दुनिया-जगत

2008 से भी अधिक खतरनाक होगी ये आर्थिक मंदी, ये पांच कारण दे रहे संकेत, दुनियाभर में बढ़ी टेंशन

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पूरी दुनिया के गंभीर आर्थिक संकट में पहुंचने का खतरा बेहद बढ़ चुका है। मंदी की चिंता ने दुनियाभर में सप्लाई चेन को बाधित कर दिया है। महंगाई बेतहाशा बढ़ती जा रही है। आयात महंगा होने की वजह से कई देशों में विदेशी मुद्रा खत्म हो चली है। श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल सहित दुनिया के कई देश आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या दुनिया सच में मंदी का सामना करने जा रही है? कुछ संकेतों से दुनियाभर में टेंशन जरूर बढ़ गयी है।

गिरी कच्चे तेल की कीमतें 
जब से यूक्रेन में संघर्ष शुरू हुआ है, तेल के सप्लाई चेन में भारी व्यवधान जारी है, जिससे कच्चे तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। यूक्रेन संघर्ष से पहले, कच्चा तेल लगभग 90 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल था और फरवरी के अंत में एक सप्ताह से भी कम समय में बढ़कर 115 अमरीकी डॉलर हो गया था। वहीं, मार्च के अंत में कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई, और यह अप्रैल की शुरुआत में USD 100 से नीचे चली गई। लेकिन बीते कई दिनों से यह 96 बैरल प्रति अमेरिकी डॉलर पर ट्रेंड कर रही है। कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट को संभावित मंदी की बढ़ती आशंकाओं के साथ-साथ विभिन्न केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक मौद्रिक नीति को सख्त करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने बढ़ाए ब्याज दर 
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने 11 साल में पहली बार ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। 11 साल में पहली बार यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने नीतिगत दर में 0.50 फीसदी की दर से ब्याज दरों में इजाफा किया है। ब्याज दरों में ये तेजी उम्मीद से अधिक है। इसके साथ ही ईसीबी अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व और दुनिया के दूसरे प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंकों की श्रेणी में आ गया है, जिन्होंने महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को और बढ़ा दिया है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले के बाद से कर्ज और महंगा होने के दावे किए जा रहे हैं।

विश्व बैंक ने किया एलर्ट 
विश्व बैंक ने आर्थिक प्रगति को लेकर एक बयान दिया है। विश्व बैंक के बयान में कहा गया है कि साल 2022 के आखिर तक दुनिया की आर्थिक प्रगति कम होने की आशंका है। इसलिए ज्यादातर देशों को आर्थिक मंदी की तैयारी कर लेनी चाहिए। पूरी दुनिया ज्यादा महंगाई और कम विकास दर से जूझ रही है, जिसकी वजह से 1970 के दशक जैसी मंदी आ सकती है। दुनियाभर में इसका असर दिखने भी लगा है।

बड़ी टेक कंपनियों ने भर्ती प्रक्रिया धीमी की 
आर्थिक मंदी एक और ईशारा दुनिया की बड़ी कंपिनयों ने किया। इन बड़ी कंपनियों ने भर्ती प्रक्रिया धीमी कर दी है। गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट ने कहा है कि वह इस साल के बचे हुए महीनों में भर्ती की प्रक्रिया को धीमा करेगी। वह ऐसा आने वाले महीनों में संभावित मंदी को देखते हुए कर रही है। इससे पहले 2008-09 में जब आर्थिक मंदी आई थी, तो भी गूगल ने अपनी भर्ती प्रक्रिया रोक दी थी।
 
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श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बनेंगे दिनेश गुणावर्धने, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के रह चुके हैं क्लासमेट

कोलंबो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। दिनेश गुणावर्धने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बनाए गए हैं। दिनेश दिनेश गुणावर्धने, श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के सहपाठी और पूर्व लोक प्रशासन मंत्री दिनेश गुणवर्धने को गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाएगा। इससे पहले ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि दिनेश गुनावर्धने को रानिल, प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।

जल्द होगा मंत्रिमंडल का गठन 
इससे पहले गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। इसके बाद वह संसद द्वारा राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे श्रीलंका के सर्वोच्च पद की शपथ लेने के एक दिन बाद शुक्रवार को अपना नया मंत्रिमंडल नियुक्त करने के लिए तैयार हैं। श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के समक्ष अब सबसे बड़ी चुनौती देश को उसके आर्थिक संकट से बाहर निकालने की है। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे अगले कुछ दिनों में 20-25 सदस्यों का एक मंत्रिमंडल बनाएंगे।

73 वर्षीय विक्रमसिंघे, जिन्हें बुधवार को एक संसदीय वोट में राज्य के प्रमुख के रूप में चुना गया था, ने देश के पुलिस प्रमुख और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ पद की शपथ ली। 225 सदस्यीय श्रीलंका की संसद ने 20 जुलाई को विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुना था। उन्हें 134 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और असंतुष्ट सत्तारूढ़ दल के नेता दुल्लास अल्हाप्परुमा को 82 वोट मिले। त्रिकोणीय मुकाबले में वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को महज 3 वोट मिल पाए थे।
 
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कोरोना के 4 डोज लेने के बाद भी पॉजिटिव हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, व्हाइट हाउस ने की पुष्टि

वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कोरोना पॉजिटव पाए गए हैं। व्हाइट हाउस ने बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन कोरोना के हल्के लक्षणों का अनुभव कर रहे थे। इसके बाद उनका कोरोना परीक्षण किया गया था जो कि पॉजिटिव आया है। जानकारी के मुताबिक 79 वर्षीय जो बाइडेन ने बीमारी के लिए फाइजर इंक के पैक्सलोविड एंटीवायरल टैबलेट लेना शुरू कर दिया है। प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट आज सुबह फोन पर व्हाइट हाउस के कर्मचारियों के संपर्क में रहे हैं। अब वो क्वारंटाइन में रहेंगे और अपनी नियोजित बैठकों में फोन और ज़ूम के माध्यम से भाग लेंगे। इससे पहले जो बाइडेन ने कोरोना वैक्सीन के लांच होने के बाद ही तय समय पर दोनों वैक्सीन लिए थे। इसके बाद उन्होंने दो बूस्टर डोज भी लिया था। बाइडेन से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी कोरोना पॉजिटिव हुए थे

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श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे

 कोलंबो/नई दिल्ली  (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को बुधवार को नया राष्ट्रपति मिल गया है। रानिल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है। बुधवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों का समर्थन मिला है। उनके प्रतिद्वंदी दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट ही मिले। राष्ट्रपति चुनाव में तीसरे उम्मीदवार अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ तीन वोट ही मिले। श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि देश बहुत मुश्किल स्थिति में है, हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोलंबो में मतदान हुआ। मतदान के चलते सुरक्षा व्यवस्था चुस्त की गई थी। बता दें कि गोटाबाया राजपक्षे के श्रीलंका से भागने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दी गई। फिर उन्हें अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया। रानिल विक्रमसिंघे का कार्यकाल नवंबर 2024 में खत्म होगा। वे गोटाबाया राजपक्षे के बचे हुए कार्यकाल को पूरा करेंगे।

रानिल विक्रमसिंघे को राजनीति का लंबा अनुभव है। वे श्रीलंका के पांच बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। संसद में उनकी युनाइटेड नेशनल पार्टी का केवल एक ही सांसद है। रानिल राजनीति में आने से पहले एक पत्रकार और वकील भी रह चुके हैं। 1977 में वो पहली बार आम चुनाव में विजयी होकर संसद सदस्‍य बने थे। वह 1993 में पहली बार पीएम बने थे। रानिल अभी अंतरिम राष्ट्रपति हैं।

श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गए थे गोटाबाया राजपक्षे
गौरतलब है कि 73 वर्षीय गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति रहते हुए श्रीलंका छोड़ मालदीव भाग गए थे। मालदीव से वो अपनी पत्नी संग सिंगापुर चले गए। सिंगापुर पहुंचते ही गोटाबाया ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। गोटाबाया के देश छोड़ने के बाद कोलंबो में हालात बिगड़ गए थे। लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई। झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए।

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आखिरी राउंड में भी ऋषि सुनक ने मारी बाजी, दूसरे नंबर की कैंडिडेट लिज ट्रस ने चौंकाया

 लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सनक ने बोरिस जॉनसन की जगह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में चौथे दौर की वोटिंग जीत ली है। वह इस बार भी पहले नंबर पर रहे हैं। बीते कई दौर से पीछे चल रही लिज ट्रस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया।

पांचवे राउंड की वोटिंग में ऋषि सुनक को 137 वोट मिले, जबकि लिज ट्रस 113 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। पेनी मोर्डंट 105 वोट पाकर मुकाबले से बाहर हो गई हैं। भारतीय मूल के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक को चौथे दौर में 118 वोट मिले थे। वहीं व्यापार मंत्री पेनी मोर्डंट को 92 वोट मिले थे और विदेश मंत्री लिज़ ट्रस को 86 वोट मिले थे। ऋषि सुनक ने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के लिए जादुई आंकड़े को पार कर लिया है। बोरिस जॉनसन की जगह लेने के लिए उन्हें 120 वोटों की जरूरत थी, लेकिन सुनक ने इस बाधा को पार करते हुए पांचवे राउंड में 137 वोट हासिल किया। जीत के बाद टीम सुनक ने कहा कि सांसदों के स्पष्ट जनादेश के साथ यह वास्तव में एक मजबूत परिणाम है।
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ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में मतदान के पहले चरण में ऋषि सुनक शीर्ष पर

 लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन के पूर्व वित्‍त मंत्री ऋषि सुनक ने कंजरवेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद पर चुने जाने के लिए मतदान का पहला दौर जीत लिया है। ऋषि सुनक को कंजरवेटिव सांसदों के 88 वोट मिले, जबकि उप-व्‍यापार मंत्री पेनी मोर्डन्‍ट को 67 तथा विदेश मंत्री लिज ट्रूस को 50 वोट मिले।


इसके साथ ही प्रघानमंत्री बोरिस जॉनसन के उत्‍तराधिकारी के लिए 6 उम्‍मीदवार दौड़ में रह गए हैं। दो उम्‍मीदवार, वित्‍त मंत्री नदीम जाहवी और पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट दौड़ से बाहर हो गए हैं। तीन उम्‍मीदवार पहले ही बाहर हो चुके थे। कंजर्वेटिव पार्टी के कुल 358 सांसदों में से 88 ने ऋषि सुनक का समर्थन किया है। पिछले सप्‍ताह सुनक के त्‍यागपत्र से बोरिस जॉनसन को इस्‍तीफा देने को बाध्‍य होना पड़ा था। 

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ट्विटर ने टेस्‍ला के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्‍क के खिलाफ मुकदमा दायर किया

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ दर्पण)। ट्विटर ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म खरीदने का 44 अरब डॉलर का सौदा रद्द करने पर टेस्‍ला और स्‍पेसएक्‍स के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्‍क के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। अमरीका में डेलावेयर की एक अदालत में दायर याचिका में ट्वि‍टर ने कहा कि वह एलन मस्‍क को विलय से जुड़ी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दे। श्री मस्‍क ट्विटर का प्रति शेयर 54 दशमलव दो डॉलर मूल्‍य पर खरीदने के लिए सहमत हुए थे।

याचिका में ट्विटर ने कहा कि श्री मस्‍क ने जो नुकसान किया है उसकी भरपाई नहीं हो सकती। ट्विटर ने आरोप लगाया कि श्री मस्‍क का आचरण यह पुष्टि करता है कि वह ट्विटर को नुकसान पहुंचाने के लिए यह अनुबंध नहीं करना चाहते। ट्विटर ने कहा कि इस सौदे के रद्द होने से उसे भविष्‍य में भी अपूरणीय क्षति होगी।

कई सप्‍ताह तक धमकी देने के बाद एलन मस्‍क ने ट्विटर पर फर्जी खातों की संख्‍या के बारे में गुमराह करने का  आरोप लगाते हुए सौदा रद्द कर दिया था।

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श्रीलंका में राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद आपातकाल की घोषणा

 कोलंबो (छत्तीसगढ दर्पण)। श्रीलंका में, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सेना के एक विमान से देश छोड़कर मालदीव जाने के बाद बुधवार को आपातकाल की घोषणा कर दी गई। राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मीडिया संगठनों को सूचना दी कि देश में आपातकाल लागू किया गया है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है।

प्रधानमंत्री ने सुरक्षा बलों को उपद्रव कर रहे लोगों को गिरफ्तार करने तथा उनके वाहन जब्त करने का भी आदेश दिया है। इससे पहले पुलिस ने कोलंबो में फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय के समीप एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव चले जाने की खबरें आने के बाद फ्लावर स्ट्रीट पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय की ओर कूच करते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे लेकिन इसके बावजूद वे अवरोधकों को हटाकर प्रधानमंत्री के कार्यालय में घुस गए। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने पहले ही कहा है कि वह इस्तीफा देने और सर्वदलीय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार हैं। प्रदर्शनकारी संसद अध्यक्ष के आवास के आसपास भी एकत्रित हो गए। स्थिति को काबू में करने के लिए सेना को तैनात किया गया है। कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने अगले दो दिनों के लिए एहतियात के तौर पर अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं।

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त

 कोलंबो  (छत्तीसगढ दर्पण)। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बुधवार को देश छोड़कर मालदीव चले जाने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। राजपक्षे देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच बुधवार को देश छोड़ कर सेना के विमान से मालदीव चले गए। संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दने ने घोषणा की कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने विदेश प्रवास के दौरान कामकाज संभालने के लिए प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की नियुक्ति की है।

उन्होंने बताया कि यह संविधान के अनुच्छेद 37(1) के तहत किया गया है। इस बीच, बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने इमारत को घेर लिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले वक्तव्य में सुधार करते हुए कहा था कि विक्रमसिंघे की कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्ति के बाद ही आपातकाल की घोषणा की जाएगी। बहरहाल, कर्फ्यू लागू है।

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सामने आई अंतरिक्ष के शुरुआत की झलक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दी जानकारी

 वाशिंगटन  (छत्तीसगढ दर्पण)। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप से मिली पहली तस्वीर जारी की है। यह सबसे हाई रिजॉल्यूशन वाली ब्रह्मांड की पहली रंगीन तस्वीर है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में इस बारे में जानकारी दी। बाइडेन ने कहा- आज एक ऐतिहासिक दिन है। यह अमेरिका और पूरी मानवता के लिए ऐतिहासिक है। यह तस्वीरें बताती हैं अमेरिका कितने बड़े कारनामे कर सकता है।

नासा के हेड बिल नेल्सन ने इस कामयाबी पर कहा- हम 13 अरब साल पीछे मुड़कर देख रहे हैं। इन छोटे कणों में से एक पर आप जो प्रकाश देख रहे हैं, वह 13 अरब साल से यात्रा कर रहा है। अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा- यह हम सभी के लिए बेहद रोमांचक क्षण है। आज ब्रह्मांड के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है।

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जापान के फुमिओ किशिदा वर्ष 2025 तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे

 तोक्यो  (छत्तीसगढ दर्पण)। सप्ताहांत के दौरान हुए चुनावों में मिले नए जनादेश से उत्साहित जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की, जिन्होंने प्रभावशाली दिवंगत नेता शिंजो आबे की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और एक मजबूत द्विपक्षीय गठबंधन का आश्वासन दिया।

किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसकी सहयोगी कोमैतो को 248 सदस्यीय सदन में 146 सीटों पर जीत हासिल हुई जो बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक हैं। इस जीत से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा वर्ष 2025 तक पद पर बने रहेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा दीर्घकालिक नीतियों पर काम जारी रखेंगे।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली लगने के समय 20 विदेश मंत्रियों के समूह की बैठक जी-20 में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया में थे। उन्होंने किशिदा को राष्ट्रपति जो बाइडन का एक पत्र आबे के परिवार के लिये सौंपा।

ब्लिंकन ने किशिदा से कहा, हम बस उन्हें यह बताना चाहते हैं कि हम व्यक्तिगत स्तर पर भी इस नुकसान की गहराई को महसूस करते हैं। उन्होंने कहा दरअसल मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि अमेरिका और जापान सहयोगी से कहीं अधिक हैं- हम दोस्त हैं। ब्लिंकन ने कहा, आबे ने अमेरिका और जापान के बीच संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बहुत काम किया। 

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श्रीलंका में 20 जुलाई 2022 को नए राष्‍ट्रपति का चुनाव होगा

 कोलम्बो (छत्तीसगढ दर्पण)। श्रीलंका में संसद इस महीने की 15 तारीख को फिर से गठित की जाएगी और बीस जुलाई को नए राष्‍ट्रपति का चुनाव होगा। संसद अध्‍यक्ष महिन्‍दा यप्‍पा अबेवर्देना ने यह जानकारी दी।
इस बीच, संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने सभी पक्षों से अनुरोध किया है कि सरकार बदलने की प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने के लिए वार्ता करें। उन्‍होंने श्रीलंका में हिंसक गतिविधियों की निंदा की और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। श्री गुतेरस के प्रवक्‍ता ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र, श्रीलंका और उसकी जनता को सहयोग देने के लिए तैयार है।

 

प्रवक्‍ता ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव श्रीलंका के घटनाक्रम पर निरन्‍तर नजर रखे हुए हैं और उन्‍होंने सभी संबंधित पक्षों को सुचारू सत्‍ता परिवर्तन के लिए वार्ता शुरू करने और आर्थिक संकट का समाधान ढूंढने का आह्वान किया है।

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यूक्रेन ने भारत समेत पांच देशों में तैनात अपने राजदूतों को किया बर्खास्त

कीव (छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने भारत समेत पांच देशों से अपने राजदूतों को पद से हटा दिया है।राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यूक्रेन ने जर्मनी, भारत, चेक रिपब्लिक, नॉर्वे और हंगरी में तैनात अपने राजदूतों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया है।इसके पीछे के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है और न ही यह साफ हुआ है कि इन अधिकारियों को कोई दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी या नहीं।

रूस के खिलाफ कई महीनों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने राजनयिकों से देश के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य मदद जुटाने की मांग की है। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध जारी है।
 
जर्मनी में तैनात यूक्रेनी राजदूत एंड्री मेलनिक की बर्खास्तगी की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।उन्हें जेलेंस्की की पूर्ववर्ती सरकार ने 2014 में जर्मनी में नियुक्त किया था और मेलनिक को जर्मन नेताओं और अधिकारियों के बीच काफी पसंद किया जाता है।कयास लगाए जा रहे हैं कि युद्ध के दौरान यूक्रेन के लिए पर्याप्त सैन्य सहायता और समर्थन न जुटा पाने के कारण इन पांचों राजदूतों की विदाई हुई है।
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दक्षिण अफ्रीका में बंदूकधारियों ने बार में घुसकर बरसाई गोलियां, 15 लोगों की मौत

ओरलैंडो ईस्ट (छत्तीसगढ़ दर्पण)। दक्षिण अफ्रीका के सवेटो शहर के एक बार में हुई गोलीबारी में 15 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए।पुलिस के अनुसार, कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने बार में घुसकर गोलीबारी करना शुरू कर दिया और फिर एक सफेद मिनी बस में बैठकर फरार हो गए।अभी तक हमले के पीछे की मंशा का पता नहीं लग पाया है और पुलिस जांच में जुटी हुई है। 

घटना जोहानसबर्ग के सवेटे शहर के ओरलैंडो ईस्ट इलाके स्थित एक बार में हुई। रविवार सुबह अंधेरे में कुछ बंदूकधारी बार में घुस आए और मौके पर मौजूद लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे।15 लोगों को मारने और कई को गंभीर रूप से घायल करने के बाद वे मौके से भाग गए।पुलिस के अनुसार, बंदूकधारियों पर राइफल और 9 mm की पिस्तौल थीं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है।
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अब इस देश के प्रधानमंत्री को मिली जान से मारने की धमकी, आरोपी गिरफ्तार..

सिंगापुर/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की बीते दिन एक हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद दुनियाभर में शोक की लहर है। इस बीच सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग को एक व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी है। सिंगापुर के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के खिलाफ फेसबुक पर एक टिप्पणी पोस्ट कर हिंसा भड़काने के आरोप में एक 45 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

फेसबुक पेज पर दी धमकी
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के संबंध में एक पोस्ट पर वेब पोर्टल चैनल के फेसबुक पेज के कमेंट सेक्शन में यह धमकी दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस को प्रधानमंत्री ली के खिलाफ हिंसा भड़काने की धमकी के संबंध में शुक्रवार दोपहर 3.10 बजे एक रिपोर्ट मिली थी। पुलिस ने बताया कि जांच के बाद, पुलिस फेसबुक उपयोगकर्ता का पता लगाने में सफल रही और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के पास से एक लैपटाप, एक टैबलेट और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
 
आरोपी को हो सकती है पांच साल की जेल
सूत्रों के मुताबिक पुलिस जांच जारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के लिए उकसाने वाले को दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ली ने शुक्रवार को आबे के निधन पर शोक व्यक्त किया था और हत्या को “हिंसा का मूर्खतापूर्ण कार्य” बताया।
 
ली ने फेसबुक से आबे के निधन पर जताया था शोक
ली ने फेसबुक पर लिखा, आबे सिंगापुर के अच्छे दोस्त थे। मैंने मई में अपनी टोक्यो यात्रा पर उनके साथ खाना खाया था। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। बता दें कि 67 वर्षीय आबे की शुक्रवार को पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक बंदूकधारी ने हत्या कर दी थी। हमलावर ने आबे के भाषण देते समय उन पर पीछे से गोलियां चला दी थीं।
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श्रीलंका में घर छोड़कर भागे राष्ट्रपति राजपक्षे, प्रदर्शनकारियों ने घेरा आवास

कोलम्बो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना आवास छोड़कर भाग गए हैं। रक्षा सूत्रों और स्थानीय मीडिया के हवाले से यह खबर आ रही है।दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को उनके आवास को घेर लिया और अंदर घुस आए। इस दौरान हुई हिंसक झड़प में दो पुलिसकर्मियों समेत कुल सात लोग घायल हो गए हैं।बताया जा रहा है कि शनिवार की रैली को देखते हुए राजपक्षे को शुक्रवार को ही आवास से निकाल लिया गया था।

श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है।देश में ईंधन खत्म हो गया है, जिससे वाहनों का चक्का ठप हो गया और कई दूसरी सेवाओं पर भी असर पड़ा है।पर्याप्त उत्पादन न होने के चलते बिजली संकट भी गहरा रहा है। इसके चलते यहां पिछले कुछ महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है और हालात बेहद खराब हो चुके हैं।
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भीड़ ने किया राष्ट्रपति भवन पर कब्ज़ा, परिवार संग भागे राजपक्षे…

कोलंबो/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आर्थिक परेशानी से श्रीलंका में जूझ रहे प्रदर्शनकारियों ने अंतत: आज सारी सीमाए लांघ दी और खुद ही निर्णय ले लिया। शनिवार को हिंसक भीड़ ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। इसके बाद राष्ट्रपति राजपक्षे अपने आवास को छोड़कर भाग निकले। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने सांसद रजिता सेनारत्ने के घर पर भी हमला किया है। बता दें कि इससे पहले 11 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पूरी परिवार के साथ भाग गए थे। उग्र भीड़ ने कोलंबो में राजपक्षे के सरकारी आवास को घेर लिया था।

बताया जा रहा है कि कोलंबो स्थित राष्ट्रपति आवास को प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में घेर लिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर जमकर तोड़फोड़ भी की और आवास पर कब्जा कर लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्टपति भवन में तोड़फोड़ की। बेड और सोफा सेट पर लेटकर सेल्फी ली। कई बेड पर आराम फरमाते देखे गए। वहीं स्वीमिंग पूल में घूसकर नहाने लगे।
 
बता दें कि श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर आज सरकार विरोध रैली चल रही है। उधर, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्थिति पर चर्चा करने और त्वरित समाधान के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद सत्र बुलाने की अपील की है। श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने एक पत्र में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से तत्काल इस्तीफा देने का अनुरोध किया है। उधर, रैली के दौरान श्रीलंका की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। हिंसक झड़पों में 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों के घायल होने की खबर है। घायलों को राष्ट्रीय अस्पताल कोलंबो ले जाया गया है।
 
शुक्रवार को श्रीलंका में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया था। सेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार रात नौ बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि हजारों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को सत्ता से हटाने के लिए शुक्रवार को कोलंबो में प्रवेश किया था जिसके बाद कर्फ्यू का फैसला लिया गया।
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जयशंकर ने इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों के समकक्षों से द्विपक्षीय वार्ता की

मैक्सिको  (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर बृहस्पतिवार को इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, सेनेगल के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की जिनमें आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। विदेश मंत्री जयशंकर ने फिजी के प्रधानमंत्री फैंक बैनीमरामा से भी भेंट की और इस दौरान उन्होंने फिजी में भारत की विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की तथा दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की।

जयशंकर ने इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेटनो मार्सुदी के साथ बैठक के बाद कहा कि भारत जी20 समूह की इंडोनेशिया की अध्यक्षता का समर्थन करता है। गौरतलब है कि बाली में जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की शिखर वार्ता की मेजबानी इस समूह के अध्यक्ष के नाते इंडोनेशिया कर रहा है। जयशंकर ने ट्वीट किया,  विदेश मंत्री रेटनो मार्सुदी के साथ फिर मुलाकात कर प्रसन्न हूं। बाली में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक की शानदार व्यवस्था की सराहना करता हूं।
 
उन्होंने कहा कि भारत जी20 समूह की इंडोनेशिया की अध्यक्षता का समर्थन करता है और इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिये पूरा प्रयास करेगा। जयशंकर ने मैक्सिको के अपने समकक्ष मार्सेलो इबरार्ड कसाउबॉन के साथ अपनी बैठक को ‘गर्मजोशी’ भरा बताया। उन्होंने ट्वीट किया, मैक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो इबरार्ड कसाउबॉन के साथ गर्मजोशी भरी बैठक। अंतरिक्ष, कृषि, औषधि और नवाचार क्षेत्र में हमारे बढ़ते सहयोग पर विचार किया। हमने बढ़ते कारोबार का स्वागत किया।
 
उन्होंने कहा कि जी20 सहित बहुस्तरीय मंचों पर भारत और मैक्सिको के बीच मजबूत समन्वय है। अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सेंटियागो केफियारो के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि दिल्ली और म्यूनिख की हाल की बैठकों के बाद यह आगे की कड़ी है। सेनेगल की विदेश मंत्री आएसाता टॉल सॉल के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि इस दौरान कृषि, स्वास्थ्य, उर्वरक उत्पादन, रेलवे और बिजली ट्रांसमिशन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई गई। उन्होंने टीका मैत्री और भारतीय विकास परियोजनाओं को लेकर सेनेगल की विदेश मंत्री की भावनाओं की सराहना की।

 

 

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