दुनिया-जगत

फिनलैंड में मिली 6000 साल पुरानी कब्र, बाज के पंख और कुत्ते की फर के साथ दफनाया गया था बच्चा

 

फिनलैंड (छत्तीसगढ़ दर्पण)। फिनलैंड के जंगल में पुरातत्वविदों को एक बच्चे की कब्र मिली है। इस बच्चे की कब्र पाषाण युग की बताई जा रही है। हालांकि इस क्रब में बच्चे की दांतों के अलावा कोई और हड्डी नहीं मिली है। ये दांत 6,000 साल पहले, मेसोलिथिक काल के बताए जा रहे हैं। पथरीली सड़क के नीचे मिली इस कब्र में कुछ ऐसी भी चीजें भी मिली हैं जिसने पुरातत्विविदों की जिज्ञासाएं बढ़ा दी हैं।

जानवरों के फर और पक्षियों के पंख मिले
पुरातत्विदों को कब्र से कुछ जानवरों के फर और पक्षियों के पंख मिले हैं. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये उस समय के अंतिम संस्कार के रीति-रिवाजों में से एक हो सकता है। इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण मिल भी चुके हैं। PLOS ONE जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, फिनलैंड की मिट्टी अम्लीय है, जिसमें मानव अवशेष ज्यादा लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रह पाते हैं। यही वजह है कि लंबे वक्त से दफन अवशेषों के बारे में कुछ हासिल करना बेहद मुश्किल हो जाता है।

दस साल के बच्चे की मिली दांत
पुरातत्विदों की टीम को वहां से कंकाल मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी, इसलिए उन्होंने कब्र से माइक्रोपार्टिकल्स की खोज की और उन्हें वहां से जो भी मिला वह उम्मीद से ज्यादा मिला। शोध की लेखक क्रिस्टीना मनेरमा ने कहा कि दांतों की जांच से पता चला कि मृतक एक बच्चा था। इस बच्चे की उम्र लगभग 10 साल होगी। दांतों की रेडियोकार्बन डेटिंग करना संभव नहीं था, इसलिए शोधकर्ताओं ने बच्चे के साथ दफन की गईं पत्थर की कलाकृतियों के आधार पर कब्र की उम्र का पता लगाया।

शोधकर्ताओं ने लगाया अनुमान
शोधकर्ताओं को दो क्वार्ट्ज के तीर मिले जो मेसोलिथिक काल की भौतिक संस्कृति के अनुरूप थे। इस कब्रगाह को मजूनसुओ के नाम से जाना जाता है, जहां से पक्षी के पंख भी मिले। इनमें से सात पंख एक जलपक्षी के थे, जिससे यह पता चलता है कि या तो बच्चे ने पंखों से बना कोट पहना होगा या उसे पंखों के बिस्तर पर लिटाकर दफनाया गया होगा। शोधकर्ताओं को बाज के पंख वाला बारबुल भी मिला है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि बाज के पंखों का इस्तेमाल कब्र या मृत बच्चे के कपड़ों को सजाने के लिए किया जाता रहा होगा।

अंतिम संस्कारों के बारे में मिली अहम जानकारी
इसके साथ ही शोधकर्ताओं को क्रब से से कुत्ते जैसे किसी जानवर के तीन बाल भी मिले हैं। हालांकि भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये बाल कुत्ते के हैं या भेड़िए के हैं। हालांकि, माजूनसुओ साइट से कु्त्ते का कोई दांत नहीं मिला जिससे लगता है कि बच्चे को शायद पूरे जानवर के साथ नहीं, बल्कि सिर्फ उसकी फर के साथ दफनाया गया होगा। इन फरों का इस्तेमाल कपड़े या कब्र के सामान के रूप में किया गया होगा। क्रिस्टीना का कहना है कि इन सबसे हमें पाषाण युग में होने वाले अंतिम संस्कारों के बारे में अहम जानकारी मिलती है। इससे पता लगता है कि तब के लोग मृत्यु के बाद की यात्रा के लिए बच्चे को किस तरह तैयार करते थे।
 
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मनी लॉन्ड्रिंग केस: जल्द भारत लाया जा सकता है आर्म्स डीलर संजय भंडारी, UK कोर्ट ने दी मंजूरी

 

लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हथियार डीलर संजय भंडारी को भारत प्रत्यर्पित करने के मामले में बड़ी खबर आई है। यूनाइटेड किंगडम में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने सोमवार को विवादास्पद हथियार डीलर संजय भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय भंडारी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया गया है। एजेंसी भारत सरकार की ओर से यूके की अदालत में केस लड़ रही थी।

संजय भंडारी पर आरोप क्या हैं?
भंडारी को जुलाई 2020 में प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। भंडारी ने इसके खिलाफ वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपील की थी। सीबीआई और ईडी की तरफ से संजय भंडारी के खिलाफ भारत में मनी लान्ड्रिंग यानी गलत तरीके से विदेशों में पैसे भेजने के आरोप लगाए गए हैं। टैक्स देने से बचा जा सके, इसके लिए संजय भंडारी ने अपने दोस्तों की मदद से काफी पैसा बाहर भेजा। इस वजह से राष्ट्रीय खजाने को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। ईडी ने 1 जून, 2020 को संजय भंडारी और अन्य सह-साजिशकर्ताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उनके द्वारा विदेशी अधिकार क्षेत्र में बनाई गई विभिन्न कंपनियां भी शामिल थीं।

भगोड़ा साबित कर चुकी है भारत सरकार
बता दें कि ब्रिटेन में होने के कारण उसे भारत सरकार पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है। उसके बाद से ही उसे भारत लाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए भारत सरकार ने प्रत्यर्पण की अपील ब्रिटेन से की थी। 16 जून 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद 15 जुलाई 2020 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उसे अदालत ने 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने, मध्य लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने समेत सात शर्तों के साथ जमानत दी गई थी।

रॉबर्ट वाड्रा संग संजय भंडारी का कनेक्शन!
सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की जांच में रॉबर्ट वाड्रा और संजय भंडारी के बीच संबंध स्थापित हुए थे। रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं। वाड्रा के खिलाफ लंदन में भंडारी से बहुत सस्ते दाम पर बंगला खरीदने की जांच भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। इसके अलावा साल 2016 में आयकर विभाग संजय भंडारी से रॉबर्ट वाड्रा की 2012 के फ्रांस ट्रिप को लेकर भी कई सवाल पूछ चुका है। हालांकि रॉबर्ट वाड्रा, संजय भंडारी संग कोई भी व्यापारिक संबंध होने से इनकार करते रहे हैं।

रक्षा सौदों में रिश्वत लेने का आरोप
जांच एजेंसी के अनुसार, जांच के दौरान, यह पता चला कि संजय भंडारी के हिस्सेदारी यूएई, पनामा सहित अन्य देशों की कंपनियों में हैं। आयकर विभाग के मुताबिक भंडारी ने विदेशी संपत्ति को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। इस सब के अलावा संजय भंडारी पर रक्षा सौदों में रिश्वत लेने का आरोप भी है। यूपीए सरकार के जामने में हुई कुछ डीलों को लेकर वो विवाद है जिसमें संजय भंडारी का नाम भी सामने आया है। भारतीय वायुसेना को 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की आपूर्ति का ठेका दिलाने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में संजय भंडारी का नाम आ चुका है।
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पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के भाई तालिबान की हिरासत में, दुबई भागने की फिराक में थे, फ्लाइट से उतार लिया

 

अफगानिस्तान (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के भाई महमूद करजई को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है। स्थानीय मीडिया खामा प्रेस के अनुसार तालिबान की खुफिया एजेंसी ने उन्हें उस समय पकड़ा जब वे दुबई जाने की तैयारी कर रहे थे और एरियाना एयरलाइंस में बैठने जा रहे थे। महमूद करजई अफगानिस्तान के बड़े बिजनेसमैन में से एक हैं। इस गिरफ्तारी के पीछे का कारण पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई द्वारा तालिबान की आलोचना करना माना जा रहा है।

तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व अर्बन डेवलपमेंट एंड लैंड मिनिस्ट महमूद करजई पर कानूनी मामलों के चलते विदेश जाने से रोक है। तालिबान के प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े एक शख्स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, 'महमूद करजई को काबुल एयरपोर्ट से तालिबान की खुफिया सर्विस ने हिरासत में ले लिया। वह दुबई जाने वाली एरियाना एयरलाइन फ्लाइट पर सवार होने वाले थे।'

हामिद के बयानों से तालिबान है नाराज

बताया जा रहा है कि हामिद के बयानों से तालिबानी काफी आहत हुए हैं। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई काफी समय से महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने को लेकर तालिबान सरकार की आलोचना करते रहे हैं। साथ ही वह तालिबान से 'समावेशी' सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय प्रतिरोधी बलों (NRF) और अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के बीच पंजशीर में संघर्ष के लिए तालिबान को फटकार लगाई है। देश में बढ़ती हत्याओं के बीच उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि जब रक्तपात बंद होना चाहिए।

सरकारी जमीन कब्जा करने का आरोप

गौरतलब है कि दक्षिणी कंधार प्रांत में महमूद करजई आधुनिक वाणिज्यिक शहर ऐनो मीना में एक प्रमुख शेयरधारक हैं। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने उन पर उनके भाई हामिद करजई की अध्यक्षता के दौरान ऐनो मीना शहर बनाने के लिए सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। मालूम हो कि हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला अफगानिस्तान के दो बड़े नेता हैं, जो तालिबान की ओर से अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद भी देश में बने रहे।
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झील में क्रैश हुआ प्लेन, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी...

 बुक़ोबा/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। तंजानिया में रविवार को एक यात्री विमान हादसे का शिकार हो गया। बुक़ोबा शहर में लैंडिंग के दौरान यात्री प्लेन विक्टोरिया झील में डूब गया। इस विमान में 49 यात्री सवार थे। अब तक इसमें से 23 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार मवांजा ​​से बुकोबा जा रहे प्रेसिजन एयर के विमान में 49 यात्री सवार थे और अब तक 23 को बचा लिया गया है। तंजानिया की पुलिस ने बताया कि एक यात्री विमान खराब मौसम की वजह से रविवार तड़के विक्टोरिया झील में गिर गया। प्लेन को उत्तर पश्चिमी शहर बुकोबा में लैंड करना था, उसी दौरान ये हादसा हुआ है। इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि यात्रियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

 

 

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बदमाशों ने बार में बरसाई गोलियां, 12 घायल...

 नई दिल्ली/फिलाडेल्फिया (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका में एक बार फिर गोलीबारी की घटना सामने आई है। फिलाडेल्फिया के केंसिंग्टन और एलेघेनी इलाके स्थित एक बार में कुछ बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी जिसमें 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हालांकि अभी अमेरिकी पुलिस ने घटना की विस्तृत जानकारी नहीं दी है।

अमेरिका में आए दिन गोलीबारी की खबरें सामने आ रही हैं। पिछले महीने 13 अक्तूबर को दक्षिणी अमेरिकी राज्य उत्तरी कैरोलिना से भी ऐसी ही खबर सामने आई थीं। जानकारी के मुताबिक, शाम पांच बजे के बाद यहां के एक रिहायशी इलाके में गोलीबारी हुई, जिसमें एक ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दुख भी जताया था।

वहीं इससे पहले फ्लोरिडा के टाम्पा शहर में हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और छह घायल हो गए। गोलीबारी स्थानीय समयानुसार नौ अक्टूबर को सुबह करीब तीन बजे हुई थी।

 

 

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अंतरिक्ष में कैसे होगा प्रजनन? जानने के लिए स्पेस स्टेशन में बंदर भेजेंगे चीनी वैज्ञानिक

 

चीन, नया अमरीका बनने की राह पर है। न सिर्फ जमीन बल्कि आकाश में भी वह अमेरिका की बराबरी करना चाहता है। इसके लिए वह नित दिन नए-नए प्रयोग करने में जुटा हुआ है। इसकी क्रम में चीन का एक और प्रयोग कर रहा है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दरअसल चीन अपने नए तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन में बंदरों को भेजने की योजना बना रहा है। चीन बंदरों को भेजकर यह समझना चाहता है कि बंदर शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण में कैसे बढ़ते हैं और कैसे प्रजनन करते हैं।

सबसे बड़े मॉड्यूल में होगा प्रयोग
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में वैज्ञानिक झांग लू का हवाला दिया गया है। झांग लू अंतरिक्ष स्टेशन के लिए वैज्ञानिक उपकरणों का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने बताया कि ये रिसर्च अंतरिक्ष स्टेशन के सबसे बड़े मॉड्यूल में की जाएगी, जिसका इस्तेमाल लाइफ साइंस एक्पेरिमेंट के लिए किया जाएगा। डॉ. झांग लू ने कहा कि, "ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी और अन्य अंतरिक्ष वातावरण के लिए जीव के अनुकूलन के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।"

बड़ी प्रजातियों के प्रजनन का होगा मूल्यांकन
झांग लू ने कहा कि वर्तमान में शैवाल या मछली या फिर घोंघे ही हैं जो कि जैविक परीक्षण कैबिनेट के मॉड्यूल के भीतर फिट बैठ सकते हैं। लेकिन इसे विस्तारिक और कॉन्फिगर किया जा रहा है। झांग लू के मुताबिक पहले की रिसर्च ने अंतरिक्ष में छोटी प्रजातियों के प्रजनन का मूल्यांकन किया है। इन शोधों में जेब्राफिश और कीड़ें शामिल होते थे। शोधकर्ताओं के अनुसार, चूहों और प्राइमेट जैसे अधिक जटिल जानवरों पर इस तरह के रिसर्च में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

सोवियंत संघ ने स्पेस में प्रजनन के लिए भेजे थे चूहे
इससे पहले शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के शोधकर्ताओं ने कुछ चूहों को 18 दिनों के संभोग प्रयोग के लिए अंतरिक्ष में भेजा था। इस दौरान कुछ चुहिया पहले से गर्भवती भी थीं, लेकिन पृथ्वी पर लौटने के बाद किसी भी चुहिया ने बच्चे को जन्म नहीं दिया था। शोधकर्ताओं को संदेह हुआ कि ब्रह्मांडीय किरणों के लंबे समय तक संपर्क, जो पृथ्वी की तुलना में कक्षा में सैकड़ों गुना अधिक मजबूत होते हैं, शुक्राणु और अंडों की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा कुछ जमीनी प्रयोगों ने यह भी सुझाव दिया कि गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति अंडकोष और कुछ अन्य प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है, लेकिन कुछ नए अध्ययनों ने अधिक सकारात्मक परिणाम दिए हैं।

गुरुत्वाकर्षण परिवर्तन का शुक्रानुओं पर नहीं पड़ता प्रभाव
नासा के एक प्रयोग में पाया गया कि गुरुत्वाकर्षण परिवर्तन और विकिरण का मानव शुक्राणु पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्या अंतरिक्ष में बंदर संभोग कर पाएंगे यह अभी अनिश्चित है। बतादें कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में संभोग करते समय इन विशाल जानवरों को कई सारे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि अंतरिक्ष स्टेशन तक रॉकेट की सवारी बंदरों को डरा भी सकती है। परीक्षण के दौरान बंदरों को खिलाने और उनके मल के निपटान की चुनौतियों पर शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाश डाला जा रहा है।

अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन कर रहा चीन
बंदरों की देखभाल कैसे करें और उन्हें खुश और आरामदायक कैसे रखें, यह अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक नई चुनौती होगी। यह भी कहा जा रहा है कि चूंकि यह यौन व्यवहार को प्रभावित कर सकता है, इसलिए बंदरों को उनके अंतरिक्ष स्टेशन के आवासों में आराम से और आरामदायक तरीके से रखा जाना चाहिए। बतादें कि चीन वर्तमान में एकमात्र देश है जो अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन कर रहा है। वर्तमान में, तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन तीन अंतरिक्ष यात्रियों का घर है, जहां चेन डोंग, काई ज़ुएज़, और लियू यांग नाम के दो पुरुष और एक महिला रह रहे हैं।
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15 की मौत : कैफे में लगी आग, रेस्क्यू टीम ने 200 लोगों को बचाया; सिगरेट जलाने वाली गन से फैली आग

 कोस्त्रोमा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रूस के कोस्त्रोमा शहर में एक कैफे में शनिवार को आग लगने से 15 लोगों की जलकर मौत हो गई। कैफे में किसी बात को लेकर दो लोगों के बीच विवाद हो गया था। इसमें एक शख्स ने फ्लेयर गन (सिगरेट जलाने वाली गन) चला दी, जिसके बाद आग लग गई। कैफे में उस समय 200 से ज्यादा लोग मौजूद थे।

सूचना पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने 200 लोगों को बचा लिया। कोस्त्रोमा के गवर्नर सर्गेई सितनिकोव ने कहा कि घटना में 5 लोगों को मामूली चोटें आई हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस उन आरोपियों को तलाश कर रही हैं, जिनके बीच विवाद हुआ था।

 

 

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2024 के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेंगे डोनाल्ड ट्रम्प

 वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फिर से संकेत दिया है कि वह 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेंगे। उन्होंने गुरुवार को आयोवा के सिओक्स सिटी में 8 नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव के लिए एक रिपब्लिकन अभियान रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

 

 

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इजराइल के नए प्रधानमंत्री बनने के करीब हैं नेतन्याहू

 यरुसलम (छत्तीसगढ़ दर्पण)। इजरायली आम चुनावों में करीब 90 फीसद गिनती पूरी हो चुकी है। इसके बाद दिग्गज नेता नेतन्याहू के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना है। नेतन्याहू की पार्टी लिकुड और इसके दक्षिणीपंथी सहयोगियों को स्पष्ट बहुमत मिलने वाले हैं। नेतन्याहू ने पहले से ही अपनी जीत को लेकर पूरा भरोसा जताया था। भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे नेतन्याहू ने वर्ष 2009 के बाद पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की है।

उन्हें उम्मीद है कि उनकी पार्टी लिकुड को सत्ता-विरोधी लहर का फायदा मिलेगा। नेतन्याहू का मुकाबला मौजूदा प्रधानमंत्री येर लैपिड से है। लैपिड को उम्मीद है कि उनकी मध्यमार्गी येश अतिद पार्टी दूसरे स्थान पर रहेगी। रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज को अपनी नवगठित नेशनल यूनिटी पार्टी से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इजरायल की 120 सदस्यीय संसद में बहुमत का जादुई आंकड़ा- 61 सीटें हैं। बता दें कि देश में  पिछले चार चुनावों में किसी को भी स्पष्ट जनादेश नहीं मिला था ।

 

 

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पूर्व पीएम को लगी गोली, काफिले पर हुआ था हमला...

 इस्लामाबाद/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमले की खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक एक रैली के दौरान उनके काफिले पर गोलीबारी हुई है। फायरिंग के दौरान इमरान खान के पैर में गोली लगने की बात भी सामने आई है। हालांकि उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।



स्थानीय मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इमरान खान पाकिस्तान के वजीराबाद में एक रैली कर रहे थे। इसी दौरान उनके कंटेनर के पास गोलीबारी हुई। फुटेज से पता चला है कि 70 वर्षीय खान के दाहिने पैर में चोट लगी है। पुलिस ने इमरान को कंटेनर से बुलेट प्रूफ वाहन में शिफ्ट कर दिया। सूत्रों ने बताया कि एक व्यक्ति को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस ने उसे अज्ञात स्थान पर ले गई है। शुरुआत में यह बताया गया था कि इमरान खान सुरक्षित हैं और कुछ लोग घायल हुए हैं। हालांकि, बाद में पता चला कि इमरान भी घायल हो गए हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि हमले में खान के करीबी सीनेटर फैसल जावेद भी घायल हुए हैं।

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ब्रिटिश PM ऋषि सुनक पहली बार अपने बयान से पलटे, COP27 की बैठक में लेंगे हिस्सा


लंदन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। COP27: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अगले सप्ताह मिस्र में होने वाले जलवायु शिखर सम्मेलन COP27 में भाग लेंगे। बुधवार को उन्होंने ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की है। इससे पहले ऋषि सुनक ने कहा था कि ब्रिटेन में आर्थिक संकट और अन्य घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए शर्म अल-शेख में होने वाली COP27 की बैठक में भाग नहीं लेंगे। लेकिन अब सुनक अपने ही बयान से पलट गए हैं। ब्रिटिश PM ऋषि सुनक ने बैठक में भाग न लेने के फैसले के बाद ब्रिटेन में जलवायु कार्यकर्ताओं के अलावा कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों द्वारा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।


बोरिस जॉनसन के फैसले के बाद बढ़ा दबाव

भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस नेता नितिन राउत हुए घायल, अस्पताल में भर्ती
सरकार में सुनक के सहयोगी और सबसे पुराने भारतीय मूल के सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रधानमंत्री सम्मेलन में शामिल होंगे। आलोक शर्मा ब्रिटेन के COP26 के अध्यक्ष रह चुके हैं। इससे पहले उन्होंने ऋषि सुनक के COP27 की बैठक में भाग न लेने के फैसले की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि जलवायु कार्रवाई के मुद्दे पर ब्रिटिश प्रतिबद्धता जताने के लिए प्रधानमंत्री सुनक का बैठक में उपस्थित होना महत्वपूर्ण है। ग्लासगो में पिछले साल COP26 में विश्व नेताओं की मेजबानी करने वाले पूर्व ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि वह 6 से 18 नवंबर तक होने वाली COP27 की बैठक में भाग लेंगे। इसके बाद ऋषि सुनक पर अपना फैसला बदलने का और दबाव बढ़ गया था।

ऋषि सुनक ने किया ट्वीट

ऋषि सुनक ने ट्वीट किया, जलवायु परिवर्तन पर बिना कार्रवाई के कोई दीर्घकालिक खुशहाली संभव नहीं है। उन्होंने कहा, नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश किए बिना कोई ऊर्जा सुरक्षा संभव नहीं है, इसलिए वह अगले सप्ताह सीओपी27 में भाग लेंगे। सुरक्षित और सतत भविष्य के निर्माण के लिए ग्लासगो की विरासत को पूरा करने के लिए वह बैठक का हिस्सा बनेंगे। विपक्षी लेबर पार्टी ने अपना फैसला पलटने के लिए सुनक पर निशाना साधा है। विपक्षी लेबर पार्टी की जलवायु नीति के प्रवक्ता एड मिलिबैंड ने कहा सुनक ने शर्मिंदगी से बचने के लिए अपना फैसला बदला है। बता दें कि भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव सीओपी27 में 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।


 
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गाम्बिया में 70 बच्चों के मौतों की जिम्मेदार थी भारतीय कंपनी? किस वजह से गई जानें, अब तक नहीं हुआ साबित


 गाम्बिया (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अफ्रीकी देश गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत कफ सीरप पीने से हो गई थी। शुरुआत में गाम्बिया सरकार ने ऐसा दावा किया गया कि इन बच्चों की मौत भारतीय कंपनी के कफ सीरप पीने से हुई है। लेकिन अब इस मामले में गाम्बिया सरकार ने यू-टर्न लेती दिखाई दे रही है। गाम्बिया सरकार ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि भारतीय कफ सीरप की ही वजह उन 70 बच्चों की मौत हुई है। मेडिसिन कंट्रोल एजेंसी के एक प्रतिनिधि ने रॉयटर से यह बात कही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय कंपनी को ठहराया था जिम्मेदार
इससे पहले गाम्बिया में हेल्थ मिनिस्टर अहमदौ लामिन समतेह ने पत्रकारों को बताया था कि भारत में बने कफ सीरफ से बच्चों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पहले यह आंकड़ा 66 था जो कि अब बढ़कर 70 हो चुका है। इसके बाद गाम्बिया के राष्ट्रपति ने कहा कि देश में कफ सीरप पीने पर बैन लगा दिया गया है जिसके बाद से स्थिति नियंत्रण में है। द सोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गाम्बिया में हेल्थ डायरेक्टर मुस्तफा बिट्टाये ने सभी बच्चों की मौत के कारणों की पुष्टि करते हुए बताया था कि इन सभी बच्चों की मौत किडनी की गंभीर दिक्कतों की वजह से हुई है।

भारत ने उठाए थे सवाल?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने देश में इस तरह के सीरप की अनुमति देने के लिए गाम्बिया की स्क्रीनिंग और ऑडिट मानदंडों पर सवाल उठाया है। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा है कि जिन 70 बच्चों की मौत हुई है, उनकी पीएम रिपोर्ट से पता चलता है कि उन्हें ई-कोलाई और डायरिया था, फिर उन्हें कफ सीरप देनी की वजह क्या थी?

WHO चीफ ने भारतीय कंपनी पर लगाया इल्जाम
WHO चीफ डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने भी भारतीय कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स पर ही इन मौतों का इल्जाम लगाया था। WHO ने पिछले महीने मेडिकल अलर्ट जारी कर सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल के चार उत्पादों प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सीरप, मैकॉफ बेबी कफ सीरप और मैग्रीप एन कोल्ड सीरप को बेहद खराब मेडिकल प्रोडक्ट बताया था।

भारतीय सरकार ने उठाए कदम
गाम्बिया में बच्चों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत में केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। स्टेंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में इसका गठन किया गया था। जांच रिपोर्ट आने तक कंपनी का तमाम तरह के निर्माण से जुड़े कार्या बंद कर दिये गये थे। इसके बाद 1, 3, 6 और 11 अक्टूबर को कंपनी के उत्पाद निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान इन जगहों से सैंपल इकट्ठा कर चंडीगढ़ की लैब में भेजा गया था।
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रूस ने Wikipedia पर लिया तगड़ा एक्शन, यूक्रेन समर्थन लेख लिखने के कारण लगाया भारी जुर्माना

 

मास्को (छत्तीसगढ़ दर्पण)। एक रूसी अदालत ने विकिपीडिया पर यूक्रेन में जारी जंग से जुड़े आर्टिकल लिखने को लेकर भारी जुर्माना लगाया है। विकिपीडिया के मालिक विकिमीडिया फाउंडेशन के मुताबिक अदालत ने यूक्रेन युद्ध से संबंधित लेख लिखने के कारण संस्था पर 2 मिलियन रूबल यानी कि 32,600 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना ठोका है। रॉयटर्स के मुताबिक संस्था के प्रमुख स्टानिस्लाव कोज़लोवस्की ने कहा कि रूस ने जिन लेखों को हटाने की मांग की थी, उन्हें नहीं हटाने पर ये जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन इसके खिलाफ अपील करेगा।

दो लेखों के कारण मिली सजा

रूस के कानून के मुताबिक रूसी कम्यूनिकेशन रैग्यूलेटर रोसकोम्नाडज़ोर अगर कोई गलत जानकारी हटाने के लिए कहता है और उसे छापने वाली कंपनी अगर ऐसा नहीं करती तो उसपर 8 मिलियन रूबल या कंपनी के वार्षिक राजस्व का 20 फीसदी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जिन लेखों के कारण ये जुर्माना लगाया गया है उनका शीर्षक था, "रूस के आक्रमण के दौरान यूक्रेन की नागरिक आबादी का अहिंसक प्रतिरोध" और "यूक्रेन पर 2022 में रूस के आक्रमण का मूल्यांकन"। बता दें कि रूस अपने युद्ध को युद्ध नहीं बल्कि विशेष सैन्य अभियान कहता आया है।

अप्रैल में भी लगा था जुर्माना

इससे पहले 26 अप्रैल को एक रूसी अदालत ने विकिमीडिया फाउंडेशन पर इसी तरह के अपराधों के लिए कुल 5 मिलियन रूबल का जुर्माना लगाया था। विकिपीडिया पर आरोप था कि उसने रूसी सेना की कार्रवाई और यूक्रेन में रूस के स्पेशन ऑपरेशन को लेकर गलत जानकारी दी है। बतादें कि इस बीच यूक्रेन पर रूस का हमला लगातार जारी है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की अपनी रणनीति में बदलाव किया है। रूस ने गंभीर झटके के बाद नागरिक बुनियादी ढांचे को लक्षित करके कीव और यूक्रेन के अन्य इलाकों में अपने हमले जारी रखा है। रूस के हमले से कीव में 80 फीसदी से अधिक घरों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो चुकी है। 3.5 लाख घरों की बिजली प्रभावित भी हुई है। इस बढ़ती सर्दी में यह किसी सितम से कम नहीं है। पीने के पानी की भी समस्या भी उत्पन्न हो रही है।
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शेख हसीना ने पूर्व सीनेटर एडवर्ड एम केनेडी को फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया

 ढाका (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में अमरीका के पूर्व सीनेटर एडवर्ड एम केनेडी को मरणोपरान्‍त प्रतिष्ठित फ्रेंड्स ऑफ लिबरेशन वॉर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया। श्री केनेडी ने बंगलादेश मुक्ति संग्राम में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया था। यह सम्‍मान उनके पुत्र एडवर्ड एम टेड केनेडी जूनियर ने ग्रहण किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एडवर्ड केनेडी के महान योगदान को याद करते हुए कहा कि केनेडी सीनियर ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान अमरीका सरकार की भूमिका के बावजूद निर्दोष बंगाली लोगों के नर‍संहार के खिलाफ कडा रूख अपनाया था। उन्‍होंने यह भी कहा कि सीनियर केनेडी ने पाकिस्‍तान को हथियारों की आपूर्ति करने की अमरीका सरकार की नीति का भी विरोध किया था।

 

उन्‍होंने युद्ध समाप्‍त होने तक पाकिस्‍तान को सैन्‍य और आर्थिक सहायता पर रोक लगाने के लिए कडी मेहनत की थी। श्रीमती हसीना ने याद किया कि केनेडी पश्चिम बंगाल में शरणार्थी शिविरों में गये थे, जहां तत्‍कालीन पूर्वी पाकिस्‍तान के लोग बडी संख्‍या में पाकिस्‍तानी सेना के अत्‍याचार से बचने के लिए भाग गये थे।

इससे पहले केनेडी जूनियर ने रविवार को ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना से उनके सरकारी निवास पर अपने परिवार के साथ मुलाकात की। टेड केनेडी जूनियर इस समय बंगलादेश की सात दिन की यात्रा पर हैं।

 

 

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लॉकडाउन के डर से चीन में Apple iphon फैक्ट्री की दीवार फांदकर भाग रहे कर्मचारी

 

बीजिंग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। China Corona Lockdown: दुनिया भर में चाइना के बाद ही कोरोना वायरस फैला और इस महामारी ने लाखों लोगों की जान चली गई। हालांकि कि कोरोना महामारी का कहर अब अन्‍य देशों में बहुत कम हैं लेकिन चाइना अभी भी इस महामारी को झेल रहा है। कोरोना के केस चाइना में एक बार फिर तेजी से फैल चुका है और कई जगहों पर लॉकडाउन भी लगाया गया हैं।

वहीं सोशल मीडिया पर वहां के हालात बयां करता हुआ एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें देश की सबसे बड़ी एप्‍पल कंपनी की फैक्‍ट्री में काम करने वाले लॉकडाउन के खौफ से दीवार फांद कर भागते नजर आ रहे हैं।

फेन्सिंग को फांदकर भागे लोग
दरअसल, ये वीडियो एप्पल iPhone निर्माता फॉक्सकॉन की सबसे बड़ी फैक्ट्री का है। जहां पर काम करने वाले कर्मचारी कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से बचने के लिए फैक्‍ट्री के किनारे कटीले तार लगी फेन्सिंग को फांदकर भागते हुए नजर आ रहे हैं। उसको फांदते हुए कई कर्मचारी घायल भी हुए लेकिन वो अपनी जान बचाकर भाग निकले।

जीरो कोविड पॉलिसी चाइना में हो चुकी है लागू
बता दें चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के अंतर्गत जहां भी कोरोना संक्रमण का केस मिल रहा है वहां पर लॉकडाउन और सख्‍त पाबंदियां लगाई जा रही हैं। एप्‍पल आई फोन की चाइना की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी फॉक्‍सकॉन की फैक्‍ट्री में लॉकडाउन से बचने के लिए ये दीवार फांद कर अपनी जान छुड़ाकर भागे।

2 लाख से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं
गौरतलब है कि चीन के सेंट्रल हेनान प्रांत के Zhengzhou City में मौजूद Foxconn के प्लांट में 2 लाख से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के केस आने के बाद वहां फैली अव्‍यवस्‍थाओं के कारण कर्मचारियों की जिंदगी दूभर हो गई थी। इतना ही नहीं जैसे ही इन्‍हें पता चला कि वहां भी लॉकाडाउन लग सकता हैं तो ये प्रतिबंधों से बचने के लिए वहां से भागना शुरू कर दिया।

झेंगझोऊ में लॉकडाउन के बाद लाखों लोग घरों में हुए कैद
ब‍ता दें आईफोन निर्माता फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी का जो प्‍लांट है वो चीन के झेंगझोऊ के नजदीक हैं। झेंगझोऊ में लॉकडाउन लग चुका है वहां पर लोगों को केवल टेस्‍ट के लिए घर से निकलने की इजाजत है। जरूरी चीजों का निर्माण करने वाले कारखानों के अलावा अन्‍य फैक्टिट्रयों को बंद कर दिया गया है। 10 लाख से अधिक लोग अपने घरों में कैद होकर बैठे हुए हैं।

लोग जान पर खेल कर यहां से भागे
जिसके बाद डर था कि फैक्‍ट्री के क्षेत्र में भी लॉकडाउन लग जाएगा तो लॉकडाउन से बचने के लिए लोग अपनी जान पर खेलकर वहां से भागने लगे। सड़कों पर लोग अपना बैग सिरपर रखकर सैकड़ों किमी दूर पैदल चलकर अपने घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।


Workers have broken out of #Apple’s largest assembly site, escaping the Zero #Covid lockdown at Foxconn in #Zhengzhou. After sneaking out, they’re walking to home towns more than 100 kilometres away to beat the Covid app measures designed to control people and stop this. #China pic.twitter.com/NHjOjclAyU

— Stephen McDonell (@StephenMcDonell) October 30, 2022

Workers have broken out of #Apple’s largest assembly site, escaping the Zero #Covid lockdown at Foxconn in #Zhengzhou. After sneaking out, they’re walking to home towns more than 100 kilometres away to beat the Covid app measures designed to control people and stop this. #China pic.twitter.com/NHjOjclAyU

— Stephen McDonell (@StephenMcDonell) October 30, 2022
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लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने कार्यकाल खत्म होने के बाद राष्ट्रपति निवास छोड़ा

 लेबनान (छत्तीसगढ़ दर्पण)। लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने छह साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद राष्ट्रपति निवास छोड़ दिया है। उनकी जगह अभी नए राष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हुई है। इससे लेबनान में राजनीतिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है और इससे देश की आर्थिक स्थिति खराब होने की संभावना है। श्री आउन का कार्यकाल खत्म होने के बाद लेबनान में कार्यवाहक सरकार चल रही है।

15 मई को संसदीय चुनाव होने के बाद नामित प्रधानमंत्री नजीब मिकाती नया मंत्रिमंडल बनाने में नाकामयाब रहे। श्री आउन और उनके समर्थकों ने चेतावनी दी है कि कार्यवाहक सरकार के पास देश पर शासन करने का पूरा अधिकार नहीं है और संविधानिक संकट पैदा हो सकता है। इस बीच, श्री मकाती ने कहा है कि उऩकी सरकार संविधान के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रहेगी।

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Iran Anti-Hijab Protest: मशहूर शेफ की पीट-पीटकर हत्या! बर्थडे से एक दिन पहले सुरक्षा बलों ने छीन ली जिंदगी!

 

तेहरान (छत्तीसगढ़ दर्पण)।  ईरान (Iran Anti-Hijab Protest) में बुधवार को एंटी हिजाब प्रोटेस्ट के दौरान एक 19 साल का सेलिब्रिटी शेफ (Celebirity chef) मारा गया। वह 27 अक्टूबर को अपना 20वां जन्मदिन मनाने वाला था। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी प्रदर्शन के क्रम में सुरक्षाबलों ने बुधवार (26 अक्टूबर) को सेलिब्रिटी शेफ महरशाद शाहिद (Mehrshad Shahidi) की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसे ईरान का जेमी ओलिवर ( Iran's Jamie Oliver) कहा जाता था। उसकी मौत से उसके फैंस काफी दुखी हो गए हैं। उसके इंस्टाग्राम पर काफी सारे फैन फॉलोइंग थे।

जन्मदिन से एक दिन पहले मशहूर शेफ की हत्या
ईरान में पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए एंटी हिजाब प्रदर्शन ने रफ्तार तो पकड़ ली है लेकिन आए दिन हमें किसी न किसी की मौत की खबर सुनने को भी मिल रही है।बता दें कि,गली, कूचों और सड़कों से होता हुआ यह प्रदर्शन देश से निकल कर विदेशों तक जा पहुंचा है। वहीं, ईरान में स्कूली छात्राएं हिजाब कानूनों को लेकर सड़कों पर उतर आई हैं। इन छात्राओं ने अपने हिजाब और स्कार्फ उतारकर फेंक दिए हैं और सरकार को खुलेआम चुनौती दी हैं। इन सबके बीच ईरान का मशहूर शेफ महरशाद शाहिदी की मौत हो गई।

सुरक्षा बलों ने पीट-पीटकर मार डाला
खबर के मुताबिक अराक शहर में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने 19 साल के महरशाद को हिरासत में लिया और उसकी खोपड़ी पर कई वार किए जिससे उसकी मौत हो गई। महरशाद को लोग ने ईरान का जेमी ओलिवर कहकर पुकारते थे। बता दें कि जेमी ओलिवर एक बड़े सेलिब्रिटी शेफ हैं और उन्हें दुनिया जानती है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, उसके 20वें जन्मदिन से एक दिन पहले उसकी हत्या कर दी गई थी।

प्रदर्शन के क्रम में गिरफ्तार किया, खोपड़ी पर वार किया
मेहरशाद के एक रिश्तेदार ने ईरान इंटरनेशनल टीवी को बताया कि, गिरफ्तारी के बाद मेहरशाद के सिर पर लाठी से प्रहार किया गया, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई। लेकिन सुरक्षा बल उन पर यह कहने के लिए दबाव बना रहे हैं कि, उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है। मेहरशाद के परिवार वालों ने बताया कि सुरक्षा बल ने कहा है कि वे जनता से कहे की उनके बेटे की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई थी न की पीटे जाने की वजह से वह मरा था।

दुनिया मेहरशाद को जानती थी
मेहरशाद शाहिदी के इंस्टाग्राम पर 25,000 फॉलोअर्स थे और उन्हें खाना पकाने के वीडियो के लिए जाना जाता था, जिसे सोशल मीडिया पर साझा किया जाता था। यूजर्स उनके बनाए हुए वीडियो पर लाइक और कमेंट भी करते थे। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को हजारों लोगों ने महरशाद शाहिदी के अंतिम संस्कार के दौरान मार्च किया और ईरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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Inflation:दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां कितनी महंगाई ? 10वें पर भारत, WEO रिपोर्ट में चेतावनी

 

Inflation worldwide 2022 (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट अक्टूबर-2022 के हवाले से कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उम्मीद से ज्यादा गिरावट महसूस की जा रहा है और महंगाई कई दशकों में सबसे ज्यादा है, वार्षिक महंगाई को लेकर वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के डेटा बहुत ही गंभीर हालात बयां कर रहे हैं। इसमें दुनिया की 19 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़े दिए गए हैं, जिनसे स्थिति की संवेदनशीलता सामने आ रही है। इस लिस्ट में भारत को 10वें नंबर पर रखा गया है,जहां वार्षिक महंगाई 7.4% बताई गई है। लेकिन, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, इटली और रूस जैसे देशों में महंगाई भारत से भी ज्यादा दिखाई गई है।

तुर्की और अर्जेंटीना में महंगाई से हालात बदतर
वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स (World of Statistics) ने अपने ट्विटर हैंडल पर जो 19 देशों में सालाना महंगाई के आंकड़े दिए हैं, उसमें सबसे बुरे हालात तुर्की और अर्जेंटीना में हैं। यहां वार्षिक महंगाई दर बढ़कर क्रमश: 83.4% और 83% तक पहुंच चुके हैं। लेकिन, ये भी कम हैरानी की बात नहीं है कि सबसे ज्यादा महंगाई की मार झेल रहे पहले 9 देशों में अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश भी शामिल हैं, जो महंगाई डायन की जाल में बुरी तरह उलझते नजर आ रहे हैं।

अमेरिका, यूके और इटली में हालात भारत से बुरे
वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार सालाना महंगाई वाली लिस्ट में उनके बाद नीदरलैंड-14.5%, रूस, 13.7%, इटली-11.9%, जर्मनी-10.4%, यूके-10.1%, अमेरिका-8.2% और दक्षिण अफ्रीका -7.5% हैं। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और हाल तक ब्रिटेन पांचवीं अर्थव्यस्था था, लेकिन दोनों महंगाई के मोर्चे पर काफी फिसड्डी नजर आ रहे हैं। भारत हाल ही में ब्रिटेन को छोड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है।

महंगाई में भारत 10वें स्थान पर
भारत इस लिस्ट में 7.4% महंगाई दर के साथ 10वें स्थान पर है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया-7.3%, ब्राजील-7.1%, कनाडा-6.9%, फ्रांस- 6.2%, इंडोनेशिया- 5.9%, दक्षिण कोरिया-5.6%, सऊदी अरब-3.1%, जापान 3% और सबसे आखिर में चीन है, जो 2.8% महंगाई दर का सामना कर रहा है। यानि तमाम दबावों के बावजूद चीन और जापान ने अपनी अर्थव्यस्थाओं को काफी कंट्रोल में रखा हुआ है।

Annual inflation:

Turkey: 83.4%
Argentina: 83%
Netherlands: 14.5%
Russia: 13.7%
Italy: 11.9%
Germany: 10.4%
UK: 10.1%
US: 8.2%
South Africa: 7.5%
India: 7.4%
Australia: 7.3%
Brazil: 7.1%
Canada: 6.9%
France: 6.2%
Indonesia: 5.9%
S Korea: 5.6%
Saudi: 3.1%
Japan: 3%
China: 2.8%

— World of Statistics (@stats_feed) October 29, 2022

तय लक्ष्य से ज्यादा महंगाई
हालांकि, भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई दर को 2 से 6% तक रखने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, लेकिन 7.4% की महंगाई दर के आंकड़ों से हालात अलग लग रहे हैं और लगता है कि फिलहाल सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए सारे कदम पूरी तरह से अपने काम का असर नहीं डाल पा रहे हैं। लेकिन, भारत के लिए संतोष की बात ये हो सकती है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी और तमाम लोक कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के केंद्र सरकार के फैसले के बावजूद हम फिर भी अमेरिका-यूके जैसे देशों से बेहतर स्थिति में हैं।

वैश्विक विकास की भी तस्वीर अच्छी नहीं
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट अक्टूबर-2022 की स्थिति के आधार पर बताया कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियां उम्मीद से ज्यादा मंद हैं और इसमें महंगाई कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ रही है। इसकी वजह ज्यादातर क्षेत्रों में जीवन यापन का संकट, वित्तीय परेशानियां, यूक्रेन पर रूस का हमला और कोविड-19 की मार शामिल है। इसने वैश्विक विकास के अनुमानों को 2021 के 6% से घटाकर 2022 के लिए 3.2% और 2023 के लिए 2.7% कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक वित्तीय संकट और कोविड-19 महामारी की दौर को छोड़कर 2001 के बाद ये सबसे बुरा ग्रोथ प्रोफाइल है।

2022 में 8.8% तक जाएगी वैश्विक महंगाई
जहां तक वैश्विक महंगाई की बात है तो आईएमएफ की भविष्यवाणी के मुताबिक 2021 के 4.7% से बढ़कर 2022 में यह 8.8% तक जाएगी, लेकिन 2023 में घटकर 6.5% तक आ जाएगी। यह सिलसिला 2024 में भी जारी रहेगी और वैश्विक महंगाई घटकर 4.1% तक आ जाएगी। (तस्वीरें- सांकेतिक

 

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