दुनिया-जगत

UNCTC संयुक्त राष्ट्र ने जारी किया आतंकवाद पर दिल्ली घोषणापत्र, इन मुद्दों पर हुई चर्चा


नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद रोधी समिति ने शनिवार को आतंकी गतिविधियों को 'कतई बर्दाश्त नहीं करने' की सदस्य देशों से अपील की। साथ ही, भारत में आयोजित इस दो दिवसीय विशेष सम्मेलन में आतंकवाद से कहीं अधिक प्रबल तरीके से निपटने का संकल्प लिया गया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति (UNCTC) की इमर्जिंग टेक विशेष बैठक में सर्वसम्मति से दिल्ली घोषणापत्र को अपनाया गया, जिसमें सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर वैश्विक निकाय ने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित इंटरनेट और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त की।

घोषणा के कुछ अंश इस प्रकार हैं

- सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद सबसे गंभीर खतरों में से एक है। आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अन्यायपूर्ण है, चाहे उनकी मंशा कुछ भी हो, जब भी, कहीं भी और किसी के भी द्वारा की गई हो।

- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस। सदस्य देशों को प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलनों में निहित अपने दायित्वों को पूरा करना।

- सदस्य देश आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण को रोकने और दबाने के लिए बाध्य हैं और ऐसे कृत्यों में शामिल संस्थाओं या व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने से परहेज करने के लिए बाध्य हैं, जिसमें आतंकवादी समूहों के सदस्यों की भर्ती को रोकना, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप, और आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति को समाप्त करना शामिल है।

- सुरक्षित पनाहगाहों तक पहुंचने के लिए आतंकवादियों का अवसर एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। सभी सदस्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए ताकि सुरक्षित पनाहगाहों की पहचान की जा सके।

समिति ने यह बात दोहराई कि आतंकवाद अपने सभी रूप में अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है और वैश्विक स्तर पर इस बुराई से लड़ने की संपूर्ण कोशिश की प्रभावकारित और बढ़ाने में योगदान देने का संकल्प लिया। इस दौरान कहा गया कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ना चाहिए। विश्लेषकों के मुताबिक यह रोडमैप अगर सही तरीके से हर देश में लागू होता है तो पाकिस्तान जैसे देशों के लिए आतकंवाद को शरण देना और आतंकवादी संगठनों व आतंकवादियों को वित्तीय मदद पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी की थी। पहला दिन इसकी बैठक मुंबई तथा दूसरे दिन इसकी बैठक राजधानी नई दिल्ली में हुई।
 
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संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन-कॉप-27 में भाग लेंगे बाइडेन

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले महीने मिस्र के शर्म अल शेख शहर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन-कॉप-27 में भाग लेंगे। व्हाइट हाउस ने कल एक वक्‍तव्‍य में कहा कि श्री बाइडेन वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की मुहिम को गति देंगे और जलवायु परिवर्तन के दुष्‍प्रभावों से निपटने के लिए नीति बनाने में मदद करेंगे।

वे इस दशक के लिए वैश्विक कार्रवाई करने की जरूरत पर प्रकाश डालेंगे। अधिकारियों ने कहा कि जो बाइडेन का जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है। श्री बाइडेन 11 नवंबर को जलवायु शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद अमरीका-आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए कंबोडिया और जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया जाएंगे।

 

 

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यूएस हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी के पति के साथ मारपीट, बदमाशों ने घर में की तोड़फोड़

 

वाशिंगटन(छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi) के घर में घुसकर कुछ दबंग लोगों उनके पति पर हमला कर दिया। पति के साथ मारपीट के अलावा आरोपियों ने उनके घर में भी तोड़फोड़ की। यूएस स्पीकर के कैलिफोर्निया स्थित आवास पर ये हमला शुक्रवार सुबह तड़के हुआ। हमले के वक्त नैन्सी पेलोसी घर पर नहीं थी।

शुक्रवार को अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी के पति पॉल पेलोसी पर हमले के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। नैन्सी पेलोसी के प्रवक्ता ड्रू हैमिल ने कहा कि उनकी हालत ठीक है वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। हैमिल ने अपने बयान में कहा, "हमलावर हिरासत में है और हमले की वजह की जांच की जा रही है। नैन्सी पेलोसी और उनका परिवार डॉक्टरों काआभारी है।"

अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी के पति पॉल पेलोसी (Paul Pelosi) पर शुक्रवार तड़के युगल के कैलिफोर्निया स्थित घर में तोड़-फोड़ (Nancy Pelosi House Vandalized) के बाद हिंसक हमला किया गया था। नैन्सी पेलोसी के प्रवक्ता ड्रू हैमिल ने कहा कि एक हमलावर ने सैन फ्रांसिस्को में दंपति के घर में घुसकर पॉल पेलोसी पर हिंसक हमला किया। घटना के वक्त नैंसी पेलोसी घर पर नहीं थी। फिलहाल अभी हमले कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। ये पता लगया जा रहा है कि उनके घर घुसपैठ कैसे हुई। ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब अमेरिकी संसद में मध्यावधि चुनाव के लिए 2 हफ्ते से भी कम समय का वक्त बचा है।

नैन्सी पेलोसी अमेरिका की सबसे शक्तिशाली राजनेताओं में से एक हैं। उन्हें 2021 में प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष के रूप में चौथे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया, जिससे वह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद राष्ट्रपति पद के लिए दूसरे स्थान पर रहीं। वहीं 82 वर्षीय पॉल पेलोसी सैन फ्रांसिस्को स्थित एक रियल एस्टेट और उद्यम पूंजी फर्म के मालिक हैं।
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खेरसॉन को फिर से हासिल करने में जुटा यूक्रेन, रूस यहां हारा तो पुतिन को होगा भारी नुकसान

 

 खेरसॉन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। यूक्रेन की सेना ने रूसी कब्जे वाले दक्षिणी शहर खेरसॉन पर हमला तेज कर दिया है। रूस की पकड़ इस इलाके पर कमजोर पड़ने लगी है। रूस ने भी पहली बार माना है कि खेरसॉन में उसके 23 सैनिक मारे गए और 58 अन्य घायल हुए हैं। यूक्रेनी सेना ने ये दावा किया है कि रूस द्वारा नियुक्त अधिकारियों ने शहर छोड़ दिया है। यूक्रेनी सेना पश्चिम से खेरसॉन को घेर रही है और नीपर नदी के पश्चिमी तट पर रूस की तलहटी पर हमला कर रही है जो इस क्षेत्र व देश को विभाजित करती है। खेरसॉन रूस के लिए काफी अहमियत रखता है। खेरसॉन एक बड़ा शिप मैन्युफैक्चरर है, जहां मर्चेंट शिप, टैंकर, कंटेनर शिप, आइसब्रेकर, आर्किट सप्लाई शिप बनाई जाती हैं। 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद से ही इसकी भौगोलिक स्थिति रूस के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम है।

नागरिकों को सुरक्षित इलाके में रेसक्यू कर रही सेना
इसी बीच अब रूस ने खेरसॉन से नागरिकों को रेस्क्यू करने का काम लगभग पूरा कर लिया है। रूसी जनरल सर्गेई अक्स्योनोव ने कहा, "नीपर नदी के बाईं ओर रहने वाले निवासियों को रूस के सुरक्षित क्षेत्रों में रेस्क्यू करने का काम पूरा हो गया है। इससे पहले रूसी जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने खेरसॉन शहर से नागरिकों को निकालने की बात कही थी। ऐसा कहा जा रहा है कि इन इलाकों में यूक्रेनी सेना की पकड़ तेज होती जा रही है।

70 हजार लोगों ने छोड़ा खेरसॉन
क्षेत्र में क्रेमलिन द्वारा नियुक्त गवर्नर व्लादिमीर साल्डो ने बृहस्पतिवार को बताया कि खेरसॉन शहर क्षेत्र के 70,000 से अधिक निवासियों ने हाल के दिनों में शहर छोड़ा है। वहीं यूक्रेन ने खेरसॉन क्षेत्र और उसकी राजधानी को पुनः प्राप्त करने के लिए अपने आक्रामक अभियान को आगे बढ़ाया है। रूसी सेना ने युद्ध के शुरुआती दिनों में उसे अपने कब्जे में ले लिया था।

खेरसॉन पर कब्जे के लिए जीन जान लगा रहा यूक्रेन
खेरसॉन उन चार आंशिक रूप से कब्जे वाले यूक्रेनी प्रांतों में से एक है जिसे रूस ने फरवरी के अंत में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कब्जा करने का दावा किया है। इस इलाके में क्रीमियन प्रायद्वीप का एकमात्र भूमि मार्ग शामिल है, जिसे रूस ने 2014 में जब्त कर लिया था। नीपर नदी का मुहाना एक महत्वपूर्ण आर्थिक धमनी है और यूक्रेन को विभाजित करती है। सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि खेरसॉन शहर पर कब्जे की यह लड़ाई निर्धारित करेगी कि इस युद्ध में किसका पलड़ा अधिक भारी है। अगर यूक्रेन इस हिस्से पर कब्जा करने में सफल होता है तो यह रूस के लिए बेहद घाटे का सौदा होगा।

यूक्रेन पर परमाणु हमले का इरादा नहींः पुतिन
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस का यूक्रेन में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि पहले रूस कई बार आगाह कर चुका है कि वह अपने परमाणु शस्त्रागार सहित रूस की रक्षा के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करने को तैयार है। रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने अमेरिका पर बिना सोच-विचार के तनाव बढ़ाने व माहौल को भड़काने का आरोप लगाया। मारिया जखारोवा ने कहा कि अमेरिका जितना यूक्रेन का समर्थन करेगा, परमाणु शक्तियों के बीच सीधे सैन्य टकराव का जोखिम उतना बढ़ेगा।
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शिया दरगाह पर बंदूकधारियों ने बरसाई गोलियाँ, 20 मरे-40 घायल

 शिराज (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच ईरान की एक शिया दरगाह में बंदूकधारियों ने गोलियाँ बरसाई। हमले में 20  लोगों की मौत हो गई, 40 जख्मी है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।


हमला बुधवार 26 अक्टूबर 2022 को दक्षिणी ईरान के शिराज में स्थित शाह चेराघ दरगाह पर हुआ। इस्लामिक स्टेट ने टेलीग्राम चैनल के जरिए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है, हमले में कम से कम से कम 20 शिया मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। वहीं, स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस हमले में 15 लोगों की मौत हुई है।

जानकारी के मुताबिक  तीन हथियारबंद आतंकवादी स्थानीय समय के अनुसार शाम 5:45 बजे दरगाह में घुसे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, दरगाह में घुसते ही हथियारबंद आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। प्रवर्तन एजेंसियों ने दो आतंकवादियों को पकड़ लिया, जबकि तीसरे की तलाश जारी है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि हमलावर ईरानी नागरिक नहीं हैं।

इस्लामिक स्टेट पहले भी शिया मस्जिद और दरगाहों पर हमले कर चुका है। आतंकियों ने 2017 में ईरानी संसद की इमारत और देश के पूर्व सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खोमैनी के मकबरे को निशाना बनाया था। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि वे इस हमले की साजिश रचने वालों को छोड़ेंगे नहीं।

गौरतलब है कि इस्लामी मुल्क ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाएँ महीने भर से अधिक समय से सड़कों उतर कर प्रदर्शन कर रही हैं। इनमें स्कूल छात्राओं की भी बड़ी संख्या है। इन प्रदर्शनों में भाग लेने वाली छात्र-छात्राओं को पुलिस हिरासत में लेकर मानसिक अस्पतालों में भेज रही है।

महसा अमीनी की हत्या के बाद से महिलाएँ सड़कों पर उतर कर विरोध कर रही हैं। वे हिजाब फेंककर, जलाकर और अपने बालों को काटकर हिजाब के लिए इस्लामी सरकार का विरोध कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खुमेनाई की तस्वीरें भी जलाईं। इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को देश-दुनिया से भर से भारी समर्थन मिल रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 में पुलिस द्वारा मारी गई महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन से 3 अक्टूबर के बीच ईरान के सुरक्षा बलों ने 144 लोगों की हत्या कर दी है। इनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। हालाँकि, मृतकों की वास्तविक संख्या इनसे कहीं अधिक बताई जा रही है।

 


 
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डोनाल्‍ड ट्रंप की कंपनी पर न्‍यूयार्क में मुकदमा शुरू

 न्‍यूयार्क (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमरीका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की कंपनी पर धोखाधडी और कर चेारी के आरोपों के संबंध में न्‍यूयार्क में मुकदमा शुरू हो गया। मीडिया की खबरों के अनुसार ट्रंप संगठन पर 2005 से 2021 के बीच मेनहट्टन में अभियोजनकर्ताओं द्वारा शीर्ष अधिकारियों को दिये गये मुआवजे की राशि छिपाने का आरोप है। ट्रंप संगठन को इस समय डोनाल्‍ड ट्रंप के पुत्र डोनाल्‍ड जूनियर और एरिक ट्रंप चला रहे हैं।

इस बीच, पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने मुकदमे की बात को खारिज कर दिया है और इसे राजनीतिक चाल बताया है हालांकि श्री ट्रंप का नाम इस मामले में शामिल नहीं है।

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सुनक पर भारतीय मूल के लेबर सांसद के ट्वीट से विवाद

 ब्रिटेन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय मूल की लेबर सांसद नादिया व्हिट्टोम ने अपने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना एशियाई प्रतिनिधित्व की जीत नहीं है। सोशल मीडिया पर मामले में प्रतिक्रिया होने पर व्हिट्टोम को अपने ट्वीट को हटाने का निर्देश दिया गया था, लेबर लीडर सर कीर स्टारर के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की।


व्हिट्टोम ने ट्वीट में लिखा था, प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक एशियाई प्रतिनिधित्व की जीत नहीं हैं। वह एक करोड़पति हैं, जो चांसलर के रूप में 1956 के बाद से जीवन स्तर में सबसे बड़ी गिरावट को देखते हुए बैंक के मुनाफे पर करों में कटौती करते हैं। श्वेत, अश्वेत, एशियाई, यदि आप जीवनयापन के लिए काम करते हैं, तो वह आपके पक्ष में नहीं है।

 
 



एक अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन के पहले एशियाई प्रधान मंत्री सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति की संयुक्त संपत्ति 730 मिलियन पाउंड है, जो किंग चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला की अनुमानित 300-350 मिलियन पाउंड की संपत्ति का दोगुना है। उनके पास दुनिया भर में फैली चार संपत्तियां हैं और उनकी कीमत 15 मिलियन पाउंड से अधिक है।

 



व्हिट्टोम के पंजाबी सिख पिता 21 साल की उम्र में बंगा, पंजाब से यूके चले गए। उनकी मां एक एंग्लो-इंडियन कैथोलिक वकील और लेबर पार्टी की पूर्व सदस्य हैं। एक बयान में व्हिट्टोम के कार्यालय ने कहा कि ऋषि सुनक की तरह सुश्री व्हिटोम दूसरी पीढ़ी की ब्रिटिश भारतीय हैं।

 



सुश्री व्हिटोम ऋषि सुनक के चांसलर के रिकॉर्ड की ओर इशारा कर रही थीं कि ब्रिटिश एशियाई समुदायों का प्रभावी राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सभी कामकाजी लोगों के हित प्रधानमंत्री की जातीयता से कहीं अधिक है।

इस बीच लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने सुनक की पहले ब्रिटिश एशियाई प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया और इसे देश के लिए मील का पत्थर बताया।

 



लेकिन इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए बुधवार को स्काई न्यूज के आग्रह पर उन्होंने कहा कि पूरी लेबर पार्टी इसका समर्थन करती है और हम बहुत प्रसन्न हैं।

सुनक की कट्टर आलोचक व्हिट्टोम ने पहले ट्वीट किया था, ऋषि सुनक और उनकी पत्नी 730,000,000 पाउंड की संपत्ति के मालिक हैं। यह किंग चार्ल्स तृतीय की अनुमानित संपत्ति का लगभग दोगुना है। इसे याद रखें, जब भी वह कठिन निर्णय लेने की बात करते हैं, तो काम कर रहे वर्ग के लोग भुगतान करेंगे।

 



व्हिट्टोम 2019 में 23 साल की उम्र में लेबर पार्टी के सदस्य के रूप में चुनी गईं और सबसे कम उम्र की सांसद के रूप में बेबी ऑफ द हाउस बनीं।

 

 

 
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अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव एश्टन कार्टर का निधन, राष्ट्रपति-पूर्व राष्ट्रपति ने जताया शोक

 वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव एश्टन कार्टर का 68 वर्ष की आयु में मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। बता दें कि एश्टन कार्टर ने बराक ओबामा की अध्यक्षता में अमेरिका के 25वें रक्षा सचिव के रूप में कार्य किया था। अमेरिका की सेना में सेवा देने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय पर प्रतिबंध हटाने के लिए उनकी व्यापक सराहना की गई थी।


जो बाइडन व बराम ओबामा ने जताया दुख
पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व पूर्व राष्ट्रपति बराम ओबामा ने भी दुख जताया है। जो बाइडन ने कहा कि जब मैं ऐश कार्टर के बारे में सोचता हूं, तो मैं असाधारण ईमानदारी के व्यक्ति के बारे में सोचता हूं। वहीं, बराक ओबामा ने कहा कि मिशेल और मैं ऐश की पत्नी, बच्चों और उन सभी के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं, जो उनसे प्यार करते हैं। अपनी मृत्यु के समय एश्टन कार्टर हार्वर्ड केनेडी स्कूल में प्रौद्योगिकी और वैश्विक मामलों के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर के निधन पर शोक व्यक्त किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर की मृत्यु को अमेरिका के लिए एक बड़ी क्षति बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर के निधन के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा। उनके साथ काम करना बहुत अच्छा था और हमारे रक्षा संबंधों के प्रबल समर्थक थे। वह एक वैश्विक रणनीतिकार भी थे, जो हमेशा विचारोत्तेजक थे।

सोमवार रात बिगड़ी थी तबीयत
उनके परिवार ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव एश्टन कार्टर को सोमवार रात बोस्टन में अचानक हृदय संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उनका निधन हो गया है। एश्टन कार्टर ने राष्ट्रपति ओबामा के अंतिम रक्षा सचिव के रुप में फरवरी 2015 से जनवरी 2017 तक रक्षा विभाग का नेतृत्व किया था।

 

 

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ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मंत्रिमण्‍डल का किया गठन

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है। जेरेमी हंट वित्तमंत्री बने रहेंगे। बेन वॉलेस रक्षामंत्री होंगे जबकि डोमिनिक राब को उप प्रधानमंत्री और सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री बनाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के बाद ग्यारह दिन पहले ही जेरेमी हंट को वित्तमंत्री नियुक्त किया था। कंजरवेटिव पार्टी के ट्वीट में बताया गया कि डोमिनिक राब को उप प्रधानमंत्री के अलावा कानून मंत्री का भी दायित्व दिया गया है। बेन वॉलेस की रक्षामंत्री के रूप में पुनः नियुक्ति हुई है।

वे जुलाई 2019 में रक्षा मंत्री बनाये गये थे और लिज ट्रस सरकार में भी उन्हें इस पद पर रखा गया था। सुएला ब्रेवरमेन ने एक सप्ताह पहले ही लिज ट्रस मंत्रिमंडल से गृह मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। सुनक मंत्रिमंडल में उन्हें फिर गृह मंत्री का दायित्व दिया गया है। प्रधानमंत्री चुनाव में ऋषि सुनक की प्रतिद्वंद्वी रहीं पेनी मोर्डन्ट हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता बनी रहेंगी। वे प्रिवी काउंसिल की पीठासीन अधिकारी के रूप में काउंसिल की लॉर्ड प्रेसिडेंट की भूमिका भी निभाएंगी। गिलियन कीगन को शिक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है।

नए मंत्रिमंडल में भारतीय मूल के आलोक शर्मा को जगह नहीं मिली है। जेम्स क्लेवर्ली को फिर से विदेशमंत्री बनाया गया है। सितंबर में लिज ट्रस ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया था। साइमन हार्ट ऋषि सुनक मंत्रिमंडल में मुख्य सचेतक होंगे। पहले यह पद वेंडी मॉर्टन के पास था।  कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता के चुनाव के आरंभिक दौर में बोरिस जॉनसन का समर्थन करने के बावजूद नादिम जहावी मंत्रिमंडल में बने रहेंगे। कल बर्किंघम पैलेस में किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करने के बाद ऋषि सुनक अधिकारिक रूप से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं। 

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बांग्लादेश में सित्रांग चक्रवात से करीब दस हजार घरों को नुकसान पहुंचा

 ढाका (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बांग्लादेश में सित्रांग चक्रवात से करीब दस हजार घरों को नुकसान पहुंचा है। आज ढाका में संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री मोहमद इनामुर्रहमान ने बताया कि सरकार ने तूफान से प्रभावित करीब दस लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल अधिकतर लोग अपने-अपने घर वापस जा चुके हैं।

श्री रहमान ने कहा कि कल रात तटवर्ती क्षेत्रों से टकराने के बाद तूफान की गति में बड़ी तेजी से कमी आई। उन्होंने कहा कि इस आपदा में अब तक नौ लोगों के मारे जाने की खबर है। उन्होंने यह भी कहा कि इस चक्रवात के कारण छह हजार हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है और मछली पकड़ने के एक हजार से अधिक जालों को नुकसान हुआ है। इससे पहले, बिजली राज्य मंत्री नसरुल हमीद ने कहा कि चक्रवात सित्रंग के कारण बिजली की व्यवस्था अस्त-व्यस्त है और अस्सी लाख लोगों को बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है, क्योंकि बिजली के खंभों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में बिजली बहाली की कोशिश की जा रही है।

 
 
 

इस बीच, चट्टोग्राम, कॉक्स बाजार और बैरीसाल हवाई अड्डों से आज दोपहर से उड़ान सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। करीब छत्तीस घंटे तक स्थगित रहने के बाद फैली और लांच सेवाएं फिर शुरू हो गईं। 

 

 

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भारत दक्षिण अफ्रीका को उसकी विकास प्राथमिकताओं में सहयोग देने को तैयार : वी. मुरलीधरन

 नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विदेश राज्‍य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा है कि भारत दक्षिण अफ्रीका को उसकी विकास प्राथमिकताओं में सहयोग देने को तैयार है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत, दक्षिण अफ्रीका के टिकाऊ विकास का लक्ष्‍य और एजेंडा 2063 हासिल करने के प्रयासों में भागीदारी के लिए वचनबद्ध है। अफ्रीका में शांति और सुरक्षा पर आठवें डकार अंतरराष्‍ट्रीय फोरम के पूर्ण सत्र में विदेश राज्‍य मंत्री श्री मुरलीधरन ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में युगांडा की संसद में अपने भाषण में भारत-अफ्रीका भागीदारी के लिए 10 सिद्धांतों का उल्‍लेख किया था। उन्‍होंने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच एकजुटता के गहरे संबंध वैश्विक दक्षिण की भागीदारी की रूपरेखा स्पष्ट करते हैं।

श्री मुरलीधरन ने कहा कि आतंकी संगठन और सशस्‍त्र समूह लंबे समय तक अफ्रीका की स्थिरता और प्रभुसत्‍ता के लिए खतरा बने रहे। भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र शांति रक्षक मिशन में अपने शांति रक्षक दल के लगातार योगदान से टकराव के समाधान में अफ्रीका का साथ दिया है। कोविड टीकों के बारे में श्री मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने अफ्रीका समेत विश्‍व के कई देशों में तीन करोड़ 90 लाख टीके निशुल्क दिये हैं। श्री मुरलीधरन शांति और सुरक्षा पर आठवें अंतरराष्‍ट्रीय फोरम में भाग लेने के लिए इस महीने की 24 तारीख से दो दिन के सेनेगल दौरे पर गए थे। 

 

 

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महामारी के समय दुनिया को vaccine दिया! US ने कहा, भारत कोरोना वैक्सीन का महत्वपूर्ण निर्माता

 
वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका (America) का कहना है कि भारत दुनिया के लिए टीकों का एक महत्वपूर्ण निर्माता है। व्हाइट हाउस ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 (corona virus) के खिलाफ टीकों (vaccines) की आपूर्ति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए यह बात कही। व्हाइट हाउस कोरोना वायरस रिस्पांस कोऑर्डिनेटर डॉ आशीष झा ने वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि, भारत अपनी अविश्वसनीय विनिर्माण क्षमता के कारण टीकों का एक प्रमुख निर्यातक रहा है।

भारत ने दुनिया को कोरोना से बचाया
बता दें कि, जब दुनिया में कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी थी, लाखों लोग मारे जा रहे थे, उस समय भारत महामारी के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ था ताकि दुनिया को इस खतरनाक वायरस से बचाया जा सके। भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है। इससे करोड़ों भारतीयों को टीकाकरण में कामयाबी मिली। कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टीटूयट ऑफ इंडिया और एस्ट्रेजेनेका ने किया है, जबकि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन का निर्माण किया है।
कोरोना के खिलाफ जंग
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में डॉक्टर झा ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर क्वाड देशों ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच एक रणनीतिक सुरक्षा संवाद जो बाइडेन प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिए टीकों का एक महत्वपूर्ण निर्माता है।
भारत ने कोरोना वैक्सीन दुनिया को मुहैया कराई
जानकारी के लिए बताते चले की भारत ने पिछले साल 31 दिसंबर तक दुनिया के 97 देशों को कोरोना वैक्सीन की 11.54 करोड़ डोज मुहैया कराई थी। पिछले साल 16 जनवरी 2021 को कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू किया था।
भारत ने गरीब देशों को भी वैक्सीन दिया
भारत ने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत अपने पड़ोसी देशों के साथ कई अन्य गरीब देशों को अनुदान के रूप में वैक्सीन भेजी है। इसके अलावा, कई अन्य देशों को वैक्सीन की बिक्री भी की है। साथ ही भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के कोवैक्स कार्यक्रम के लिए भी टीका मुहैया कराया है। बता दें कि, भारत ने जिन जरुरतमंद देशों को कोवैक्सीन उपलब्ध कराई है, उनमें ब्रिटेन, कनाडा, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, भूटान, मालदीव, मैक्सिको प्रमुख रूप से शामिल हैं।
अमेरिका ने कहा....
दुनिया को टीकों की आपूर्ति करने से संबंधित बाइडेन प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए डॉक्टर झा ने आगे कहा कि अमेरिका निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि, लगभग 100 देश ऐसे हैं जो COVAX के माध्यम से मुफ्त टीके प्राप्त करने योग्य हैं। अमेरिका आज भी मुफ्त में टीकें डोनेट करता है। उन्होंने यह भी कहा कि ,कोरोना महामारी के जितने भी वेरिएंट अमेरिका में तबाही मचाई है, वह सारे दुसरे देशों से आए थे।
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जलवायु परिवर्तन की वजह से आने वाले दिनों में आ सकती है महामारी

 अगली महामारी किसी चमगादड़ या जानवर से नहीं, बल्कि दुनियाभर में पिघल रही बर्फ से आ सकती है। यह दावा प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी: बायोलॉजिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में किया गया है। दरअसल क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) की वजह से लगातार ग्लेशियर्स की बर्फ घट रही है, जिसके चलते इसमें जमे वायरस-बैक्टीरिया उजागर हो सकते हैं।

वायरल स्पिलओवर एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें वायरस को एक नया होस्ट मिलता है। होस्ट इंसान, जानवर, पौधे- कोई भी हो सकता है। वायरस होस्ट को संक्रमित करता है, जिससे महामारी फैलने की आशंका होती है। मिट्टी के जेनेटिक एनालिसिस से पता चला है कि दुनिया में तेजी से बर्फ पिघलने के कारण नए वायरस के फैलने का खतरा है।

 

वायरस दुनिया के हर कोने में हैं। इस रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने आर्कटिक सर्कल के सबसे बड़े तालाब लेक हेजन से सैंपल इकट्ठा किए। यह फ्रेशवॉटर लेक कनाडा में स्थित है। इसमें मिलने वाले आरएनए और डीएनए को अब तक मिले वायरस से मैच किया गया। रिसर्चर्स ने बताया कि ग्लेशियर जैसे-जैसे पिघलेंगे, वैसे-वैसे इनमें मौजूद वायरस बाहर आएंगे और हमें संक्रमित करेंगे।

 

रिसर्च में आर्कटिक के इलाके को इसलिए चुना गया क्योंकि यहां की बर्फ दूसरे बर्फीले इलाकों के मुकाबले ज्यादा रफ्तार से पिघल रही है। यहां का तापमान ज्यादा गर्म है और वायरल स्पिलओवर की आशंका भी ज्यादा है।

साल 2021 में एक स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों ने 33 वायरस की खोज की थी। ये पिछले 15 हजार साल से बर्फ में जमे थे। इनमें से 28 वायरस एकदम नए थे यानी इन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था। ये सभी तिब्बत के ग्लेशियर से निकले थे। यह ग्लेशियर ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण पिघल गया है।

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सितरंग ने मचाई तबाही : 7 लोगों की गई जान, यहां के लिए अलर्ट जारी...

 ढाका/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान 'सितरंग' सोमवार सुबह बांग्लादेश के तट से टकरा गया। तट से टकराने के बाद तूफान कई जगह तबाही लेकर आया। कुछ हिस्सों में मकान क्षतिग्रस्त हो गए तो वहीं पेड़ों के गिरने से एक परिवार के तीन सदस्यों सहित कम से कम सात लोगों की जान चली गई है। अधिकारियों ने इस बीच हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया है।


स्थानीय मीडिया के अनुसार मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। आपदा मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष के प्रवक्ता ने बताया कि बरगुना, नरैल, सिराजगंज जिलों और भोला के द्वीप जिले तूफान सितरंग से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वहीं, कॉक्स बाजार तट से हजारों लोगों और पशुओं को निकाला गया है।

28 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया
कॉक्स बाजार तट से कम से कम 28,155 लोगों और 2,736 मवेशियों को निकाला गया है और सोमवार शाम 6 बजे तक चक्रवात आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि 576 आश्रयों को तैयार किया गया है क्योंकि चक्रवात सितरंग बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा था।

पश्चिम बंगाल में हो रही तेज बारिश
तूफान सितरंग तेज रफ्तार से उत्तर पूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है। गहरे दबाव बनने के चलते पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर के तटीय जिलों में तेज बारिश शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटों के दौरान त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है। वहीं मछुआरों को आज समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

बंगाल की सीएम ममता ने लोगों से की अपील
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को चक्रवात सितरंग के चलते लोगों से खास अपील की। उन्होंने लोगों से बेवजह घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। सीएम ने कहा कि जब तक कि चक्रवात का प्रभाव खत्म नहीं हो जाता, लोग घर से बाहर न निकलें। ममता ने बताया कि चक्रवात से खासकर सुंदरवन व इसके आसपास के तटवर्ती इलाकों के प्रभावित होने की आशंका है।

 

 

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अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में मनाई दीपावली

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिवाली उत्सव को अमरीकी संस्कृति का आनंददायक हिस्सा बनाने के लिए अपने देश के एशियाई अमरीकी समुदाय को धन्यवाद दिया है। उन्होंने अमरीका, भारत और  संपूर्ण विश्व में कल दिवाली के अवसर पर दीपोत्सव मनाने वाले एक अरब से अधिक हिन्दुओं, जैन, सिख और बौद्ध धर्मावालंबियों को त्यौहार की बधाई दी।

व्हाइट हाउस में दिवाली के कार्यक्रम में श्री बाइडेन ने कहा कि वे इसकी मेजबानी करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। पहली बार व्हाइट हाउस में बड़े स्तर पर दिवाली स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री बाइडेन ने कहा कि अमरीका में अब एशियाई अमरीकी समुदाय पूर्ववर्ती इतिहास  के मुकाबले सबसे अधिक है।

 

उऩ्होंने कहा कि व्हाइट हाउस में आधिकारिक तौर पर दिवाली स्वागत समारोह की मेजबानी करते हुए हम अमरीकी इतिहास में सबसे अधिक विविधता वाले प्रशासन के सदस्यों के बीच दिवाली के दिये को प्रज्ज्वलित करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। इसका नेतृत्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस कर रही हैं जो इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत अमरीकी और दक्षिण एशियाई अमरीकी हैं।

 

श्री बाइडेन ने पूरे अमरीका में दक्षिण एशियाई समुदाय की ओर से प्रदर्शित असाधारण आशावाद, साहस और संवेदना के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। बाइडेन प्रशासन में काम करने वाले भारतीय अमरीकी समुदाय के बहुत से लोग कार्यक्रम में मौजूद रहे।

 

 

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भारतवंशी ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने

ब्रिटेन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। 42 साल के भारतवंशी ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए। सुनक ने बकिंघम पैलेस पहुंचकर किंग चार्ल्स से मुलाकात की। किंग ने उन्हें अपॉइंटमेंट लेटर सौंपा और नई सरकार बनाने को कहा। किंग और सुनक की मुलाकात पैलेस के रूम नंबर 1844 में हुई। परंपरा के मुताबिक, सुनक पर्सनल कार से बकिंघम पैलेस पहुंचे थे।

बकिंघम पैलेस से ऋषि प्राइम मिनिस्टर की ऑफिशियल कार से ऑफिशियल रेसिडेंस 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे। यहां उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री देश के नाम पहला संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा- देश इस वक्त मुश्किल में है। हमें इससे मिलकर निजात पाना है।

सुनक ने कहा- मैं अभी किंग से मिलकर आया हूं। उन्होंने मुझे नई सरकार बनाने को कहा है। आप जानते हैं कि इस वक्त हमारी इकोनॉमी मुश्किल दौर में है। कोविड की वजह से पहले ही दिक्कत थी। पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करके हालात और खराब कर दिए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस हालात सुधारना चाहती थीं, उन्होंने बिना थके काम किया, लेकिन गलतियां हुईं। अब हम इन्हें सुधारेंगे।

सुनक ने आगे कहा- मैं इस देश को फिर एकजुट करूंगा। ये मैं सिर्फ कह नहीं रहा हूं, बल्कि करके भी दिखाऊंगा। दिन-रात आपके लिए काम करूंगा। उन्होंने आगे कहा- 2019 में कंजर्वेटिव पार्टी को समर्थन मिला था। यह किसी एक शख्स के लिए नहीं था। हेल्थ, बॉर्डर प्रोटेक्शन और आर्म्ड फोर्सेस के लिए काम किया जाएगा।

आज हमारे सामने कई चैलेंज हैं। बतौर चांसलर मैंने जो काम किए, वह जारी रखूंगा। देश के लोगों की बेहतरी को सियासत से ऊपर रखा जाना चाहिए। आपके खोए हुए कॉन्फिडेंस को लौटाया जाएगा। रास्ता मुश्किल जरूर है, लेकिन हम फासला तय करेंगे।

 

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इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से झटका, EC के फैसले के खिलाफ याचिका की खारिज

 

इस्लामाबाद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। चुनाव आयोग ( Election commission) के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court) ने भी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका दे दिया है। हाईकोर्ट ने सोमवार को इमरान खान की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने खान को तोशाखाना मामले में 5 साल तक चुनाव लड़ने पर अयोग्य ठहराया था। आयोग के फैसले के खिलाफ इमरान खान के वकील अली जफर ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी जिसे कोर्ट के जज ने आज खारिज कर दिया।

इमरान की गुहार का असर नहीं
इस याचिका में इमरान खान ने अयोग्यता के फैसले को तुरंत निलंबित करने की कोर्ट से गुहार लगाई थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया, हालांकि यह भी कहा कि उन्हें इस महीने होने वाले आगामी एनए-45 उपचुनाव में लड़ने के लिए किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

तोशाखाना विभाग के बारे में जाने
पाकिस्तान में साल 1974 में किया गया तोशाखाना विभाग कैबिनेट डिवीजन के कंट्रोल वाला एक विभाग है। इसका उद्देश्य देश के नेताओं,सांसदों, नौकरशाहों, अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, विदेशी गणमान्य लोगों द्वारा कीमती उपहारों करना है। जो व्यक्ति उपहार को अपने पास रखना चाहते हैं, उन्हें एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है।

तोशाखाना मामला
खबर के मुताबिक जब इमरान खान ने उपहारों को अपने पास रखा था, उस वक्त उपहार राशि का 20 प्रतिशत देना होता था। रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2018 में नियमों को संशोधित किया गया था जिसमें इन उपहारों को बनाए रखने के लिए 50 फीसदी के भुगतान की आवश्यकता थी। इमरान पर आरोप है कि उन्होंने तोशाखाना की तोहफे में दी गई तीन घड़ियां एक स्थानीय डीलर रो 15.4 करोड़ रुपये से ज्यादा में बेची थी।

इमरान पर आरोप
इमरान खान पर सरकार को विदेशों से मिले दो गिफ्ट को बेचकर फंड इकट्ठा करने का आरोप है। इमरान खान के खिलाफ ये मामला सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के सांसद राजा अशरफ ने दायर किया था। सांसद द्वारा दायर याचिका में ये दावा किया था कि इमरान खान ने तोशेखान मामले में बेचे गए गिफ्ट की जानकारी छिपाई थी। हालांकि इसकी सफाई में इमरान खान का कहना है कि उन्‍होंने किसी भी नियम का उल्‍लंघन नहीं किया है। इस मामले में इमरान खान के वकील की तरफ से कहा गया है कि सरकार की तरफ से इमरान खान के खिलाफ गलत साक्ष्‍य और दलीलें पेश की गई हैं।

अब इमरान का क्या होगा?
पाकिस्तान सूचना आयोग (पीआईसी) द्वारा ऐसा करने का आदेश देने के बावजूद, पीटीआई, सरकार में रहते हुए, 2018 में अपना पद संभालने के बाद से इमरान को दिए गए उपहारों के विवरण का खुलासा करने से हिचक रही थी। पीटीआई ने दावा किया कि अगर इन उपहारों का खुलासा हुआ तो इससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। इसके बाद चुनाव आयोग ने 29 अगस्त को अपनी सुनवाई में पीटीआई अध्यक्ष से 8 सितंबर तक लिखित जवाब मांगा था। वहीं, इमरान खान ने कहा कि वह नेशनल असेंबली को भंग करने और देश में मध्यावधि चुनाव की घोषणा करने के लिए दबाव बनाने को लेकर अगले सप्ताह अपने विरोध प्रदर्शन की तारीख का ऐलान करेंगे। इमरान को शुक्रवार को पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ECP) ने देश के उपहारों की बिक्री से प्राप्त धन के बारे में सूचित करने में विफल रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इसे तोशाखाना मामले के रूप में भी जाना जाता है।
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अरबपति होने के बावजूद सादगी से हुई थी ऋषि सुनक की शादी, भारतीय पत्नी अब होंगी ब्रिटेन की नंबर-2


लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन को अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया है। बोरिस के नाम वापस लेने के बाद भारतीय मूल के ऋषि सुनक का मुकाबला पेनी मॉर्डन्ट से चल रहा था। आखिरी वक्त में पेनी ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद से ही सुनक का नाम लगभग तय हो गया था। ऋषि सुनक की भारतीय पत्नी अक्षता सुनक अब ब्रिटेन में नंबर-2 स्थान रखने वाली बन गई हैं। दिलचस्प बात ये है कि अक्षता सुनक के पास भारतीय नगारिकता है। ऋषि सुनक के ब्रिटेन का पीएम होने के बावजूद अक्षिता ने अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है। ऋषि और अक्षता के बीच दोस्ती कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड में शुरू हुई। धीरे-धीरे इनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और 4 साल बाद दोनों ने शादी कर ली।

2009 में हुई थी ऋषि-अक्षता की शादी
ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की शादी को 13 साल पूरे हो चुके हैं। अक्षता मूर्ति अरबपति इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और शिक्षिक, लेखिक और समाजसेवी सुधा मूर्ति की बेटी हैं। ऋषि सुनक जब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे तभी उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई थी। अक्षता मूर्ति एक फैशन डिजाइनर हैं, उन्होंने भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की थी।

बेहद साधारण तरीके से हुई थी ऋषि-अक्षता की शादी
चार साल तक एक दूसरे को डेट करने के बाद इन दोनों ने 30 अगस्त 2009 को बैंगलोर में पारंपरिक तरीके से शादी कर ली। हम जानते हैं कि भारत में शादियां एक जुनून है। हर बड़ी हस्ती की शादी जबरदस्त कवरेज लिए होती है। शादी को लेकर ऐसा माहौल क्रिएट हो जाता है कि महीनों तक उसके चर्चे होते हैं। लेकिन यहां कुछ ऐसा नहीं हुआ। वे चाहते तो शादी में देश का सबसे बड़े वेडिंग प्लानर्स को काम पर रख सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा बिल्कु नहीं किया। उनकी शादी बेहद पारंपिक तरीके से हुई।

कुंबले-द्रविड़ भी सुनक की शादी में शामिल हुए
अरबों की संपत्ति होने के बावजूद भी मेहमानों के लिए शादी में साधारण दक्षिण भारतीय खाना परोसा गया था। यह भी दिलचस्प है कि शादी में आमतौर पर जैसे दुल्हे-दुल्हन का पूरा परिवार सोने और हीरे के आभूषणों से लदा होता है, यहां कुछ भी वैसा नहीं था। न ही कशीदाकारी वस्त्र न ही कोई भड़कीला मेकअप। सब कुछ साधारण और बेहद प्राकृतिक दिखने वाला साधारण आम दक्षिण भारतीय परिवार की तरह इनकी शादी हुई। इस लगभग 500 लोग शादी में शामिल हुए थे। यह शादी भले ही अत्यधिक साधारण तरीके से संपन्न हुई हो मगर इसमें विप्रो चेयरमैन सहित अन्य कई चर्चित हस्तियों ने हिस्सा लिया था। विवाह समारोह में राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

ऋषि से मिलकर बदला नारायणमूर्ति का मन
शादी से पहले जब अक्षता ने अपने और ऋषि के बारे में पिता नारायण मूर्ति को बताया, तब वो बहुत उत्साहित नहीं हुए। लेकिन कुछ महीनों बाद ऋषि से मिलने के बाद उनकी सोच पूरी तरह बदल गई और उन्होंने दोनों के रिश्ते के लिए हामी भर दी। सुधा मेनन की क़िताब 'लिगेसी : लेटर्स फ्रॉम एमिनेंट पैरंट्स टू देयर डॉटर्स' में नारायण मूर्ति लिखते हैं, "मैंने ऋषि से मुलाकात की और उनमें वह सब कुछ पाया, जो तुमने बताया था। बेहद शानदार व्यक्तित्व, सुंदर और सबसे महत्वपूर्ण बात कि ईमानदार। मैं समझ गया कि उन्होंने तुम्हारा दिल क्यों चुरा लिया। तब जाकर कहीं मैं तुम्हारा प्यार उसके साथ साझा करने के लिए ख़ुद को राजी कर सका।"
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