क्राइम पेट्रोल

उरी में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, 3 पाकिस्तानी आतंकी ढेर...

 जम्मू (छत्तीसगढ़ दर्पण)। बारामुला जिले के उरी इलाके में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के एक ग्रुप ने कमालकोट से भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश की। सीमापार से हो रही घुसपैठ को देखते हुए इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। इससे पहले राजोरी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर नौशेरा सेक्टर में सोमवार देर रात सेना ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकियों को मार गिराया।

राजोरी-पुंछ में बढ़ीं आतंकी गतिविधियां
पीर पंजाल पर्वतीय शृंखला से सटे राजोरी और पुंछ जिलों में आतंकी गतिविधियां हाल के समय में बढ़ गई हैं। टेरर फंडिंग, आतंकियों के स्लीपर सेल नेटवर्क से लेकर आतंकी मॉड्यूल के तार दोनों जिलों से जुड़े मिल रहे हैं। हाल ही में राजोरी के लश्कर कमांडर तालिब हुसैन को पकड़ने के बाद पुलिस ने ड्रोन से ड्रग्स, हथियार और हवाला राशि का नेटवर्क चलाने वाले तीन आतंकी मॉड्यूल ध्वस्त किए। यह नेटवर्क कठुआ, सांबा, जम्मू जिलों से लेकर राजोरी तक ऑपरेट कर रहा था।

एलओसी पार हलचल तेज सुरक्षा ग्रिड किया मजबूत
राजोरी और पुंछ जिलों में एलओसी के पार आतंकी घुसपैठ के लिए हलचल तेज हो गई है। घुसपैठ को रोकने के लिए सुरक्षा ग्रिड की लगातार समीक्षा करते हुए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इस माह के पहले सप्ताह सेना प्रमुख मनोज पांडे अग्रिम इलाकों का दौरा कर चुके हैं। वहीं तीन दिन पहले ही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक कर सुरक्षा ग्रिड मजबूती पर जोर दिया।

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ज्वेर्ल्स का ताला टूटा, 80 हजार के जेवर पार, पुलिस को नहीं मिला सुराग

 रायगढ़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। पिछले दिनों आधा दर्जन दुकानों का ताला टूटने का मामला पुलिस सुलझा भी नहीं पायी थी कि गुरुवार रात चोरों ने हेमा ज्वेर्ल्स की दुकान पर धावा बोल दिया। चोरो ने सामने शटर का ताला तोड़ कर 80 हजार रुपये के जेवरातों पर हाथ साफ कर दिया। यह वारदात भी शहर के व्यस्तम चौक चक्रधर नगर के पास हुई। पुलिस को खबर मिलते ही टीआई शनिप रात्रे मौके पर पहुंचे ओर स्निफर डाग रुबी की भी मदद ली गई, लेकिन कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा। सीसीटीव्ही फुटेज में भी एक शख्स बरसाती पहने हुये चोरी करते दिखा, लेकिन उसमें भी चेहरा साफ नजर नहीं आने से पुलिस को कोई मदद नहीं मिली।

शहर में जन्माष्टमी मेले से ही चोरी की वारदातो में अचानक वृद्धि हुयी हैं। इस कारण चोरी में किसी बाहरी गैंग के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता। दुकानों के लगातार ताले टूटने से पुलिस की रात्रिगस्त पर उगलिंयां उठ रही हैं। पहले आधा दर्जन दुकानों से लाखों की चोरी के मामलों का भी अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं लागा पायी है। इन चोरियों के बाद पुलिस की गस्त में तेजी आनी चाहिये थी, परंतु चौक चौराहों की दुकानों के ताले टुटने से तो लोगों में जान-माल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगें हैं। हेमा ज्वेर्ल्स पर यह दूसरी बार धावा बोला गया है। इसके पहले दो बाईक सवारों ने दुकान के सामने से तीन लाख के बेग को पार कर दिया था। पुलिस इस मामले को सुलझाने में भी असफल रही थी। असफलता की यह फेहरिस्त लंबी हो गयी है। इसी थाने के बंगुरसियां जंगल के पास हाल ही में सिंघल ट्रेडर्स के मुलाजिम से हुयी सात लाख की लूट के मामले में भी पुलिस आज तक लूटेरों का पता नहीं लागा पाई है।

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पुजारी को बंधक बनाकर लूट ली गणेशजी की बेशकीमती प्रतिमा...

 बिलासपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम इटवापाली में गुरुवार देर रात हथियारबंद लूटेरों ने प्राचीन गणेश मंदिर में धावा बोला। कट्टे की नोक पर पुजारी को बंधक बनाकर बदमाशों ने गणेशजी की बेशकीमती प्रतिमा लूट ली। घटना की सूचना पर एसएसपी पारुल माथुर मौके पर पहुंचीं और हालत का जायजा लिया।

ग्राम इटवापाली में प्राचीन भंवर गणेश जी का मंदिर है। यहां सातवीं से दसवीं सदी के बीच की ग्रेनाइट की बनी गणेश जी की मूर्ति हैं स्थापित है। यह गांव मस्तूरी थाना से दस किलोमीटर दूर स्थित है। कल रात मंदिर के पुजारी महेश केंवट मंदिर में ही सो रहे थे। तभी चार युवक मंदिर पहुँचे। और उनकी पिटाई करते हुए उनके हाथ पांव बांध कर उनके मुंह मे टेप चिपका दिया। जिसके बाद बेशकीमती मूर्ति को उन्होंने उखाड़ने की कोशिश की। इसके लिए तैयारी के साथ आये बदमाश अपने साथ औजार भी लेकर आये थे। उन्होंने मूर्ति के न उखड़ने पर औजार से तोड़ कर ले गए। जब भक्त सुबह मंदिर पहुँचे तो उन्हें पुजारी बंधा मिला। उसके हाथ पांव व मुँह खोल कर ग्रामीणों ने घटना की जानकारी ली और पुलिस को सूचना दी।

 
 



सूचना मिलते ही एसएसपी पारुल माथुर, एडिशनल एसपी राहुल शर्मा व गरिमा द्विवेदी, एसीसीयू प्रभारी हरविंदर सिंह, मस्तूरी टीआई प्रकाश कांत गांव पहुँच गए। गांव वालों से जानकारी लेकर व डॉग स्क्वायड के माध्यम से आरोपियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही पुजारी का बयान भी लिया गया है। बताया जाता है कि प्राचीन ग्रेनाइट से बनी मूर्तियां बेशकीमती होती है। और जितनी अधिक ये प्राचीन होती है उतनी ही इसकी विदेशो में कीमत होती है। घटना के सम्बंध में जानकारी लगने पर मस्तूरी विधायक डॉक्टर कृष्ण मूर्ति बंधी भी मौके पर पहुँचे हैं।

डिंडेश्वरी मंदिर से भी प्रतिमा ले उड़े थे चोर
गाँव के लोगो का कहना है कि भंवर गणेश जी को मस्तूरी क्षेत्र के मल्हार ऐतिहासिक स्थल का केंद्र डिंडेश्वरी माता मंदिर के समकक्ष माना जाता था भंवर गणेश जी देवी के भाई के रूप में पूजे जाते थे, वही मान्यता है कि भगवान गणेश के मंदिर में लगाई हर अर्जी पूरी होती है। चोरी की खबर सुन कर भक्त काफी संख्या में मंदिर पहुँच गए हैं। कुछ वर्ष पूर्व मल्हार की प्रसिद्ध डिंडेश्वरी देवी की मूर्ति भी चोरी हो गई थी। जो काफी चर्चित मामला रहा था।और पुलिस ने अथक प्रयासों से यूपी से मूर्ति को बरामद किया था। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए चारों तरफ नाकेबंदी भी कर दी हैं।

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पाकिस्तानी सेना ने बनाई थी बड़े हमले की साजिश, गिरफ्तार आतंकवादी ने उगले राज...

 जम्मू (छत्तीसगढ़ दर्पण)। नौशेरा सेक्टर में पकड़ा गया फिदायीन आतंकी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना की अग्रिम चौकियों पर बड़े हमले के लिए आया था। पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई में कर्नल रैंक के अधिकारी यूसुफ चौधरी ने आतंकियों का फिदायीन दस्ता हमले के लिए भेजा था। मौके पर उसके साथ दो और आतंकी थे। पकड़े गए फिदायीन तबारक हुसैन को हमले के लिए 30 हजार रुपये दिए गए थे, लेकिन तारबंदी काटने के दौरान तबारक को सतर्क जवानों ने फायरिंग कर घायल कर दिया। बाकी आतंकी मौके से भाग निकले। राजोरी के सैन्य अस्पताल में उपचाराधीन तबारक हुसैन ने पूछताछ में पूरी साजिश के राज उगले। बुधवार को पत्रकारों के सवालों पर भी तबारक हुसैन ने बड़े हमले की साजिश को कबूला।

रक्षा प्रवक्ता के अनुसार, नौशेरा के झंगड़ क्षेत्र में 21 अगस्त तड़के तीन आतंकियों के ग्रुप की हलचल देखी गई। दो आतंकी पीछे रहे, जबकि तबारक हुसैन तारबंदी के पास आकर तार काटने लगा। जवानों ने उसे चुनौती दी तो वो भागने लगा। इस दौरान फायरिंग में तबारक घायल होकर वहीं गिर गया। अन्य आतंकी भाग निकले।

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में गांव सब्जकोट और जिला कोटली के रहने वाले तबारक हुसैन ने बताया कि कर्नल यूसुफ से 30 हजार रुपये मिले थे। हमले के लिए भारतीय सेना की तीन चौकियों की रेकी की गई थी। सही समय मिलने पर हमला किया जाना था। तबारक के साथ मौके पर हालांकि दो और आतंकी थे, लेकिन तबारक ने कहा कि कुल पांच आतंकियों का ग्रुप था, जिन्हें हमले को अंजाम देना था। गौरतलब है कि तबारक को उसके भाई हारून अली के साथ 2016 में भी पकड़ा गया था, जिसे कुछ वर्ष जेल में रखने के बाद पाकिस्तान को लौटा दिया गया था।

जिस पर हमले के लिए आया था वही इलाज कर रहे
चार गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल तबारक ने कहा कि वह भारतीय सेना पर हमले के लिए आया था। वही सेना आज उसका इलाज कर रही है। तबारक ने कहा कि मुझे इस बात पर शर्म आ रही है। वहीं, सैन्य अधिकारी ने बताया कि तबारक के शरीर से चार गोलियां निकाली गई हैं। उसका काफी खून बह गया था, जिसे बचाने के लिए सेना के जवान ने अपना खून दिया है। गंभीर रूप से जख्मी तबारक की सर्जरी की गई है।

तबारक ने बताया कि उसके छह भाई है। परिवार में कुल 15 लोग हैं। तारबंदी के पास जब वह फायरिंग से घायल हुआ तो साथी आतंकी उसे छोड़कर भाग गए। फायरिंग में घायल होने पर तबारक बिलख कर चिल्ला रहा था - मैं यहां मरने आया था, मुझे यहां से निकालो भाई जान।

पाकिस्तानी सेना के मेजर रजाक ने दी थी आतंकी बनने की ट्रेनिंग
नौशेरा में पकड़ा गया तबारक लंबे समय से आतंकवाद से जुड़ा था। तबारक ने बताया कि उसे पाकिस्तानी सेना के मेजर रजाक ने ट्रेनिंग दी थी। साथी आतंकियों के साथ मैं मरने के लिए आया था लेकिन मेरे साथ धोखा हुआ। साथी मुझे छोड़कर चले गए और मैं यहां भारतीय फौज के हाथों पकड़ा गया।

तबारक ने बताया कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए कई कैंप चला रही है। उसने लश्कर-ए-ताइबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के साथ छह माह की ट्रेनिंग ली है। राजोरी मिलिट्री अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव नायरने कहा कि तबारक हुसैन की हालत स्थिर है। उसका काफी खून बह गया था। जवानों ने उसे खून देकर और अपने हाथों से खाना खिलाकर बचाया है।

नायर ने कहा कि गिरफ्तार किए जाने के दौरान तबारक जोर-जोर से ‘मैं मरने के लिए आया था, मुझे धोखा दे दिया, भाई जान मुझे यहां से निकालो’ बोल रहा था। उसकी बाजु और जांघ के नीचे व प्राइवेट पार्ट के बाल मुंडाए गए थे। हमले से पूर्व फिदायीन आतंकी ऐसा करते हैं।

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ईडी ने मुख्यमंत्री के करीबी प्रेम प्रकाश को किया गिरफ्तार, छापे में मिली दो AK-47

 रांची (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अवैध खनन के मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी कहे जाने वाले कारोबारी प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया है। प्रेम प्रकाश कई ठिकानों पर बुधवार को ईडी ने छापेमारी की थी। कई घंटों तक चली छापेमारी में दो एके-47 बरामद की गई। रांची से गिरफ्तार प्रेम प्रकाश को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी अदालत से उसकी रिमांड मांगेगी।

मुख्यमंत्री सोरेन के अलावा प्रेम प्रकाश के अन्य कई नेताओं के साथ भी संबंध हैं। आरोप है कि उसने झारखंड के कई बड़े राजनेताओं व नौकरशाहों का कालाधन सफेद किया है। ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने 19 जुलाई को पंकज मिश्रा को मनी लांड्रिंग एक्ट तहत गिरफ्तार किया था।

ईडी ने प्रेम प्रकाश के घर में उसकी अलमारी से दो एके-47 रायफल बरामद की थी। इसके अलावा उसके घर से 60 जिंदा कारतूस भी मिले थे। ईडी ने झारखंड, बिहार, दिल्ली और तमिलनाडु में छापेमारी की थी। ईडी को विदेशी नस्ल का कछुआ और करोड़ों के लेनदेन संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं।

वहीं रांची पुलिस ने दावा किया कि एके-47 दो सुरक्षाकर्मियों को आवंटित किए गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने ही रायफल को प्रेम प्रकाश के आवास पर रखा और अपने-अपने घर चले गए। दोनों सुरक्षाकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

 
 
 

 

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एएसआई ने थाने में लगाई फांसी, जांच में जुटी पुलिस

 मैनपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना में पदस्थ एएसआई शंकर लाल सिदार ने थाना में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मैनपुर थाना में एएसआई शंकर लाल सिदार उम्र 58 वर्ष 1 नवंबर 2021से पदस्थ थे। वे काफी मिलनसार स्वभाव के थे। उनकी आत्महत्या से थाने में हड़कंप मच गया।

पुलिस ने बताया कि एएसआई शंकर लाल सिदार गाताडिही सरसीवा बलौदा बाजार के रहने वाले थे। उन्होंने आत्महत्या क्यों की, इसका कारण अभी अज्ञात है। फिलहाल पुलिस इसी जांच में जुट गई है। घटना की मैनपुर थाना प्रभारी सुर्यकांत भारद्वाज ने पुष्टि की है।

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समिति के नाम पर बैंक से लोन उठाने वाली ठग गिरफ्तार

 रायगढ़ (छत्तीसगढ़ दर्पण)। थाना प्रभारी सिटी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर के नेतृत्व में  24 अगस्त को कोतवाली पुलिस की टीम ने  ग्राम कसाईपाली छपोरा में दबिश देकर महिला ठग पालावती चौहान को हिरासत में लिया। आरोपिया पिछले तीन साल से फरार थी। आरोपिया पालावती चौहान और अमरनाथ कर्ष द्वारा वर्ष 2018 में ग्राम कसाईपाली में महिलाओं की समिति बनाकर कई महिलाओं के भरे हुये फार्म से लोन निकलवाकर स्वयं उपभोग कर लिये थे। अपराध की कायमी के बाद से दोनों फरार होकर अग्रिम जमानत कराने के जुगत में थे। आरोपिया के गांव में देखे जाने की मुखबिर सूचना पर थाना प्रभारी कोतवाली द्वारा आरोपिया के घर दबिश देने स्टाफ भेजा गया था। धोखाधड़ी के संबंध में अक्टूबर 2018 में शिकायतकर्ता/आवेदिकागण  तुलसी, नीला बाई, हरिप्रिया सिदार, भारती मांझी, सावित्री सिदार, मरमदा सिदार, सुजाता मांझी सभी निवासी कसाईपाली छपोरा जिला रायगढ़ द्वारा पुलिस अधीक्षक रायगढ़ के नाम पर आवेदन पुलिस कार्यालय में दिया गया। उक्त आवेदन जांच के लिये थाना प्रभारी कोतवाली को प्राप्त हुआ। शिकायत जांच में महिला समिति के सदस्यों से पूछताछ पर जानकारी मिली कि गांव की पालावती चौहान पति इन्द्रजीत चौहान कसाईपाली द्वारा एच.डी.एफ.सी बैंक रायगढ शाखा से मिलीभगत कर प्रत्येक के नाम से 25-25 हजार रूपये बैक लोन फर्जी तरीके से छल कपट तथा धोखधडी करते हुए आहरित किया गया है। लोन किश्तों की रकम अदायगी नही होने से कारण बैंक द्वारा नोटिस मिलने पर यह तथ्य उजागर हुआ। शिकायत जांच पर आरोपिया पालावती चौहान तथा अमरनाथ कर्ष के द्वारा महिलाओं से धोखाधड़ी करना पाये जाने पर अप.क्र. 1505/2018 धारा 420,467,468,471,34 IPC पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अपराध कायमी के बाद से दोनों आरोपी फरार थे।

 

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एलओसी पर सुरक्षाबलों ने 2 घुसपैठियों को किया ढेर...

 जम्मू (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में भारतीय सेना ने एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। सीमा पर सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो लोगों को ढेर कर दिया है। सर्च अभियान के दौरान दोनों घुसपैठियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है।

जानकारी के मुताबिक, नौशेरा सेक्टर में एलओसी पर आतंकी घुसपैठ की कोशिश में थे। लेकिन भारतीय सेना ने समय रहते कार्रवाई की और उनकी घुसपैठ की कोशिश को विफल कर दिया। क्षेत्र में सेना सर्च ऑपरेशन और तलाशी अभियान चला रही है।

भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के नौशेरा सेक्टर में सेना ने सोमवार को फिदायीन हमले की बड़ी साजिश को नाकाम कर हमले के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित आतंकी को पकड़ा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेस-इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने पहली बार फिदायीन हमले के लिए नया हथकंडा अपनाकर फिदायीन को बिना हथियार घुसपैठ कराने की कोशिश की थी। इसे एलओसी में घुसपैठ के बाद हथियार और असलहा दिया जाना था, जिसके बाद फिदायीन हमले की साजिश थी।

आतंकी की पहचान 32 वर्षीय तबारक हुसैन निवासी गांव सब्जकोट कोटली पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर के रूप में हुई। तबारक हुसैन पाकिस्तानी सेना के खुफिया विंग के लिए भी करता था। चौंकाने वाली बात है कि तबारक और उसके भाई हारून अली को अप्रैल 2016 में नौशेरा सेक्टर में ही घुसपैठ पर गिरफ्तार किया गया था। 26 महीने जेल में रहने के बाद दोनों भाइयों को वाघा-अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान को लौटाया गया था।

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युवक की हत्या कर सड़क पर फेंका शव, पर्चे में लिखा 'मुखबिर'...

 दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर दशहत फैलाने के उद्देश्य से एक युवक की हत्या कर शव सड़क पर फेंक दिया। शव पर पर्चा भी छोड़ा, जिसमे लिखा हुआ थे कि यह युवक पुलिस का मुखबिर है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के तुमकपाल के गुडसे चौक पर युवक का शव मिला है। युवक किस गांव का रहने वाला है इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। शव के पास पर्चे मिले हैं उस पर बुधराम मारकाम पुलिस का मुखबिर लिखा हुआ है। जानकारी के अनुसार मृतक के हाथों में रस्सी बंधी हुई है। शरीर में चोट के निशान भी दिख रहे हैं। बीच सड़क में पड़े शव की पहचान करने गुडसे, तुमकपाल, कटेकल्याण सहित आसपास के गांव के लोग जुटे थे, पर शव की पहचान नहीं हो पाई है।

 

 

कटेकल्याण एरिया कमेटी के नाम से फेंके गए पर्चे में लिखा हुआ है, मृतक डीआरजी जवानों के संपर्क में रहता था। कटेकल्याण क्षेत्र में डीआरजी जवानों को भेजता था। युवक की हत्या के बाद पर्चा फेंका गया है। यह घटना नक्सली वारदात है या आपसी रंजिश का मामला है। इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा।

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पड़ोसी देश के लिए जासूसी करने वाला शरणार्थी गिरफ्तार...

  जयपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राजस्थान पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक शख्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। हैरान करने वाली बात ये है कि ये जासूस पाकिस्तान से आकर भारत की नागरिकता ले चुका एक हिंदू शरणार्थी है। इस शरणार्थी को ही पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
राजस्थान इंटेलिजेंस ने 46 साल के भागचंद को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने तीन साल पहले ही भारत की नागरिकता ली थी और दिल्ली में रहकर टैक्सी चलाता था। इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी कि आरोपी पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और दिल्ली से अहम जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।

एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया, ये पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और दिल्ली के संवेदनशील जगहों की सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था। 14 अगस्त को जासूसी के आरोप में भीलवाड़ा से नारायण लाल गाडरी नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके मोबाइल से पता चला कि दिल्ली के संजय कॉलोनी भाटी माइंस निवासी भागचंद भी उसके साथ शामिल था।

उन्होंने बताया, पाकिस्तानी हैंडलर इसके भी अकांउट में पैसे डाल रहे थे। यह पिछले तीन साल से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। ऑटो चलाने के दौरान दिल्ली के अलग-अलग जगहों की तस्वीरें खींचकर पाकिस्तान भेजता रहता था। पकड़ा गया आरोपी साल 1998 में परिवार समेत वीजा पर भारत आया था और यहां आकर मज़दूरी करने लगा। तीन साल पहले इसे भारत की नागरिकता मिली है, इंटेलिजेंस की ज्वाइंट टीम इससे जयपुर में पूछताछ कर रही है।

सिम कार्डों का पता लगा रही इंटेलिजेंस
अब तक की जांच के दौरान सामने आया कि नारायण लाल सिम कार्ड जारी करवाकर भागचंद ने इन सिमकार्डों को स्वयं के पास बस द्वारा दिल्ली मंगवाया तथा दिल्ली में कश्मीरी कश्मीरी गेट ट्रैवल एजेंसी के कार्यालय में मगवाया। इसके बाद बच्चों के कपड़ों और मसाले के पैकेट में छुपा कर पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने उन्हें मुंबई भिजवाया। भागचंद ने इन चार साल पहले भी अपने नाम से सिम कार्ड जारी करवाकर बाद हैंडलिंग अफसरों को भेजा था और उन्हें व्हाट्सएप डाउनलोड करवाया था। इसकी एवज में पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने पेटीएम के माध्यम से भागचंद के खाते में धनराशि जमा कराई थी। अब इंटेलिजेंस पुलिस की ओर से विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड और भागचंद के खाते की तलाशी ली जा रही है।

 

 

 

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पड़ोसी देश के लिए जासूसी करने वाला शरणार्थी गिरफ्तार...

  जयपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। राजस्थान पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे एक शख्स को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। हैरान करने वाली बात ये है कि ये जासूस पाकिस्तान से आकर भारत की नागरिकता ले चुका एक हिंदू शरणार्थी है। इस शरणार्थी को ही पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
राजस्थान इंटेलिजेंस ने 46 साल के भागचंद को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने तीन साल पहले ही भारत की नागरिकता ली थी और दिल्ली में रहकर टैक्सी चलाता था। इंटेलिजेंस को सूचना मिली थी कि आरोपी पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और दिल्ली से अहम जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।

एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया, ये पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और दिल्ली के संवेदनशील जगहों की सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था। 14 अगस्त को जासूसी के आरोप में भीलवाड़ा से नारायण लाल गाडरी नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके मोबाइल से पता चला कि दिल्ली के संजय कॉलोनी भाटी माइंस निवासी भागचंद भी उसके साथ शामिल था।

उन्होंने बताया, पाकिस्तानी हैंडलर इसके भी अकांउट में पैसे डाल रहे थे। यह पिछले तीन साल से पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। ऑटो चलाने के दौरान दिल्ली के अलग-अलग जगहों की तस्वीरें खींचकर पाकिस्तान भेजता रहता था। पकड़ा गया आरोपी साल 1998 में परिवार समेत वीजा पर भारत आया था और यहां आकर मज़दूरी करने लगा। तीन साल पहले इसे भारत की नागरिकता मिली है, इंटेलिजेंस की ज्वाइंट टीम इससे जयपुर में पूछताछ कर रही है।

सिम कार्डों का पता लगा रही इंटेलिजेंस
अब तक की जांच के दौरान सामने आया कि नारायण लाल सिम कार्ड जारी करवाकर भागचंद ने इन सिमकार्डों को स्वयं के पास बस द्वारा दिल्ली मंगवाया तथा दिल्ली में कश्मीरी कश्मीरी गेट ट्रैवल एजेंसी के कार्यालय में मगवाया। इसके बाद बच्चों के कपड़ों और मसाले के पैकेट में छुपा कर पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने उन्हें मुंबई भिजवाया। भागचंद ने इन चार साल पहले भी अपने नाम से सिम कार्ड जारी करवाकर बाद हैंडलिंग अफसरों को भेजा था और उन्हें व्हाट्सएप डाउनलोड करवाया था। इसकी एवज में पाकिस्तानी हैंडलिंग अफसरों ने पेटीएम के माध्यम से भागचंद के खाते में धनराशि जमा कराई थी। अब इंटेलिजेंस पुलिस की ओर से विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड और भागचंद के खाते की तलाशी ली जा रही है।

 

 

 

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अलकायदा से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादी गिरफ्तार...

 गुवाहाटी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। असम पुलिस ने शनिवार को गोलपारा जिले से अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) आतंकवादी समूहों से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान मोरनोई थाने के तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद के इमाम अब्दुस सुभान और गोलपारा के मटिया थाना अंतर्गत तिलपारा नतुन मस्जिद के इमाम जलालुद्दीन शेख के रूप में हुई है।

वी.वी. गोलपाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राकेश रेड्डी ने कहा कि उक्त दोनों व्यक्तियों से घंटों पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा, 'हमें इस साल जुलाई में गिरफ्तार अब्बास अली से इनपुट मिला है, जो जिहादी तत्वों से भी जुड़ा हुआ है। पूछताछ के दौरान, हमने पाया कि वे असम में एक्यूआईएस/एबीटी के बारपेटा और मोरीगांव मॉड्यूल से सीधे जुड़े हुए थे।'

एसपी ने बताया, 'आरोपी व्यक्तियों की घर की तलाशी के दौरान अल-कायदा, जिहादी तत्वों से संबंधित कई आपत्तिजनक सामग्री, पोस्टर, अन्य दस्तावेजों के साथ किताबें, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और आईडी कार्ड जब्त किए गए हैं।' उन्होंने आगे कहा कि आतंकियों ने बांग्लादेश से यहां आए जिहादी आतंकवादियों को भी रसद समर्थन दिया है।

पुलिस अधिकारी ने कहा, 'बांग्लादेशी नागरिक फरार है। गिरफ्तार आतंकवादियों ने गोलपारा में बांग्लादेशी आतंकवादियों को शरण दी थी। गिरफ्तार व्यक्तियों ने दिसंबर 2019 में मटिया पुलिस थाने के तहत सुंदरपुर तिलपारा मदरसा में एक धर्म सभा का आयोजन किया था, जहां एक्यूआईएस से जुड़े कई बांग्लादेशी नागरिकों को अतिथि वक्ताओं के रूप में आमंत्रित किया गया था।'

उन्होंने आगे खुलासा किया कि ये गिरफ्तार व्यक्ति रसद सहायता प्रदान करने के साथ-साथ बांग्लादेशी नागरिकों को आश्रय देने में शामिल थे, जो वर्तमान में फरार हैं।

एसपी ने कहा, 'उन्होंने एक्यूआईएस के सदस्य होने की बात कबूल की है और गोलपारा में अंसार/स्लीपर सेल की भर्ती की। उन्होंने खुलासा किया है कि सीधे धन और समर्थन फरार बांग्लादेशी आतंकवादियों से आया है।

मटिया पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) आरडब्ल्यू की धारा 120 (बी), 121, 121 (ए) और यूए (पी) अधिनियम की धारा 18, 18 (बी), 19 और 20 के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले 28 जुलाई को असम में एक्यूआईएस और एबीटी सहित वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ कथित संबंधों के लिए एक बड़ी कार्रवाई में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था।

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करोड़ों की धोखाधड़ी : बैंक ने 180 लोगों के खिलाफ कराई एफआईआर...

 बेमेतरा (छत्तीसगढ़ दर्पण)। करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में इंडियन ओवरसीज बैंक ने 180 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराइ है। बैंक की आंतरिक जांच के बाद संबंधित लोगों की सूची कोतवाली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए किए गए आवेदन के साथ सौंपी गई है। लगभग 14 करोड़ 56 लाख की धोखाधड़ी के मामले में तत्कालीन बैंक प्रबंधक नितिन दास , कमलेश सिन्हा, जोहन सिंह वर्मा, नागेश कुमार वर्मा, टीकाराम माथुर समेत 180 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।

प्रार्थी रज्जु पाटनवार ने बताया कि आरोपी तत्कालीन बैंक प्रबंधक नितिन दास , कमलेश सिन्हा, जोहन सिंह वर्मा, नागेश कुमार वर्मा, टीकाराम माथुर समेत 180 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। स्थानीय बैंक शाखा के क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर से मिली जांच रिपोर्ट में आपराधिक षडयंत्र कर बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए वित्तिय अनियमितता व अवैधानिक रूप से खातों में धन राशि अंतरण कर बैंक से 14 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है। आरोपियों के खिलाफ धारा 420,  409, 120 बी, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद नामजद पांच आरोपी फरार हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

बैंक के आंतरिक जांच में बड़ी गडबड़ी सामने आई हैं , जिसमें मुख्य रूप से कुछ मामले में यूनिट बंद मिले, एसएचजी ऋण के मामले में पहली व दूसरी दोष में बहुत उच्च राशि स्वीकृति, ग्राहक के हस्ताक्षर बिना खातों के बीच अनाधिकृत हस्तांतरण और एसएचजी पदाधिकारियों के बिना अनधिकृत नगदी निकास, जहां हस्ताक्षर मेल नही खाते। कृषि फार्म मेकाज्जिम सावधि ऋण के मामले में डीलर के खाते में स्वीकृत ऋण राशि का हस्तांतरण किया गया, लेकिन संपत्ति उपलब्ध नहीं थी। कुछ मामलों में सप्लायर का जीएसटी नंबर फर्जी थे एवं ऋण स्वीकृति करते समय शाखा द्वारा सप्लायर का रेसिडेंसियल सत्यापित नही किया गया था।

बैंक की आंतरिक जांच में खुलासा
बैंक की बेमेतरा शाखा की आंतरिक जांच में निलबिंत शाखा प्रबंधक विनीत दास की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। जिसमें गंभीर अनियमितता जैसे अंधाधुंध ऋण देना, संपत्ति का निर्माण न करना , ग्राहक द्वारा संदिग्ध बिल व नकली चालान प्रस्तुत करना, यूनिट का न होना, सार्वजनिक धन का डाइवर्जन इत्यादि प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन किया गया है। सभी धोखाधड़ी की घटनाएं तत्कालीन प्रबंधक ने विभिन्न कर्जदारों एवं बिचौलिए कमलेश सिन्हा, जोहन सिंह वर्मा, नागेश कुमार वर्मा और टीकाराम माथुर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर किया है।

मत्स्य विभाग की योजनाओं में कई गड़बड़ी
मत्स्य विभाग को झूठा सैद्धांतिक स्वीकृति पत्र जारी कर ऋण लेने वाले उपभोक्ताओं को सात-सात लाख रुपए मत्स्य सावधि ऋण स्वीकृत की बात कही गई हैं, लेकिन शाखा के केसीसी ऋणों में प्रत्येक को दस-दस लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इन स्वीकृत ऋण से संबंधित यूनिट मौजूद नहीं है। मत्स्य विभाग से ऋण स्वीकृति करने के लिए आवेदन प्राप्त हुआ, जहां पूंजी सब्सिडी उपलब्ध हैं, लेकिन शाखा ने केसीसी योजना के तहत ऋण स्वीकृत किया गया था। शाखा द्वारा सब्सिडी का दावा नहीं किया गया। मत्स्य विभाग के साथ कई सँयुक्त निरीक्षण किया गया।

आरोपी बैंक के बिचौलियों के रूप में कर रहे थे काम
आरोपी कमलेश सिन्हा, जीवन सिंह वर्मा, नागेश कुमार वर्मा और टीकाराम माथुर शाखा में बिचौलियों के रूप में काम कर रहे थे। शाखा प्रबंधक ने अपने कार्यालय में हमारे बैंक द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का बिचौलियों और तीसरे पक्षकार से मिलिभगत कर विभिन्न ऋणों की स्वीकृति ग्राहकों को दिए। ग्राहकों के खाते में कई अनधिकृत लेन-देन किए गए। यह भी पाया गया कि राशि का हस्तांतरण एक ग्राहक के खाते से अन्य ग्राहक के खाते या बिचौलियों के खाते में बिना हस्ताक्षर और खाताधारक के उचित निर्देश के बिना किया गया है।

रज्जु पाटनवार, शाखा प्रबंधक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक-बेमेतरा का कहना है कि बैंक की आंतरिक जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है। इसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर 180 कर्जदारों के खिलाफ सिटी कोतवाली में अपराध दर्ज कराया गया है।

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फर्जी कागजात के आधार पर लिया लाखों का लोन, 2 गिरफ्तार, 8 फरार...

 बिलासपुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। फर्जी कागजात के आधार पर लाखों का लोन लेने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मुख्य सरगना सहित 8 आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। आरोपियों ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की लिंक रोड शाखा से फर्जी दस्तावेजों से 87 लाख रुपए का लोन लिया था।

लिंक रोड स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा प्रबंधक अंकिता दुबे ने तारबाहर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सन् 2020-21 में 7 लोगों ने पर्सनल लोन के लिए सरकारी नौकरी, निवास स्थान और अन्य कागजात के साथ आवेदन जमा किया। इनके लिए 1 करोड़ 60 हजार रुपये का लोन स्वीकृत किया गया। लोन मिलने के बाद इन्होंने 27 लाख रुपये किश्त के जमा कराए। पर उसके बाद किश्त जमा करना बंद कर दिया गया। जब दस्तावेजों के आधार पर लोन लेने वालों की उनके निवास और सरकारी दफ्तरों में पता किया गया तो वह फर्जी निकला। इस बीच पुलिस ने दो आरोपियों पेंड्रा, तेंदू पारा निवासी अजय रजक (33 वर्ष) और  भाटापारा के समीप धनेली के रिकेश श्रीवास्तव (38 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। इन्हें लोन दिलाने में आरिफ खान सक्रिय था। उसके सहित 7 आरोपी फरार हैं। फर्जी लोन दिलाने में दो बैंक कर्मचारियों की भी संदिग्ध भूमिका थी, जिनमें से एक किरण राव की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है तथा दूसरा कर्मचारी प्रफुल्ल कुमार अग्रिम जमानत पर है।

 
 
 
 
 
 
 

ज्ञात हो कि पिछले महीने ग्रामीण बैंक के चकरभाठा शाखा प्रबंधक ने इसी तरह 89 लाख रुपये का फर्जी लोन लेने के मामले में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चकरभाठा पुलिस ने इस मामले के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो फरार हैं। उनके बैंक खाते से 15 लाख रुपये बैंक को वापस लौटाए भी गए हैं।

 

 

 
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कोंटा का किराया लेकर बिठा दिया जगदलपुर की बस में, शिकायत के बाद 3 एजेंट गिरफ्तार...

 रायपुर (वीएनएस)। राजधानी के अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल में यात्रियों से धोखाधड़ी के मामले में टिकरापारा पुलिस ने 3 एजेंट को गिरफ्तार किया है। यात्रियों ने आरोप लगया कि एजेंटों ने कोंटा तक का बस किराया वसूलने के बाद उन्हें जगदलपुर की बस में बिठा दिया था।

जानकारी के मुताबिक टिकरापारा क्षेत्रांतर्गत भाठागांव स्थित बस स्टैण्ड में डाॅल्फिन बस के 3 एजेण्टों ने 4 यात्रियों से बस में रायपुर से कोन्टा तक का पूरा किराया प्राप्त कर चारों यात्रियों को जगदलपुर तक जाने वाली महेन्द्रा बस में बैठा दिया। महेन्द्रा बस के कण्डेक्टर ने चारों यात्रियों को जगदलपुर में उतार दिया। यात्रियों द्वारा कण्डेक्टर को कोन्टा तक जाने एवं पूरा किराया डाॅल्फिन बस के एजेण्टों को देने बताये जाने पर महेन्द्रा बस के कण्डेक्टर ने यात्रियों को बताया कि यह बस जगदलपुर से आगे नही जाती तथा उक्त एजेण्टो द्वारा उसे चारों यात्रियों को बस में केवल जगदलपुर तक ले जाने का किराया दिया गया था।

यात्रियों द्वारा इस बात की शिकायत थाना टिकरापारा पुलिस को फोन के माध्यम से किया गया। जिस पर थाना प्रभारी टिकरापारा के नेतृत्व में थाना टिकरापारा पुलिस की टीम द्वारा डाॅल्फिन बस के तीनो एजेण्टों के संबंध में पतासाजी करते हुए एजेण्ट वीरेन्द्र कुमार निर्मलकर उम्र 30 साल निवासी पावरहाउस थाना छावनी जिला दुर्ग, शंकर ताण्डी उम्र 31 साल निवासी सुदामा नगर नंदी चैक थाना टिकरापारा रायपुर तथा रामाकांत जगत निवासी बी.एस.यू.पी काॅलोनी सड्डू थाना विधानसभा रायपुर को गिरफ्तार कर उक्त तीनों बस एजेण्टों के विरूद्ध थाना टिकरापारा में प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्यवाही की गई।

तीनों एजेंटों का बस स्टैंड में जुलूस भी निकाला एवं अन्य बस एजेंटों को भी किसी भी यात्री के साथ इस प्रकार नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई हैl

 

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डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

 अंबिकापुर (छत्तीसगढ़ दर्पण)। सरगुजा पुलिस को ठगी के मामले में मिली बड़ी सफलता हासिल की है। थाना अंबिकापुर एवं साइबर सेल ने ठगी के आरोपी को किया गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से पुलिस ने 4 लर्निंग टेबलेट, 1 एप्पल लैपटॉप बरामद किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर कोतवाली में प्रार्थी हरजिन्दर सिंह छाबडा ने  रिपोर्ट दर्ज कराया कि 5 जून 2019 में नवीन डे जो कि पूर्व में X Ziox कंपनी में काम करते थे मेरे पास आये और मुझे BASIC FIRST LEARNING PVT LTD कंपनी में डिस्ट्रीब्यूटर बनने को कहा। मुझसे कंपनी के खाते में 2,54,500/- डालने के लिए कहा गया एवं मुझे बताया गया कि कंपनी मे ऑनलाईन एजुकेशन का कार्य सम्पादित होता है। एवं उक्त रकम के एवज में कंपनी के द्वारा 20 लर्निंग टेबलेट दिये जायेंगे। उक्त राशि का भुगतान करने के पश्चात भी मुझे कोई टैबलेट प्राप्त नहीं हुए एवं मेरे द्वारा ईमेल के माध्यम से कंपनी को अवगत कराया गया कि मुझे उक्त कार्य का निष्पादन नहीं करना है। तो कपनी के द्वारा कहा गया कि आपकी पूरी जमा राशि आपके खाते में वापस कर दी जायेगी। लेकिन अभी तक उनके खाते मे कोई भी राशि नहीं डाली गई है, न ही किसी प्रकार का संपर्क किया गया।  प्रार्थी कि रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।  थाना एवं सायबर सेल के द्वारा आरोपी का पता तलाश कर गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा था।  पुलिस टीम कि अथक प्रयास से आरोपी रणधीर कुमार प्रियदर्शी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया जिसने 5 जून 2019 से 20 सितंबर 2020 के मध्य हरजिन्दर सिंह छाबड़ा से लर्निंग टेबलेट के फेचायची के नाम पर 2,54,500 रूपये लेकर धोखाधडी करना स्वीकार किया।  ठगी किये रकम से 4 नग लर्निंग टेबलेट 01 नग एप्पल लेपटॉप जब्त  किया गया,आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर आरोपी रणधीर कुमार प्रियदर्शी हटिया जिला रांची झारखण्ड को गिरफ्तार कर सूचना न्यायिक अभिरक्षा मे भेजा गया।

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अवैध शराब के साथ महिला गिरफ्तार

 धमतरी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। अवैध शराब बिक्री करने वाली महिला को मगरलोड थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर साहू के मार्गदर्शन में एवं एसडीओपी कुरूद के नेतृत्व में थाना मगरलोड पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि एक महिला अवैध रूप से ग्राम बोरसी में अपनी बड़ी में शराब रख कर बिक्री कर रही है कि तस्दीकी व वैधानिक कार्यवाही हेतु स्टाफ रवाना किये। मुखबीर के बताये अनुसार ग्राम बोरसी में संदेही  पुष्पा देवी साहू पति चंदू लाल साहू उम्र 42 साल निवासी बोरसी थाना मगरलोड जिला धमतरी को पकड़कर विधिवत तलाशी उपरांत आरोपियां के कब्जे से एक सफेद रंग के बोरी में 25 पौवा देशी प्लेन शराब जप्त थाना मगरलोड मे अप क्र 191/22 धारा 34(1)(ब) आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई। उक्त कार्यवाही में निरीक्षक राजेश जगत, प्रआर कमेलश ध्रुव, आर चंद्रहास मनहरे, होमेन्द ध्रुव, आर गोविंदा घृतलहरे, आर धमेन्द्र सोरी, महिला आर सुमेश्वरी भोयर सैनिक महेश सिन्हा का विशेष योगदान रहा।

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गैंडा सींग तस्करी में लिप्त 3 तस्कर गिरफ्तार...

 गुवाहाटी (छत्तीसगढ़ दर्पण)। देश में संरक्षित और संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल एक सींग वाले गैंडे के सींग की तस्करी के मामले  लगातार सामने आते रहते हैं। असम वन विभाग ने इसी आरोप में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वन अधिकारियों ने गुरुवार को गोलाघाट जिले में गैंडे के सींग के अवैध व्यापार में कथित संलिप्तता के आरोप में तीन लोगों को पकड़ा है। वन अधिकारियों के अनुसार, तीनों काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास गैंडे के सींगों की तस्करी में शामिल रहे हैं।

जिला वन अधिकारी रमेश कुमार गोगोई ने अधिक जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आरोपी में से एक को काजीरंगा के पास बाघमारी इलाके से पकड़ा गया था। उसके कबूलनामे के बाद, दो अन्य को भी पकड़ लिया गया। आगे की जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में असम के ओरंग नेशनल पार्क में शिकारियों द्वारा गैंडे के सींग को हटाने के लिए ट्रैंक्विलाइजर का उपयोग करने का मामला सामने आया था। तब से असम वन विभाग को राज्य में एक सींग वाले गैंडे की रक्षा करने के लिए एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकारियों ने राष्ट्रीय उद्यान में एक वयस्क गैंडे को मारे बिना उसकी सींग को काट दिया। वन अधिकारियों को 9 मई को इस घटना के बारे में पता चला था। जंगल के अंदर मुवामारी इलाके में 10-12 साल की उम्र के एक वयस्क नर गैंडे को पाया गया था।

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