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अब आम लोग भी कर सकेंगे सैनिकों की मदद, रक्षा मंत्री करेंगे 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट लॉन्च

 

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अब देश के आम लोग भी युद्ध में हताहत होने वाले वीर सपूतों की मदद कर सकेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट लॉन्च करेंगे। दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में आयोजित एक समारोह के दौरान इसका शुभारंभ किया जाएगा। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके गुडविल एंबेसडर होंगे।

'मां भारती के सपूत' की वेबसाइट के जरिए आम नागरिक सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष (AFBCWF) में योगदान कर सकेंगे। राशि का उपयोग युद्ध के हताहतों के परिजनों और आश्रितों को वित्तीय सहायता देने के लिए किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार ने युद्ध में विकलांग या शहीद हुए जवानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। देशभक्त नागरिकों, उद्योगों के कॉर्पोरेट प्रमुखों की तरफ से एक मजबूत जनभावना और अनुरोध था कि सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए योगदान किया जाना चाहिए।'

इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेना प्रमुख, परम वीर चक्र पुरस्कार विजेता और रक्षा मंत्रालय के अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा कई बैंकों के अध्यक्ष और कई मशहूर हस्तियां भी शामिल होंगी।

 

 

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भारत ने डिजिटीकरण में वैश्विक मानदण्ड स्थापित किया : सीतारमन

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि भारत डिजिटल क्षेत्र में वैश्विक मानदंड स्‍थापित कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि देश को विश्‍वास है कि वह भू-राजनैतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करने में सक्षम है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की संभावनाओं पर श्रीमती सीतारामन ने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत की उपलब्धियों को मान रहे हैं जो इस बात का निर्विवाद प्रमाण है कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था आने वाले समय हर लिहाज से मजबूत रहेगी।

वांशिगटन में जॉन्‍स हॉपकिन्‍स विश्‍वविद्यालय में तकनीक, वित्‍त और शासन: व्‍यापक प्रभाव विषय पर आयोजन में वित्‍त मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के घटनाक्रम के बाद आए विश्‍वास के कारण भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बेहतर प्रदर्शन कर रही है और संभावित वैश्विक मंदी में भी भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में बढ़त जारी रहेगी। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि 2014 में सरकार द्वारा अर्थव्‍यवस्‍था का डिजिटीकरण शुरू करने के बाद शुरूआत में लोगों में जो आशंकाएं थी उसे डिजिटल तकनीक की मदद से दूर कर दिया गया। मोदी सरकार के दृष्टिकोण को स्‍पष्‍ट करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत में तकनीक के उपयोग से सुशासन का लक्ष्‍य हासिल किया जा रहा है।

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वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी के निकट : डेविड माल्पस

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विश्व बैंक ने आगाह किया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था खतरनाक रूप से मंदी के निकट है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड माल्पस ने कहा कि विश्व बैंक ने वर्ष 2023 के लिए वैश्विक वृद्धि दर का पूर्वानुमान तीन प्रतिशत से घटाकर एक दशमलव नौ प्रतिशत कर दिया है।उन्होंने गरीबों के लिए लक्षित समर्थन देने का आह्वान किया।

श्री माल्पस वाशिंगटन में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक से अलग पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुद्रा स्फीति, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, पूंजी प्रवाह में कटौती जैसी सभी समस्याओं से विकासशील देशों में गरीबों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। श्री माल्पस ने कहा कि ये समस्याएं विश्व बैंक के लिए बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि हम विकासशील देशों में गरीब लोगों की मदद पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।

 
 
 

विश्व बैंक प्रमुक ने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है या ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं, जहां वे इन दरों को और नहीं बढ़ा सकते। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के कर्ज बढ़ने का मुख्य कारण अधिक ब्याज दरें हैं। मुद्रा के अवमूल्यन ने ऋण के इस बोझ को और बढ़ा दिया है।

 

 

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भारत ने बुनियादी ढांचे में निवेश और अंतरराष्ट्रीय कराधान नियमों को सरल बनाने का आह्वान किया

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुनियादी ढांचे में निवेश और अंतरराष्ट्रीय कराधान नियमों को सरल बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए उप राष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय संसाधनों को गतिशील करने पर बल दिया।अमरीका के वाशिंगटन में जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में सुश्री सीतारामन ने कहा कि विकासशील देशों में अंतरराष्ट्रीय कर नियमों को सरल, सुगमता से लागू किए जाने और सार्थक राजस्व अर्जित करने योग्य बनाया जाना चाहिए। वित्त मंत्री ने कर चोरी से बचाव के लिए प्रभावी कर रिपोर्टिंग और सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी अपील की।

वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनेक चुनौतियों का सामना कर रही है और संबंधित जोखिमों की रोकथाम सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत, जी-20 की अध्यक्षता को एक अवसर के साथ-साथ दायित्व भी मानता है।

सुश्री सीतारामन ने कहा कि भारत बहुपक्षवाद में भरोसा बढ़ाने का पक्षधर है। उसका प्रयास एक दूसरे पर निर्भरता के महत्व को समझने तथा सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध विश्व के लिए सामूहिक प्रयास को प्रोत्साहित करने का है। उन्होंने कहा कि जी-20 के वित्तमंत्रियों ने हमेशा कठिन वैश्विक स्थितियों में एकजुटता दिखाई है और अपने मतभेदों को दरकिनार कर लोगों की स्मृद्धि के साझा लक्ष्य के लिए काम किया है। उन्होंने वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों से इसी एकजुटता के साथ आगे भी काम करने का आग्रह किया।

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एनएचआईडीसीएल ने आईआईटी- पटना के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सीएसआईआर-सीआरआरआई, आईआईटी रुड़की, आईआईटी कानपुर और एनएसडीसी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इससे पहले एनएचआईडीसीएल के मुख्य इंजीनियरिंग कर्मियों के कौशल व क्षमता को उन्नत करने के लिए राजमार्ग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अभिनव विचारों और तकनीकों के ज्ञान को साझा करने के लिए आईआईटी- बॉम्बे और आईआईटी- गुवाहाटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। एनएचआईडीसीएल के ये कर्मी उत्तर-पूर्व क्षेत्र, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश, जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश व अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बहुत ही कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में राजमार्गों, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

एनएचआईडीसीएल ने अन्य आईआईटी और एनआईटी के साथ भी समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के लिए चर्चा शुरू कर दी है। इससे एनएचआईडीसीएल को अभिनव तकनीकों को सामने लाने और चुनौतीपूर्ण पहाड़ी व सीमावर्ती क्षेत्रों में राजमार्ग निर्माण के मुद्दों का व्यावहारिक समाधान खोजने में सहायता मिलेगी। हाल ही में 11 अक्टूबर, 2022 को आईआईटी- पटना के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन पर आईआईटी- पटना के निदेशक डॉ. (प्रोफेसर) टीएन सिंह और एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक चंचल कुमार ने हस्ताक्षर किए।

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राष्ट्रपति मुर्मू ने असम में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 14 अक्टूबर को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र, गुवाहाटी से असम सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और रेल मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं का आभासी रूप से उद्घाटन/शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में मोइनरबॉन्ड, सिलचर में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के रेलहेड डिपो और दो राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन; - असम के चाय बागान क्षेत्रों में 100 मॉडल सेकेंडरी स्‍कूलों; 3000 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों; दो राजमार्ग परियोजनाओं; और अघहतोरी, गुवाहाटी में आधुनिक कार्गो-कम-कोचिंग टर्मिनल का शिलान्‍यास किया जाना शामिल है। राष्ट्रपति ने गुवाहाटी से लुमडिंग दर्रे के लिए शोखुवी (नागालैंड) और मंडीपाथर (मेघालय) तक ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आज प्रारंभ की गई स्वास्थ्य, शिक्षा, रेलवे, सड़क निर्माण, पेट्रोलियम और महिला सशक्तिकरण से संबंधित विविध परियोजनाओं की सफलता की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से व्यापार और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, परिवहन सुविधाओं में वृद्धि होगी और असम सहित पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।



राष्ट्रपति ने कहा कि बेहतर अवसंरचना किसी भी राज्य के विकास का आधार होती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का केंद्र बिंदु है। उन्हें इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि केंद्र सरकार इस क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं और कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि असम का विकास समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास का इंजन सिद्ध हो सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध है। उन्होंने इस बात पर गौर किया कि असम भारत में कच्चे तेल के कुल उत्पादन में 13 प्रतिशत का योगदान देता है। साथ ही भारत के कुल प्राकृतिक गैस उत्पादन का 15 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र से आता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मोइनरबॉन्ड में आज जिस अत्याधुनिक डिपो का उद्घाटन किया गया, वह पूरी बराक घाटी के साथ-साथ त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम की पेट्रोलियम उत्पादों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मददगार साबित होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र सरकार असम समेत सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क और रेल संपर्क पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सड़क और रेलवे से संबंधित जिन विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास / उद्घाटन किया गया है, उनसे क्षेत्र में व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलने के अलावा पर्यटन के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सर्वांगीण विकास सभ्य समाज का संकेत है। असम में महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न सेवाओं को और मजबूती प्रदान करने के लिए आज शुरू किए गए 3000 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र एक सराहनीय कदम है। उन्होंने चाय बागान श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 100 मॉडल सेकेंडरी स्‍कूलों के शिलान्‍यास पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।

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वैश्विक ऊर्जा चुनौती को भारत सरकार ने अच्छे से संभाला : हरदीप सिंह पुरी

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत सरकार ने विकासशील अर्थव्यवस्था को कच्चे तेल और गैस की बढ़ती कीमतों से बचाते हुए वैश्विक ऊर्जा चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना किया है। वर्तमान में, हमारे देश में हर दिन 50 लाख बैरल पेट्रोलियम की खपत हो रही है और यह भी तीन प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, जो वैश्विक औसत लगभग एक प्रतिशत से अधिक है। केंद्रीय पेट्रोलियम और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को जेईसीसी, सीतापुरा में शुरू हुए तीन दिवसीय साउथ एशियन जियोसाइंस कॉन्फ्रेंस जियोइंडिया 2022 में मीडिया यह बात कही। इस दौरान उद्घाटन सत्र में उन्होंने वरिष्ठ भूविज्ञानी श्याम व्यास राव, पूर्व निदेशक (अन्वेषण), ओएनजीसी को भी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया।


 
9 साल में पेट्रोल में एथेनॉल-ब्लेंडिंग प्रतिशत बढ़कर 10 प्रतिशत हुआ
उद्घाटन सत्र में मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल-मिश्रण प्रतिशत 2013 में 0.67 प्रतिशत से बढ़कर मई 2022 में 10 प्रतिशत हो गया है, यानी निर्धारित समय से 5 महीने पहले। यह 2.7 मिलियन टन सीओ2 उत्सर्जन को कम कर रहा है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमानों के अनुसार, भारत आने वाले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा खपत में वृद्धि का एक चौथाई (25%) योगदान देगा। बीपी का अनुमान है कि भारत की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी, जबकि प्राकृतिक गैस की मांग 2050 तक पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है।

 



पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने कहा कि भूविज्ञान विशेषज्ञों को इस अवसर का उपयोग ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती मांग और कमी के संदर्भ में अपने योगदान को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। उन्होंने भू-वैज्ञानिक बिरादरी से गहरे पानी, अल्ट्रा-डीप वाटर और ऑनशोर के लिए अनुकूल ज्ञान विकसित करने के लिए कहा जिससे बेहतर पर्यावरण संतुलन के साथ तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाया जा सके।



इससे पहले, आगंतुकों का स्वागत करते हुए, राजेश कुमार श्रीवास्तव, सीएमडी, तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) और एपीजी के मुख्य संरक्षक ने कहा, जियोइंडिया पिछले 14 वर्षों में एसोसिएशन ऑफ पेट्रोलियम के तत्वावधान में एक प्रमुख आयोजन रहा है। तेल और गैस क्षेत्र में स्वचालन प्रौद्योगिकी का वैश्विक बाजार मूल्य 2030 तक लगभग दोगुना और लगभग 42 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह अच्छा समय है कि तेल और गैस क्षेत्र डिजिटल परिवर्तन का लाभ उठाएं।



सम्मेलन के पहले दिन, पंकज जैन, सचिव, एमओपीएनजी, एससीएल दास, डीजी-डीजीएच, एक्सॉनमोबिल के एमडी जस्टिन मर्फी, इक्विनोर के एमडी देसिकन सुंदरराजन, एमडी एल-टौखी, इन्वेस्ट इंडियाज, ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा सहित अन्य विशेषज्ञों द्वारा सत्रों में भाग लिया गया। पहले दिन केंद्रीय मंत्री ने जियोइंडिया 2022 की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जहां कई भारतीय और वैश्विक पेट्रोलियम कंपनियां और सेवा प्रदाता तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए अपनी अत्याधुनिक सेवाओं और उपकरणों का प्रदर्शन कर

 

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रेलवे ने अप्रैल-सितंबर में 851 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया

विद्युतीकरण के परिणामस्‍वरूप बेहतर ईंधन ऊर्जा का उपयोग

नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारतीय रेलवे ने अपने संपूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण की महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ की है, जिसकी परिणति केवल बेहतर ईंधन ऊर्जा के उपयोग, थ्रूपुट में वृद्धि, ईंधन पर होने वाले व्यय में कमी के रूप में ही नहीं होगी, बल्कि इसकी बदौलत बहुमूल्‍य विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, सितंबर 2022 तक, भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2021-22 की इसी अवधि के दौरान हासिल 562 रूट किलोमीटर (आरकेएम) की तुलना में 851 रूट किलोमीटर (आरकेएम) हासिल कर लिया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के आंकड़ों से 51.4% अधिक है। इस वित्तीय वर्ष के दौरान विद्युतीकरण का लक्ष्य 6500 आरकेएम है।\

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 के दौरान भारतीय रेल के इतिहास में 6,366 आरकेएम का रिकॉर्ड विद्युतीकरण हासिल किया गया था। इससे पहले, 2020-21 के दौरान उच्चतम विद्युतीकरण 6,015 आरकेएम था।

30.09.2022 तक, भारतीय रेल के बीजी नेटवर्क के 65,141 आरकेएम (केआरसीएल सहित) में से 53,098 बीजी आरकेएम का विद्युतीकरण किया जा चुका है, जो कुल बीजी नेटवर्क का 81.51% है।

 

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कृषि को उन्नत खेती में बदलने और निरंतरता बनाए रखने की जरूरत : तोमर

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि क्षेत्र हमारे देश की रीढ़ है और हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं कृषि की अर्थव्यवस्था में इतनी ताकत है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश आसानी से पार पा सकता है। कोविड महामारी के दौरान भारतीय कृषि क्षेत्र ने यह करके दिखाया है। देश के 80 करोड़ लोगों को भारत सरकार ने खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान की, साथ ही मित्र देशों की मदद भी की। आज अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में हम दुनिया के पहले या दूसरे स्थान पर हैं। इसके बावजूद कृषि क्षेत्र के समक्ष कुछ चुनौतियां हैं। कृषि उन्नत खेती में बदले, कृषि में टेक्नालॉजी का प्रयोग हो व इसकी निरंतरता बनी रहे, इस दिशा में काम करने की जरूरत है।

श्री तोमर ने यह बात एसोसिएटेड चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री आफ इंडिया (एसौचेम) द्वारा कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्नत बीज और कृषि सामग्री एकीकरण’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में वर्चुअली कही। श्री तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र जितना मजबूत व फायदेमंद होगा, देश उतना मजबूत होगा। आज कृषि के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर विचार करने की जरूरत है। सभी तरह की अनुकूलताओं के बाद भी कृषि का क्षेत्र और उसकी लाभ-हानि प्रकृति पर काफी निर्भर करती है। खेती के प्रति लोगों की उत्सुकता व लगाव बढ़ना चाहिए, खेती अगली पीढ़ी के लिए आकर्षक हो और खेती करने वालों को खेती के लिए रोका जा सके, इस दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है। 

श्री तोमर ने कहा कि किसानों और बाजार के बीच की दूरी कम करने, ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने, बिचौलियों का दखल खत्म करने के लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या अधिक है, जिनके पास छोटा रकवा है व निवेश के लिए राशि नहीं है, ऐसे किसानों के लिए केंद्र सरकार 10 हजार नए एफपीओ बना रही हैं, जिनके लिए 6,865 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है और छोटे-छोटे किसानों को जोड़ा जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि किसान समूह में खेती करें, जिससे आदान की लागत कम आए, उत्पादन गुणवत्ता को सुधारा जा सके, छोटे किसान महंगी फसलों की ओर जा सकें व अपनी शर्तों पर उपज मूल्य प्राप्त कर सकें। एफपीओ उत्पादों की प्रोसेसिंग भी कर सकते हैं। इसके लिए बिना गारंटी के दो करोड़ रु. तक के लोन की व्यवस्था सरकार ने की है।

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तटस्थता उत्पीड़क की मदद करती है, पीड़ित की कभी नहीं : धनखड़

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र के फलने-फूलने के लिए मानवाधिकार सर्वोत्कृष्ट हैं तथा उन्होंने प्रत्येक नागरिक से दूसरों के मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए काम करने का आग्रह किया क्योंकि यह उनके अपने मानवाधिकारों के संरक्षण की सबसे सुरक्षित गारंटी है।

आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 30वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने समाज के वंचित और कमजोर वर्गों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के काम के लिए एनएचआरसी की सराहना की। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वे आयोग की सलाह को सार्वजनिक रूप से प्रमुखता से उजागर करे क्योंकि इससे देश में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने में बहुत मदद मिलेगी। 

मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए समावेशी विकास को महत्वपूर्ण बताते हुए, श्री धनखड़ ने विभिन्न शासन व्यवस्थागत सुधारों और सकारात्मक पहलों की, विशेष रूप से हाल के वर्षों में स्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्रों में, सराहना की जिन्होंने मानव अधिकारों को और मजबूती दी है।

यह देखते हुए कि तटस्थता उत्पीड़क की मदद करती है, पीड़ित की कभी नहीं, उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि मानवाधिकारों के हनन के मामले में, हमें पक्ष लेना चाहिए। मौन हमेशा अत्याचारी को प्रोत्साहित करता है, उत्पीड़ित को नहीं। ऐसे में सक्रिय होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और हमें हस्तक्षेप करना चाहिए।

यह देखते हुए कि भ्रष्टाचार की स्थिति में मानवाधिकारों से समझौता किया जाता है, श्री धनखड़ ने रेखांकित किया कि गरीब और कमजोर लोग इस खतरे के आसान शिकार हैं। उन्होंने हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार पर लगातार हो रहे हमलों पर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा में एक अच्छा संकेत बताया।

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हिजाब मामले में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कर्नाटक हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था। कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में विभाजित फैसला होने के कारण न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता का कहना है कि मामला उचित दिशा के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा गया है।

वकील वरूण सिन्हा ने कहा कि अभी हाई कोर्ट का फैसला लागू रहेगा क्योंकि एक जज ने याचिका को खारिज किया है और दूसरे ने उसे खारिज नहीं किया है। अब हाई कोर्ट का फैसला तब तक जारी रहेगा जब तक किसी बड़े बेंच का फैसला नहीं आ जाता है। याचिकाकर्ता पक्ष के वकील आफताब अली खान ने कहा कि आज का फैसला एक खंडित फैसला है। जिसे देखते हुए बेंच ने इसे बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है। 

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि हम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं। हमने बेहतर फैसले की उम्मीद की थी क्योंकि दुनिया भर की महिलाएं हिजाब और बुर्का नहीं पहनने की मांग कर रही हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश अंतरिम समय में लागू रहेगा।  

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बड़ी खबर : इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति को मिली केबिनेट की मंजूरी...

 लखनऊ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति- 2022 को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रदेश सरकार द्वारा भारी सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने इसके तहत प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

नीति का उद्देश्य न केवल राज्य में एक पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली विकसित करना है बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी एवं संबंधित उपकरणों के विनिर्माण के लिए उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक केंद्र भी बनाना है।



नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति - 2022 में त्रिआयामी प्रोत्साहन व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत उपभोक्ताओं द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी के लिए, इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए, चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सेवाओं के लिए प्रावधान रखे गए हैं।



नई नीति की प्रभावी अवधि के पहले तीन वर्षों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की सभी श्रेणियों की खरीद पर 100 प्रतिशत रोड टैक्स एवं पंजीकरण शुल्क में छूट रहेगी। यदि इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण राज्य में किया गया है तो समान छूट चौथे व पांचवे वर्ष में भी जारी रहेगी।



इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्टरी मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी
प्रदेश में खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्टरी मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें पहले दो लाख दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच हजार रुपये प्रति वाहन, पहले 50,000 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर अधिकतम 12,000 रुपये तक, पहले 25,000 चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रति वाहन पर एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, प्रदेश में खरीदी गई पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही अधिकतम 1000 ई गुड्स कैरियर्स को प्रति वाहन 1,00,000 तक ई-गुड्स कैरियर्स की खरीद के लिए फैक्टरी मूल्य पर 10 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।

यूपी कैबिनेट ने इन फैसलों को भी दी मंजूरी
- अमेठी में नई जेल का निर्माण किया जाएगा। अभी तक अमेठी के बंदियों को सुल्तानपुर जेल में बंद किया जाता था। जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने यह जानकारी दी।

- मथुरा के कोकिला वन में शनिधाम में परिक्रमा मार्ग बनाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की 2.011 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी। उतनी ही भूमि वन विभाग को अन्यत्र दी जाएगी।



- मथुरा में नेशनल हाईवे 19 पर अकबरपुर जैत गांव में सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में पर्यटन सुविधा केन्द्र बनाया जाएगा। सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस की 2.03 हेक्टेयर भूमि निशुल्क पर्यटन विभाग को दी जाएगी।

- किसानों को चना, मसूर और दलहन के बीज व किट निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। डेढ़ लाख किसानों को चना और 1 लाख चना व एक लाख किसानों को चना बीज किट वितरण किया जाएगा



- यूपी में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्राकृतिक खेती विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। कृषि मंत्री बोर्ड के उपाध्यक्ष होंगे।

- एक अक्तूबर से धान खरीद केंद्र शुरू किए जाएंगे। सामान्य धान की एमएससी 2040 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का 2060 प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है।

- एक अक्तूबर से 31 अक्तूबर और 1 नवम्बर से 30 नवम्बर तक धान की खरीद दो चरणों में होगी। 73 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। सीमांत और लघु किसानों को प्राथमिकता मिलेगी।

- एफपीओ को भी निर्धारित शर्त पर धान खरीद की अनुमति दी जाएगी। मक्का और बाजरा की भी खरीद एमएसपी पर की जाएगी। मक्का की एमएसपी 1962 रुपये प्रति क्विंटल और  बाजरा की एमएसपी 2350 रुपये प्रति की क्विंटल रखी गई है। मक्का 1 लाख टन और बाजरा 50 हजार टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है।

- बरेली की नवाबगंज और आंवला नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार किया जाएगा।

- दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन नीति 2022 को मंजूरी मिली

- मथुरा की बरसाना, बहराइच की मिहींपुरवा के सीमा विस्तार को मंजूरी मिली।

- बाराबंकी की सुहेबा, अयोध्या की बीकापुर और भरतकुंड भदरसा नगर पंचायत के सीमा विस्तार को मंजूरी मिली।

- मऊ की मऊनाथ भंजन नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार हुआ है।

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प्रधानमंत्री ने अंब अंदौरा ऊना से नई दिल्ली के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अंब अंदौरा ऊना से नई दिल्ली के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रेन के डिब्बों का निरीक्षण किया और ऑनबोर्ड सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस और ऊना रेलवे स्टेशन के लोकोमोटिव इंजन के कंट्रोल सेंटर का भी निरीक्षण किया। ट्रेन की शुरुआत से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और यात्रा का एक आरामदायक और तेज तरीका प्रदान करने में मदद मिलेगी। ऊना से नई दिल्ली की यात्रा का समय दो घंटे कम हो जाएगा। अंब अंदौरा से नई दिल्ली के लिए चलने वाली यह देश में शुरू की गई चौथी वंदे भारत ट्रेन है और पहले की तुलना में एक उन्नत संस्करण है, जो बहुत हल्का है और कम समय में उच्च गति तक पहुंचने में सक्षम है।



430 टन के पिछले संस्करण की तुलना में बेहतर वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 392 टन होगा। इसमें वाई-फाई कंटेंट ऑन डिमांड की सुविधा भी होगी। प्रत्येक कोच में पिछले संस्करण में 24 इंच की तुलना में यात्री सूचना प्रदान करने वाली 32 इंच स्क्रीन हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस पर्यावरण के अनुकूल भी होगी क्योंकि एसी 15 प्रतिशत अधिक ऊर्जा कुशल होंगे। पहले केवल एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को दी जाने वाली साइड रेक्लाइनर सीट की सुविधा अब सभी वर्गों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। एग्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त सुविधा है।

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धामके से उड़ी मकान की छत और दिवारें, 7 लोग घायल...

 रोहतक (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हरियाणा के रोहतक में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां एक घर में गैस सिलिंडर फटने से घर की दिवार और छत उड़ गई। धमाके की आवाज से मोहल्ले वाले सकते में आ गए। इस घटना में 7 लोग घायल हुए हैं। धमाका गैस गीजर के साथ लगाए सिलेंडर में हुआ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार के लोगों ने जब गर्म पानी के लिए गीजर आन किया था सिलेंडर फट गया। हादसा इतना भयावह था की मकान की छत और दीवारें उड़ गई। हादसे में परिवार के सात लोग घायल हो गए। पड़ोसी धमाके की आवाज सुनकर बाहर की तरफ भागे तो चीख पुकार मची हुई थी। किसी तरह से पड़ोसियों ने घायलों को मलबे से निकाला और तुरंत पीजीआई उपचार के लिए पहुंचाया। घायलों में तीन की हालत सामान्य तथा बाकी चार की गंभीर बनी हुई है।



पड़ोसी गौतम के अनुसार जब हादसा हुआ तो मलबा उनका घर में भी आकर गिरा, जिसकी वजह से उसकी कार क्षतिग्रस्त हो गई। जब धमाका हुआ तो उनके मकान की दीवारें भी हिल गई। अभी पता नहीं चल पाया है, पड़ोस के मकानों में भी नुकसान हुआ है।

जिस मकान में हादसा हुआ है, उसके पड़ोस वाले मकान में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे। सीसीटीवी में कैद घटना के अनुसार करीब छह बजकर एक मिनट पर मकान में तेज धमाका होता है। उसके साथ ही मकान से बाहर तक आग की लपटें बाहर आती हैं और मात्र पांच सेकंड में मकान खंडहर में तब्दील मिलता है।

सिलेंडर फटने के कारण मकान में हुए हादसे की वजह से घायल हुए लोगों में विशाल (33), उसकी पत्नी शिल्पा (30), बेटी रेवन (1), बेटा रेहान (8) के अलावा मकान के फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाली उपासना (20), पार्थिव (18), प्रीति(16) शामिल हैं। सभी का उपचार पीजीआई के ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

 

 

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वायुसेना का MIG-29 हुआ क्रैश, बाल-बाल बचा पायलट

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। गोवा में एक मिग 29K लड़ाकू विमान क्रैश हुआ गया है । गोवा तट पर नियमित उड़ान के दौरान यह हादसा हुआ। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पायलट बाहर निकलने में कामयाब हो गया, जिससे उसकी जान बच गई। भारतीय नौसेना ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब तकनीकी खराबी आने के बाद विमान वापस बेस लौट रहा था।

 

 

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आतंकी संगठनों पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का ध्‍यान देना जरूरी : भारत

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत ने कहा है कि अफ्रीका में सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके आतंकवादी गुटों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ध्यान देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रूचिरा कम्बोज ने कहा कि अफ्रीकी लोगों को दरकिनार करके वहां की समस्याओं के बाहरी दखल से समाधान की पेशकश उनके हित में नहीं है।

उन्होंने कहा कि अफ्रीका भारत की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रहेगा। भारतीय प्रतिनिधि ने यह बात भी दोहराई कि क्षेत्रीय कूटनीति, मध्यस्थता, सुलह-समझौते और सुरक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों से ही इस महाद्वीप में शांति स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की श्रेणी में अफ्रीका को प्रतिनिधित्व दिये जाने से लगातार इंकार करना ऐसी ऐतिहासिक गलती है जिसे जल्द से जल्द सुधारे जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफ्रीका में शांति स्थापित करने के लिए पहल करने की ओर ध्यान देने की भी मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि विकसित देशों के प्रमुख दानदाता देशों को समुद्रपारीय विकास सहयोग की अपनी प्रतिबद्धता बढ़ानी चाहिए।

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भारत जी-20 समूह की एक वर्ष की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक संस्थानों को सुदृढ़ करने को प्राथमिकता देगा

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि भारत विकसित और विकासशील देशों के जी-20 समूह की एक वर्ष की अध्यक्षता के दौरान बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करने को प्राथमिकता देगा। वाशिंगटन में एक संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करने की आवश्यकता है और महामारी या ऐसे दबाव वाली वैश्विक घटना से निपटने के लिए उनकी क्षमता भी बेहतर बनायी जानी चाहिए।

वित्त मंत्री अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की बैठक में शामिल होने के लिये अमरीका में हैं। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय संस्थाएं पहले से अस्तित्व में हैं लेकिन कई समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है।

भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 समूह की अध्यक्षता करेगा। इस दौरान भारत समूह की दो सौ से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा, जिसमें जी-20 के नेताओं का शिखर सम्मेलन भी शामिल है। यह सम्मेलन अगले वर्ष नौ और दस सितंबर को होगा।

 

 

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उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक से अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी का आह्वान किया

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए सामूहिक प्रयास और अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी का आह्वान किया। यह देखते हुए कि भारत में हेल्थ केयर की मांग बड़े पैमाने और विविधता भरी है, उन्होंने यूनिवर्सल हेल्थ केयर के सामूहिक सपने को साकार करने के लिए सभी हितधारकों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान किया।

फिक्की के 16वें वार्षिक हेल्थकेयर सम्मेलन - फिक्की हील 2022, जिसका विषय 'हेल्थकेयर ट्रांसफॉर्मेशन: ड्राइविंग इंडियाज इकोनॉमिक ग्रोथ' है, का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने भारत में फलते-फूलते चिकित्सा पर्यटन के लिए स्वास्थ्य उद्योग और फिक्की जैसे व्यापार निकायों की सराहना की। 'हील इन इंडिया' पहल के माध्यम से भारत को मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की सरकार की पहल का उल्लेख करते हुए, श्री धनखड़ ने 'प्रमुख स्वास्थ्य पर्यटन स्थल' बनने के लिए भारत की क्षमता का उपयोग करने के प्रयासों को दोगुना करने का भी आह्वान किया।

कोविड महामारी के साथ भारत के अनुभव को याद करते हुए, उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कर्मियों और वैज्ञानिकों को उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारत ने न केवल अपने नागरिकों को एक छोटी अवधि में टीका लगाया है, बल्कि कई देशों को टीके भी निर्यात किए हैं।

उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के अथक प्रयासों के कारण, भारत ने 1990 से शिशु मृत्यु दर जैसे स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की है और हम सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की ओर अग्रसर हैं।

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