दुनिया-जगत
भारत के दबाव पर श्रीलंका ने ‘जासूसी जहाज’ रोका, चीन में बवाल, राष्ट्रपति को चुपके से करनी पड़ी मीटिंग!
व्हाइट हाउस के बाहर गिरी गाज, 3 की मौत, कई घायल...
वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में गुरुवार शाम 7.0 बजे राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास व्हाइट हाउस के पास आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब एक दंपती अपने परिवार के साथ व्हाइट हाउस के पास स्थित एक पार्क लाफायेट स्क्वायर में शादी की सालगिरह मनाने आया था।
डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया फायर एंड इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेज डिपार्टमेंट के अनुसार गुरुवार को व्हाइट हाउस परिसर के बाहर स्थित लाफायेट पार्क में बिजली गिरने के बाद कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन सभी को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन इनमें से तीन ने दो दिन बाद दम तोड़ दिया। पार्क का एक हिस्सा गुरुवार को शाम को एक घंटे से अधिक समय तक बंद रहा और आपातकालीन दल घटनास्थल पर मौजूद रहा।
व्हाइट हाउस ने जताया दुख
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि बाइडेन प्रशासन जान गंवाने वाले लोगों के लिए गहरी संवेदना प्रकट करता है। वहीं प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने बयान में कहा कि हम उन लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं जो अभी भी अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं।
चीन ने नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में अमरीका के साथ सहयोग रोकने की घोषणा की
वशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चीन ने अमरीका की सीनेट की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के विरोध में अमरीका के साथ सहयोग रोकने की घोषणा की है। इनमें दोनों देशों के बीच वरिष्ठ सैन्य कमांडरों और जलवायु परिवर्तन वार्ता सहित कई क्षेत्रों में आपसी बातचीत पर रोक शामिल है। चीन के विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि चीन अमरीका के साथ सीमा पार अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम और अवैध प्रवासियों की वापसी लाने पर वाशिंगटन के साथ सहयोग को भी निलंबित कर रहा है।
नाइट क्लब में लगी आग, 40 की मौत, 10 झुलसे
बैंकाक/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। थाईलैंड में शुक्रवार एक नाइट क्लब में जबर्दस्त आग लग गई। आग की चपेट में आने से 40 लोगों की मौत और 10 बुरी तरह झुलस गए हैं। आग की घटना चोनुबरी प्रांत के सट्टाहिप जिले में हुई। यह थाईलैंड की राजधानी बैंकाक के दक्षिण पूर्व में स्थित है। पुलिस कर्नल वुटिपोंग सोमजाई के अनुसार माउंटेन बी नाइट क्लब में आग बीती रात करीब एक बजे लगी। हताहतों में शामिल सभी लोग थाईलैंड के नागरिक बताए गए हैं। राहत व बचाव कार्य में जुटे सवांग रोजनाथम्मासथान फाउंडेशन ने खबर दी है कि आग में झुलसने से 40 लोगों की मौत हो गई है।
यह नाइट क्लब रंगीन रातों के लिए मशहूर था। यहां बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक भी पहुंचते थे। सोशल मीडिया में वायरल आग के वीडियो में लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भागते देखा जा रहा है। लोग जान बचाने के लिए चीखते नजर आए। आग के कारणों का अभी पता नहीं चल रहा है।
चीन की ताइवान को अलग-थलग करने की योजना को कभी पूरा नहीं होने देगा अमेरिका : नैंसी पेलोसी
टोक्यो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा है कि यूएस ताइवाान को अलग-थलग करने की चीन की योजना को कभी सफल नहीं होने देगा। उन्होंने ये बयान जापान पहुंचकर दिया है।जापान के दौरे पर नैंसी ने कहा कि चीन चाहता है कि ताइवान कहीं भी किसी भी मंच पर सहभागिता न दिखा सके। यही वजह है कि वो उसको अलग-थलग रखना चाहता है। चीन हमें किसी को भी ताइवान जाने से रोक नहीं सकता है।
बता दें कि नैंसी के एशिया दौरे में जापान उनका आखिरी पड़ाव है। इससे पहले वो दक्षिण कोरिया गई थीं, जहां पर उन्होंने उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच बने Demilitrised zone को भी देखा था। उनसे पहले इस जगह पर वर्ष 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गए थे।
नैंसी के जापान दौरे पर दोनों देशों ने ताइवान का साथ देने पर सहमति जताई है। जापान का कहना है कि चीन की करीब 5 मिसाइल उसके इकनामिक जोन में भी गिरी हैं। टोक्यो की तरफ से इस पर कड़ी नाराजगी जताई गई है बता दें कि जापान पहुंचकर शुक्रवार को नैंसी पेलोसी ने जापान के पीएम फूमियो किशिदा से मुलाकात की। किशिदा का कहना है कि चीन की लाइव फायर ड्रिल से उनकी सुरक्षा को भी खतरा खड़ा हो गया है। इस बीच चीन ने कहा है कि वो आसिया सम्मेलन में जापान का बायकाट करेगा। ये सम्मेलन कंबोडिया में होगा।
अमेरिका ताइवान को अकेला नहीं छोड़ेगा : पेलोसी
ताइपे (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका की प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने बुधवार को कहा कि ताइवान की यात्रा पर पहुंचा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल यह संदेश दे रहा है कि अमेरिका स्वशासी द्वीप के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटेगा। चीन के विरोध के बावजूद पेलोसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान में कई नेताओं के मुलाकात कर रहा है।
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के साथ मुलाकात के बाद एक संक्षिप्त बयान में उन्होंने कहा, आज विश्व के सामने लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच एक को चुनने की चुनौती है। ताइवान और दुनियाभर में सभी जगह लोकतंत्र की रक्षा करने को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता अडिग है।
ताइवान को अपना क्षेत्र बताने और ताइवान के अधिकारियों की विदेशी सरकारों के साथ बातचीत का विरोध करने वाले वाले चीन ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के मंगलवार रात ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचने के बाद द्वीप के चारों ओर कई सैन्य अभ्यासों की घोषणा की और कई कड़े बयान भी जारी किए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि के रूप में रचनात्मक कार्यकाल की कामना करती हूं: कंबोज
संयुक्त राष्ट्र (छत्तीसगढ़ दर्पण)। संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्यभार संभालने वाली राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि वह एक ऐसे रचनात्मक कार्यकाल की कामना कर रही हैं, जो देश के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बाकी बचे कार्यकाल में और उसके बाद भी भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को बहुपक्षीय ढांचे का रूप दे पाए।
कंबोज (58) ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस को मंगलवार को अपना परिचय पत्र सौंपा था। वह 1987 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी हैं और भूटान में भारत की राजदूत के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं। उन्हें जून में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत की स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने राजदूत टीएस तिरुमूर्ति की जगह ली है।
कंबोज ने ऐसे समय में पदभार ग्रहण किया है, जब 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त होने वाला है। दिसंबर में देश संयुक्त राष्ट्र की इस शक्तिशाली निकाय की अध्यक्षता भी करेगा।
कंबोज ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, मैं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में पद ग्रहण करके बहुत सम्मानित महसूस कर रहीं हूं और ऐसे समय में यह और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, जब हम इस साल भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे।
गुतारेस के साथ बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया, आज, मैंने संयुक्त राष्ट्र में भारत की नयी स्थायी प्रतिनिधि के रूप में विश्व निकाय के महासचिव एंतोनियो गुतारेस को अपना परिचय पत्र सौंप दिया। इस पद पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला होना गर्व की बात है। सभी लड़कियों से कहना चाहूंगी कि हम सब कुछ कर सकते हैं।
कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख को परिचय पत्र सौंपने से पहले सोमवार को ट्वीट किया था, सुरक्षा परिषद में आज अपने सभी सहयोगी राजदूतों से मिलकर बहुत अच्छा लगा। इस नए पद के जरिए अपने देश की सेवा करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।
संकटग्रस्त श्रीलंका को मदद देने के लिए विक्रमसिंघे ने भारत को धन्यवाद दिया
कोलंबो (छत्तीसगढ़ दर्पण)। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे उनके देश को समय पर आर्थिक मदद देकर बेहद जरूरी राहत पहुंचाने के लिए भारत एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को धन्यवाद दिया।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने सात दिन तक स्थगित रहने के बाद बुधवार को फिर से बुलाए गए संसद के सत्र को संबोधित कते हुए कहा, मैं आर्थिक संकट से उबरने के हमारे प्रयासों के लिए हमारे निकटतम पड़ोसी देश भारत द्वारा मुहैया कराई गई मदद का विशेष रूप से जिक्र करना चाहता हूं।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमें बेहद जरूरी मदद दी। मैं अपने लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत सरकार एवं भारत के लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मोदी ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से कहा था कि भारत आर्थिक संकट से उबरने एवं स्थिरता के प्रयासों में श्रीलंका के लोगों की स्थापित लोकतांत्रिक माध्यमों से मदद करना जारी रखेगा।
श्रीलंका की नयी सरकार के सामने देश को आर्थिक संकट से उबारने और व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है। श्रीलंका में आर्थिक संकट के मद्देनजर विरोध प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर जाना पड़ा था और इस्तीफा देना पड़ा था।
भारत सरकार श्रीलंका को इस साल जनवरी से अब तक करीब चार अरब डॉलर की मदद दे चुकी है। श्रीलंका को अपने करीब दो करोड़ 20 लाख लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में करीब पांच अरब डॉलर की जरूरत है। देश वित्तीय मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अन्य देशों से बातचीत कर रहा है, ताकि वह आर्थिक संकट से उबर सके।
अब इन दो देशों के बीच छिड़ी जंग, हमले में तीन सैनिकों की मौत, कई घायल...
नागोर्नो-कारबाख के सैन्य अधिकारियों ने दावा किया है कि अजरबैजान की आर्मी ने ड्रोन हमले किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हमले में उनके दो सैनिक मारे गए हैं जबकि 14 घायल हो गए।
अजरबैजान ने लगाया आतंकी हमले का आरोप
वहीं, अजरबैजान ने आर्मेनियाई सैनिकों पर हमले का आरोप लगाया है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आर्मेनियाई सैनिकों द्वारा अवैध आतंकी कार्रवाई में उनके देश का एक सैनिक मारा गया है। अजरबैजान ने आर्मेनियाई सैनिक के हमले पर जवाबी कार्रवाई की है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जवाबी हमले में अवैध आर्मेनियाई आतंकी मारे गए हैं। हमले में कुछ घायल भी हुए हैं। इस हमले के बाद नागोर्नो-कराबाख के अलगाववादी नेता ने बुधवार को आंशिक सैन्य लामबंदी की घोषणा की, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया।
नागोर्नो-कराबाख पर दशकों पुराना है विवाद
नागोर्नो-कराबाख को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद काफी पुराना है। ये इलाका अभी अजरबैजान में है। हालांकि, इस पर 1994 से आर्मेनिया का नियंत्रण है। इस क्षेत्र में 2020 में भी एक युद्ध हुआ था। इस युद्ध में 6600 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 6 हफ्तों तक चली जंग के बाद रूस ने मध्यस्थता कर दोनों देशों के बीच शांति समझौता कराया था। रूस ने इलाके में दो हजार से ज्यादा जवानों को भेजा था।
चेतावनी के बावजूद पेलोसी पहुंचीं ताइवान, चीन ने इन वस्तुओं के आयात-निर्यात पर लगाई पाबंदियां...
बीजिंग/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चिढ़े चीन ने जहां ताइवान में अपने लड़ाकू विमान उड़ाकर शक्ति प्रदर्शन किया, वहीं आज से नेचुरल सैंड के निर्यात और कई अन्य वस्तुओं के आयात-निर्यात पर पाबंदी लगा दी। नेचुरल सैंड यानी सिलिका सेमीकंडक्टर बनाने के काम आती है। ताइवान को सेमीकंडक्टर उत्पादन में महारथ हासिल है।
ताइवान को नेचुरल सैंड (बालू रेत) का निर्यात रोकने का फैसला चीन के वाणिज्य मंत्रालय सीटीजीएन ने किया। चीन द्वारा ताइवान पर कई अन्य व्यापार पाबंदियां भी लगाए जाने की खबर है। इससे अमेरिका और ताइवान का चीन के साथ तनाव और बढ़ सकता है। कराची में चीन के महावाणिज्यदूत लिबिजियन ने बताया कि बुधवार से ताइवान क्षेत्र से खट्टे फलों, ठंडे सफेद बालों की पूंछ और फ्रोजन हॉर्स मैकेरल आदि के आयात को रोक दिया गया है। चीन के सीमा शुल्क सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। का कहना है।
उल्लेखनीय है कि ताइवान दुनिया का अग्रणी सेमीकंडक्टर चिप निर्माता है। ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कारपोरेशन (TSMC) का सेमीकंडक्टर उत्पादन में 56 फीसदी हिस्सेदारी है। दरअसल, सेमीकंडक्टर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक व अन्य उपकरण और वाहनों आदि में बिजली के प्रवाह को रोकने का काम करते हैं। इन्हें अर्द्धचालक भी कहा जाता है। ये पावर डिस्प्ले और डेटा ट्रांसफर जैसे कई प्रकार के कार्य करती हैं। इनका कारों व अन्य वाहनों के अलावा फ्रीज, लैपटॉप, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है।
बता दें, पेलोसी मंगलवार रात चीन की तमाम धमकियों को दरकिनार कर ताइवान पहुंच गई हैं। इसके विरोध में चीन ने जहां अपने लड़ाकू विमान ताइवान के वायु क्षेत्र में भेजे वहीं, युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया। हालांकि, अमेरिका और नैंसी पेलोसी पर इनका कोई असर नहीं हुआ।
पेलोसी ने बताया, इसलिए आई हूं यहां...
अमेरिकी स्पीकर पेलोसी ने ताइवानी मीडिया से चर्चा में कहा, 'मैं यहां ताइवानी जनता की बात सुनने और यह सीखने के लिए आई हूं कि हम एक साथ कैसे आगे बढ़ सकते हैं। हम ताइवान को कोविड से सफलतापूर्वक निपटने के लिए बधाई देती हैं। यह स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और शासन का मुद्दा भी है।' पेलोसी ने यह भी कहा कि ताइवान सरकार से बातचीत में जलवायु संकट से पृथ्वी को बचाने के लिए मिलकर काम करने पर बात करेंगे। हमारी यात्रा मानवाधिकारों, अनुचित व्यापार परंपराओं और सुरक्षा मुद्दों के बारे में है।
नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से भड़का चीन, सीमा पर दिखे 21 चीनी लड़ाकू विमान...
ताइपे/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नैंसी पेलोसी के मंगलवार को ताइपे में उतरने के तुरंत बाद, 21 चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरी। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। दौरे को लेकर चीन और अमेरिका के बीच जबरदस्त तनाव है। चीन ने उनकी यात्रा को देखते हुए लक्षित सैन्य अभियान चलाने की योजना बना रहा है। चीन ने गंभीर एतराज जताते हुए कहा कि 1.4 अरब चीनी नागरिकों से शत्रुता मोल लेने का अंजाम अच्छा नहीं होगा।
रक्षा मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा, "21 पीएलए विमान (आठ पीएलए जे-11, 10 जे-16, केजे-500 एईडब्ल्यू एंड सी, वाई-9 ईडब्ल्यू और वाई-8 ईएलआईएनटी) ने दो अगस्त, 2022 को ताइवान के दक्षिण-पश्चिम वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया।" ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के सैन्य विमानों के जवाब में, ताइवान ने हवाई गश्ती अभियान शुरू किया है। रेडियो चेतावनी भेजी गई है और चीनी सैन्य विमानों को ट्रैक करने के लिए रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया गया है।
नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के खतरे का सामना करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के रूप में देखा जा रहा है। पेलोसी के विमान के ताइपे में उतरने के कुछ मिनट बाद ही चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने घोषणा की कि वह ताइवान के आसपास के जलक्षेत्र में छह लाइव-फायर सैन्य अभ्यास करेगी, जो गुरुवार से रविवार तक होने वाली है। उधर, अमेरिका ने अपनी नीति में किसी भी तरह के बदलाव का संकेत नहीं दिया है।
Pakistan: पूर्व पीएम को भारतीय कंपनी ने दी 14 करोड़ की घूस, विपक्षी नेता ने लगाया सनसनीखेज आरोप
दुनिया में मंडरा रहा बड़ा संकट, यूएन चीफ ने किया आगाह, दुनिया 'परमाणु विध्वंस' से महज एक कदम दूर
गोटाबाया के श्रीलंका लौटने से बढ़ सकते हैं तनाव, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बोले, लौटने का यह सही समय नहीं
रूसी हमले में यूक्रेन के बड़े अनाज निर्यातक की मौत, हाल ही में हुआ था खाद्यान्न समझौता
कीव (छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूक्रेन में जंग (Russia-Ukraine War) के खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। जंग ने 'यूरोप की रोटी की टोकरी'कहे जाने वाले यूक्रेन जंग में तबाह और बर्बाद हो चुका है। जंग के बीच खबर मिली है कि, यूक्रेन में रूसी हमले के दौरान अनाज के बड़े व्यवसायी ओलेक्सी वडातुर्स्की और उनकी पत्नी की मौत हो गई है। बता दें कि, वडातुर्स्की यूक्रेन की सबसे बड़ी अनाज उत्पादक और निर्यात कंपनियों में से एक मायकोलाइव शहर में निबुलोन के संस्थापक थे। बता दें कि, यूक्रेन में रूस के हमले बढ़ गए हैं। 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। इस महायुद्ध ने दुनियाभर में खाद्य सुरक्षा पर गहरा असर डाला है। बता दें कि दुनिया भर में उत्पन्न खाद्य संकट से निपटने को लेकर पिछले दिनों यूक्रेन से अनाज निर्यात पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी। जिसके बाद यूक्रेन से अनाज निर्यात की तैयारियां भी शुरू हो गईं हैं, लेकिन इसी बीच रूस ने यूक्रेन के दक्षिणी शहर माइकोलाइव पर भारी बमबारी की खबर मिली, जिसमें देश के बड़े अनाज निर्यातक की मौत हो गई।
युगांडा-कांगो सीमा पर संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों ने की गोलीबारी, 2 की मौत, 15 घायल
तस्वीर- प्रतीकात्मक (पीटीआई)
किंशासा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों ने रविवार सुबह कांगो और युगांडा की सीमा पर गोलीबारी की और दो लोगों की हत्या कर दी। इस घटना में कम से कम 15 लोग घायल भी हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस पर निराशा व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा, 'एंटोनियो गुटेरेस कांगो और युगांडा की सीमा पर कासिंडी में रविवार सुबह हुई एक गंभीर घटना से नाराज हैं, जिसमें मोनुस्को के सैन्य कर्मियों ने अपने गृह देश में छुट्टी से कांगो लौटते समय गोलियां चलाईं।'
चीन की चेतावनी के बावजूद नैंसी पेलोसी का एशिया दौरा शुरू...
गोपनीय रखा गया ताइवान जाना
वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका के House of Representative की स्पीकर नैंसी पेलोसी का आज से एशिया का दौरा शुरू हो रहा है। उनका ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन ने इसको लेकर अमेरिका को बेहद कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। अपने इस पहले एशिया दौरे पर नैंसी सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान और मलेशिया जाएंगी। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि नैंसी इस दौरे में ताइवान जाएंगी या नहीं। माना जा रहा है कि उनका ताइवान के दौरे को सुरक्षा के लिहाज से बेहद गोपनीय रखा गया है। इसकी वजह चीन की धमकी है। चीन ने एक दिन पहले ही कहा था कि यदि नैंसी का विमान अमेरिकी फाइटर जेट के साथ ताइवान में प्रवेश करता है तो वो उन्हें मार गिराएगा।
चीन की धमकी के मद्देनजर दौरे का फुलप्रूफ प्लान
हालांकि, चीन की इस तरह की धमकी की अपेक्षा अमेरिका को पहले से ही थी। यही वजह थी कि अमेरिका इसके लिए पहले से ही फुलप्रूफ प्लान बना रहा था। यदि नैंसी अपने इस दौरे में ताइवान जाती हैं तो ये अमेरिका और चीन के लिए भविष्य में तनाव को और बढ़ाने में काफी अहम साबित होगा। इस तनाव को कम करना दोनों ही देशों के लिए लगभग नामुमकिन होगा।
सिंगापुर से शुरू होगा नैंसी का एशिया का दौरा
एशिया के दौरे पर सबसे पहले नैंसी सिंगापुर जाएंगी। वहां पर उनकी मुलाकात सिंगापुर के पीएम और राष्ट्रपति से होगी। इसके बाद वो मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान जाएंगी। उनके साथ जाने वाले अन्य सदस्यों में विदेश मामलों की कमेटी के अध्यक्ष ग्रिगरी मिक्स और परमानेंट सिलेक्ट कमेटी आन इंटेलिजेंस और आर्म्ड सर्विस कमेटी के सदस्य भी हैं। आपको बता दें कि नैंसी पेलोसी अमेरिका की तीसरे नंबर की ताकतवर नेता हैं। 1997 में आखिरी बार अमेरिकी सीनेट का स्पीकर इस तरह से एशिया दौरे पर आया था।
अमेरिका के विदेश मंत्री का बयान
चीन के खतरे और उसकी धमकी को देखते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दो दिन पहले ही कहा था कि ताइवान को लेकर उनके और चीन के बीच में 40 वर्षों से अधिक समय से तनाव है। इसके बाद दोनों ही देश विवादों को भुलाकर शांति और स्थिरता के लिए आगे आए हैं।
चीन को बर्दाश्त नहीं ताइवान के मामले में दखल
बता दें कि अमेरिका चीन की वन चाइना पालिसी को मानता है। वन चाइना पालिसी के तहत ताइवान को इस तरह की तवज्जो देना चीन कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। चीन ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है। यही वजह है कि ताइवान के साथ किसी भी देश के आधिकारिक तौर पर कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। न ही संयुक्त राष्ट्र से ताइवान को एक आजाद राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली हुई है। ओलंपिक गेम्स में भी उसके खिलाड़ी चीन के उम्मीदवार के तौर पर शामिल होते हैं।