रूस के लिए जासूसी कर रहा था अमेरिकी डॉक्टर, पत्नी भी कर रही थी मदद, FBI की जाल में ऐसे फंसे
काबुल (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक कोचिंग सेंटर में आज सुबह आत्मघाती हमला हुआ जिसमें छात्रों समेत 19 लोग मारे गए। काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जदरान के अनुसार, हमले में लगभग 27 लोग घायल भी हुए है। जिस समय हमला हुआ, उस समय छात्र कोचिंग में अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। घटना की तस्वीरों और वीडियो में लहूलुहान पीड़ितों को घटनास्थल से ले जाते हुए देखा जा सकता है।
ये आत्मघाती हमला पश्चिमी काबुल के दश्त-ए-बर्ची इलाके में हुआ। यह शिया बहुल इलाका है और बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के लोग यहां रहते हैं। हजारा समुदाय को पहले भी निशाना बनाया जा चुका है, ऐसे में आशंका है कि ये आत्मघाती हमला भी उन्हें निशाना बनाने के लिए किया गया हो। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी टकोर ने कहा कि हमले की प्रकृति के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
सऊदी अरब (छत्तीसगढ़ दर्पण)। सऊदी अरब में शाह सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने अपने सुपुत्र और उत्तराधिकारी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रधानमंत्री नामित किया है।
एक शाही फरमान के अनुसार शाह सलमान ने अपने दूसरे पुत्र प्रिंस खालिद को उप-रक्षामंत्री से रक्षा मंत्री बनाया है। 86 वर्षीय शाह मंत्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करते रहेंगे। सलमान बिन अब्दुल अजीज इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इससे पहले रक्षा मंत्री थे।
बाली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपने मंत्रालय के शिष्टमंडल के साथ जी-20 शिखर सम्मलेन-2022 में शामिल होने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर बाली (इंडोनेशिया) पहुंचे। श्री तोमर, बाली में कनाडा की कृषि एवं खाद्य मंत्री मैरी क्लाउड बिब्यू तथा ऑस्ट्रेलिया के सहायक व्यापार मंत्री टीम आयर्स के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकों में शामिल हुए।
द्विपक्षीय बैठकों में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने दोनों मंत्रियों को अगले वर्ष भारत में होने वाली जी- 20 एग्री समिट में आने का निमंत्रण दिया। साथ ही, भारत की अगुवाई में वर्ष 2023 में मनाए जाने वाले, अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष में सहयोग के लिए अनुरोध किया। कनाडा व ऑस्ट्रेलिया के मंत्रियों ने इस संबंध में आश्वस्त किया।
इटली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। इटली के राष्ट्रीय चुनावों में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार दक्षिणपंथी नेतृत्व वाली सरकार बनने जा रही है वहां ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने जीत हासिल की है। अंतिम परिणामों के अनुसार ब्रदर्स पार्टी के जियोर्जिया मेलोनी, इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी।
अंतिम परिणामों के अनुसार केंद्र और दक्षिणपंथी गठबंधन ने संसदीय वोट का कुल 44 प्रतिशत हासिल किया, इसमें मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ़ इटली पार्टी ने कुल 26 प्रतिशत वोट लिये। मातेओ साल्विनी की पार्टी को लगभग नौ प्रतिशत और पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी की अधिक उदारवादी फोर्ज़ा इटालिया पार्टी को लगभग आठ प्रतिशत वोट मिले।
वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि भारत विश्व में निवेश का तेजी से केंद्र बन रहा है और देश में निवेश करने का यह सर्वोत्तम समय है। उन्होंने आज न्यूयार्क में प्रवासी भारतीय समुदाय से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्ष के दौरान कारोबार के अनुकूल कई सुधार किए गए हैं। इनमें अनिवार्यताएं घटाई गई हैं और विगत समय से कराधान हटाया गया है तथा कंपनी कर प्रणाली को सरल बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक के अनुसार कारोबार के अनुकूल माहौल की वरीयता में भारत का स्थान 2014 में 142 से वर्ष 2022 में 63 हो गया है।
डॉक्टर सिंह ने प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों को भारत के स्टार्टअप माहौल में आने और संभावनाएं तलाशने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि देश में 77 हजार से अधिक स्टार्टअप और 105 यूनिकॉर्न हैं। उन्होंने कहा कि देश में फाइव-जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, सेमिकंडक्टर, ब्लोकचैन, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित है।
नई दिल्ली/वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस ने फिर एक बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए भारत का समर्थन किया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, "हम अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों के प्रतिनिधित्व के माध्यम से सुरक्षा परिषद को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने की संभावना देखते हैं। विशेष रूप से भारत और ब्राजील को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में जगह मिलनी चाहिए।''
इससे पहले 31 अन्य देशों के साथ भारत ने सुधारों पर एक संयुक्त बयान में कहा था कि स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में सुरक्षा परिषद का विस्तार होना चाहिए। साथ ही इसके काम करने के तरीकों में भी सुधार लाने की वकालत की गई थी।
जो बाइडेन ने भी किया था समर्थन
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया था। इस दौरान उन्होंने जापान और जर्मनी को भी स्थाई सदस्य बनाने की बात कही थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में संबोधन के दौरान भी उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की बात दोहराई थी। बाइडन ने कहा कि सुरक्षा परिषद को और समावेशी बनाया जाए, ताकि यह आज की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सके।
भारत को बनाया जाए स्थायी सदस्य : बाइडेन
वीटो को लेकर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विशेष अथवा विषम परिस्थितियों में ही होना चाहिए, ताकि सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता और प्रभाव बना रहे। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम पहले भी यह मानते थे और आज भी इस बात को मानते हैं कि भारत, जापान और जर्मनी को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए।
विदेश मंत्री ने ठोका दावा
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत ने अपने संबोधन के दौरान UNSC में सुधार की वकालत की है। जयशंकर ने कहा कि भारत अधिक जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि इस तरह के एक महत्वपूर्ण मामले पर गंभीर बातचीत हो। इसमें किसी भी देश को बाधा नहीं बनना चाहिए।
नई दिल्ली/वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा पर जाने वाली हैं। कमला के दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा से पहले कोरियाई क्षेत्र में सरगर्मी बढ़ गई है। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति के दक्षिण कोरिया दौरे से पहले बैलिस्टिक मिसाइल दाग दी। तानाशाह किम जोंग उन के नेतृत्व वाले उत्तर कोरिया ने रविवार को अपने पूर्वी समुद्र तट पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी।
उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल ऐसे समय में दागी गई है जब दक्षिण कोरिया और अमेरिका की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास होना है। इस युद्धाभ्यास में अमेरिका का एक एयरक्राफ्ट कैरियर हिस्सा लेगा। दक्षिण कोरिया की सेना का दावा है कि उत्तर कोरिया की ओर से एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल सुबह 7 बजे के करीब उत्तरी प्योंगयान प्रांत के ताइचोन क्षेत्र के पास दागी गई थी।
जानकारी के मुताबिक दक्षिण कोरिया की सेना के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बयान जारी कर कहा है कि उत्तर कोरिया का मिसाइल फायर करना उकसावे की कार्रवाई है। यह कोरियाई प्रायद्वीप के साथ ही विश्व समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा है। दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ किम सिउंग क्यूम (Kim Seung-kyum) ने अमेरिकी सेना के कोरिया कमांडर पॉल लाकेमेरा के साथ बैठक ताजा हालात पर चर्चा की।
उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल फायर किए जाने के बाद दक्षिण कोरिया भी एक्टिव मोड में आ गया है। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों ने इसे लेकर चर्चा की। अधिकारियों ने उत्तर कोरिया की ओर से किसी भी तरह की कार्रवाई का जवाब देने की तैयारियों पर चर्चा की और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन बताया। उत्तर कोरिया के इस कदम को उकसावे वाली कार्रवाई बताते हुए दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इसकी निंदा की।
वहीं, इसे लेकर यूएस-इंडो पैसिफिक कमांड ने भी बयान जारी किया है। कमांड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है। मिसाइल फायर को लेकर हम सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। कमांड की ओर से ये भी कहा गया है कि मिसाइल फायर की इस घटना से अमेरिकी कर्मचारियों या अमेरिकी क्षेत्र, सहयोगियों को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
गौरतलब है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेना का संयुक्त युद्धाभ्यास 26 से 29 सितंबर तक होना है। इस सैन्य अभ्यास के लिए परमाणु शक्ति से लैस अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर USS Ronald Reagan दक्षिण कोरिया पहुंच गया है। ऐसे में उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल फायर किए जाने को उकसावे की कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है।
पिट्सबर्ग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को बढ़ावा देकर एक निम्न कार्बन वाले भविष्य के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई है। अमेरिका में पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम 2022 में स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम13) और मिशन इनोवेशन (एमआई-7) की संयुक्त मंत्रिस्तरीय पूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए, भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी व्यापक ऊर्जा मांग को पूरा करने के साथ ही नवीन स्वच्छ ऊर्जा नवाचार और कार्यक्रम करना चाहता है। उन्होंने कहा, भारत 2030 तक गैर फोसिल फ्यूल स्रोतों से 500 गीगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने और 2030 तक अनुमानित उत्सर्जन को मौजूदा स्तर से एक अरब टन कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त भारतीय मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डॉ. जितेंद्र सिंह ने 30 देशों के ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रियों को बताया कि भारत की ऊर्जा मिश्रण रणनीतियों में स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की ओर एक बड़ा बदलाव, विनिर्माण क्षमता में बढ़ोतरी, ऊर्जा उपयोग दक्षता और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों सहित हाइड्रोजन के लिए नीतिगत प्रोत्साहन शामिल हैं। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री जोर देकर कहा कि 2जी एथेनॉल पायलट, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए सहज जलवायु बॉक्स, हाइड्रोजन वैलीज, हीटिंग और कूलिंग वर्चुअल रिपॉजिटरी जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर काम करना है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत ने जैव आधारित अर्थव्यवस्था के लिए एक रोडमैप और एक रणनीतिक विकसित की है, जो 2025 तक 150 अरब डॉलर की होने जा रही है। उन्होंने कहा, इससे निम्न कार्बन वाले जैव आधारित उत्पादों के जैव विनिर्माण के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहूलियत मिलेगी। हाल में, भारत ने लागत प्रतिस्पर्धी ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को संभव बनाने के लिए नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन भी पेश किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से भारत सरकार स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों के लिए वित्तपोषण सुनिश्चित कर रही है। मिशन इनोवेशन 2.0 के तहत ऐसी ही कल्पना की गई थी। केंद्रीय मंत्री ने सफल सार्वजनिक निजी भागीदारी के दो सफल उदाहरण दिए- पहला एक विशेष अनुसंधान एवं नवाचार (आरएंडआई) मॉडल प्लेटफॉर्म क्लीन एनर्जी इंटरनेशनल इनक्यूबेशन सेंटर है जिसकी स्थापना निजी भागीदार टाटा ट्रस्ट्स ने की। इसके परिणाम स्वरूप एकल शोधकर्ताओं की सहायता के लिए 20 से ज्यादा स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्राप्त हो चुके हैं, जो एक अनूठी उपलब्धि है। दूसरा, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) का संयुक्त केंद्र (ज्वाइंट सेंटर) है, जिसने 2जी एथेनॉल तकनीक विकसित की है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने माना कि स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम) व्यवस्था भारत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के विकास में अपने योगदान को प्रदर्शित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करने में सक्षम रही है। उन्होंने कुछ बड़ी सीईएम पहलों का उल्लेख किया, जिनमें सीईएम का ग्लोबल लाइटिंग चैलेंज (जीएलसी) अभियान, स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम, उन्नत ज्योति बाई अफोर्डेबल एलईडी फॉर ऑल (उजाला) कार्यक्रम, द वन सन-वन वर्ड- वन ग्रिड इनीशिएटिव शामिल हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा में व्यापक संभावनाओं के दोहन के लिए द वन सन-वन वर्ड- वन ग्रिड की पहल की थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंत में ऐलान किया कि भारत 2023 में जी-20 की अध्यक्षता के साथ ही इसी साल एमआई और सीईएम की मेजबानी भी करेगा। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय और मिशन इनोवेशन के संयुक्त आयोजन ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम में भाग लेने के लिए भी सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मेजबानी के लिए यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी एंड मिशन को बधाई दी।
पिट्सबर्ग (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अमरीका में पिट्सबर्ग में आज-ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम-2022 को संबोधित करते हुए डॉ सिंह ने अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक समझौता ज्ञापन जैसे महत्वपूर्ण कदमों का आह्वान किया। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने की दिशा में ज्ञान और प्रौद्योगिकी साझा करने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने बताया कि पिछले दशक के दौरान उनके मंत्रालय ने 34 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के निवेश के साथ अनुसंधान और विकास तथा प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का समर्थन किया है।
ब्रिटेन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद और ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शी इज़ – विमेन इन स्टीम पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को एल्सा मैरी डी’ सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने लिखा है। 75 विमेन इन स्टीम’ भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक और ब्रिटेन के उच्चायुक्त के साथ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर; इस पुस्तक में एसटीईएएम (स्टीम) में उनकी यात्रा के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है।
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष होने के क्रम में इस पुस्तक में एसटीईएएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, कला और गणित के क्षेत्र) की 75 महिलाओं को सम्मानित किया गया है। पुस्तक में स्टीम के क्षेत्र में सतत विकास, नेतृत्व और स्त्रीत्व का अभिनंदन किया गया है। साहस, आशा और दृढ़ता की निजी कहानियों को पेश करते हुये यह पुस्तक उन महिलाओं की निजी और व्यावसायिक संघर्षों को बयान करती है, जिन्हें आसानी से कुछ नहीं मिला। ये महिलायें, निश्चित रूप से हर उस लड़की के लिये प्रेरणा हैं, जो इन विषयों में आगे बढ़ना चाहती है।
पुस्तक की लेखिकाओं एल्सा मेरी डी सिल्वा और सुप्रीत के. सिंह ने कहा, “कारपोरेट और विकास सेक्टर में कई वर्षों तक काम करते हुये, हमने देखा कि हर जगह, हर पैनल में पुरुषों का बोलबाला है। विभिन्न क्षेत्रों-विषयों में वही आगे हैं, जिनके निर्णयों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। महिलाओं के योगदानों को दिलेरी के साथ नजरअंदाज कर दिया जाता है, उनकी आवाज की कोई कीमत नहीं है।
हमने जब महिला, पुरुष या अन्य के साथ काम करना शुरू किया कि हम लैंगिक समानता वाला संसार बना सकें, तब हमने तय किया कि सफल नारियों की कहानियां सबके सामने लायें। इस पुस्तक में एसटीईएएम के क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं के बारे में प्रमुखता से बताया गया है, उनके योगदान का अभिनंदन किया गया है तथा उनकी यात्रा को पहचान दी गई है। उनकी यात्रा लैंगिक आधार पर हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है। भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं के योगदान और उसके बाद उनकी सफलता व उन्नति को बहुधा कम आंका जाता है और उनका जिक्र नहीं किया जाता।
नई दिल्ली (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पिट्सबर्ग (वीएनएस)। ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम-2022 के पहले दिन के उपलक्ष्य में आयोजित एक रात्रिभोज बैठक आयोजित की गई। इसमें केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अमेरिकी ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रानहोम और फोरम के अन्य महत्वपूर्ण मंत्रियों के साथ हिस्सा लिया। इससे पहले एक्शन फोरम-2022 की शुरुआत अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्थित पिट्सबर्ग में हाइन्ज हिस्ट्री सेंटर में आयोजित एक उद्घाटन समारोह के साथ की गई थी। अमेरिकी ऊर्जा विभाग और कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से पिट्सबर्ग में 21 से 23 सितंबर तक स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम13) और मिशन नवाचार (एमआई-7) आयोजित कर रहा है।
जेनिफर ग्रानहोम के अलावा स्पीकरों में एलेघेनी काउंटी कार्यकारी रिच फिट्जगेराल्ड, पिट्सबर्ग के मेयर एड गेनी और कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष फरनाम जहानियन और कोलंबिया विश्वविद्यालय के सेंटर ऑन ग्लोबल एनर्जी पॉलिसी के इनॉगरल फेलो डेविड सैंडलो शामिल हैं, जिन्होंने इस्पात शहर के प्रारंभिक ऊर्जा अर्थव्यवस्था से स्वच्छ ऊर्जा व नवाचार औद्योगिक केंद्र में रूपांतरण को साझा करते हुए पिट्सबर्ग में आने वाले देश के प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत किया। इसके अलावा उन्होंने यह भी साझा किया कि हम मिशन नवाचार व स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय की शुरुआत और ग्लोबल नेट जीरो अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के लिए जरूरी नवाचार व त्वरित तैनाती के माध्यम से यहां तक कैसे पहुंचें।
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स और जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष राष्ट्रपति दूत जॉन केरी के इस ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम में उपस्थित होने की संभावना है। डॉ. जितेंद्र सिंह, जो विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय संयुक्त भारतीय मंत्रिस्तरीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, 30 अन्य देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ डेविड एल लॉरेंस कन्वेंशन सेंटर डाउनटाउन में पर्यावरण शिखर सम्मेलन के लिए पिट्सबर्ग में उपस्थित हुए।
इसके बाद डॉ. जितेंद्र सिंह मंत्रियों और वीआईपी के लिए एक निजी रात्रिभोज में शामिल हुए। इनमें अमेरिका के ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम, कनाडा के प्राकृतिक संसाधन मंत्री जोनाथन विल्किंसन, चिली के ऊर्जा मंत्री डिएगो पार्डो, नीदरलैंड के जलवायु व ऊर्जा नीति मंत्री रॉब जेटन, यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री जर्मन गलुशचेंको, ब्रिटेन के जलवायु राज्य मंत्री ग्राहम स्टुअर्ट, नॉर्वे के पेट्रोलियम और ऊर्जा मंत्रालय में राज्य सचिव एंड्रियास एरिक्सन, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष फरनाम जहानियन और विश्व ऊर्जा परिषद की महासचिव एंजेला विल्किंसन थीं।
वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अफगानिस्तान से आई एक खबर ने भारत सहित कई देशों की सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। अमेरिकी जेल में तकरीबन दो दशक तक बंद रहे कुख्यात ड्रग माफिया हाजी बशीर नूरजई को गुपचुप तरीके से रिहा कर दिया गया है। तालिबान आंदोलन का समर्थक रहा यह ड्रग जेल से रिहा होने के बाद काबुल पहुंच गया है।
अफगानी ड्रग माफिया हाजी बशीर नूरजई का नाम ड्रग तस्करों के टॉप 10 मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल था। काबुल के इस कुख्यात ड्रग माफिया पर विदेशी नारकोटिक्स किंगपिन एक्ट लगा था और उसे 2005 में न्यूयॉर्क से गिरफ्तार किया गया था। उस पर अमेरिका में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की कीमत की हेरोइन तस्करी करने का आरोप था।
करीब दो दशक से वह अमेरिकी जेल में बंद था लेकिन अचानक इस कुख्यात ड्रग तस्कर को रिहा कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक उसे अफगानिस्तान की जेल में बंद अमेरिकी इंजीनियर मार्क फ्रेरिच को छोड़ने के बदले रिहा किया गया है। उसे जनवरी, 2020 में अगवा करके अफगानिस्तान की जेल में रखा गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बशीर नूरजई की रिहाई की घोषणा के लिए काबुल में एक सभा आयोजित की गई जिसमें कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिकी नागरिक की रिहाई के बदले नूरजई को रिहा किया गया है। बशीर नूरजई का स्याह अतीत और उसकी रिहाई भारत सहित कई देशों की चिंताएं बढ़ाने वाला है।
वाशिंगटन (छत्तीसगढ़ दर्पण)। भारत के केंद्रीय विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवम् पेंशन राज्यमंत्री, अंतरिक्ष एवम् परमाणु ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, एक संयुक्त मंत्रालय स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के तौर पर 5 दिन की अमेरिका यात्रा पर पहुंचे।
इसके तहत वे पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में 21 से 23 सितंबर तक आयोजित होने वाले "ग्लोबल क्लीन एनर्जी एक्शन फोरम" में हिस्सा लेंगे।डॉ. जितेंद्र सिंह की आगवानी करने भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी आए और जेएफके एयरपोर्ट पर स्वागत के बाद वे वाशिंगटन डीसी के लिए निकल गए, जहां वे 35 कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों और अंतरिक्ष, पृथ्वी और समुद्री विज्ञान, फार्मा और बॉयोटेक सेक्टर से जुड़े संघीय प्रतिनिधियों के साथ अहम गोलमेज वार्ता करेंगे। इस वार्ता का आयोजन वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी कॉमर्स चैंबर के मुख्यालय में अमेरिका-भारत व्यापार परिषद ने किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह, ऊर्जा मंत्रालय, नवीन एवम् नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विज्ञान एवम् तकनीकी मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय संयुक्त प्रतिनिधि मंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो इस फोरम में हिस्सा लेगा, साथ ही भारतीय मूल के लोगों के साथ-साथ ख्यात बुद्धिजीवियों से मुलाकात करेगा।
35 अहम कंपनियों के सीईओ के साथ होने वाली बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह को द्विपक्षीय विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी में हो रहे सहयोग के बारे में बात करनी है। यह आपसी सहयोग एलआईजीओ (लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल ऑब्जर्वेटरी), टीएमटी (30 मीटर लंबा टेलीस्कोप) जैसे उन्नत विज्ञानों से लेकर न्यूट्रिनो फिजिक्स, स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों, स्वास्थ्य विज्ञान, पृथ्वी और समुद्री विज्ञान, कृषि विज्ञान और हाल में उभर रही तकनीकों पर जारी है।
डॉ. जितेंद्र सिंह यह प्रस्ताव भी दे सकते हैं कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिका का नेशनल साइंस फाउंडेशन आपस में मिलकर साझा दिलचस्पियों वाले विषयों पर संयुक्त परियोजनाओं की शुरुआत करें। इन विषयों में कोबोटिक्स, कंप्यूटर विजन, रोबोटिक्स एवम् ऑटोमेशन तकनीकें, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवम् मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, सेंसर्स और आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) से संबंधित नेटवर्किंग एवम् तकनीकें शामिल हैं।
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