German visa fees: जर्मनी ने भारतीयों को दो वीजा श्रेणी में छूट दी, विवरण देखें
थाईलैंड (छत्तीसगढ़ दर्पण)। थाईलैंड का पूर्वोत्तर प्रांत गुरुवार को गोलियों की आवाज से गूंज उठा। यहां एक सामूहिक गोलीबारी में कम से कम 34 लोगों की मौत होने की खबर सामने आ रही है। मीडिया को पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि थाईलैंड के पूर्वोत्तर प्रांत में सामूहिक गोलीबारी में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं। पुलिस उप प्रवक्ता आर्कोन क्रेटोंग ने विदेशी मीडिया से बात करते हुए बताया, कम से कम 34 लोग मारे गए हैं, लेकिन विवरण अभी भी आ रहे हैं। घटना के शुरुआती समय में 20 लोगों के मौत की पुष्टि हुई थी, जो कि अब बढ़कर 34 हो गयी है। ऐसे में गंभीर रूप से घायल लोगों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि मृतकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। बताया रहा है कि थाईलैंड में 34 लोगों को मारने के बाद शख्स ने खुद को भी गोली मार ली है।
बैंकाक/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। थाईलैंड स्थित डे केयर सेंटर में गुरुवार को शूटिंग की घटना हुई। इसमें 34 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 22 बच्चे शामिल हैं। देश के प्रधानमंत्री प्रायुथ चानओचा ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने मामले में घायलों को तुरंत इलाज मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
हैरान हैं प्रधानमंत्री प्रत्युत
थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रत्युत चान-ओ-चा ने गुरुवार को डे केयर में हुई फायरिंग की घटना पर हैरानी जाहिर की। पीड़ित के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर करने के साथ ही उन्होंने मामले में तुरंत जांच के आदेश दे दिए। बता दें कि गुरुवार को यहां के एक डे केयर में ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इसमें 22 बच्चों समेत 34 की जान चली गई।
अपनी पत्नी और बच्चे को भी नहीं बख्शा...
थाइलैंड के उत्तरी प्रांत के नांगबुआ लम्फू में फायरिंग हुई। मिली जानकारी के अनुसार, नर्सरी पर हमला करने वाला पूर्व पुलिस आफिसर था। हमलावर पन्या कामराब (34) ड्रग्स के एक मामले नौकरी से निकाला गया था। फायरिंग की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ने अपनी पत्नी और बेटे को भी नहीं छोड़ा, उनकी भी हत्या कर दी। इस सबके बाद हमलावर कामराब ने खुदकुशी कर ली। पुलिस के अनुसार, गनमैन ने सबसे पहले चाइल्ड केयर सेंटर के 5 स्टाफ को मौत के घाट उतारा। इनमें एक 8 माह की गर्भवती टीचर भी थी।
अमेरिका में भी बढ़ीं आपराधिक घटनाएं
उधर अमेरिका में भी एक भारतीय मूल के परिवार का शव मिला है। तीन दिन पहले इन्हें अगवा कर लिया गया था और आज 8 माह की बच्ची समेत परिवार के चारों सदस्यों का शव बरामद किया गया है।अमेरिका के वर्जीनिया राज्य स्थित हेनरिको काउंटी में स्थित एक भारतीय के रेस्तरां में भी तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। दरअसल यहां के एक रेस्तरां में नस्लभेदी व अश्लील ग्रैफिटी बनाई गई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार के.राजा के रेस्तरां की दीवारों को इन नफरत भरे संदेशों वाली ग्रैफिटी से बर्बाद कर दिया गया। इस रेस्तरां के संचालक टोनी सप्पल भी भारतीय ही हैं।
स्टॉकहोम/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। साल 2022 के लिए नोबल पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। अब तक रसायन, भौतिकी, चिकित्सा और साहित्य के नोबल की घोषणा कर दी गई है। इस साल का नोबेल फ्रेंच लेखिका एनी अर्नो को दिया गया है। एनी का जन्म एक सितंबर 1940 को हुआ था। वे एक फ्रांसीसी लेखक और साहित्य की प्रोफेसर हैं। उनका साहित्यिक कार्य ज्यादातर आत्मकथात्मक, समाजशास्त्र पर आधारित होता है।
नोबेल समिति ने कहा कि अर्नो (82) को यह सम्मान साहस और लाक्षणिक तीक्ष्णता के साथ व्यक्तिगत स्मृति के अंतस, व्यवस्थाओं और सामूहिक बाधाओं को उजागर करने वाली उनकी लेखनी के लिए दिया गया है। स्वीडिश अकादमी के स्थायी सचिव मेट्स माल्म ने स्वीडन के स्टाकहोम में गुरुवार को विजेता के नाम का एलान किया।
इससे पहले रसायन का नोबेल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका के कैरोलिन बेरटोजी, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन (डेनमार्क) के मॉर्टेन मिएलडॉल और अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च सेंटर के के. बैरी शार्पलेस को दिया गया। रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए दिया गया।
2022 के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान भी हो चुका है। इस साल ये पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को क्वांटम मैकेनिक्स के क्षेत्र में उनके काम के लिए दिया गया। फ्रांस के वैज्ञानिक एलेन आस्पेक्ट, अमेरिका के जॉन एफ क्लॉसर और ऑस्ट्रिया के एंटन जेलिंगर को 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (करीब 7.5 करोड़ रुपये) मिलेंगे।
चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक स्वैंते पाबो को देने की घोषणा की गई। उन्हें यह पुरस्कार ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए दिया गया है। पाबो ने आधुनिक मानव और विलुप्त प्रजातियों के जीनोम की तुलना कर बताया कि इनमें आपसी मिश्रण है।
शांति के नोबेल का एलान शुक्रवार को
इस वर्ष (2022) के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा 10 अक्तूबर को की जाएगी।
लंदन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस की सरकार को विरोध के बीच अपने कदम को वापस लेना पड़ा है। कंजरवेटिव पार्टी में समर्थन जुटाने के लिए ट्रस ने महंगाई से जूझ रही देश की जनता को आयकर में कटौती का आश्वासन दिया था। जैसे ही उन्होंने इस घोषणा के अनुरूप आयकर की उच्चतम सीमा को नीचे किया, बाजार असंतुलित हो गया और सरकार की निंदा का दौर शुरू हो गया। दबाव में आई सरकार ने फैसले को वापस ले लिया है।
ट्रस सरकार ने सितंबर में मिनी बजट लाकर आयकर में कटौती का प्रविधान किया था। इसके बाद कंजरवेटिव पार्टी में ट्रस के विरोधियों ने सरकार पर प्रहार करने में देर नहीं की। इसके बाद वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग ने कहा कि कर की उच्चतम सीमा को कम करने का निर्णय विनम्रता से वापस लिया गया है। वित्त मंत्री ने यह सफाई अपनी पार्टी के सांसदों की ओर से आई इस आपत्ति के बाद दी जिसमें कहा गया था कि इससे देश का कम लोगों का संपन्न वर्ग लाभान्वित हुआ है, आम आदमी को इससे कोई लाभ नहीं हुआ है। जबकि महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित आम आदमी हो रहा है।
जानकारी के अनुसार शीर्ष सरकारी अधिकारी भी दबी जुबान से इस कर कटौती पर विरोध जता रहे थे। उनका कहना है कि नुकसान का आकलन किए बगैर यह कटौती की गई है जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर होगा। यह वित्त मंत्रालय की पुरातनपंथी सोच का प्रतीक है।
देश की आर्थिक प्रगति की गति लगभग दस साल से सुस्त है, ऐसे में संपन्न वर्ग को आयकर में राहत दी जाती है तो उसका गलत असर हो सकता है। यह तरक्की की रफ्तार बढ़ाने का संदेश देने वाला निर्णय नहीं है। इसका सीधा असर वैश्विक निवेशकों पर होगा और वे ब्रिटेन का बाजार से अपनी नकदी निकालने लगेंगे।
वाशिंगटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)।स्वीडन के स्वांते पैबो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें विलुप्त होमिनिन और मानव विकास की आनुवांशिकी (जीनोम) से जुड़ी खोजों के लिए सोमवार को यह पुरस्कार दिया गया है। नोबेल समिति के सचिव थॉमस पर्लमैन ने कोरोलिंस्का संस्थान में विजेता की घोषणा की।
नोबेल समिति ने बयान जारी कर कहा, कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल समिति ने विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनों से जुड़ी खोजों के लिए स्वांते पैबो को फिजियोलॉजी या चिकित्सा क्षेत्र में 2022 का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है।
स्वांते पैबो ने अपने शोध में पाया कि विलुप्त होमोनिन जीन होमो सेपियन्स में ट्रांसफर हुए थे। पैबो पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से एक रहे हैं जिन्होंने निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है। वह जर्मनी के लीपजिंग में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी मेंजेनेटिक्स विभाग के निदेशक भी रहे हैं।
पिछले साल इन वैज्ञानिकों को मिला था ये पुरस्कार
बीते साल 2021 का चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से डेविड जूलियस और आर्डेन पैटामूटियम को सम्मानित किया गया था। इन दोनों शोधकर्ताओं को शरीर के तापमान, दबाव और दर्द देने वाले रिसेप्टरों की खोज करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। दोनों नोबेल विजेता अमेरिकी हैं।
डेविड जूलियन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में प्रोफेसर हैं। वहीं पैटापूटियन अर्मेनियाई मूल के अमेरिकी नागरिक हैं और ला जोला के स्क्रिप्स इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई है। अब आज यानी मंगलवार को भौतिकी विज्ञान, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में इन पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा 10 अक्तूबर को की जाएगी।
जकार्ता/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान हिंसा की खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक मैच के दौरान हुई हिंसा में करीब 129 लोगो मारे गए हैं।
दो क्लबों के समर्थकों में हुई भिड़ंत
इंडोनेशियाई लीग फुटबॉल मैच के बाद हुई अराजकता और हिंसा के बाद 129 से अधिक फुटबॉल प्रशंसकों की कथित तौर पर मौत हो गई है। पूर्वी जावा के मलंग रीजेंसी में हुए मैच में अरेमा को 3-2 से हराने के बाद जावानीस क्लब अरेमा और पर्सेबाया सुरबाया के समर्थक आपस में भिड़ गए। मलंग रीजेंसी स्वास्थ्य कार्यालय के प्रमुख वियान्टो विजोयो ने कहा कि 129 से अधिक लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अभी भी घायलों की संख्या का पता लगा रहे हैं। वहीं, एसोसिएटेड प्रेस ने बताया है कि दो पुलिस अधिकारियों सहित 129 लोग मारे गए हैं।
घटना को लेकर अधिक जानकारी देते हुए बताया जा रहा है कि फुटबॉल मैच के बाद हुई भिड़ंत में मारे गए लोग अराजकता, भीड़भाड़ और भगदड़ के दौरान दम घुटने से मरे हैं। साथ ही पुष्टि की जा रही है कि हादसे में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं, उन्हें इलाके के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मैच में हार से बाद गुस्साई भीड़ ने किया हमला
बताया जा रहा है कि कथित तौर पर लड़ाई तब शुरू हुई जब हजारों अरेमा प्रशंसक अपनी टीम के हारने के बाद मैदान में उतर आए। इस दौरान पर्सेबाया के खिलाड़ियों ने तुरंत ही मैदान छोड़ दिया। लेकिन कई अरेमा खिलाड़ी जो मैदान पर थे वो हमले का शिकार हो गए।
चार्ल्सटन/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। समुद्री चक्रवात इयान ने शुक्रवार को अमेरिका में दक्षिणी कैरोलिना के तट पर दस्तक दी। समुद्री चक्रवात के चलते ऐतिहासिक शहर चार्ल्सटन को भीषण बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। तूफान ने फ्लोरिडा में भीषण ताबही मचाई है, जगह-जगह पानी भर जाने के कारण बड़ी तादाद में लोग अपने घरों में कैद हैं। शुक्रवार को चक्रवात की रफ्तार कुछ धीमी पड़ती देखी गई। हवाओं की रफ्तार फ्लोरिडा के गल्फ कोस्ट को पार करने की तुलना में बहुत कमजोर दिखीं।
इयान ने फ्लोरिडा में मचाई भीषण तबाही
समुद्री तूफान इयान ने फ्लोरिडा में व्यापक तबाही मचाई है। फ्लोरिडा के दोनों तटों पर लोगों को भारी बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। वहीं चक्रवात के कारण समुद्र किनारे बने व्यवसायों केंद्रों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। इलाके में करीब 20 लाख लोग बिना बिजली के जीवनयापन करने को मजबूर हैं। इस दौरान करीब 9 लोगों के मारे जाने की पुष्टी हुई है, मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
फ्लोरिडा में बाढ़ के कारण घरों में फसे हजारों लोग के बचाने के लिए राहत अभियान जारी है। फ्लोरिडा की सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राहत कार्य में लगा बचाव दल प्रभावित इलाकों में करीब तीन हजार घरों में गए। उन्होंने वहां फसे लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। वहीं बाढ़ के कारण मारे गए लोगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मरने वालों में एक 80 वर्षीय महिला और एक 94 वर्षीय व्यक्ति शामिल है। दोनों ही बुजुर्ग ऑक्सीजन स्पोर्ट पर थे, बिजली की कमी के चलते मशीन ने काम करना बंद कर दिया। जिसके चलते इनकी मौत हो गई। वहीं एक 67 वर्षीय व्यक्ति जो रेसक्यू टीम का इंतजार कर रहा था, उसकी बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई।
तेहरान/नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ईरान में हिजाब को लेकर प्रदर्शन जारी है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को एक पुलिस स्टेशन में घुसकर हमला कर दिया। इस हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स की खुफिया यूनिट के कमांडर अली मौसवी समेत 19 लोगों की मौत हो गई है। ईरान सरकार का कहना है की यह हमला आतंकियों से जुड़ा हुआ है।
इस हमले मे कथित प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और जलने वाले सामान पुलिस स्टेशन में फेंके। इसके अलावा पुलिस स्टेशन पर कब्जा करने के लिए गोलीबारी भी की गई। रिपोर्ट के अनुसार इस हादसे में 19 लोगों की जान गई है। इसके अलावा कई पुलिसकर्मी और 20 अन्य लोग घायल हुए हैं।
प्रांतीय गवर्नर होसैन मोदारेस खियाबानी का कहना है कि हमलावरों को जब तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं करती है तब तक इस तरह के हमले होते रहेंगे।
नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारत में रोक लगा दी गई है। ट्विटर के अनुसार ऐसा भारत सरकार की कानूनी मांग पर किया गया है। ट्विटर के इस कदम के साथ ही अब भारत में पाक सरकार के इस अकाउंट @GovtofPakistan का कोई भी ट्वीट नहीं दिखेगा। ट्विटर की पालिसी के अनुसार यह कदम स्थानीय नियमानुसार उठाया जाता है।
इसके जरिए सुरक्षा और स्थानीय कानूनों को ध्यान में रखते हुए उपयोगकर्ता की अभिव्यक्ति का सम्मान भी किया जाता है।बता दें कि तीन हफ्ते पहले भी यह रोक लगाई गई थी। जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई सुरक्षा कारणों से की गई है।
मास्को (छत्तीसगढ़ दर्पण)। रूस ने यूक्रेन के क्षेत्रों के अधिग्रहण की निंदा करने वाले पश्चिमी देशों के एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो कर दिया। अमरीका और अल्बानिया ने सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव का मसौदा पेश किया था जिसमें रूस के जनमत संग्रह और यूक्रेन के डोनेट्स, लुहांस्क खेरसन और जापोरिजिया क्षेत्रों के अधिग्रहण की निंदा की गई थी।
प्रस्ताव में रूस से मांग की गई थी कि वह यूक्रेन से तुरंत अपनी सेनाएं हटायें। 15 देशों की सदस्यता वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव पर मतदान किया लेकिन रूस के वीटो करने के कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। परिषद के 15 सदस्य देशों में से दस ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि चार देशों- भारत, चीन, गेबन और ब्राजील ने मतदान में भाग नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कम्बोज के अनुसार यूक्रेन की हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत चिंतित है और उसका मानना है कि मनुष्यों की जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। भारत ने संबंधित पक्षों की ओर से हिंसा और द्वेष की सभी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के प्रयासों का आह्वान किया। भारत का मानना है कि मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है।
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