोस्त शहर के पास बुधवार तड़के एक भीषण भूकंप आया। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले और पक्तिका प्रांत के बरमाला, जिरुक, नाका और गयान जिला है।

भारत ने की मदद की पेशकश

अफगानिस्तान में आए प्राकृतिक आपदा पर भारत और पाकिस्तान ने भी दुख जाताया है। भारत ने मदद की पेशकश भी की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘भूकंप के कारण प्रभावित लोगों , पीड़ितों व उनके परिजनों के प्रति भारत संवेदना प्रकट करता है। हम अफगानिस्तान की जनता के दुख के साझेदार हैं। जरूरत के इस समय पर हम उनकी साहयता के लिए तैयार हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को दुख जताते हु्ए कहा कि भारत जल्द से जल्द हर संभव आपदा राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

संयुक्त राष्ट्र ने भी जताई चिंता

वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप के कारण हुई दर्दनाक मौतों पर दुख जताया है। उन्होंने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकट से जूझ रहे परिवारों की मदद के लिए एकजुटता दिखाने का आह्वान किया है।

 

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मंत्रियों-सांसदों संग पीएम विक्रमसिंघे ने किया योग

कोलंबो/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कोलंबो में 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह आज सुबह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, मंत्रियों और सांसदों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। विक्रमसिंघे की मौजूदगी इस मायने में खास रही कि श्रीलंका में चल रही उथल-पुथल के बीच वह अब तक किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए थे।

श्रीलंका संकट के बीच विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। इस देश में भयंकर आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था। विक्रमसिंघे ने अपनी नियुक्ति के बाद भारत की जमकर तारीफ की थी और यहां से मिल रही मदद के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया किया था।
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