शिक्षा

नीट, जेईई, क्लेट, एनडीए व पीएटी की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आवेदन 12 अक्टूबर तक

 गरियाबंद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग रायपुर की ओर से जिले के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा ईडब्ल्यूएस के कक्षा 12वीं उत्तीर्ण, 500 विद्यार्थी जिसमें अनुसूचित जनजाति के 150, अनुसूचित जाति के 100, अन्य पिछड़ा वर्ग के 200 तथा ईडब्ल्यूएस के 50 जो ड्रॉप लेकर नीट, जेईई, क्लेट, एनडीए तथा पीएटी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते है। ऐसे इच्छुक पात्र अभ्यर्थियों से ऑनर्लान आवेदन पत्र आमंत्रित किये है।

ऑनलाईन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 12 अक्टूबर शाम 5 बजे तक निर्धारित की गई है। ऑनलाईन आवेदन विभाग के वेबसाईट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट ट्राइबल डॉट सीजी डॉट जीओवी डॉट इन अथवा डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट एचएचएसट्राइबल डॉट सीजी डॉट जीओवी डॉट इन पर कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी विभाग के वेबसाईट से अवलोकन व डाउनलोड किया जा सकता है।

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आत्मानंद विद्यालय में जीवन कौशल की कार्यशाला का आयोजन

 जशपुरनगर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर  रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व नोडल अधिकारी राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के दिशा निर्देश में विगत दिवस विकासखंड दुलदुला स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पतराटोली में विद्यार्थियों के लिए जीवन कौशल की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में कक्षा 6वीं से  8वीं के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा निर्देशित जीवन कौशल के विभिन्न आयाम पर विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी गई। जिसके अंतर्गत आत्मानुभूति जिसमे स्वयं की जिम्मेदारी को समझना, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना, अपने आश्रितों का सहारा देना शामिल है। इसी प्रकार

 
 
 
 
 

परानुभूति, खुद को दुसरों की जगह में रखकर सोचना, दया भाव होना है। समस्या समाधान हेतु समस्या के बारे में जानना, संकल्पना निर्माण परीक्षण तथा निष्कर्ष के बारे में बताया गया। निर्णय लेना के तहत निर्णय लेने के समय संसाधन विकल्प, निर्णय से संबंधित लोग, संभावित परिणाम के बारे में सोचना। इसी प्रकार सृजनात्मक सोच में  कुछ नया रचने, आविष्कृत करने या पुनसर्जित करने की प्रक्रिया, नया विचार -नवाचार सोचना है।

 
 
 
 
 

प्रभावी सम्प्रेषण के अंतर्गत सही समय पर सही व्यक्ति तथा सही माध्यम का चयन करना प्रभावी सम्प्रेषण की श्रेणी में आता है। अन्तः वैक्तिक संबंध में अपने रिश्तों को वरीयता देना तथा रिश्तों की इज्जत करना, तथा संतुलन बनाये रखना आता है। तनाव से निपटने के लिए सकारात्मक सोचना, आँख बंद कर गहरी सांस लेना, व्यायाम तथा योग करने के बारे में बताया गया। भावुकता पर नियंत्रण हेतु  वस्तुस्थिति का ध्यान रखना, तथा क्रोध तथा दया का प्रदर्शन न करना एवं आलोचनात्मक सोच रखने हेतु निष्पक्ष विचार होना तथा गुण व दोष दोनों पर विचार करने की जानकारी दी गई। इस दौरान कार्यशाला में व्याख्यान, मॉडलिंग, खेल कूद इत्यादि प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला चिकित्सालय के साइकोलॉजिस्ट, सिनियर नर्सिंग अधिकारी, मनोसामाजिक कार्यकर्ता ने अपनी सेवाएं दी। स्वास्थ्य विभाग के मूल्यांकन एवं निगरानी सहायक एवं सचिवालय सहायक ने कार्यशाला को सफल आयोजन करने में सहयोग प्रदान किया।

 

 

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कलेक्टर ने कराया हिंदी का प्रैक्टिकल, गार्डन में छात्राओं ने जाना भुइंया के हरिया जाने का राज

 कोरिया (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बुधवार को आदिवासी कन्या आश्रम सोनहत में छात्राओं से मुलाकात कर आश्रम में पढ़ाई और आवासीय सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कक्षा 5वीं में छात्राओं से हिंदी के पाठ पर सवाल पूछे। श्श्रम के आरतीश् नामक छत्तीसगढ़ी कविता पर कलेक्टर ने बच्चियों से चर्चा करते हुए उन्हें हिंदी कविता का प्रैक्टिकल कराया।

कक्षा के बाहर छोटे गार्डन में कलेक्टर ने बच्चियों को भुइंया कइसे हरिया जाथे सवाल पर इसे विस्तार से समझाया कि जमीन को खोदकर, बीज, खाद और पानी से भूमि हरी भरी हो जाती है। बच्चियों ने कविता के जरिए भुइंया के हरिया जाने का राज जाना। जिसके बाद कक्षा 5वीं की छात्रा आकृति ने छत्तीसगढ़ी में बताया कि कुदाली, फावड़ा चलाकर, खाद बीज पानी से भूमि में हरियाली आती है। कलेक्टर ने छात्राओं को समझाया कि इसी तरह पाठ को समझ कर, उदाहरण के साथ पढ़ने से जल्दी एवं बेहतर तरीके से पाठ समझ आते हैं। कलेक्टर ने बच्ची की त्वरित समझ पर सराहना की और बेहतर पढ़ाई करने सभी छात्राओं को प्रोत्साहित किया। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत कुणाल दुदावत, एसडीएम सोनहत, जिला शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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शिक्षक बने कलेक्टर : 11वीं के बच्चों से नमक का दरोगा, तो 7वीं कक्षा में दशमलव पर ली क्लास

कलेक्टर ने किया स्वामी आत्मानंद स्कूल सोनहत का निरीक्षण

 कोरिया (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने सोनहत में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में बच्चों के खेल-कूद और अधोसंरचना का जायजा लिया। उन्होंने विद्यालय को और बेहतर बनाने तथा अध्यापन में किसी तरह की लापरवाही नहीं करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने स्कूल में आवश्यक अधोसंरचना के विस्तार पर चर्चा करते हुए मौके पर उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कक्षा 11वीं में छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उन्होंने शिक्षकों द्वारा पढ़ाई पर फीडबैक लिया। इसी बीच हिंदी की कहानी नमक का दारोगा पढ़ते बच्चों से कलेक्टर ने कहानी से जुड़े पर किताब से अलग सवाल पूछे। बच्चों ने भी पढ़ाई के इस नए अनुभव पर उत्साह से जवाब दिए। उन्होंने लैब, लाइब्रेरी तथा क्लास रूम का अवलोकन किया और संबंधित शिक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए।

इसी बीच कलेक्टर ने कक्षा 7वीं में भी बच्चों से मुलाकात की। अपने बीच एक बार फिर कलेक्टर को देख बच्चे बेहद खुश हुए। इस दौरान गणित की क्लास चल रही थी जिसमें दशमलव के सवाल हल किये जा रहे थे। कलेक्टर ने शिक्षक की बेहतर तरीके से बच्चों को गणित समझाने पर शिक्षक की सराहना की। कलेक्टर शर्मा फिर टीचर बन और बच्चों से सवाल हल करने कहा। जिसपर छात्रा श्वेता ने सबसे पहले सवाल को सही हल कर दिखाया। कलेक्टर ने छात्रा की सराहना की और बेहतर पढ़ाई करने सभी बच्चों को प्रोत्साहित किया।

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ऑनलाइन विज्ञान, गणित, पर्यावरण प्रतियोगिता में सोनिया और युगलेश्वरी रहे प्रथम

 रायगढ़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। 20वां राज्य स्तरीय विज्ञान गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी सत्र 2022-23 का आयोजन के तहत विकासखंड स्तरीय ऑनलाइन क्विज़, विज्ञान नाटिका, प्रतियोगिता का आयोजन 20 सितंबर को धरमजयगढ़ में किया गया। जिसमें जिला शिक्षाधिकारी आर.पी आदित्य एवं विकास खंड शिक्षाधिकारी एस.आर सिदार के कुशल मार्गदर्शन में  नोडल अधिकारी रवि शंकर सारथी द्वारा सभी शासकीय, अशासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों की आवश्यक बैठक आहूत कर प्रत्येक शाला में प्रभारी शिक्षक तैयार कर राज्य कार्यालय के निर्देशों की जानकारी दी गई। ताकि ऑनलाइन प्रतियोगिता में छात्र छात्राएं अधिक से अधिक सम्मिलित हो सकें। सभी स्कूलों के प्रतिभागी छात्रों का पंजीयन प्रारूप उपलब्ध कराया गया। बता दें वर्ष 2022-23 राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का मुख्य विषय प्रद्योगिकी, खिलौने, सूचना एवं प्रसार प्रद्योगिकी में उन्नति, प्रयावरण अनुकूल सामग्री, स्वास्थ्य स्वक्षता, परिवहन नवाचार, पर्यावरण संबंधी चिंताएं, वर्तमान नवाचार के साथ औद्योगिक विकास, हमारे लिए गणित आदि विषय पर सभी प्रतियोगिताओं के लिए पृथक-पृथक गूगल फॉर्म विकास खंड द्वारा तैयार कर स्कूलों को शेयर किया गया।

सभी स्कूलों के प्रतिभागी छात्र-छात्राएं अपने शिक्षक के मार्गदर्शन से गूगल फॉर्म में मॉडल के फोटो वीडियो का यूट्यूब लिंक को गूगल फॉर्म में भरा गया। प्रश्न मंच के लिए लिंक के ही मध्यम से ऑनलाइन उत्तर सबमिट किया गया।

क्विज़ प्रतियोगिता में कुमारी सोनिया डनसेना, युगलेश्वरी प्रसाद कक्षा 9 वीं, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटाईपाली सी प्रथम एवं कुमारी तुलसी, कुमारी लीलावती क्रमशः कक्षा 10वीं व 12 वीं ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। विकास खंड स्तरीय आयोजन में विशेष योगदान देने वालों में विकासखंड स्त्रोत समन्वयक एन प बीसी, लेखापाल रंजू यादव एवं शशिकांत बाथम, देवेंद्र पटेल, व्याख्याता खड़गांव सुबोध आदित्य, कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की व्याख्याता प्रियंका, व्याख्याता प्रदीप प्रधान, व्याख्याता राकेश दास महंत, व्याख्याता तनुजा नायक, व्याख्याता खम्हार बसंती चौहान आदि की भूमिका काफी सराहनीय रही।

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खिलौनों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने व चीजें सिखाने का किया गया कार्य

 पोषण माह अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में खिलौना मेला का आयोजन

जशपुरनगर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में पोषण माह कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के आंगनबाड़ियों में विविध गतिविधियों का आयोजन कर बच्चो को आंगनबाड़ी आने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज फरसाबहार विकासखंड के जामबहार के आंगनबाड़ी गिरजाटोली में खिलौना मेला का आयोजन किया गया। जहां बच्चों को खिलौनो के माध्यम से विविध गतिविधियों के द्वारा शिक्षा देने एवं चीजें सीखाने का कार्य किया गया। खिलौना मेला से बच्चो के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र का वातावरण रूचिकर बन गया है जिससे बच्चें नियमित रूप से केन्द्र आकर प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करते है।

 

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स्कूली बच्चों ने स्वच्छता का संदेश देने निकाली रैली

 सूरजपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। ज़िला सुरजपुर अंतर्गत स्वच्छता पखवाड़ा 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है।जिला कलेक्टर  इफ्फत आरा के निर्देशन में,मुख्य कार्यपालन अधिकारी  लीना कोसम के मार्गदर्शन एवम मुख्य कार्यपालन अधिकारी  आकांक्षा त्रिपाठी के दिशा निर्देश में आज शासकीय कन्या शिक्षा परिसर, शासकीय कन्या हाई स्कूल, नावापारा के छात्र छात्राओं द्वारा स्वच्छता ही सेवा आशय की जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के माध्यम से लोगांे को साफ सफाई रखने, सुखा गीला कचरा स्त्रोत पर ही अलग करने, सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा न डालने, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध लगाने प्रेरित किया गया। स्कूली बच्चों द्वारा श्रम दान भी किया गया। गुरु घासी दास वार्ड के देवाला पारा में साफ सफाई कर सभी बच्चों को सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान एवं सूखे एवं गीले कचरे के सही निपटान के बारे में जानकारी दी गई। सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक दीपक साहू, जिला सलाहकार  संजय सिंह,  जयराम प्रसाद, विकासखंड समन्वयक एसबीएम  सीमा चौबे, अनुजा चौबे, प्राचार्य पुष्पराज सिंह, अशोक श्रीवास्तव, अनुराघवेंद्र सिंह, मुनुवर अंसारी उपस्थित रहे

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बाल-बालिका, विशेष गृह व नारी निकेतन में शिविर

 अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आर. बी. घोरे के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित जिन्दल ने बाल संप्रेक्षण गृह, बालिका संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह व नारी निकेतन अम्बिकापुर का भ्रमण कर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया।

अमित जिंदल ने बाल संप्रेक्षण गृह में बताया कि बालक को नि:शुल्क प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21-ए में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पारित किया गया, जिसकी धारा 3 में प्रत्येक बालक को प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने का अधिकार है। धारा 5 के अनुसार बिना टीसी के भी प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार है। बालिका संप्रेक्षण गृह में किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 30 के उपखंड 13 के तहत लैंगिक रूप से दुव्र्यवहार से ग्रस्त बालकों के पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति कार्य करेगी।

उन्होंने विशेष गृह में कहा कि विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 भी बालकों के लिए एक मील का पत्थर है, जिसमें बच्ची को विधिक प्रतिनिधित्व, उनके साथ अच्छा व्यवहार, उन्हें सुनवाई का अधिकार सुरक्षा का अधिकार, जेल या हवालात में नहीं रखे जाने का अधिकार है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 10 का परंतुक इस बारे में स्पष्ट प्रावधान करता है तथा बालक की यदि गिरफ्तारी होती है, तो उक्त अधिनियम की धारा 13 के अनुसार उसके माता-पिता या संरक्षक को इस बारे में सूचना दी जाएगी।

जिंदल ने नारी निकेतन में बताया कि छत्तीसगढ़ टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम 2005 की धारा 5 के अनुसार जो कोई टोनही के रूप में पहचानी गई किसी महिला को शारीरिक या मानसिक रूप से क्षति पहुचाएगा तो वह जुर्माने सहित 5 वर्ष की कठोर कारावास से दण्डनीय होगा। धारा 6 के अनुसार जो कोई यह दावा करता है कि वह टोनही के रूप में पहचानी गई किसी महिला का झाड़ फूंक आदि से ईलाज कर सकता है, तो व जुर्माना सहित 5 वर्ष की कठोर कारावास से दंडनीय होगा। धारा 7 की के अनुसार कोई टोनही के रूप में किसी प्रकार की क्षति कारित की शक्ति रखने का दावा करता है तो वह जुर्माने सहित 1 वर्ष की कठोर कारावास से दण्डनीय होगा।

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बुनियादी शिक्षा अभियान के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

 नारायणपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिला नारायणपुर में बुनियादी शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ बीते 12 सितंबर को किया गया था, जिसके तहत बीते 19 सितंबर को नीति आयोग की सहयोगी संस्था पिरामल फाऊंडेशन द्वारा सीएसीएस की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों के पठन-पाठन (हिंदी एवं गणित) के साथ-साथ छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयास करना है। कार्यशाला के माध्यम से सीएसीएस को अभियान के बारे में पूरी जानकारी देना था, जिससे अभियान को बेहतर रूप से संचालित किया जा सके तथा आने वाली समस्याओं का समाधान निकाला जा सके। इस कार्यशाला में मुख्य रूप से नारायणपुर ब्लॉक के सीएसीएस, मास्टर ट्रेनर के रूप में नारायण साहू, शकुंतला साहू तथा जिले में कार्यरत पिरामल फाऊंडेशन की टीम सेजल, यास्मीन,   गुलजार, महेंद्र मिश्रा एवम केएल मसीह उपस्थित थे। इस कार्यशाला में नई शिक्षा नीति, निपुण भारत मिशन, एएसएआर सरल, मेरा योगदान एप की जानकारी दी गई।

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स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संवर रहा बच्चों का भविष्य

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कोई देश कितना विकसित है, इसके तीन पैमानों में स्वास्थ्य, आर्थिक खुशहाली के साथ शिक्षा भी शामिल हैं। कोई देश यदि शिक्षा में निवेश करता है, तो भविष्य में उसे अपने निवेश पर कई गुना लाभ प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में ऐसा निवेश कर दिया है, जिसका लाभ आने वाली अनेक पीढ़ियों को सुखद भविष्य के रूप में मिलता रहेगा। एक राजमर्मज्ञ आने वाले समय की नब्ज को पहचानता है। दुनिया तेजी से ग्लोबल विलेज बन रही है और यह प्रक्रिया तेजी से गति ले रही है। जो समय की नब्ज को पकड़कर उसके साथ कदमताल कर लें वो विजेता होगा। ग्लोबल विलेज की भाषा है अंग्रेजी। हमारे छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, लेकिन अंग्रेजी में चूक जाते हैं। माता-पिता चाहते हैं कि वो भी उच्च वर्ग और उच्च-मध्यम वर्ग की तरह बच्चों को अच्छी अंग्रेजी शिक्षा दे पाएं, लेकिन पब्लिक स्कूल की मोटी फीस वहन करना उनके लिए संभव नहीं था।



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बाधा को तोड़ दिया। केवल अंग्रेजी की पढ़ाई ही नहीं, उच्च गुणवत्ता के साथ अंग्रेजी की पढ़ाई। अंग्रेजी की पढ़ाई केवल रायपुर जैसे महानगर में न हो बल्कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हो। गांव का बच्चा क्यों अंग्रेजी शिक्षा से वंचित रहे, इसका दायरा गांव तक फैल गया। लाइब्रेरी की सुविधा नामी-गिरामी निजी स्कूल तक ही सीमित क्यों रहे, सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी हमारे हर आत्मानंद स्कूल में भी है। यही नहीं आत्मानंद स्कूल में सुंदर खेल परिसर हैं, जहां से नामचीन खिलाड़ी भी निकल सकते हैं। आधुनिक सुविधाओं वाले प्रैक्टिकल लैब हैं, जहां इस पीढ़ी के सीवी रमन तैयार होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमेशा कहते हैं कि प्रतिभा तो है संसाधन नहीं दोगे तो यह कैसे उभरेगी। मुख्यमंत्री ने स्कूलों को संसाधनों से समृद्ध किया है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि हमारी पीढ़ी अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हमारी संस्कृति से भी जुड़ी रहे इसलिए अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम के आत्मानंद स्कूल भी खोले जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय बोलियों को पाठ्यक्रम से जोड़ा गया है, इससे हमें अपनी संस्कृति, परम्पराओं और स्थानीयता पर भी गर्व होगा और अपने ग्लोबल पहचान के प्रति भी हम जागरूक होंगे।



प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल की शुरूआत सबसे पहले 03 जुलाई 2020 को हुई। इसी वर्ष अलग-अलग शहरों में 52 स्कूल खोले गए। उस समय यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम थी। फिर भी प्रथम वर्ष में आवेदन की संख्या 20 हजार से अधिक थी। धीरे-धीरे स्कूल की गुणवत्ता की चर्चा होने के साथ यहां आवेदन की संख्या बढ़ती गई। वर्ष 2022-23 में दो लाख 76 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों की संख्या भी बढ़ाई गई। इस समय प्रदेश में 279 स्कूल संचालित हैं, जिसमें अंग्रेजी माध्यम के 247 और हिन्दी माध्यम के 32 स्कूल हैं। यही नहीं आने वाले शैक्षणिक सत्र में 439 हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की योजना है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा थी कि छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षण संस्थान हो जहां निजी स्कूल जैसी उत्कृष्ट सुविधाएं हो, वहां मध्यम और निर्धन वर्ग के पालक अपने बच्चों को पढ़ा सकें। इसे मूर्त रूप देने पुराने सरकारी स्कूलों को ही चिन्हित किया गया। इन स्कूलों में सबसे पहले आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया। पुरानी बिल्डिंग का पुनरूद्धार किया गया। क्लास रूम को नया रूप प्रदान किया गया जहां पर कभी पुराने ब्लैक बोर्ड थे, वहां पर ग्रीन बोर्ड लगाए गए, कुछ जगह स्मार्ट बोर्ड ने जगह ले ली। पुराने बैंच-टेबल की जगह नए कम्फर्ट बैच-डैस्क की व्यवस्था की गई। साइंस के आधुनिक साज-सामानों के साथ नये प्रैक्टिकल लैब बनाए गए। एक्स्ट्रा कैरिकुलम एक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया।



शिक्षण संस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक की जरूरतें पूरी की गई। अन्य स्कूलों से प्रतिनियुक्ति पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक लिए गए। यहीं नहीं संविदा में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की गई। शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों को पढाने के लिए स्मार्ट बोर्ड का उपयोग किया गया। इससे बच्चे ऑडियो-विजुअल पद्धति से अध्ययन करने लगे, जिससे उन्हें विषय को समझने में आसानी हुर्ह, उनकी ग्रहण क्षमता बेहतर हुई।

विद्यार्थियों की दर्ज संख्या की बात करें, तो इसमें बेहतरीन परिणाम सामने आए। राजधानी रायपुर के बीपी पुजारी स्कूल में शुरूआत में जहां पूर्व में बच्चों की संख्या सिर्फ 100 के आस-पास थी, वहां अब 1000 से अधिक हो गई। बिलासपुर जिले के आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल तारबाहर की बात करें तो वहां तत्कालीन स्कूल में दर्ज संख्या करीब 124 थी, वहीं आत्मानंद स्कूल में परिवर्तित होने के बाद विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर लगभग 800 हो गई। हर वर्ग से बच्चों के स्कूल में प्रवेश की निरंतर मांग आने लगी। इसे देखते हुए स्कूल प्रबंधन को लाटरी सिस्टम की मदद लेनी पड़ी। विद्यार्थियों की दर्ज संख्या वर्ष 2021-22 में जो एक लाख 41 हजार 745 थी। वह अब 2022-23 में बढ़कर 2 लाख 31 हजार 403 हो गई।

स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना ने छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक वातावरण ही बदल दिया है। यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं महसूस कर रहे है कि उन्हें आगे बढ़ने के वह सारे अवसर मिल रहे हैं जो एक महानगर की सर्वसुविधायुक्त गुणवत्तायुक्त प्राइवेट स्कूलों में है, वह भी निःशुल्क। इनके परिणाम इतने सकारात्मक हैं कि मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान वे जिन-जिन स्थानों पर जा रहे है, वहां जनता ने इस स्कूल के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही नए स्कूलों की मांग भी की। स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ की महान विभूति थे, जिन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगायी, जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों से छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में पहुंच गई है। निश्चित ही प्रदेश सरकार द्वारा किया गया यह प्रयास छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में देश में उच्च स्थान पर स्थापित करेगी।

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शिक्षा के स्तर में सुधार अपेक्षाकृत कम, यह स्थिति ठीक नहीं : भूपेश बघेल

 गुण्डरदेही में मुख्यमंत्री ले रहे अधिकारियों की समीक्षा बैठक

रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बालोद जिले के गुण्डरदेही में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार अपेक्षाकृत कम, यह स्थिति ठीक नहीं। स्कूल कॉलेजों की नियमित जांच हो।

मुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय में नहीं रहने वाले अधिकारियों को मुख्यालय में अनिवार्य रूप से रहने के सख्त निर्देश दिए। बिजली संबंधी शिकायतें, अवैध शराब  की शिकायतों पर तत्काल सख्ती से कार्रवाई करें।

अधिकारी-कर्मचारी अपनी क्षमता का उपयोग शासन प्रशासन के कार्यों में और जनता की भलाई के लिए करें। आमजनता में यह संदेश जरूर जाएं कि शासन संवेदनशीलता से बेहतर कार्य कर रहा है।

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मुख्यमंत्री ने किया बालोद के शासकीय पॉलिटेक्निक का लोकार्पण

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद जिले में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे दिन सोमवार को डौंडी विधानसभा क्षेत्र के मालीगोरी पहुंचे और वहां उन्होंने शासकीय पॉलिटेक्निक बालोद का लोकार्पण किया। पॉलिटेक्निक में सिविल, इलेक्ट्रिकल तथा माइनिंग एंड माइन सर्वेइंग ट्रेड के पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे। इस पॉलिटेक्निक में कुल 180 सीटें हैं । बालोद तथा जिले के आसपास के क्षेत्रों के होनहार छात्रों को इस पॉलिटेक्निक के बनने से तकनीकी शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। शासकीय पॉलिटेक्निक बालोद में तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर छात्र रोजगार की ओर उन्मुख होंगे।

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लैटरल एंट्री में प्रवेश के लिए पंजीयन 23 तक

 उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। शासकीय पॉलीटेक्निक नाथियानवागांव कांकेर में डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स के लैटरल एंट्री में प्रवेश हेतु पंजीयन 20 से 23 सितम्बर तक कर सकते हैं। दो वर्षीय आईटीआई में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को कक्षा 12वीं में भौतिक, रसायन एवं गणित विषय के साथ उत्तीर्ण के आधार पर प्रवेश दिया जायेगा। ऑनलाईन कांउसलिंग प्रथम चरण की प्रक्रिया के लिए 20 से 23 सितम्बर तक अभ्यर्थियों को रजिस्ट्रेशन एवं डीव्हीसी कराना होगा। सीटों का आबंटन 27 सितम्बर को किया जायेगा तथा आबंटित सीटां पर 28 सितम्बर से 01 अक्टूबर तक प्रवेश दिया जायेगा।

वर्तमान में शासकीय पॉलीटेक्निक कांकेर में मेकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स संचालित है। मेकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग ब्रांच में सीटों की संख्या क्रमषः 25, 11 और 33 है। इसके साथ ही समस्त तकनीकी पाठयक्रमों के लिए डीव्हीसी उक्त तिथियों में कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संचालनालय तकनीकी शिक्षा रायपुर छत्तीसगढ़ के वेबसाइट  www.cgdteraipur.cgstate.gov.in    का अवलोकन किया जा सकता है।

 

 

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'चिरायु' योजना के माध्यम से स्कूलों-आंगनबाड़ियों में बच्चों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच व उपचार

बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रदेश में 330 ‘चिरायु’ दल कर रहे हैं काम

 रायपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ‘चिरायु’ योजना के माध्यम से प्रदेश के एक लाख 76 हजार बच्चों का इलाज किया गया है। इसके तहत 18 दिसंबर 2018 से अब तक विभिन्न हृदय रोगों से पीड़ित 3081, होंठ एवं तालु की विकृति वाले 603, क्लबफुट वाले 670 और जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रस्त 334 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। ‘चिरायु’ योजना में इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 21 हजार 96 बच्चों का इलाज किया गया है।

बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रदेश भर में 330 चिरायु दल कार्यरत हैं। ये प्रदेश भर के स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर उनकी शारीरिक कमियों व रोगों की पहचान कर निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करते हैं।मितानिन व एएनएम के माध्यम से भी इन बच्चों का चिन्हांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्च स्तरीय जांच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है।

प्रदेश में वर्ष 2014 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। कार्यक्रम का उद्देश्य शून्य से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों में फोर-डी (4D) यानि डिफेक्ट एट बर्थ, डिसीज, डिफिसिएन्सी एंड डेवलपमेन्ट डिलेस इनक्लुडिंग डिसएबिलिटी (Defect at birth, Disease, Deficiency & Development delays including disability) की जांच कर शीघ्र उपचार उपलब्ध कराना है। इसके तहत बच्चों में 44 प्रकार की बीमारियों की पहचान व जाँच कर उपचार किया जाता है। जरुरत पड़ने पर उच्च संस्थाओं में रिफर भी किया जाता है। ‘चिरायु’ योजना के अंतर्गत जन्म से छह सप्ताह की आयु के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण डिलीवरी प्वाइंट के स्टॉफ द्वारा, छह सप्ताह से छह वर्ष की आयु के बच्चों का आंगनबाड़ी केन्द्रों में और छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों में चिरायु दलों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।

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कलेक्टर ने चयनित डेमो विद्यालयों की स्थिति पर शिक्षकों से की चर्चा

 बीजापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले में तीन दिन से चल रहें समर्थन बुनियादी शिक्षा अभियान की प्रथम जिला स्तरीय कार्यशाला का शनिवार को अंतिम दिन था, इस अभियान के कार्यशाला में कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा द्वारा  प्रधानपाठकों से व  भैरमगढ़ के स्वयंसेवक शिक्षिकाओं के साथ प्रशासन से उनकी  अपेक्षाओं पर चर्चा किया गया।  कार्यशाला के समापन के दौरान कलेक्टर द्वारा अपने वक्तव्य से प्रधानपाठकों  को संबोधित करते हुए कहा गया कि बच्चों की प्राथमिक शिक्षा हमारे जिले की  प्राथमिकता है जिसके लिए जिले में समर्थन बुनियादी शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई है, शिक्षक बच्चों को संस्कार व जीने का तरीका बताते है, मनुष्य को बेहतर इंसान बनाने में शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है, शिक्षा एक ऐसा  माध्यम है जिससे हम संवाद स्थापित करते है, महत्वपूर्ण यह है कि हम सही गलत का निर्णय करें, शिक्षक क रूप में हमारा योगदान कितना रहा, मूल्यों के संवर्धन में, नैतिकता के संवर्धन में यह हमें देखना है, बच्चा क्या कैसे सीख रहा है इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, तथा जिले की स्थिति को देखते हुए अभिभावकों को दोष देना उचित नहीं है,  शिक्षक को प्रत्येक बच्चें को व्यक्तिगत रूप से समझना आवश्यक है, जिससे वह बच्चा आगे बढ़ पाए व समाज निर्माण में अपना योगदान दें। इसी के साथ कलेक्टर द्वारा शिक्षकों की अपेक्षाओं को जानते हुए बताया गया कि खेल- खेल में पढ़ने के लिए पाठ्यसामग्री तथा अन्य मटेरियल को उपलब्ध कराया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान चल रहे बाल मनोविज्ञान विषय पर सेशन को कलेक्टर द्वारा अटेंड किया गया। इस सत्र के लिए दन्तेवाड़ा से मानस फाउंडेशन की मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ पार्वती जी को आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने बाल मनोविज्ञान तथा शिक्षक को ध्यान में रखने वाली आवश्यक बातों पर पीपीटी के माध्यम से  प्रधानपाठकों की समझ बनाई गयी, इस दौरान बाल मनोविज्ञान के साथ साथ डिप्रेशन, अवसाद व चिंता इन विषयों पर समाधान तथा स्थिति पर चर्चा किया गया।

समर्थन बुनियादी शिक्षा अभियान की जिला स्तरीय कार्यशाला के इस अंतिम दिन में अधिकतम गतिविधियों को शिक्षकों द्वारा किया गया। कार्यशाला की शुरुआत गांधी फेलो अरुण कुमार व कु भूमिका पेंदोर द्वारा चेतना गीत से की गई,  जिसके उपरांत पिरामल फाउंडेशन व नीति आयोग के एडीसी जिला समन्वयक मांशु शुक्ला द्वारा शिक्षकों की बीते दिन से सिख व चुनौतियों पर समझ बनाई गई, कार्यशाला के मुख्य विषयों में नई शिक्षा नीति, बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान, निपुण भारत मिशन पर डाइट के मास्टर ट्रेनर विद्याभूषण नेताम द्वारा, भाषा गतिविधियों कराने हेतु वीडियो के माध्यम से ललित निषाद द्वारा तथा सरल कार्यक्रम पर जरासंघ सोनवानी द्वारा समझ बनाई गई, इस दौरान कार्यक्रम में टेक्निकल सपोर्ट तथा सेशन व हॉल मैनेजमेंट की जिम्मेदारी गांधी फेलो सागर गजभिये व जुबेर आलम द्वारा निभाई गयी, डेटा एनेलिसिस्ट आशीष वर्मा द्वारा प्रधानपाठकों की समस्याओं व अपेक्षाओं हेतु गूगल फॉर्म को साझा किया गया तथा कार्यशाला के समापन की घोषणा की गई। कार्यक्रम में एडमिन संपोर्ट के रूप में शिक्षा विभाग के शिव बोरला सहित रोहित, अजय व गौतम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान चयनित डेमो विद्यालय के 131 प्रधान पाठकों के साथ डाइट, शिक्षा  विभाग, पिरामल फाउंडेशन की टीम मुख्य रूप से उपस्थित थी।

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व्यवसायिक शिक्षा के छात्रों ने की राज्यपाल से भेंट

दीवाली के अवसर पर स्वयं द्वारा बनाए कलात्मक वस्तुओं को किया भेंट

गरियाबंद (छत्तीसगढ़ दर्पण)। हरिहर शाला के व्यवसायिक शिक्षा मीडिया विषय के छात्रों ने रविवार को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन राज्यपाल अनुसुईया उइके के समक्ष किया। ग्रामीण क्षेत्र के इतने प्रतिभाशाली छात्रों के कार्यों से राज्यपाल न सिर्फ प्रभावित हुई बल्कि प्रत्येक छात्र के साथ उनकी कलात्मक वस्तुओं के साथ तस्वीर भी खिंचवाई। छात्रों की इस प्रतिभा के लिए उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर छात्र दीपक चक्रधारी ने राज्यपाल की स्वयं के हाथों से बनाई हुई तस्वीर भी भेंट की। शाला की प्राचार्य संध्या शर्मा, व्यवसायिक प्रशिक्षिका सोमा शर्मा के मार्गदर्शन में इन छात्रों ने राजिम में कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचीं राज्यपाल से राजिम रेस्ट हाउस में भेंट मुलाकात की। इस दौरान प्रशिक्षिका सोमा शर्मा ने राज्यपाल को विगत 4 वर्षों से दिवाली के अवसर पर छात्रों द्वारा तैयार किए जा रहे कलात्मक वस्तुओं की ऑनलाइन बिक्री, बिक्री से प्राप्त राशि से उनकी पढ़ाई का खर्च, जरूरतमंद छात्रों की मदद करने की जानकारी दी। इस अवसर पर राजिम विधायक अमितेश शुक्ल, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एवं केदार कश्यप ने भी छात्रों की इस प्रतिभा को सराहा तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल से मिलने वाले छात्रों में दीपक चक्रधारी, हर्षल देवांगन, राज टंडन, खिलेश पैगंबर, गणेश साहू, संतोष निषाद, योगेंद्र चक्रधारी छात्र विशेष रूप से शामिल थे।

 

 

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स्वरोजगार के जरिये आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल विकास जरूरी : मंत्री भगत


दीक्षांत समारोह में प्रशिक्षार्थियों को दिए गए प्रमाण पत्र

 अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में जनशिक्षण संस्थान की ओर से शनिवार को राजमोहनी देवी भवन में कौशल दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत तथा विशिष्ट अतिथियों की ओर से विभिन्न विषयों में कौशल प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री भगत ने कहा कि वर्तमान में सभी शिक्षितों को सरकारी नौकरी मिलना संभव नहीं है, ऐसे में स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने के लिए युवाओं को अपने रुचि के विषय मे कौशल विकास करना होगा। किसी भी विषय मे दक्षता हासिल कर बेहतर कार्य कर सकते हैं, जैसे टेलरिंग, ब्यूटीपार्लर, बढ़ाई, इलेक्ट्रिशियन, राजमिस्त्री या इलेक्ट्रॉनिक मेकेनिक आदि। युवाओं को स्वरोजगार के लिए कौशल विकास के लिए हमारी सरकार निरंतर नई-नई योजना ला रही है। इन योजनाओं से इससे पिछड़े व वंचित तबके के लोगो को प्रशिक्षित कर दक्ष किया जा रहा है। महापौर डॉ अजय तिर्की ने कहा कि केंद्र व राज्य शासन की ओर से कई कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। वर्तमान में समय के साथ आगे बढऩे के लिए किसी न किसी क्षेत्र में दक्ष बनना होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता बस उस काम के प्रति समर्पण का भाव व लगन होनी चाहिए। अपने रुचि के विषय में दक्षता हासिल कर आजीविका के शिखर तक पहुंच सकते हैं।

समारोह में बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष प्रबोध मिंज, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह मेजर, जनपद उपाध्यक्ष  प्रदीप गुप्ता, पार्षद दीपक मिश्रा, इरफान सिद्दीकी, परवेज आलम, राजीव गुप्ता, जनशिक्षण संस्थान के निदेशक एम सिद्दीकी, परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता सहित अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे।

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आजादी क्वेस्ट के सवालों का जवाब देकर जेएनवि के विद्यार्थियों ने जीते पुरस्कार


पत्र सूचना कार्यालय रायपुर व केंद्रीय संचार ब्यूरो ने आयोजित की प्रतियोगिता

 अंबिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) रायपुर व केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) रायपुर द्वारा जिले के खलीवा स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में ‘आजादी क्वेस्ट’ हिंदी पखवाड़ा व सुपोषण माह विषयक जागरूकता प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सभी प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को तत्काल मंच से पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर पीआईबी रायपुर के क्षेत्रीय निदेशक कृपाशंकर यादव व उपनिदेशक सुनील तिवारी व नवोदय विद्यालय के प्राचार्य सुरेंद्र पाल मौजूद रहे।

स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से रूबरू कराने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आजादी क्वेस्ट गेमिंग एप लांच किया गया है। यह एप प्रतिभागी को स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से रूबरू कराता है। इसमें कई स्टेज हैं। इस गेमिंग एप में कोई भी हिस्सेदारी कर सकता है। गेम का उद्देश्य विद्यार्थियों खासकर स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को हिंसात्मक गेम से बचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसी के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से पीआईबी व सीबीसी द्वारा नवोदय के विद्यार्थियों के बीच जागरूकता प्रसार किया।



इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा के तहत आयोजित जागरूकता प्रतियोगिता में राजभाषा से संबंधित सवाल पूछे गए। जिन विद्यार्थियों ने सवालों का सही जबाव दिया उन्हें तत्काल पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत भी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।



इस संबंध में पीआईबी रायपुर के निदेशक कृपा शंकर यादव ने बताया कि भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आजादी क्वेस्ट गेम लांच किया है। वहीं भारत सरकार द्वारा सुपोषण माह व हिंदी पखवाड़ा भी मनाया जा रहा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए नवोदय विद्यालय के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपनिदेशक सुनील कुमार तिवारी ने राजभाषा हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। प्राचार्य सुरेंद्र पाल ने आयोजन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा इस आयोजन से संबंधित विषय पर विद्यार्थियों का उत्साह में बढ़ोत्तरी हुई। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ एफपीए केवी गिरी ने किया। समन्वय में हिमांशु सोनी, प्रशांत कुमार व अंबिकालाल व जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक ज्योति जैन, ओनिमा कंचन लता, ऋषि कुमार व मुकेश कुमार सोनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस अवसर पर जेएनवि के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति से मन मोह लिया।

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